बिहार में रैली के दौरान नीतीश कुमार से ज्यादा लालू पर हमलावर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, क्या भाजपा की रणनीति का यह है हिस्सा, पढ़िए, खबर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मधुबनी के झंझारपुर में बीजेपी की रैली में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर ज्यादा आक्रामक दिखाई दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज्यादा लालू यादव पर तीखा हमला बोला। शाह ने यह तक कह दिया कि लालू अब एक्टिव हो गए हैं और नीतीश इनएक्टिव। बिहार अब कहां जाएगा आप समझ जाइए। अमित शाह के इस रुख से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बिहार में यही रणनीति रहने वाली है? यहां डिटेल में पढ़िए, पूरी खबर..

अमित शाह ने झंझारपुर के ललित कर्पूरी स्टेडियम में शनिवार को बीजेपी की जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य की महागठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला। अपने भाषण में उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तीखे प्रहार किए। शाह ने आरोप लगाए कि लालू ने रेल मंत्री रहते हुए अरबों-खरबों का भ्रष्टाचार किया। अब नीतीश कुमार अपने स्वार्थ के लिए उनके साथ जाकर बैठ गए हैं। जेडीयू और आरजेडी कभी एक नहीं हो सकते, इनका मेल तेल और पानी जैसा है।

गृह मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में लालू यादव के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। हर रोज यहां अपहरण, गोलीबारी, लूट, पत्रकारों एवं दलितों की हत्या की खबरें आ रही हैं। बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है। कुछ दिन पहले इन्होंने फतवा जारी कर रक्षाबंधन-जन्माष्टमी की छुट्टी रद्द कर दी थी, जब लोगों ने आक्रोश जताया तो इनका दिमाग ठिकाने आ गया।

नीतीश से ज्यादा लालू को अटैक करेगी बीजेपी?

अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि लालू यादव फिर से एक्टिव हो गए हैं और नीतीश इनएक्टिव हो गए हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि बिहार में क्या होने वाला है। शाह के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।राजीतिक जानकारों के मुताबिक बीजेपी अब नीतीश कुमार से ज्यादा लालू यादव पर फोकस करेगी। पिछले साल किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद लालू कई महीनों तक रेस्ट मोड में रहे। इस दौरान उनके छोटे बेटे एवं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ही पार्टी के कामकाज को पूरी तरह संभाले रहे। मगर अब लालू पूरी तरह फिट हैं और पार्टी के साथ-साथ सरकार के कामकाज पर भी उनकी पैनी नजर है।

लालू के बीमार रहने के दौरान नीतीश कुमार ज्यादा एक्टिव मोड में दिखाई दिए। उन्होंने देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए कई नेताओं से मुलाकात की। नीतीश ने ही पटना में पहली बार बैठक आयोजित कराई और गठबंधन की नींव रखी गई। पटना में हुई बैठक में लालू यादव का पुराना अंदाज लौट आया। इसमें लालू ने अपने पुराने चुटीले अंदाज में मोदी सरकार और बीजेपी पर हमला बोला। इसके बाद से लालू यादव पूरी तरह एक्टिव हो गए। इंडिया गठबंधन की बैठकों में वे शामिल होकर अपनी बात रख रहे हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी उन्होंने हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। आरजेडी के सभी बड़े निर्णय फिर से लालू ही ले रहे हैं।

यहां तक कि सीएम नीतीश कुमार का लालू यादव से मुलाकातों का सिलसिला भी बढ़ गया है। नीतीश अचानक कभी राबड़ी आवास पहुंचकर लालू के साथ बैठक कर लेते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्य में सीट बंटवारे में आरजेडी की भूमिका अहम होगी। यानी कि लालू यादव ही 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों को सीटें बांटेंगे। भाकपा माले ने अपनी सीटों का प्रस्ताव भी जेडीयू की बजाय आरजेडी को सौंपा है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी ने भी बिहार में अपनी रणनीति बदल दी है। और नीतीश की जगह लालू यादव को अपना टार्गेट प्वाइंट बना लिया है।

