मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सुबह 9.30 बजे अचानक पहुंचे मुख्य सचिवालय, अधिकारियों के चेंबर बंद देख किया यह एलान

डेस्क : आज सुबह-सुबह मुख्य सचिवालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सचिवालय पहुंच गए। दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सुबह साढ़े नौ बजे ही अचानक वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ मुख्य सचिवालय पहुंच गए। इस दौरान उन्होने घूम-घूमकर अधिकारियों और मंत्रियों के चेंबर को देखा। 

सबसे बड़ी बात यह रही कि दफ्तर का समय 9.30 बजे होने का बावजूद अधिकांश अफसर के चैंबर बंद पाए गए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कई मंत्रियों के चेंबर जाकर देखा, भी कोई नहीं दिखा। 

वहीं सीएम के आने की खबर मिलने के बाद सूबे के आलाधिकारी भागते-दौड़ते हुए सचिवालय पहुंचने लगे। तकरीबन डेढ़ घंटे तक सचिवालय में बैठने के बाद नीतीश जब बाहर निकले तो कहा कि अधिकारियों को समय से दफ्तर आना होगा। 

वहीं उन्होंने कहा कि अब सप्ताह में तीन दिन वे 9.30 बजे मुख्य सचिवालय में पहुंच जायेंगे। बाकी के दो दिन मुख्यमंत्री सचिवालय में सुबह सुबह पहुचेंगे।

महिला आरक्षण बिल पर बोलीं पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए केन्द्र सरकार ने छोड़ा है शिगूफा

डेस्क : केन्द्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए महिला आरक्षण बिल का देश के तकरीबन सभी दलों द्वारा स्वागत किया गया है। हालांकि इस बिल को लेकर सभी अपना-अपना श्रेय लेने में जुटे है। 

इधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां इस बिल का स्वागत किया है। वहीं सत्ता मे शामिल राजद नेत्री व बिहार पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इसे केन्द्र सरकार द्वारा एक शिगूफा करार दिया गया है। 

महिला आरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा है कि यह बील बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शिगूफा छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक में जो 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है उसमें एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गयी हैं।

एससी/एसटी वर्गों के लिए जो प्रावधान किया है वह उन वर्गों के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों में से 33 प्रतिशत मिलेगा। यानी यहां भी एससी/एसटी को धोखा। उन्होंने कहा कि एससी/एसटी, पिछड़े/ अतिपिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को ठेंगा दिखाने वाला महिला आरक्षण परिसीमन के बाद लागू होगा। परिसीमन जनगणना के बाद होगा। और जातिगत जनगणना करवाने के दबाव में केंद्र ने जनगणना को ठंडे बस्ते में ही डाल दिया है। मतलब बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शगूफा छोड़ा गया है।

उन्होंने मांग की है कि महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर एवं मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हों। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।

पटना में लगातार बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, 121 नये मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या पहुंची 850 के पार

डेस्क : पटना में डेंगू का प्रकोप खतरनाक रुप ले रहा हैं। बीते मंगलवार को डेंगू के 121 मरीज मिले। इस मौसम में पहली बार एक दिन में 100 से अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं। जिले में अब कुल डेंगू पीड़ितों की संख्या 877 हो गई है।

मंगलवार को सर्वाधिक पाटलिपुत्र अंचल में 53, बांकीपुर 23, एनसीसी 13, कंकड़बाग चार, अजीमाबाद अंचल दो और पटना सिटी में एक पीड़ित मिले। वहीं फुलवारी, दानापुर, पुनपुन, बख्तियारपुर में एक-एक पीड़ित मिले। 

गौरतलब है कि पटना में पिछले 10 दिनों में 549 से अधिक डेंगू पीड़ित मिले हैं। इनमें सबसे अधिक पाटलिपुत्रा अंचल में 250, बांकीपुर में लगभग 120 संक्रमित मिले। शेष पटना के अन्य अंचलों में मिले हैं। इस महीने के चार सितंबर तक पटना में डेंगू पीड़ितों की संख्या 100 थी। इसके बाद के 15 दिनों में 777 डेंगू पीड़ित मिले हैं। पाटलिपुत्रा और बांकीपुर अंचल के मोहल्ले डेंगू के हॉट स्पॉट बने हुए हैं।

