*सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब, सेमराधधाम में शिवभक्तों की लगी रही कतार*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन अब समाप्त होने वाला है। इस साल 4 जुलाई से शुरू हुआ सावन माह 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। अधिक मास के चलते इस बार सावन दो माह का था, इसलिए इस माह में 8 सोमवार का संयोग भी बना था। वहीं सावन का आठवां सोमवार आज है। सावन मास अंतिम सोमवार को शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शिव भक्तों ने दुग्धाभिषेक एवं जलाभिषेक कर विधि - विधान से पूजन -अर्चन की। जहां एक ओर लंबी कतार में खड़े श्रद्धालु भूतनाथ के एक झलक पाने को बेताब थे वहीं बोल बम के धुन पर कांवरियों को रेला शिवधाम पहुंच रहा था। शिव मंदिरों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। उधर मौसम भी शिव भक्तों के उत्साह एवं जुनून को नहीं रोक पा रहा था।

देवाधिदेव महादेव के अतिप्रिय मास श्रावण के अंतिम सोमवार को भोर से ही जनपद के विभिन्न शिवालयों में शिवभक्तों की लंबी कतार लगी रही। हर- हर महादेव, बोल बम आदि जयकरों से क्या नगर क्या गांव गुंजायमान रहे। स्थानीय हरिहरनाथ मंदिर, दूधनाथ मंदिर पर बाबा के दर्शन- पूजन करने के लिए भोर से ही लंबी कतार लग गई। दोपहर में तो कुछ कम रही लेकिन शाम ढलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भूतनाथ को अर्पित करने के लिए बिल्व पत्र, समी पुष्प, भांग, धतूर का फल आदि थाल में सजा कर महिलाएं शिवधाम पहुंची। इसके अलावा अन्य शिव मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। बड़ी संख्या में कांवरिया भी भगवान गंगाधर को जलाभिषेक कर रहे थे। अव्यवस्था का आलम यह है कि शिव मंदिरों में साफ- सफाई की व्यवस्था ध्वस्त रही।

सुरक्षा के मद्देनजर शिव मंदिरों पर कड़ी चौकसी रही। शिव मंदिरों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। पुलिस प्रशासन की टीम लगातार अपने- अपने क्षेत्रों में स्थित शिव मंदिरों पर भ्रमण कर जायजा ले रहे थे।मोक्ष दायिनी के तट पर स्थित बाबा सेमराध नाथ धाम में सावन के अंतिम सोमवार को शिव भक्तों की लंबी कतार लगी रही। भोर में कपाट खुलने के बाद भारी संख्या में कांवरियां जलाभिषेक कर पूजन- अर्चन किया। क्षेत्र के चेरापुर में स्थित टिकेश्वरनाथ, जगापुर में स्थित खांखरनाथ और कौलापुर में स्थित पांडवानाथ मंदिर पर सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ लगी रही। व्रती महिलाओं ने अंतिम सोमवार को देवाधिदेव का विधि पूर्वक पूजन कर सुख- संमृद्धि की कामना की।

*इस सप्ताह तीखी धूप व उसम फिर करेगी बेहाल*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मौसम को लेकर एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। इस सप्ताह एक बार फिर तीखी धूप व उसम का क्रम बना रहेगा।

इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने के साथ ही फसलों को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है। अधिक तापमान होने की संभावना है। अधिक तापमान होने से एकाध स्थानों पर बूंदाबांदी की स्थिति बन सकती है।

करीब दो माह से जिले में अच्छी बारिश नहीं हो रही है। वैसे भी इस साल मानसून ने पूरी से दिया है। जिला मौसम वैज्ञानिक सर्वेश बरनवाल ने बताया कि इस सप्ताह भदोही एक बार फिर तीखी धूप व उसम का क्रम दिन में बना रहेगा। ऐसे में किसानों से रात के समय में ही फसलों की सिंचाई करने का मन बनाया है।

कहा कि दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक जाएगा जबकि रात का तापमान 29 डिग्री तक रहेगा। 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चलेंगी।

*चकवा महावीर मेले की तैयारी को लग ग‌ए झूले*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। प्रसिद्ध चकवा मेला की तैयारी युद्ध स्तर पर से चल रही है। चकवा महावीर मंदिर के पास बड़ा - झूला व सर्कस का कैंप लगना शुरू हो गया है।

