सरायकेला :दलमा सेंचुरी में कार्यरत दैनिक भोगी मजदूरों को पांच से छः माह से नहीं मिला मजदूरी, मजदुर भुखमरी के शिकार
सरायकेला : जिला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में कार्यरत दैनिक भोगी मज़दूरों को पिछले पांच से छः माह से नही मिला मज़दूरी: परिवार के लोग दो जून रोटी के लिए महोताज।
ये सभी कोंकादासा, पिंडरा बेड़ा,मकुलाकोचा चेकनाका , मानगो कार्यालय में दैनिक मजदूर के रूप में पांच से छः माह से काम कर रहे हैं।लेकिन इन्हें मजदूरी नहीं मिला है जिससे उनको जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है । डी एफ ओ द्वारा हटा देने की डर से लोगो कार्य करने नही छोड़े ।
दलमा सेंचुरी में ये सभी डेली वेजेज मजदूर बताए जा रहा हैं। पांच से छः माह से मानदेय नहीं मिलने से इनके परिवार को दो जून का भोजन के लिए तरसना पड़ रहा है ।
इन मजदूरों द्वारा वन विभाग में विभिन्न प्रकार की कार्य भी कराया जाता है ।आज विभाग की उदासीनता के कारण पांच से माह से इनका मानदेय लटका हुआ है।
दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में रबी सिंह सरदार ,षष्टी चरण महतो यह लोग के साथ। डेली विजेज पर सन 180/82 से जुड़े हे,उस समय 600 रुपया में मजदूरी पर कार्य किया कुछ वर्ष से 80000 हजार कुछ रुपया मिलने लगा था ।बरसाती मौसम की बीमारी से डेली विजेज के मजदूर के परिवार बायरेल फीवर , डेगू जेसे बीमारी से ग्रस्त है। इलाज के लिए इस मजदूरों को पालतू मुर्गी , बकरी आदि जीवो जंतु को भेज कर ड्रा०से इलाज करते हे।ओर विभाग द्वारा कुछ मजदूरों को चेक दिया हे लेकिन अबतक उनके बैंक खाते में अबतक मानदेय रुपया नही घुसा । पहले विभाग द्वारा मजदूरों को एडवांस के तौर पर रुपया दिया जाता था ,अब एडवांस के तौर पर रुपया मिलना बंद है।
क्या है इन मज़दूरों का कार्य..?
दलमा मकुलाकोचा चेकनाका में पर्यटकों से सेंचुरी में प्रवेश के दौरान रेविन्यू काटना। हिरण रेस्क्यू में हिरण सामर का देखरेख करना, हाथी रजनी की देखरेख करना । मकुलाकोचा में नाईट गार्ड में ड्यूटी करना, म्यूजियम की देखरेख,मकुला कोचा रेस्ट हाउस में पर्यटक के लिए भोजन बनाना ,साथ ही रेस्टोरेंट में कार्य, रेस्ट हाउस की देख भाल करना, पार्क की देखभाल ,मुख्य गेट खोलना, पर्यटकों घुमाने के लिए गाड़ी की चालक , पिंडराबेड़ा रेस्ट हाउस की देखभाल साथ ही पर्यटक के लिए भोजन बनाना, एंब जंगल की देखभाल , कोंकादासा रेस्ट हाउस की देखरेख, मानगो कार्यालय के साथ मानगो रेस्ट हाउस की देखरेख कुछ मजदूर चालक भी हे।
डेली वेजेज मजदूरों द्वारा सेंचुरी के साथ ऑफिस में भी कार्यरत हैं।कभी भी किसी परिस्थित में सभी कार्य को बेखूबी निभाता है। कुल 48 डेली वेजेज मजदूर है।जो इस उम्मीद पर कार्य करते रहे एक दिन हमे भी कुशल मजदूरों का दर्जा मिलेगा और वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा हमे स्थायी करेगा ।कोई लोग उम्मीद की सहारे ईश्वर के प्यारे हो गए ।
सभी लोगो ने निष्ठा पूर्वक सेवा ही दिए।193.22 वर्ग क्षेत्र फल यह सेंचुरी है। जहां भालू, चिता,रॉयल बंगाल टाईगर,लकड़बग्घा के साथ जंगली जीवजंतु के साथ गज परियोजना में विभिन्न प्रकार।जीवजंतु देखने को मिलता ।एक दिन यह डेली विजेज मजदूर किसी कारण बस यह लोग हड़ताल में चले गए तो वन्य जीव जंतु के साथ पालतू जानवर का क्या होगा । साथ ही आए पर्यटकों का सेवा कौन करेगा ,आज दूरदराज से पर्यटक पहुंचते हे । जिसका देन आज डेली वेजेज़ मजदूरों का जिसका सिष्टाचार्ज इन लोगो को जाते हे। एक दिन सेवा नही दिया तो सेंचुरी में पर्यटक भ्रमण करने नही पहुंचे ।
वन विभाग द्वारा इन गरीब आदिवासी मजदूरों को हटाने की धमकी दिया जाता है। बड़े बड़े पदाधिकारी दलमा में मनोरंजन के लिए पहुंचते है और आदिवासी मजदूरों से सेवा लेते हैं। उस पल का एहसास नहीं पहुंचा इन लोगो को समय पर मानदेय दिया जाए। दलमा सेंचुरी डीएफओ द्वारा आश्वासन दिया जाता है।आपको वेतन जल्द मिलेगा हमेशा के तरह दुर्गा पूजा के समय ही मिलेगा। यह रूटिंग बन गया । दलमा सेंचुरी में दो रेंज में विभाजित पूर्वी रेंज और पश्चिम रेंज चांडिल जिसके लिए दो दो रेंजर , डीएफओ ,पीसीएफ, सीसीएफ कार्यरत है।बड़े बड़े पदाधिकारी नियुक्ति रहने के बाद इन मजदूरों की यह हाल रहा ।
Sep 18 2023, 18:37