सीमांचल में बाढ़ की रोकथाम के लिए सरकार ने उठाया कदम, रतवा और नागर नदी पर बनेगा 86 किमी लंबा बांध
डेस्क : बिहार के सीमांचल इलाके में हर साल आनेवाले बाढ़ से भारी तबाही होती है। बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। हर साल आने वाले बाढ़ से बचाव के लिए रतवा नदी पर तटबंध का निर्माण होगा। महानंदा फेज-2 के तहत इसके किनारे 66 किलोमीटर लंबे तटबंध का निर्माण होगा।
रतवा नदी पर दायें व बायें दोनों तटबंधों का निर्माण होना है। इसके लिए भूअर्जन की कार्रवाई शीघ्र शुरू होगी। वहीं, नागर नदी पर भी 20.10 किलोमीटर लंबा तटबंध का निर्माण किया जाएगा। रतवा नदी की योजना के साथ ही इसके कार्यान्वयन की योजना है। नागर में दायें तटबंध का निर्माण होना है।
दरअसल, महानंदा नदी के साथ-साथ रतवा व नागर नदियों के तटबंध के लिए लगभग दो हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। महानंदा फेज-2 के तहत कटिहार, पूर्णिया, अररिया व किशनगंज में भूअर्जन होना है।
पिछले दिनों जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में महानंदा नदी बाढ़ प्रबंधन योजना को लेकर उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें बाढ़ नियंत्रण एवं बाढ़ निस्सरण के अभियंता प्रमुख समेत एक दर्जन वरीय अधिकारी व इंजीनियर शामिल हुए। इसमें पूरी योजना पर विस्तार से मंथन किया गया। अपर मुख्य सचिव ने कई दिशा-निर्देश भी जारी किये।
महानंदा बाढ़ प्रबंधन योजना को वर्ष 2007 में केन्द्र की सलाहकार समिति की 91वीं बैठक में सैद्धांतिक स्वीकृति मिली थी। योजना के लिए 603.88 करोड़ स्वीकृत भी किए गए। इस योजना के फेज-1 के तहत 95.40 किमी की लंबाई में उच्चीकरण व सुदृढ़ीकरण का कार्य वर्ष 2013 में पूरा कर लिया गया।
Oct 01 2023, 09:58