दूसरी ओर, नीतीश कुमार अभी ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर वाली रणनीति पर चल रहे हैं। अपने भाषणों एवं बयानों में भले ही वे नरेंद्र मोदी सरकार को कोसते हैं। मगर उनकी बीजेपी के नेताओं से पूरी तरह दुश्मनी नहीं है। पिछले दिनों जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर के दौरान पीएम मोदी से उनकी हंसकर मिलते हुए तस्वीर काफी चर्चा में रही। यहां तक कि राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से भी वे ज्यादा बैर नहीं रख रहे हैं। यूनिवर्सिटी में स्वायत्ता के मुद्दे पर कई बार सरकार और राजभवन के बीच विरोधाभास हुए। मगर नीतीश ने खुद आगे आकर इन्हें दूर किया। यही कारण है कि बीजेपी के बड़े नेता अब नीतीश कुमार को अपने निशाने पर रखते हुए भी लालू यादव से थोड़े नरम तेवर दिखा रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, बिहार सरकार 81 एकड़ भूमि वापस नहीं लेती तो दरभंगा में एम्स बन गया होता, जो जमीन दी वह तो गड्ढों से भरी हुई

बिहार के दरभंगा एम्स पर जारी सियासत के बीच मधुबनी के झंझारपुर में रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला, और कहा कि देश में ऐसे प्रदेश बहुत कम हैं, जहां दो एम्स हों, लेकिन बिहार में एक एम्स पटना में है, और दूसरा दरभंगा में प्रस्तावित है। लेकिन बिहार सरकार की वजह से दरभंगा में अभी तक एम्स नहीं बन पाया है। 

अमित शाह ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार 81 एकड़ भूमि वापस नहीं लेती तो अब तक दरभंगा में एम्स बन गया होता। और फिर जो जमीन दी वो गड्ढों से भरी हुई है। एक बार नीतीश कुमार जमीन छूकर बताएं कि ऐसी भूमि पर कैसे एम्स बनेगा। शाह ने लोगों से कहा कि साढ़े 1200 करोड़ की लागत से बनने वाले एम्स की रुकावट का हिसाब लालू-नीतीश की जोड़ी से जरूर मांगना। 

इससे पहले बिहार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के पीछ दरभंगा एम्स को लेकर बीते कुछ दिनों से लेटर वॉर शुरू हुई थी। जिसमें एक दूसरे पर दरभंगा एम्स के निर्माण में देरी के आरोप लगाए जा रहे थे। और अब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने नीतीश सरकार पर गड्ढों वाली ऐसी जमीन देने का आरोप लगाया है। जिस पर एम्स का निर्माण नहीं कराया जा सकता है। और एम्स की देरी के लिए लालू-नीतीश को जिम्मेदार ठहराया। 

बता दें, दूसरी तरफ केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के इंतजार के बीच स्वास्थ्य विभाग ने दरभंगा एम्स के लिए रैयती जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने 36.27 एकड़ जमीन के लिए 14 करोड़ 26 लाख जारी कर दिया है। दरभंगा डीएम को इसमें से चार करोड़ की निकासी करने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार की ओर से आदेश जारी किया गया है। विभाग ने कहा है कि राज्य कैबिनेट ने दरभंगा एम्स के लिए बहादुरपुर अंचल अन्तर्गत एकमी-शोभन बाइपास के किनारे जमीन चिह्नित किया है। प्रस्तावित भूखंड बिहार सरकार के नाम से खतियानी के अनुसार 152 एकड़ 67 डिसिमल है। हालांकि वास्तविकता में सरकारी भूमि का रकवा इससे अधिक 153 एकड़ 44 डिसमिल है। 