वहीं पटना के अलग-अलग अस्पतालों में 12 नए डेंगू पीड़ित भर्ती हुए हैं। चार बड़े सरकारी अस्पतालों में कुल भर्ती डेंगू पीड़ितों की संख्या 54 हो गई है। एक दिन पहले अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 42 थी। पीएमसीएच, एम्स और आईजीआईएमएस के डेंगू वार्ड में 16-16 जबकि एनएमसीएच में छह मरीज भर्ती हैं।

जिला संक्रामक रोग पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप बढ़ने पर डेंगू पीड़ितो की संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने लोगों को अपने आसपास के जलजमाव से बचने की सलाह दी। कहा कि कहीं पानी जमा है तो उसमें किरासन तेल अथवा रसायन का का छिड़काव करें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसद में लाए गए महिला आरक्षण बिल का किया स्वागत, कही यह बात

डेस्क : केन्द्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए महिला आरक्षण बिल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। 

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर इस बिल को लेकर अपनी बात कही है। उन्होंने लिखा है...हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं। बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। 

उन्होंने आगे लिखा है कि बिहार में वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी देश में सर्वाधिक है। बिहार में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग नामांकन में न्यूनतम 33 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित हैं। ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य है। 

हमलोगों ने वर्ष 2006 में राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए परियोजना शुरू की जिसका नामकरण ‘जीविका’ किया। बाद में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसकी तर्ज पर आजीविका कार्यक्रम चलाया। बिहार में अब तक 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिसमें एक करोड़ 30 लाख से भी अधिक महिलाएं जुड़कर जीविका दीदियां बन गई हैं।

सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक, इन 45 अहम एजेंडो पर लगी मुहर

डेस्क : आज मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। मंत्रिपरिषद की बैठक में कई अहम एजेंडों पर मुहर लगी। बैठक में कुल 45 प्रस्ताव कैबिनेट से पास हुए हैं.

शिक्षा सेवक एवं तालिमी मरकज के मानदेय 11000 प्रति माह से बढ़कर ₹22000 किया गया है. साथ ही ईपीएफ के लिए अनिवार्य अंशदान की वृद्धि के साथ ही 1 जुलाई से हर साल 5% की वार्षिक वृद्धि की स्वीकृति दी गई है.

बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अंतर्गत पूर्व से स्वीकृत गोदाम चौकीदार के 16 पद एवं वित्तीय सलाहकार के एक पद को प्रत्यर्पित किया गया है. साथ ही कुल 10 पदों को सृजित किया गया है.

बिहार पुलिस में अनुबंध पर कार्यरत सैप जवानों के मासिक मानदेय में 15 फ़ीसदी की वृद्धि की गई है. जूनियर कमीशंड ऑफिसर का मानदेय 20700 से 28800 रू, सैप जवानों का मानदेय 17250 से 19800रू एवं रसोईया का मानदेय 13110 से 15100 किया गया है.

ग्रामीण कार्य विभाग के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना की स्वीकृति दी गई है. राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स बिहटा परिसर में स्थाई निर्माण के लिए 100 करोड रुपए की स्वीकृति बिहार आकस्मिकता निधि से दी गई है.

पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था के तहत पूर्व से उच्च माध्यमिक शिक्षक के 18830 सृजित एवं रिक्त पद, हाई स्कूल के 18880 पद, साथ ही वर्ग 6 से 8 तक के 31922 पद को प्रत्यर्पित कर दिया गया है. साथ ही वर्ग 11 से 12 तक की पढ़ाई के लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन विद्यालय अध्यापक के 18830 पद, 9 से 10 तक के कक्षा के लिए भी 18880 पद एवं कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई के लिए 31982 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है. बिहार राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है.

जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ के बेटे कन्हैया प्रसाद को ईडी ने किया गिरफ्तार, आज विशेष अदालत में किया जा सकता है पेश

डेस्क : जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ की गिरफ्तारी के बाद अब ईडी ने उनके बेटे कन्हैया प्रसाद को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उन्हें ईडी ने पटना स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। 

ईडी सूत्रों के अनुसार, कई संदिग्ध दस्तावेजों, लेनदेन और अवैध निवेश से जुड़े मामलों में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इनकी गिरफ्तारी हुई है। ईडी मंगलवार को कन्हैया को विशेष अदालत में पेश कर सकता है। साथ ही रिमांड पर लेने के लिए अपील भी संभव है। 

