Oct 04 2023, 16:04
*महाकाली कृष्ण वर्ण, क्रिया शक्ति का रूप : भाईश्री*
विवेक शास्त्री
नैमिषारण्य ( सीतापुर )। देवी के तीन प्रमुख स्वरूप श्री महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती हैं । इनमें महाकाली कृष्ण वर्ण की हैं और यह क्रिया को प्रदर्शित करती हैं ।
हम जो भी कर रहे हैं वह महाकाली की कृपा से कर रहे हैं, यह प्रवचन
गुजरात के प्रसिद्ध भागवताचार्य रमेश भाई ओझा ने देवी के महाकाली स्वरूप पर दिए ।
कालीपीठ संस्थान द्वारा कालीपीठाधीश्वर गोपाल शास्त्री के पावन सानिध्य में आयोजित पितृ मोक्ष श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर भाईश्री ने देवी के विविध स्वरूपों पर प्रवचन किया ।
पृथ्वी और पृथ्वी पर जितनी भी वस्तुएं हैं यह सब महालक्ष्मी का स्वरूप हैं । वेद, पुराण, उपनिषद एवं अन्य जितना भी ज्ञान है यह महासरस्वती का स्वरूप है । इस शरीर से हम जो भी कर रहे हैं यह सब महाकाली की कृपा से कर रहे हैं ।
जहां क्रिया है वहां थोड़ी क्रूरता भी है, मां वात्सल्यमयी है लेकिन मां कभी कभी न्याय और अनुशासन की स्थापना के लिए कठोर भी बनती है ।
जैसे किसी बड़े संस्थान या कंपनी को चलाने के लिए मालिक को सख्त कठोर बनना पड़ता है वैसे ही मां करुणामई है, अनुशासन स्थापित करने के लिए मां कठोर बनती है ।
कथा श्रवण करने पहुंचे हनुमान गढ़ी नैमिषारण्य के 1008 पवन दास ने कथाव्यास को माल्यार्पण एवं अंगवस्त्र दिया । कथा प्रारंभ से पूर्व जनपद के प्रसिद्ध कवि जगजीवन मिश्र ने देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं का पाठ किया ।
कथा समापन के अवसर पर आरती में कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री, 1008 पवन दास, कालीपीठ संचालक भास्कर शास्त्री, सहित अन्य यजमान उपस्थित रहे ।
" प्रसिद्ध भजन गायक प्रेम प्रकाश दुबे ने किया सुंदरकांड पाठ"
मुंबई के प्रसिद्ध भजन गायक प्रेम प्रकाश दुबे ने अपनी मधुर वाणी में सुंदरकांड का पाठ किया । इस अवसर पर उनके साथ महाराष्ट्र गुजरात एवं अन्य प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं ने भी एक साथ सुंदरकांड का पाठ किया ।
प्रेम प्रकाश दुबे द्वारा हनुमान जी के प्रसिद्ध भजनों का भी गान किया गया । कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री ने उनको अंग वस्त्र उढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देखकर सम्मान किया ।
Oct 05 2023, 14:40