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आदेश पर यह जमीन हस्तांतरित हो चुका है। इसके अलावा 36.27 एकड़ रैयती भूमि का भी अधिग्रहण किया जाना है। इस मद में 14 करोड़ से अधिक राशि खर्च होगी। दरभंगा डीएम की अनुशंसा के आलोक में विभाग ने आवश्यक राशि जारी कर दी है। गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से दरभंगा एम्स के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया है। इसके बाद विभाग की ओर से दूसरी बार भी उसी जमीन की अनुशंसा भेजी गई है। उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी दरभंगा एम्स के लिए एकमी-शोभन बाइपास पर चिह्नित जमीन पर ही एम्स बनाने के लिए दूसरी बार पत्र लिखा है। राज्य सरकार को भरोसा है कि केंद्र चिह्नित जमीन की मंजूरी प्रदान कर एम्स का निर्माण कराएगा।

पढ़िए, 14 न्यूज एंकर्स को बॉयकॉट करने के फैसले पर बिहार के सीएम और विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों के गठबधंन इंडिया द्वारा 14 न्यूज एंकर्स को बॉयकॉट करने के फैसले पर बिहार के सीएम और विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होने कहा कि उन्हे इस बार में पता नहीं है। हम क्यों पत्रकारों के विपक्ष में रहेंगे। जब पत्रकारों को पूरी आजादी मिल जाएगी, तो पत्रकार को जो अच्छा लगेगा वो लिखेगा, उस पर नियंत्रण किया जाता है क्या। हम आज तक किए हैं क्या? ये उनका अधिकार है, हम उनके खिलाफ नहीं है। 

नीतीश कुमार ने कहा कि अभी जो केंद्र में है, वो गड़बड़ करके कुछ लोगों को एकत्रित किए हुए है। आप लोगों को भी तो पता है, हम तो आप लोगों की इज्जत करते हैं। आप लोग हम से पूछते हैं, कि कुछ हल्का लिखएगा, बाद में आपको कहा जाता है ये मत लिखो। आजकल ये सब हो रहा है। नीतीश ने कहा कि इंडिया गठबंधन में हमारे साथ जो लोग हैं, उन्हें लगा होगा कि इधर-उधर कुछ हो रहा है। लेकिन हम किसी के खिलाफ नहीं है। जब सभी पत्रकारों को आजादी मिलेगी, तब अपने-अपने ढंग से जिसे अच्छा लगेगा, वो लिखेगा।

आपको बता दें विपक्षी गठबंधन इंडिया ने 14 न्यूज एंकर्स के बहिष्कार का फैसला लिया था। इन एंकरों के शो में इंडिया गठबंधन के सभी दल अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजेंगे। 14 न्यूज एंकर्स की लिस्ट में दिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीष देवगन, आनंद नरसिम्हन, अर्णब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नविका कुमार, प्राची पराशर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर, सुधीर चौधरी और सुशांत सिन्हा शामिल हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं का आरोप है कि टीवी मीडिया पर लंबे समय से हिंदू- मुस्लिम करने और उनके नेताओं को कवरेज नहीं देने का आरोप लगाता रहा है।

झारखंड के शूटर ने बिहार की पूर्ण शराब बंदी का खोला ऐसा राज की पूरी व्यवस्था ही हो गई शर्मसार, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट


 

शराबबंदी वाले बिहार के एक प्रखंड (ब्लॉक) में तस्करी से लाए गए शराब के अवैध धंधे में इतनी कमाई है कि दारू सिंडिकेट पर कब्जा जमाने के लिए आरजेडी के एक नेता ने 60 लाख रुपए की सुपारी देकर शूटर से प्रतिद्वंदी तस्कर की कोर्ट में हत्या की कोशिश की। पूरे बिहार में 534 ब्लॉक हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जिस शराबबंदी के लिए सरकार की 4000 करोड़ रुपए की सालाना कमाई को तिलांजलि दी, उस शराब को बेचकर बिहार में हर ब्लॉक में कितने नए माफिया बन गए जो करोड़ों की संपत्ति बनाकर बैठे हैं। समस्तीपुर में शराब के अवैध धंधे, धंधे में गैंगवार और उसमें पुलिस की मिलीभगत की कॉकटेल की ऐसी कहानी सामने आई है कि नीतीश के साथ-साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और डीजीपी आरएस भट्टी भी शर्मिंदा हो जाएं।