प्रत्येक वर्ष पवित्र सावन माह के अंतिम मंगलवार यानी बुढ़वा मंगल को यह प्रमुख मेला लगता लगाया जाता है। मेला आयोजन में अभी दो दिन शेष हैं। पूर्व में ही बड़ा झूला के अलावा सर्कस का कैंप लगाना शुरू हो गया है। मेला को लेकर जिला प्रशासन स्तर प्रशासन स्तर से भी तैयारी पूर्ण कर ली गई है।

वाहन स्टैंड आदि स्थल को निर्धारित कर लिया गया है। 29 अगस्त को बुढ़मा मंगल का मेला लगेगा। कल ही मंदिर परिसर में दुकान सज जाएंगी। मेले में हजारों भक्त पवनपुत्र हनुमान का दर्शन पूजन कर कृतार्थ होते हैं।

आयोजन तिथि पर चकवा महावीर, चकवा महावीर अहिमनपुर, जंगीगंज समेत प्रमुख हनुमत मंदिरों पर मेले का आयोजन होता है। प्रसिद्ध मेले को लेकर व्यापारियों,झूला व सर्कस संचालकों में खास उत्साह देखने को मिल रहा है।

*सिल्ट से भरी नालियों ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में सिंचाई योग्य नालियों की सफाई अब तक नहीं हो सकी है। नहर व नलकूप विभाग तथा ग्राम पंचायतों के बीच एनओसी की बाध्यता से सफाई कार्य अटका हुआ है। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई किसान ऐसे हैं, जो खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सड़कों काे काटना शुरू कर दिए हैं।

शनिवार को किसानों ने वहिदानगर संपर्क मार्ग को काट दिया।जिले के 70 फीसदी लघु एवं सीमांत किसान नहर और राजकीय नलकूपों से सिंचाई कार्य करते हैं। इस साल बारिश कम होने के कारण किसानों की निर्भरता नहरों पर बढ़ गई है। कई किसानों के खेतों में दर्रे पड़ गए हैं। किसानों का आरोप है कि जिले में कहीं भी किसानों के खेतों तक पहुंचने वाली नालियों की सफाई नहीं हो सकी है।

सिल्ट से भरी नालियों के कारण खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। विभाग के अनुसार नालियों के सफाई की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है। वहीं पंचायतों का कहना है कि नहर, नलकूप विभाग एनओसी की बाध्यता खत्म होने पर ही मनरेगा से नालियों की सफाई, जीर्णोद्धार, सुधार कार्य हो सकेंगे।

वहीं नहर विभाग अधिशासी अभियंता पुष्पेन्द्र सिंह और नलकूप के अधिशासी अभियंता राजेश भारती ने बताया कि नालियों की सफाई को लेकर सभी ग्राम पंचायतों को एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं है।

वे किसान हित को देखते हुए मनरेगा के तहत नाली सफाई का कार्य करा सकते हैं। कोआर्डिनेटर मनरेगा राजाराम ने बताया कि मनरेगा के तहत जो कार्य योजना बन रही हैं। उसकी स्वीकृति दी जा रही है।

पंचायतों की ओर से अगर नाली सफाई की कार्ययोजना मिलती है तो -नालियों की सफाई नहीं होने के कारण खेत तक पानी नहीं पहुंच रहा है। कई बार शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन नहर व नलकूप विभाग की उदासीनता के कारण समस्या का समाधान नहीं हो सका है। - फूलचंद मौर्य, किसान।

खेतों तक पानी न पहुंचने के कारण निजी सिंचाई संसाधनों से सिंचाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे खेती-किसानी का खर्च बढ़ रहा है। इस समस्या को जल्द समाप्त कर नालियों की सफाई पर जोर देना होगा। -वंशनारायण बिंद, किसान।

*अधर में लटका वृहद नाले का निर्माण*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। डीघ ब्लॉक के चार ग्राम पंचायतों की सीमा से होकर तटवर्ती बाहा में मिलने वाले वृहद नाले का निर्माण दो सालों से अधर में लटका हुआ है। शासन की ओर से नाला निर्माण के लिए 30 लाख रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।