बता दें ईडी ने राधाचरण को 13 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें कोर्ट ने 28 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। 16 सितंबर को उन्हें 6 दिनों की रिमांड पर सौंपा गया है। अब दोनों से एक साथ और बारी-बारी से पूछताछ संभव है। राधाचरण और कन्हैया ब्रॉडसन्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं।

कंटेनर से टकराई बीजेपी राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे की गाड़ी : बाल-बाल बचे सांसद, ड्राइवर और बॉडीगार्ड की हालत गंभीर

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां बीते रात गंगा सेतू पर बीजेपी के राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र दुबे की गाड़ी एक्सीडेंट हो गया। 

इस घटना में घायल सांसद और उनके ड्राइवर और बॉडी गार्ड को इलाज के लिए अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। जहां सांसद की हालत खतरे से बाहर हैं। वहीं ड्राइवर और बॉडीगार्ड की हालत गंभीर बनी हुई है। इस बात की जानकरी पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने दी है।

बताया जा रहा है कि कंटेनर से सांसद की गाड़ी टकराई थी, टक्कर इतनी जोरदार थी कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। खिड़की-दरवाजे सब चकनाचूर हो गए। इस दुर्घटना में सांसद सतीश दुबे बाल-बाल बच गए। फिलहाल उनकी स्थिति खतरे के बाहर है। घटना गया घाट के पास हुई है। जानकारी के मुताबिक गाड़ी के ड्राइवर ने कंटेनर में पीछे से टक्कर मारी थी। जिसके चलते ये हादसा हुआ, फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। 

वहीं पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि, सांसद की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ है, इसकी जांच की जा रही है फिलहाल राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी उनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ के दौरान भी जमकर हुई राजनीति : केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीएम नीतीश तो बीजेपी प्रदेश ने पूर्व सीएम राबड़ी देवी पर जमकर साधा निशाना


डेस्क : केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह और बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया है। इधर राजधानी पटना के ऊर्जा स्टेडियम में भी पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा किया गया। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समेत बीजेपी के कई नेता मौजूद रहे। वहीं इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीएम नीतीश कुमार तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पूर्व सीएम राबड़ी देवी पर जमकर निशाना साधा। 

इस दौरान भाजपा नेताओं ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से पूरे भारत में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता दी जायेगी। इस योजना के तहत 18 पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया गया है। 

वहीं गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि, पीएम मोदी गरीबों के लिए जीते हैं और गरीबो के लिए ही मरते हैं। उन्होंने आज विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की है। लेकिन बिहार सरकार सहयोग नहीं कर रही है। नीतीश कुमार को शर्म आना चाहिए। देश के सभी राज्य पीएम विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग मे शामिल हुए हैं। क्या अतिपिछड़ा से बिहार सरकार को मोह नहीं है। आखिर पिछड़ों ने बिहार सरकार का क्या बिगाड़ा है। जबकि इस योजना से देश के कामगारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

इसके साथ ही अमित शाह के खिलाफ सीएम नीतीश के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, सीएम नीतीश को अंड-बंड दिखाई देगा ही, क्योंकि वह आज कल फ्रस्टेशन में है। अमित शाह जो भी कहते हैं वह देश और राष्ट्र के हित के लिए कहते हैं। लेकिन सीएम नीतीश सोच के बैठे थे कि उन्हें संयोजक बनाया जाएगा, और उन्हें संयोजक ही नहीं बनाया गया। फिर वह अपने ही पार्टी के लोगों से प्रधानमंत्री कैसा हो का नारा लगवाने लगे हैं। उनके पार्टी के नेता कह रहे हैं कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण है और वह कई बार केंद्रीय मंत्री बने हैं। तो उन्हें पीएम बनना चाहिए। लेकिन जो 18 सालों में एक राज्य का विश्वास नहीं जीत पाया उसे देश कैसे सौंप दिया जाए। 

वहीं दूसरी ओर बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने अमित शाह के खिलाफ राबड़ी देवी के दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राबड़ी देवी किसी जाति को बेइज्जत कर रही है ऐसा नहीं करना चाहिए। राबड़ी देवी ने कल कहा था तेल और पानी को मिलने का काम बनिया समाज ही करता है। दरअसल, अमित शाह ने लालू यादव और नीतीश कुमार को तेल और पानी की तरह है यह कहा था। जिस पर राबड़ी देवी ने अपनी प्रतिक्रिया बनिया समाज को लेकर दी थी। इसके साथ ही सम्राट चौधरी ने बताया कि, सेवा पखवाड़ा के तहत पूरे बिहार में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। कल पूरे बिहार में बीजेपी युवा मोर्चा द्वारा रक्त दान शिविर का आयोजन किया जाएगा।