समस्तीपुर कोर्ट परिसर में 25 अगस्त को जेल में बंद शराब माफिया प्रभात चौधरी और उसके साथी प्रशांत तिवारी पर पेशी के दौरान तीन शूटरों ने गोलियां बरसा दी। दोनों को गोली लगी लेकिन जान बच गई। पुलिस ने इस केस में झारखंड की राजधानी रांची से दो शूटर को गिरफ्तार कर लिया है। कैलाश मंडल और कृष्णा राय नाम के इन शूटरों ने पुलिस को जब हमले की कहानी सुनवाई तो एसपी विनय तिवारी के भी होश उड़ गए। लड़ाई कल्याणपुर ब्लॉक में शराब के अवैध धंधे पर वर्चस्व की लड़ाई से जुड़ी निकली। प्रभात चौधरी को मारने की सुपारी कल्याणपुर ब्लॉक के पूर्व आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व मुखिया रामबाबू राय ने दी थी जो इलाके का बड़ा शराब माफिया है और प्रभात उसका धंधा खराब कर रहा था। इन शूटर्स ने पुलिस को बताया कि 60 लाख में मर्डर करने का सौदा तय हुआ और 12 लाख एडवांस में मिल भी गए थे।

एसपी विनय तिवारी को झटका तो तब लगा जब पता चला कि आरजेडी नेता रामबाबू राय को शराब का धंधा चलाने में समस्तीपुर जिले के दो थानेदार पूरी मदद कर रहे थे। एसपी ने कल्याणपुर और चकमहेसी थाना के एसएचओ गौतम कुमार और चंद्रकिशोर टुड्डी को सस्पेंड कर दिया है और दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। एसपी ने बताया कि रामबाबू राय और प्रभात चौधरी के बीच कल्याणपुर ब्लॉक में शराब के धंधा पर एकछत्र राज की लड़ाई चल रही थी। रामबाबू राय के गुर्गों ने 25 जुलाई से 10 अगस्त के बीच प्रभात को मारने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। फिर झारखंड के शूटर से संपर्क किया गया।

पुलिस ने रामबाबू राय, गुर्गों और शूटर को गिरफ्तार करके केस तो क्रैक कर लिया है लेकिन ये एक केस यह बताने के लिए काफी है कि शराबबंदी के बाद भी बिहार में शराब कैसे बिक रहा है। राजनीतिक संरक्षण ना भी हो तो लोकल नेता पुलिस के साथ मिलकर शराब मंगवा रहा है, बेच रहा है। ऐसा नहीं है कि इसमें सिर्फ आरजेडी या जेडीयू के नेता शामिल हैं। कुछ दिन पहले ही गोपालगंज की बीजेपी विधायक का देवर शराब की खेप के साथ गिरफ्तार हुआ है। शराब तो बैन हो गई लेकिन तब शराब के धंधे में लगे कई लोगों ने शराब तस्करी को धंधा बना लिया। सरकार का राजस्व शराब माफिया, पुलिस और उत्पाद विभाग के अधिकारियों की काली कमाई बनकर रह गया। यही वजह है कि शराबबंदी सात साल से लागू तो है लेकिन कोई दिन नहीं बीतता जब शराब बेचने और पीने के आरोप में बिहार पुलिस दस-बीस लोगों को गिरफ्तार ना करती हो।

हमने भाजपा समर्थक पत्रकारों का बहिष्कार किया..', I.N.D.I.A. गठबंधन के फैसले पर बोले तेजस्वी यादव