इसके कारण लगभग ढ़ाई किमी सड़क भी जर्जर होती जा रही है।

सूफीनगर-गोधना मोड़ से जंगीगंज रेलवे हाल्ट की सीमा तक जिला पंचायत ने लगभग ढाई किमी सड़क का निर्माण कराया था। जिला पंचायत प्रशासन उस सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रहा है।

पांच साल पहले विभाग ने 10 लाख की लागत से सड़क का नवीनीकरण भी कराया। विभाग के पत्र पर सड़क के पूर्वी-पश्चिमी छोर पर स्थित लगभग पांच किमी वृहद नाला को पक्का कराने 30 लाख रुपये आवंटित हुए।

नाला निर्माण की जिम्मेदारी सुधवै, मेलैना, गोधना और दरवांसी गांव को मिली, लेकिन ग्राम पंचायतों ने नाला निर्माण का कार्य शुरू कराकर अधूरा ही छोड़ दिया। जिसके कारण अब थोड़ी भी बारिश होने पर नाले का पानी सड़क पर आ जाता है। बारिश के बाद जलजमाव व कीचड़ के कारण सड़क की हालत भी जर्जर होती जा रही है।

यह मुख्य सड़क चंदापुर, रजमला, कोईरौना, बारीपुर, राजापुर जैसे कई तटवर्ती इलाकों तक जारी है। ऐसे में हर दिन सैकड़ों लोग जलजमाव व कीचड़ से होकर लोग गुजरने को विवश हैं।

नाला निर्माण की स्वीकृति है तो मौके का निरीक्षण कर हकीकत देखी जाएगी। वृहद नाले की शिकायतें आ रही है। निरीक्षण के बाद ग्राम पंचायत वार रिपोर्ट मंगाकर अधूरे निर्माण कार्य को पूरा कराया जाएगा। - धनराज कोटर्य, बीडीओ, डीघ।

*अवैध पटाखा रखने व बनाने के दोषी को दो साल की कैद*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने नाजायज पटाखा रखने व बनाने के दोषी अभियुक्त को दो साल की साधारण कारावास व दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

औराई कोतवाली में अभियुक्त बड़कू अंसारी निवासी लल्लापुर थाना सिगरा, वाराणसी के खिलाफ अवैध रूप से पटाखा रखने व बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की। पुलिस ने प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया।

मामले में स्थानीय पुलिस, मॉनिटरिंग सेल व पीओ हेमेंद्र की प्रभावी पैरवी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोषी बड़कू अंसारी को दो साल की साधारण कारवास व दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी।

*ड्रैगन फ्रूट की खेती से बदलेगी किसानों की किस्मत*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में अधिकांश किसान परंपरागत खेती को छोड़कर व्यवसायिक खेती की ओर कदम बढ़ा चुके हैं।

इससे उनकी आमदनी बढ़ी है। अब कालीन नगरी में पहली बार ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है। उद्यान विभाग की ओर से बढ़ावा भी दिया जा रहा है। विभाग की ओर से ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की अनुदान दिया जा रहा है।

विभाग का मानना है कि परंपरागत खेती से हटकर व्यावसायिक खेती से किसानों की आमदनी में व्यापक सुधार हो सकता है।

कोई किसान अगर ड्रैगन की खेती करता है तो उसकी आमदनी में अच्छा इजाफा हो सकता है, क्योंकि ड्रैगन फ्रूट 120 से 125 रुपये किलो तक बिकता है। कुछ किसान इसके प्रति आकर्षित भी हुए हैं। औराई ब्लाक के कुरौना गांव निवासी सिमांत मिश्र बीएसी एजी करने के बाद पहली बार आधे हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।

बताया कि बागवानी मिशन के तहत वे ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। पिछले साल से ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरु किया हूं। इस साल पाैधे में फल आने लगा है। इसमें आयरन, विटामिन, प्रोटीन सहित अन्य मात्रा मिलता है। इसका सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्टर, डायबिटीज को कम करने के साथ कॉलेस्ट्रॉल के लिए भी लाभदायक है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसानों को लकड़ी या क्रंकीट के पिलरों की जरूरत होती है। इन पिलरों से पौधों को वृद्धि में मदद मिलती है। इसका पौधा नुकीला होता है, इसके कारण इसे जानवर भी नहीं खाते हैं।

