*सिल्ट से भरी नालियों ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में सिंचाई योग्य नालियों की सफाई अब तक नहीं हो सकी है। नहर व नलकूप विभाग तथा ग्राम पंचायतों के बीच एनओसी की बाध्यता से सफाई कार्य अटका हुआ है। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई किसान ऐसे हैं, जो खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सड़कों काे काटना शुरू कर दिए हैं।
शनिवार को किसानों ने वहिदानगर संपर्क मार्ग को काट दिया।जिले के 70 फीसदी लघु एवं सीमांत किसान नहर और राजकीय नलकूपों से सिंचाई कार्य करते हैं। इस साल बारिश कम होने के कारण किसानों की निर्भरता नहरों पर बढ़ गई है। कई किसानों के खेतों में दर्रे पड़ गए हैं। किसानों का आरोप है कि जिले में कहीं भी किसानों के खेतों तक पहुंचने वाली नालियों की सफाई नहीं हो सकी है।
सिल्ट से भरी नालियों के कारण खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। विभाग के अनुसार नालियों के सफाई की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है। वहीं पंचायतों का कहना है कि नहर, नलकूप विभाग एनओसी की बाध्यता खत्म होने पर ही मनरेगा से नालियों की सफाई, जीर्णोद्धार, सुधार कार्य हो सकेंगे।
वहीं नहर विभाग अधिशासी अभियंता पुष्पेन्द्र सिंह और नलकूप के अधिशासी अभियंता राजेश भारती ने बताया कि नालियों की सफाई को लेकर सभी ग्राम पंचायतों को एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं है।
वे किसान हित को देखते हुए मनरेगा के तहत नाली सफाई का कार्य करा सकते हैं। कोआर्डिनेटर मनरेगा राजाराम ने बताया कि मनरेगा के तहत जो कार्य योजना बन रही हैं। उसकी स्वीकृति दी जा रही है।
पंचायतों की ओर से अगर नाली सफाई की कार्ययोजना मिलती है तो -नालियों की सफाई नहीं होने के कारण खेत तक पानी नहीं पहुंच रहा है। कई बार शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन नहर व नलकूप विभाग की उदासीनता के कारण समस्या का समाधान नहीं हो सका है। - फूलचंद मौर्य, किसान।
खेतों तक पानी न पहुंचने के कारण निजी सिंचाई संसाधनों से सिंचाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे खेती-किसानी का खर्च बढ़ रहा है। इस समस्या को जल्द समाप्त कर नालियों की सफाई पर जोर देना होगा। -वंशनारायण बिंद, किसान।
Aug 27 2023, 15:30