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 बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कथित भाजपा समर्थक समाचार एंकरों के बहिष्कार के विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के फैसले का बचाव किया है। लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी ने दिल्ली से लौटने पर पटना में पत्रकारों को बताया। कहां कि इस आशय का निर्णय I.N.D.I.A. गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक के दौरान लिया गया था। उन्होंने हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ रामचरितमानस पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए अपनी पार्टी के सहयोगी और कैबिनेट मंत्री चंद्र शेखर को भी फटकार लगाई। विपक्षी गठबंधन के कदम के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि, "संबंधित उप-समिति ने उन लोगों द्वारा आयोजित शो में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है, जो कट्टर भाजपा समर्थक हैं और चीजों को भड़काने की कोशिश करते हैं।" हालाँकि, विपक्षी गठबंधन और तेजस्वी के बयान से एक सवाल यह भी उठता है कि, यदि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आने में कामयाब रहती है, तो क्या विपक्षी गठबंधन उन मतदाताओं का भी बहिष्कार करेगा, जिन्होंने भाजपा को वोट दिया ? क्योंकि लोकतंत्र की लड़ाई में किसी को जिताने या हराने वाली तो केवल जनता ही होती है।

वहीं, यदि गठबंधन की जीत होती है, तो क्या बहिष्कार किए गए पत्रकारों पर कोई कार्रवाई की जाएगी ? वैसे गौर करने वाली बात ये भी है कि, क्या अब विपक्षी दलों के नेता केवल उन्ही पत्रकारों से बात करना चाहेंगे, जो चुनावी समय में जनता के बीच माहौल बनाने में उनकी मदद करें ? दरअसल, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद डिप्टी सीएम बने डीके शिवकुमार खुद यह स्वीकार कर चुके हैं कि, चुनाव जीतने में कुछ पत्रकारों ने उनके लिए काम किया था। 

बहरहाल, बिहार में शिक्षा विभाग संभालने वाले चंद्र शेखर के बयानों के बारे में, तेजस्वी यादव ने कहा कि, "मेरे विचार में, उन्हें अनावश्यक विवाद खड़ा करने से बचना चाहिए और अपने विभाग के कामकाज पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।" हालांकि, तेजस्वी ने ये भी कहा कि, "मुझे इस तरह की नकारात्मक चीजों को लेकर मीडिया की बहुत अधिक चमक के खिलाफ भी शिकायत है। राज्य में शिक्षा विभाग ने हाल ही में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक अभियान चलाया था, जो अभूतपूर्व पैमाने पर था। मैंने शायद ही मुख्यधारा का मीडिया में इसका कोई कवरेज देखा हो।"

इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बिहार यात्रा पर प्रकाश डालने की भी मांग की, जो शनिवार को मधुबनी जिले में एक रैली करने और अररिया में सशस्त्र सीमा बल के एक समारोह में भाग लेने वाले हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि, "इस दौरे से गृह मंत्री की पार्टी को फायदा हो सकता है। इससे बिहार को क्या मिलने वाला है? उनकी सरकार राज्य को विशेष पैकेज देने में विफल रही है, विशेष श्रेणी के दर्जे की लंबे समय से चली आ रही मांग के बारे में क्या कहा जाए।" 

RJD नेता ने कहा, "गृह मंत्री लगभग हर महीने बिहार का दौरा करते रहे हैं। मेरी इच्छा है कि वह मणिपुर जाने के लिए कुछ समय निकालें, जहां उनकी पार्टी का शासन है और जहां स्थिति गृहयुद्ध जैसी है।" उन्होंने मीडिया के एक वर्ग में चल रही अटकलों का भी मजाक उड़ाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनका पिछले सप्ताहांत जी20 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया था, एक और उलटफेर की योजना बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि, "चीजें इस तरह से नहीं होती हैं। लेकिन, अगर भाजपा के लोग ऐसे परिदृश्य की कल्पना करके खुश महसूस करते हैं, तो उन्हें कुछ मिठाइयों का आनंद लेने दें। इससे वे कुछ समय के लिए देश भर में अपने नफरत भरे प्रचार को रोक देंगे।"