बंजर भूमि पर भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। जिले में 300 हेक्टेयर भूमि बंजर है, यदि किसान यहां पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करे तो अच्छा आमदनी कर सकते हैं।ड्रैगन फ्रूट की खेती कर किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं। इसके लिए सरकार 50 हजार रुपये का अनुदान भी दे रही है। किसानों को आगे आकर खेती करनी चाहिए।

-- ममता सिंह यादव, डीएचओ भदोही।

*अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने फूंका ममता बनर्जी का पुतला,लगाए जमकर नारेबाजी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भदोही के ज्ञानपुर नगर इकाई के द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दुगार्गंज तिराहे पर पुतला दहन किया गया।

पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में नाबालिक छात्र स्वप्नदीप कुंडू की रैंगिंग व मृत्यु के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री यागवल्क शुक्ला जी राष्ट्रीय मंत्री विराज विश्वास जी के विरोध प्रदर्शन के दौरान 100 से अधिक कार्यकतार्ओं पर लाठी चार्ज करते हुए लाठी चार्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया ।

इसके विरोध में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भदोही जिले के नगर इकाई ज्ञानपुर द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला दहन किया गया जिसमें मुख्य रूप से जिला संयोजक प्रणव कांत विभाग संयोजक श्रेयांश सिंह छात्र संघ महामंत्री अमन सिंह इकाई मंत्री शिवम शुक्ला जिला संगठन मंत्री सागर कलवार तहसील संयोजक विकास तिवारी लकी शुक्ला अमन मिश्रा आदर्श शिवा मिश्रा व अन्य कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे।

*निजी भूमि पर औद्योगिक स्थापना के लिए उद्यमियों को मिलेगी छूट*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में निजी औद्योगिक पार्कों को विकसित करने के इच्छुक भूमि स्वामियों को सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। शासन की ओर से इसके लिए औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना (PLEDGE) लागू किया है। योजना के तहत एमएसएमई पार्क विकसित करने के उत्सुक उद्यमियों को औद्योगिक स्थापना के लिए भूमि के मूल्य का 90 फीसदी या फिर औद्योगिक पार्क के आवश्यक धनराशि में कम हो रही धनराशि का एक फीसदी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। शेष पूंजी की व्यवस्था उद्यमी को स्वयं करनी होगी। वह बैंक से ऋण भी प्राप्त कर सकता है।जिले में उद्योग स्थापना के लिए तरह-तरह से प्रयास हो रहे हैं।

इन्वेटर्स समिट में लगभग 92 उद्यमियों ने विभिन्न मदों में 1200 करोड़ के आसपास निवेश करते हुए एमओयू पर साइन किया था। जिले में भूमि की अनुपब्धता के कारण अब तक कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकी हैं। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से लगातार उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराने का प्रयास हो रहा है। अब जिले में औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को सुनिश्चित करने के लिए निजी औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना (PLEDGE) लागू की गई है। योजना के तहत निजी भूस्वामियों द्वारा 10 एकड़ से 50 एकड़ तक की भूमि में निजी औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। एमएसएमई पार्क विकसित करने का इच्छुक उद्यमी राज्य सरकार के पास बंधक रखेगा।

योजना के तहत उद्योग को विकसित किए जाने की सारी जिम्मेदारी उद्यमी की होगी। जिले में 10 से 50 एकड़ की भूमि पर उद्यम विकसित करने वाले उद्यमियों को औद्योगिक स्थापना के लिए जिला कलेक्टर रेट पर भूमि के मूल्य का 90 फीसदी या फिर औद्योगिक पार्क के आवश्यक धनराशि जो धनराशि कम हो रही है, दी जाएगी। उसमें एक फीसदी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। शेष पूंजी उद्यमी को खुद के स्रोत्रो से या फिर बैंक से ऋण लेकर लगाना होगा।योजना के तहत औद्योगिक पार्क के आंतरिक विकास की लागत की गणना 50 लाख प्रति एकड़ से होगी। खास बात है कि विकासकर्ताओं को भूमि खरीद पर लगने वाले शुल्क की 100 फीसदी छूट प्राप्त होगी। योजना के तहत जिला उद्योग प्रोत्साहन व उद्यमिता विकास केंद्र द्वारा उद्यमी को दो किस्तों में धनराशि उपलब्ध कराएगी।