बिहार में रैली के दौरान नीतीश कुमार से ज्यादा लालू पर हमलावर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, क्या भाजपा की रणनीति का यह है हिस्सा, पढ़िए, खबर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मधुबनी के झंझारपुर में बीजेपी की रैली में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर ज्यादा आक्रामक दिखाई दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज्यादा लालू यादव पर तीखा हमला बोला। शाह ने यह तक कह दिया कि लालू अब एक्टिव हो गए हैं और नीतीश इनएक्टिव। बिहार अब कहां जाएगा आप समझ जाइए। अमित शाह के इस रुख से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बिहार में यही रणनीति रहने वाली है? यहां डिटेल में पढ़िए, पूरी खबर..

अमित शाह ने झंझारपुर के ललित कर्पूरी स्टेडियम में शनिवार को बीजेपी की जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य की महागठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला। अपने भाषण में उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तीखे प्रहार किए। शाह ने आरोप लगाए कि लालू ने रेल मंत्री रहते हुए अरबों-खरबों का भ्रष्टाचार किया। अब नीतीश कुमार अपने स्वार्थ के लिए उनके साथ जाकर बैठ गए हैं। जेडीयू और आरजेडी कभी एक नहीं हो सकते, इनका मेल तेल और पानी जैसा है।

गृह मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में लालू यादव के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। हर रोज यहां अपहरण, गोलीबारी, लूट, पत्रकारों एवं दलितों की हत्या की खबरें आ रही हैं। बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है। कुछ दिन पहले इन्होंने फतवा जारी कर रक्षाबंधन-जन्माष्टमी की छुट्टी रद्द कर दी थी, जब लोगों ने आक्रोश जताया तो इनका दिमाग ठिकाने आ गया।

नीतीश से ज्यादा लालू को अटैक करेगी बीजेपी?

अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि लालू यादव फिर से एक्टिव हो गए हैं और नीतीश इनएक्टिव हो गए हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि बिहार में क्या होने वाला है। शाह के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।राजीतिक जानकारों के मुताबिक बीजेपी अब नीतीश कुमार से ज्यादा लालू यादव पर फोकस करेगी। पिछले साल किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद लालू कई महीनों तक रेस्ट मोड में रहे। इस दौरान उनके छोटे बेटे एवं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ही पार्टी के कामकाज को पूरी तरह संभाले रहे। मगर अब लालू पूरी तरह फिट हैं और पार्टी के साथ-साथ सरकार के कामकाज पर भी उनकी पैनी नजर है।

लालू के बीमार रहने के दौरान नीतीश कुमार ज्यादा एक्टिव मोड में दिखाई दिए। उन्होंने देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए कई नेताओं से मुलाकात की। नीतीश ने ही पटना में पहली बार बैठक आयोजित कराई और गठबंधन की नींव रखी गई। पटना में हुई बैठक में लालू यादव का पुराना अंदाज लौट आया। इसमें लालू ने अपने पुराने चुटीले अंदाज में मोदी सरकार और बीजेपी पर हमला बोला। इसके बाद से लालू यादव पूरी तरह एक्टिव हो गए। इंडिया गठबंधन की बैठकों में वे शामिल होकर अपनी बात रख रहे हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी उन्होंने हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। आरजेडी के सभी बड़े निर्णय फिर से लालू ही ले रहे हैं।

यहां तक कि सीएम नीतीश कुमार का लालू यादव से मुलाकातों का सिलसिला भी बढ़ गया है। नीतीश अचानक कभी राबड़ी आवास पहुंचकर लालू के साथ बैठक कर लेते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्य में सीट बंटवारे में आरजेडी की भूमिका अहम होगी। यानी कि लालू यादव ही 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों को सीटें बांटेंगे। भाकपा माले ने अपनी सीटों का प्रस्ताव भी जेडीयू की बजाय आरजेडी को सौंपा है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी ने भी बिहार में अपनी रणनीति बदल दी है। और नीतीश की जगह लालू यादव को अपना टार्गेट प्वाइंट बना लिया है।