पीएम मोदी का जन्मदिन आज, सीएम नीतीश कुमार ने दी बधाई

डेस्क : आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। उनके जन्मदिन पर देश-विदेश के कई नेताओं की ओर से सुबह से ही बधाई दी जा रही है। इसी क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पीएम मोदी को जजन्मदिन की बधाई दी है। 

पीएम मोदी को दिए शुभकामना संदेश में सीएम नीतीश ने उनके लिए खास कामना भी की है। उन्होंने सोशल मिडिया पर लिखा, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना है।

आम तौर पर सियासी रूप से एक दूसरे के खिलाफ हमलावर रहने वाले सीएम नीतीश और पीएम मोदी के बीच हाल के दिनों में अलग किस्म की नजदीकी देखने को मिली है। पिछले सप्ताह ही जी20 की बैठक को लेकर दिल्ली में राष्ट्रपति की ओर से आयोजित रात्रिभोज में सीएम नीतीश शामिल हुए थे। उस दौरान उनकी पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी। यहां तक कि पीएम मोदी ने खुद अपने सोशल मीडिया पर सीएम नीतीश के साथ की तस्वीर डाली थी। पीएम के द्वारा देश के एक मात्र जिस मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात तस्वीर सबसे पहले पोस्ट की गई थी वह सीएम नीतीश थे। 

इन सबके बीच अब पीएम मोदी के जन्मदिन पर नीतीश कुमार ने उन्हें बधाई देकर एक बार फिर से सियासी कयासबाजी को नई हवा दे दी है। वैसे आम तौर पर मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर शिष्टाचार के तौर बधाई देते हैं। सीएम नीतीश की पीएम को यह बधाई इसी शिष्टाचार का हिस्सा माना जा रहा है।

बिहार में डेंगू मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी, मरीजों की संख्या बढ़कर हुई 2 हजार के पार

डेस्क : बिहार में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। राज्य में शनिवार को 240 नए मरीज मिले। इसके साथ ही इस महीने डेंगू मरीजों की संख्या 1760 हो गई। जबकि इस वर्ष कुल डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 2035 हो गई। सबसे बड़ी बात यह है कि राजधानी पटना इसका हॉट स्पॉट बना हुआ है। 

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पटना में सबसे अधिक 63 मरीज मिले। अन्य जिलों में भागलपुर में 24, बेगूसराय 21, मुंगेर 13 और औरंगाबाद में नौ मरीज मिले। राज्य के 12 मेडिकल कॉलेजों में 204 मरीज भर्ती हैं, जिनका उपचार चल रहा है। सबसे अधिक भागलपुर के जेएलएनएमसीएच में 99 मरीज भर्ती हैं। वहीं एम्स पटना में 24, आईजीआईएमएस पटना में छह, पीएमसीएच में तीन, एनएमसीएच पटना में नौ, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में 12, डीएमसीएच में तीन, एएनएमसीएच गया में 14, जीएमसी बेतिया में तीन, जीएमसी पूर्णिया में 10, जेएनकेटीएमसीएच मधेपुरा में तीन और विम्स पावापुरी में 18 मरीज भर्ती हैं। 

स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने जूम एप से मेडिकल कॉलेजों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने डेगू को लेकर अलर्ट मोड में रहने को कहा। मरीजों के हित में विभाग की ओर से दिए गए सभी निर्देशों का अक्षरश पालन करने को कहा ताकि मरीजों को उपचार कराने में परेशानी न हो। 

उन्होंने जरूरत के अनुसार बेड रिजर्व रखने को भी कहा। इसके अलावा जांच किट की कमी होने पर अविलंब मुख्यालय से मांगने को कहा ताकि उपचार की प्रक्रिया बाधित न हो।

गृह मंत्री अमित शाह के आरोपों पर बोले सीएम नीतीश कुमार : विपक्ष एकजुटता से बीजेपी परेशान, मैं गंभीरता से नहीं लेता उनका बयान

