*“संतुलित आहार द्वारा कुपोषण निवारण” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न*
कानपुर- चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा सितंबर 2023 में छठा राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है। इस अवसर पर उपस्थित गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि इस वर्ष, इसका उद्देश्य मिशन पोषण 2.0 के आधार, जीवन-चक्र दृष्टिकोण के माध्यम से कुपोषण से व्यापक रूप से निपटना है। इस दृष्टिकोण में, पोषण माह 2023 का केंद्र बिंदु मानव जीवन के महत्वपूर्ण चरणों- गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन और किशोरावस्था के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना है। इसका उद्देश्य "सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत " पर केंद्रित विषय-वस्तु के माध्यम से पूरे भारत में पोषण संबंधी समझ को बढ़ावा देना है।
पोषण माह 2023 के शुरुआत करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा ग्राम सहतावन पुरवा विकास खंड मैथा में दो दिवसीय प्रशिक्षण दिनांक 1 व 2 सितंबर, 2023 को आयोजित किया गया। एक गंभीर स्थिति है। कुपोषण तब होता है जब किसी व्यक्ति के आहार में पोषक तत्वों की सही मात्रा नहीं होती है। भोजन व्यक्ति स्वस्थ रखने के लिए ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करता है। यदि आपको प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिजों सहित पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते हैं तो आप कुपोषण से पीड़ित हो सकते हैं। जब आवश्यक मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते तो शरीर की ठीक तरह से ग्रोथ नहीं हो पाती। इसके साथ ही वजन भी बहुत कम हो जाता है। वंही पोषक तत्वों की कमी से गंभीर परेशानियां जैसे डायबिटीज हृदय रोग आदि होने की संभावना रहती है। ये बातें प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ निमिषा अवस्थी ने बताई।
कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ अरुण सिंह ने कहा कि गलत खानपान की आदत, खाने में जरूरी पोषक तत्वों के न होने के कारण भी यह समस्या होती है। दुनियाभर में लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं। कई जगहों पर वहां के पर्यावरण और लाइफस्टाइल के कारण इसके होने की संभावना अधिक होती है। वंही डॉ राजेश राय ने बताया कि कुपोषण से ग्रसित लोगों में विटामिन (Vitamin), मिनिरल्स (Minerals) और दूसरे पदार्थों की कमी होती है जो शरीर के सही तरह से काम करने के लिए बेहद जरूरी होते हैं। कुपोषण के कारण छोटी और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं संक्रमण का अधिक खतरा होता है ।काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और घाव और बीमारियों से धीमी गति में रिकवर होती है। डॉ निमिषा ने बताया कहा अतः कुपोषण से बचाव हेतु हेल्दी डाइट लेना चाहिए, प्रतिदिन एक ग्लास दूध और एक फल जरूर लेना चाहिए। प्रशिक्षण में 35 गांव के छुन्ना, मीरा, आनंद व रघुनंदन समेत 50 महिला पुरुषो ने प्रतिभाग किया।
Sep 05 2023, 17:02