सराईकेला के चांडिल थाना क्षेत्र में हुए अब तक कई अबैध मिनी शराब फैक्टरी का उदभेदन,मध निषेध विभाग पर उठ रहे हैं सवाल..?
सरायकेला : सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में चल रहे जहरीला विदेशी शराब के कारोबार फल फूल रहा है,इस शराब के निर्माण और वितरण में किन किन लोगों का हाथ है और पुलिस वहां तक नही पहुंच पा रही है यह एक बड़ा सवाल है।इस मामले में जिला मध उत्पाद विभाग की चुपी भी रहस्यमय है.?
पिछले चार से पांच माह से यहां चला यह गोरख धंधा चल रहा है लेकिन किसके इशारे और सरंक्षण में यह कारोबार चल रहा है यह जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनोती बन गयी है।
कुछ माह पहले , चिलगू
पंचायत के दलमा की तराई के काठजोड़ गांव में विदेशी शराब की एक मिनी फैक्ट्री, का उदभेदन हुआ था। इसी तरह आसनवनी पंचायत के बिरिगोड़ा में मिनी फैक्ट्री, 30 अगस्त को कंदरबेड़ा पंचायत के रांगाठाड़ गांव से महज कुछ ही दूर में विशाल मिनी फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ।ये सभी शराब का फैक्टरी चांडिल थाना क्षेत्र में ही हो रहा है । एक के बाद एक फैक्ट्री का उजागर होने के वावजूद चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा जंगल की तराई एन एच 33 ,टाटा रांची हाइवे मुख्य राजमार्ग स्थित ओभार ब्रिज के नीचे आसनवनी पंचायत के रांगाठाड़ गांव से महज कुछ ही दूर चार दीवार के अंदर पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर जिले के जुगसालाई से जुड़े हे दारू माफिया द्वारा विगत चार से पांच महीनों से संचालक द्वारा विदेशी शराब की कई प्रकार के ब्रांड के दारू तैयार किया जाता रहा है।
इस मिनी फैक्ट्री में चार से छः मजदूर कार्यरत थे। मजदूर के रहने के लिए प्लांट के अंदर हीं सुविधा उपलब्ध था।
5 हजार लीटर दारू का तीन वाटर की टंकी अंदर था प्रत्येक टंकी में नल लगे हुए थे । जो बोतल में भर कर पैक किया जाता था ।
इस प्लांट में दिन रात फैक्ट्री के अंदर मजदूर कार्यरत थे। रांगाठाड़ गांव के लोग इस रास्ते से प्रतिदिन ग्रामीण चांडिल जमशेदपुर आदि जगह जाते है ,लेकिन किसी को कानो कान भनक भी नहीं लगी कि बंद दरवाजे के अंदर विदेशी शराब का उत्पादन होता है।जुगसलाई के संचालक है जो रांगाठाड़ गांव के एक ग्रामीण से उक्त जमीन को प्लांट लगाने के लिए लीज परजमीन लिया था ।
टाटा रांची मुख्य राज्य मार्ग होने के साथ - साथ यह जगह ओभर ब्रिज के नीचे पड़ता है। जिसके कारण लोगो को कोई पता भी नही चलता था । इस चाहर दीवारी के अंदर किया बनाता है।
ग्रामीणों के अनुसार कुछ लोग गांव में किसी के शादी विवाह पार्टी होता है। तो किसी क्षेत्रीय नेता की मदद से कम दामों से दारू उपलब्ध कराया जाता था ।
धीरे धीरे यह बाते दबी जुवान से ग्रामीणों का कहा गया। कुछ पंचायत के प्रतिनिधि और अनुमंडल स्तर तक कुछ लीगों को फैक्ट्री की संचालक द्वारा मोटी रकम मुहैया कराने की भी चर्चा थी।
प्रतिदिन खुले आम दिन में 407 वाहन का आना जाना लगा रहता था । चांडिल अनुमंडल पुलिस वल द्वारा 30 अगस्त की शाम पांच बजे सूचना मिलने के बाद एक्शन में आ गयी चांडिल थाना प्रभारी दिनेश ठाकुर और चांडिल डीएसपी संजय सिंह द्वारा प्लांट के पीछे का दीवार तोड़कर इस मिनी फैक्ट्री का उद्बेद्न किया गया और भंडाफोडा फोड़ा गया।
200 पेटी के ऊपर विभिन्न प्रकार के ब्रांड की दारू यहां मिले , दारू बनाने की सामग्री जैसे खाली बोतल, स्टीकर, कैप,पंचिंग मशीन,कैमिकल के ड्राम ,तीन वाटर 2000 लीटर के तीन टंकी जिसमे तैयार किए शराब भरा हुआ मिला ।
साथ ही दो मजदूर को भी गिरफ्तार किया गया । सभी सामग्री को ग्रामीणों के सहयोग से तीन ट्रेकर में लोड करके पुलिस ओपी लाया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि इतना बड़ा मिनी फैक्ट्री चला रहा था ।ओर जिला प्रशासन और जिला मध उत्पाद विभाग को जानकारी तक नही थी।जबतक किसी का मिलीभगत न हो तो यह कैसे चलेगा । पुलिस का स्पाई रहता है जो हर घटना की सूचना थाना को देता है । ओभार ब्रिज के नीचे कभी भी पुलिस का पेट्रोलिंग नही होती।जो उच्च स्तरीय जांच का भी विषय है।
इस क्षेत्र में बृहत पैमाने पर अबैध और नकली शराब के उत्पादन और आसानी से मार्केट में खपाये जाने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, इस मामले में गहराई से जांच और इस कारोबार से जुड़े लोगों की कुंडली खंगालने की भी जरूरत है कि इस तरह के कारोबार में किसी का सरक्षण तो नही है..?
Aug 31 2023, 12:38