डेस्क : बीते शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने कोसी-कमला की गोद में बसे झंझारपुर के ललित-कर्पूरी स्टेडियम में आयोजित जनसभा को संबोधित किया। जहां उन्होंने प्रदेश की महागठबंधन कई गंभीर आरोप लगाए। 

उन्होंने कहा कि अगली बार लालू-नीतीश की जोड़ी को विधानसभा में जिताया और मोदीजी को फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनाया तो याद रखना कि हमारा पूरा सीमांचल घुसपैठ से भर जाएगा और बिहार के अंदर अनेक प्रकार के सवाल खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए लालूजी कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। आरोप लगाया कि यहां पर गुंडाराज की वापसी हो चुकी है। बालू माफिया घुस आए हैं, शराब माफिया लोगों के मृत्यु का कारण बन रहे हैं। टाइम बम बरामद हो रहे हैं, बाढ़ की समस्या के खिलाफ नीतीश बाबू की सरकार कुंभकरण की नींद सो रही है और उफान भरती बागमती सबको डरा रही है। 

इधर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विपक्ष की एकजुटता से भाजपा परेशान है। हमने विपक्षी दलों को एक साथ लाने की जो कोशिश की है, उससे भाजपा बेचैन है। इसीलिए उनके नेता अनाप-शनाप बोलते हैं। 

गृहमंत्री अमित शाह के आरोपों को लेकर पत्रकारों के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि वे भाजपा नेताओं की बातों को गंभीरता से नहीं लेते। वे अंड-बंड बोलते रहते हैं। उनकी बातों पर ध्यान ही नहीं देते हैं। उनकी किसी बात का संज्ञान नहीं लेते। इन लोगों को तो बोलने की आदत है। कुछ न कुछ बोलते रहना है। हम विपक्षी दल साथ आ रहे हैं तो परेशान हो रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग यहां आते हैं तो इसी तरह बोलते हैं। बिहार का कितना विकास हुआ है, कितना काम हुआ है, उन्हें नहीं पता? कितना काम हो रहा है, ये जानकारी है? ये लोग इस संबंध में कुछ जानते हैं? कुछ ज्ञान है? देशभर की कोई जानकारी है? बस ऐसे ही कुछ बोल देना है। इनको तो बोलने की तो आदत है। उनकी बातों का कोई मूल्य नहीं।

अमित शाह बोले- बिहार में जंगलराज आने वाला है, लालू फिर से एक्टिव हो गए, नीतीश डिएक्टिव, छुट्टी रद्द का फतवा जारी किया

डेस्क: मधुबनी के झंझारपुर में रैली में गृहमंत्री अमित शाह ने लालू-नीतीश पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जंगलराज की याद दिलाई। कहा- मैं रोज बिहार के अखबार बारीकी से पढ़ रहा हूं। ये लोग फिर से जंगलराज ला रहे हैं। लालू जी एक्टिव हो गए... नीतीश जी डिएक्टिव हो गए। अब आप सोच सकते हैं, बिहार का क्या होने वाला है।

अमित शाह ने कहा कि बिहार में बड़े बदलाव की जरूरत है, सरकार नहीं सुशासन चाहिए, गुंडाराज नहीं जनताराज चाहिए। तीन दशक से ज्यादा समय में जिन लोगों की सत्ता में भागीदारी रही है, वो ईमानदारी से काम कर लेते तो हमारे बच्चों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

उन्होंने कहा कि लालू-नीतीश की सरकार फतवा जारी किया, बिहार में रक्षाबंधन और जन्माष्टमी की छुट्टी नहीं होगी। बिहार की जनता ने जो विरोध जताया। सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा।

जदयू और राजद के गठबंधन को शाह ने तेल-पानी गठबंधन बताया। उन्होंने कहा कि तेल, पानी को गंदा कर देता है। ये बिहार की जनता के लिए भी हानिकारक हैं।

रैली की शुरुआत में उन्होंने लोगों से पूछा कि मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है या नहीं? इसके बाद भारत माता की जय के नारे लगवाए फिर सीता माता की जय के नारे लगवाए।

