बाढ़ के कहर से कराह रहे किसान, आलू-सरसों की फसल का बिगड़ा गणित
अमृतपुर फर्रुखाबाद l बाढ़ के बाद बारिश ने बिगाड़ा किसानों का गणित ,पिछड़ रही आलू सरसों की फसल जिले की आलू की पैदावार मे तहसील का विशेष योगदान है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार अमृतपुर तहसील क्षेत्र मे 1500 हेक्टेयर में खेती पर आलू की पैदावार की जाती है। क्षेत्र के उन्नतशील किसान सीजन मे दो बार आलू की बुवाई कर फसल खेतों मे तैयार करते हैं। वर्षा ऋतु के बाद 15 सितंबर से किसान रात दिन एक करके खेतों को तैयार करता है।
सबुत बीजा की बुबाई करके नबंबर मे अगैती आलू की फसल तैयार करके कच्चा आलू खोदकर सब्जी के लिए मंडी मे बिक्री कर देता है और नवंबर के अंतिम मे पुनः आलू की कतली काट कर खेतों मे बुवाई करके पक्की सीजन आलू तैयार कर कोल्ड मे डाल देते हैं। जिसकी बिक्री समय समय पर भाव के हिसाब से करते रहते हैं। जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो जाता है। परंतु इस बार पानी ने किसान की कमर तोड़ दी है। पहले बाढ़ अब रोज हो रही बारिश ने किसान के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। बारिश की वजह से खेतों की नमी कम नहीं हो पा रही है। जिससे किसान के खेत आलू सरसों के लिए तैयार नहीं हो पा रहे हैं। बाढ़ में सब कुछ नष्ट होने के बाद किसानों को अगैती आलू की फसल से आर्थिक लाभ की उम्मीद लगाए था। परंतु बारिश ने किसानों का गणित पूरी तरह से बिगाड़ दिया है।
खेतों की नमी सूखने तक किसान के खेत तैयार हो पाना संभव नहीं है। अगैती आलू की बुबाई न हो पाने से बीज के लिए कोल्डों मे पड़ा बीजा भी सस्ता रेट मे बिक रहा है। जिससे आलू किसान को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। बाढ़ मे आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके किसान का एक एक दिन गिन गिन कर कट रहा है। खेतों मे नई फसल तैयार होने के बाद ही किसान की रोजी रोटी की समस्या हल हो पाएगी। किसान मनोज, बटेश्वर, राजीव, उमाशकर आदि ने बताया ऊंचे खेतो मे जो धान की फसल बाढ़ से बची थी। वह भी हवा के साथ हुई बरसात मे गिर गई है। आलू सरसों की फसल के लिए बारिश की वजह से अभी खेतों का तैयार हो पाना संभव नहीं है। खेतों के सूखने के बाद ही बुवाई के लिए खेत तैयार हो पाएंगे।
Sep 23 2023, 18:52