दूसरी ओर, नीतीश कुमार अभी ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर वाली रणनीति पर चल रहे हैं। अपने भाषणों एवं बयानों में भले ही वे नरेंद्र मोदी सरकार को कोसते हैं। मगर उनकी बीजेपी के नेताओं से पूरी तरह दुश्मनी नहीं है। पिछले दिनों जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर के दौरान पीएम मोदी से उनकी हंसकर मिलते हुए तस्वीर काफी चर्चा में रही। यहां तक कि राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से भी वे ज्यादा बैर नहीं रख रहे हैं। यूनिवर्सिटी में स्वायत्ता के मुद्दे पर कई बार सरकार और राजभवन के बीच विरोधाभास हुए। मगर नीतीश ने खुद आगे आकर इन्हें दूर किया। यही कारण है कि बीजेपी के बड़े नेता अब नीतीश कुमार को अपने निशाने पर रखते हुए भी लालू यादव से थोड़े नरम तेवर दिखा रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, बिहार सरकार 81 एकड़ भूमि वापस नहीं लेती तो दरभंगा में एम्स बन गया होता, जो जमीन दी वह तो गड्ढों से भरी हुई

बिहार के दरभंगा एम्स पर जारी सियासत के बीच मधुबनी के झंझारपुर में रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला, और कहा कि देश में ऐसे प्रदेश बहुत कम हैं, जहां दो एम्स हों, लेकिन बिहार में एक एम्स पटना में है, और दूसरा दरभंगा में प्रस्तावित है। लेकिन बिहार सरकार की वजह से दरभंगा में अभी तक एम्स नहीं बन पाया है। 

अमित शाह ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार 81 एकड़ भूमि वापस नहीं लेती तो अब तक दरभंगा में एम्स बन गया होता। और फिर जो जमीन दी वो गड्ढों से भरी हुई है। एक बार नीतीश कुमार जमीन छूकर बताएं कि ऐसी भूमि पर कैसे एम्स बनेगा। शाह ने लोगों से कहा कि साढ़े 1200 करोड़ की लागत से बनने वाले एम्स की रुकावट का हिसाब लालू-नीतीश की जोड़ी से जरूर मांगना। 

इससे पहले बिहार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के पीछ दरभंगा एम्स को लेकर बीते कुछ दिनों से लेटर वॉर शुरू हुई थी। जिसमें एक दूसरे पर दरभंगा एम्स के निर्माण में देरी के आरोप लगाए जा रहे थे। और अब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने नीतीश सरकार पर गड्ढों वाली ऐसी जमीन देने का आरोप लगाया है। जिस पर एम्स का निर्माण नहीं कराया जा सकता है। और एम्स की देरी के लिए लालू-नीतीश को जिम्मेदार ठहराया। 

बता दें, दूसरी तरफ केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के इंतजार के बीच स्वास्थ्य विभाग ने दरभंगा एम्स के लिए रैयती जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने 36.27 एकड़ जमीन के लिए 14 करोड़ 26 लाख जारी कर दिया है। दरभंगा डीएम को इसमें से चार करोड़ की निकासी करने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार की ओर से आदेश जारी किया गया है। विभाग ने कहा है कि राज्य कैबिनेट ने दरभंगा एम्स के लिए बहादुरपुर अंचल अन्तर्गत एकमी-शोभन बाइपास के किनारे जमीन चिह्नित किया है। प्रस्तावित भूखंड बिहार सरकार के नाम से खतियानी के अनुसार 152 एकड़ 67 डिसिमल है। हालांकि वास्तविकता में सरकारी भूमि का रकवा इससे अधिक 153 एकड़ 44 डिसमिल है। 

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आदेश पर यह जमीन हस्तांतरित हो चुका है। इसके अलावा 36.27 एकड़ रैयती भूमि का भी अधिग्रहण किया जाना है। इस मद में 14 करोड़ से अधिक राशि खर्च होगी। दरभंगा डीएम की अनुशंसा के आलोक में विभाग ने आवश्यक राशि जारी कर दी है। गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से दरभंगा एम्स के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया है। इसके बाद विभाग की ओर से दूसरी बार भी उसी जमीन की अनुशंसा भेजी गई है। उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी दरभंगा एम्स के लिए एकमी-शोभन बाइपास पर चिह्नित जमीन पर ही एम्स बनाने के लिए दूसरी बार पत्र लिखा है। राज्य सरकार को भरोसा है कि केंद्र चिह्नित जमीन की मंजूरी प्रदान कर एम्स का निर्माण कराएगा।