सम्राट चौधरी बोले- सभी 40 सीटें जीतेंगे

इससे पहले बिहार के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां जंगलराज है। बीजेपी की सरकार आएगी तो सब पर कंट्रोल लग जाएगा। हम लोकसभा की सभी 40 सीट जीतेंगे।

बिहार में हर जगह सिर्फ जंगलराज है

बिहार दौरे से पहले अमित शाह ने ट्वीट कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और परिश्रम की भूमि बिहार में आज हर जगह सिर्फ जंगलराज है। प्रदेश में बेहतर विकास और सुरक्षा केवल भाजपा सरकार से ही संभव है। कल बिहार के प्रवास पर मिथिलांचल के झंझारपुर लोकसभा में जनसभा को संबोधित करूंगा।

बिहार में ही रहिए... हमें फायदा होगा: तेजस्वी

अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने तंज कसा है। तेजस्वी ने शुक्रवार को कहा कि गृहमंत्री अगर साल के 365 दिन बिहार में रहेंगे तो उसका फायदा हम लोगों को ही मिलने वाला है। अमित शाह का बार-बार बिहार आना दिखाता है कि वे कितने डरे हुए हैं। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग शाह की रैली से पहले जेडीयू ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग उठाई है।

 जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि कर्पूरी ठाकुर ने पूरी उम्र सनातन का पालन किया है। ऐसे में सनातन की राजनीति करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब झंझारपुर में उनके नाम से बने स्टेडियम में कार्यक्रम करने आ रहे हैं तो उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा करें।

एक साल में अमित शाह का छठा बिहार दौरा

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह का एक साल में यह छठा दौरा है। पिछले साल सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद 23-24 सितंबर को उन्होंने सीमांचल के पूर्णिया से चुनावी रैली का आगाज किया था। इस दौरान उन्होंने किशनगंज में एक दिन का प्रवास भी किया था।

इसके बाद 11 अक्टूबर 2022 को जेपी की जयंती पर अमित शाह सारण के सिताबदियारा पहुंचे थे। स्वामी सहजानंद की जयंती पर केंद्रीय गृहमंत्री ने 25 फ़रवरी 2023 को बाल्मीकि नगर में एक जनसभा को सम्बोधित किया था।

2 अप्रैल 2023 को अमित शाह सम्राट अशोक की जयंती पर नवादा पहुंचे थे। जबकि 29 जून 2023 को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के क्षेत्र लखीसराय से अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार को ललकारा था।

बिहार के दौरे पर अमित शाह,अररिया नवनिर्मित भवनों का वर्चुअल के माध्यम से करेंगे उद्घाटन

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर बिहार आएंगे।

 अपने चार घंटे के प्रवास के दौरान वे मधुबनी के झंझारपुर में रैली को संबोधित करेंगे। साथ ही अररिया के जोगबनी में एसएसबी के कार्यक्रम में शामिल होंगे।

पार्टी नेताओं के अनुसार गृह मंत्री एक बजे दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचेंगे। एयरपोर्ट पर बिहार भाजपा के नेता उनका स्वागत करेंगे। 

एयरपोर्ट से वे हेलिकॉप्टर से सीधे झंझारपुर जाएंगे। वहां ललित ग्राम कर्पूरी स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करेंगे। अमित शाह लगभग एक घंटे से अधिक समय तक वहां रहेंगे। वहां से वे हेलिकॉप्टर से वापस दरभंगा आएंगे। इसके बाद 

अररिया के जोगबनी जाएंगे, जहां करीब 3.30 बजे पहुंचेंगे। जोगबनी आईसीपी कार्यक्रम स्थल से नवनिर्मित भवन और बथनाहा एसएसबी के नवनिर्मित भवनों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे।

 इसके बाद गृह मंत्री हेलिकॉप्टर से वापस दरभंगा एयरपोर्ट लौटेंगे। फिर शाम पांच बजे दरभंगा से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे।