क्या मणिपुर हिंसा का है कनाडा कनेक्शन? कूकी नेता के पुराने भाषण ने बढ़ा दी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता
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कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों में बसे खालिस्तानी समर्थकों ने भारत सरकार का सिर दर्द बढ़ा दिया है। इस बीच भारत-कनाडा के बीच विवाद भी बढ़ गया है। इसी क्रम में अब मणिपुर हिंसा के खालिस्तानी कनेक्शन की खबर मिल रही है। दरअसल कनाडा में मणिपुर के कुकी-जो जनजाति के लोगों के एक समूह और खालिस्तानियों के बीच गठजोड़ की खबरें सामने आई हैं। दरअसल, कनाडा में मौजूद मणिपुर के कुकी-जो जनजाति समूह के एक नेता ने पूर्वोत्तर के राज्य में हो रही हिंसा पर एक भाषण दिया। अगस्त की शुरुआत में यह कार्यक्रम कनाडा के सरे के उसी गुरुद्वारे में आयोजित किया गया था, जिसके प्रमुख और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी
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कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों और नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (एनएएमटीए) के एक सदस्य के बीच बैठक हुई है। एनएएमटीए के कनाडा चैप्टर के अध्यक्ष लियन गैंगटे को खालिस्तानियों के कंट्रोल वाले गुरुद्वारे में बोलने की अनुमति दी गई थी। लियन गैंगटे ने अपने भाषण में भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले की निंदा की और कनाडा से हर संभव मदद मांगी। लियन गैंगटे ने दावा किया कि 'चार मई को एक भीड़ ने मणिपुर स्थित उनके घर पर हमला किया और मेरे पिता को मारने की कोशिश की। वह 80 साल के हैं....भीड़ ने मेरे घर को लूट लिया और उसमें आग लगा दी। मेरे बड़े भाई और उनके परिवार ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
गैंगटे ने आरोप लगाया कि 'मणिपुर में तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 120 से ज्यादा हमारे लोग मारे गए हैं और 7000 घरों को लूटने के बाद आग लगा दी गई। सैंकड़ों चर्चों को जला दिया गया है और घाटी में 200 गांवों को तबाह कर दिया गया है।
इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था। हालांकि भारत और कनाडा के बीच विवाद बढ़ने के बाद उस वीडियो को डिलीट कर दिया गया है। गैंगटे ने ये भी आरोप लगाया कि प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है और मणिपुर पुलिस दंगाईयों को प्रोत्साहित कर रही है। घाटी से हमें (कुकी) भगा दिया गया है। गैंगते ने आरोप लगाया कि भारत में कोई भी अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है फिर चाहे वो मुस्लिम, सिख, ईसाई या कोई भी हो। गैंगते ने कनाडा सरकार से भी इस मामले में मदद की गुहार लगाई।
कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों और एनएएमटीए की इस मीटिंग के बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। एजेंसियां इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मणिपुर सरकार ने भी एनएएमटीए के सोशल मीडिया पोस्ट पर नजर रखना शुरू कर दिया है। मणिपुर के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने एनएएमटीए के वीडियो को देखा है। ये काफी चिंताजनक है, लेकिन हमें इस बात पर विश्वास है कि मणिपुर के हालातों को ध्यान में रखते हुए हमारी खुफिया एजेंसियां इस पर नजर रख रही हैं। हम फिलहाल सामान्य स्थिति और शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस वीडियो पर शुरू में ज्यादा ध्यान नहीं गया, मगर निज्जर के मामले से बढ़े विवाद की वजह से हिंसा और खालिस्तान कनेक्शन पर बात शुरू हो गई है।











Sep 30 2023, 15:08
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