पहली कि 75 फीसदी उपयोग होने के बाद दूसरी किस्त की धनराशि जारी होगी। इसमें तीन साल तक उद्यमी से दी गई धनराशि का एक फीसदी ब्याज लिया जाएगा। अगर इन तीन सालों में ऋण चुकता नहीं होता है तो चौथे वर्ष से ब्याज छह फीसदी किया जाएगा। सरकार की ओर से दी गई पूंजी को वापस करने की अवधि छह साल तक होगी।योजना के तहत निजी भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित करने वाले उद्यमी पर ही विकसित किए गए उद्योग सुविधाओं के रखरखाव की जिम्मेदारी होगी। इसमें कारखाने की बाउंड्री वाल, आंतरिक मार्ग, नाली, विद्युत व्यवस्था, पेजयल व सीवेज की सारी जिम्मेदारी उद्यमी पर ही होगी।

*72 ईंट भट्ठा संचालकों के खिलाफ आरसी जारी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। 80 लाख विनियमन शुल्क जमा करने पर जिले के 72 ईंट भट्ठा संचालकों पर शिकंजा कसा गया है। नोटिस भेजने के बाद भी राजस्व न जमा करने पर डीएम गौरांग राठी के निर्देश पर सभी के खिलाफ शुक्रवार को आरसी जारी की गई। एक सप्ताह में रायल्टी (विनियमन शुल्क) न जमा करने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई।जिले में वैसे तो 100 से अधिक ईंट भट्ठा संचालित हैं।

कुछ संचालक समय से जरूरी भुगतान को कर देते हैं, लेकिन कई लापरवाही बरतते हैं। मनमानी तरीके से बगैर प्रदूषण प्रमाण पत्र लिए संचालित किए जा रहे तमाम ईंट भट्ठे पर्यावरण में जहर तो घोल ही रहे हैं। संचालक राजस्व को भी चपत लगाने में पीछे नहीं हट रहे हैं। बेधड़क मिट्टी का खनन कर ईंट बनाने का व्यवसाय किया जा रहा है, लेकिन रायल्टी जमा करने में रूचि नहीं ली जा रही है। वर्ष 2020-21 में 80 लाख रुपये की रायल्टी की अदायगी न करने पर सख्त महकमे ने 72 ईंट भट्ठा संचालकों को आरसी जारी कर दी है।

जिलाधिकारी गौरांग राठी के निर्देश पर खनन निरीक्षक ने ईट भट्ठे स्वामियों को निर्देशित किया कि जल्द रायल्टी जमा कर दें अन्यथा विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि भट्ठा संचालकों से बकाया की धनराशि में 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित भू-राजस्व के रूप में वसूली किया जाएगा। बताते चलें कि खेतों से मिट्टी खोदने के लिए खनन विभाग के अधिनियम के तहत 20 शर्तें तय की गई हैं। इसमें ईंट भट्ठा संचालन के लिए मिट्टी खोदाई के उपरांत दूसरे स्थान पर ले जाने का नियम है, जबकि धरातल पर यह है कि खोदाई कर उसी स्थान पर पथाई भी किया जाता है।

इसके अलावा किसी भी दशा में एक मीटर से ज्यादा गहराई तक खोदाई नहीं किया जाएगा। जिस खेत से मिट्टी उठा रहे हैं। उस खेत के चारों ओर मेड़ों के सहारे ऊपर की तरफ आधा मीटर तक तलहटी में एक मीटर मिट्टी छोड़नी होगी और मिट्टी निकालते समय खेत की ऊपरी सतह की उपजाऊ मिट्टी को पहले एक स्थान पर एकत्र करना चाहिए। इसके बाद मिट्टी काटने के बाद उसे खेत में फैलाना होगा। खोदाई के समय खेत के चारों ओर पर्दे लगाने होंगे, जिससे धूल आदि न उड़े।