चंद्रयान 3 के सफल लेंडिंग पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इसरो के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को भेजा बधाई संदेश
बेतिया : आज दिनांक 24 अगस्त 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली ,डॉ अमित कुमार लोहिया, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ,डॉ अमानुल हक एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो द्वारा चंद्रयान 3 के सफल परिक्षेपण के बाद 23 अगस्त 2023 को इसरो का चन्द्रयान का चांद के सतह पर शाम 6:04 लेंडिंग हुआ ।यह क्षण काफी महत्वपूर्ण है।
जब हम खुद अपने स्वदेशी सैटेलाइटो के साथ चांद के सतह पर उतर रहे हैं। यह भारत समेत पूरे विश्व के मानव जीवन के लिए मील का पत्थर साबित होगा ।भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम विश्व शांति एवं मानव जीवन को सरल बनाने के लिए समर्पित है। भारत काचंद्रयान-3 अपने मिशन की ओर बढ़ता जा रहा है। 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर लैंड किया है, पोलैंड के अंतरिक्ष केंद्र द्वारा चंद्रयान-3 की तस्वीरें ली गई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था, जिसके बाद से वह लगातार चांद की तरफ बढ़ते हुए चांद की सतह पर स्थापित हुआ है. इस मिशन पर पूरी दुनिया नजर बनाए हुए है. इस बीच चंद्रयान-3 को पोलैंड में ROTUZ (पैनोप्टेस-4) टेलीस्कोप के जरिए भी देखा गया है।
यह मिशन भारत एवं मानव जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।जो मानव जीवन एवं अनुसंधान के दिशा में मील का पत्थर साबित होने वाला है। जैसे-जैसे यान अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे ROTUZ टेलीस्कोप उसकी यात्रा को डॉक्युमेंट कर रहा है. वहीं, इसरो ने पुष्टि की कि अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक लेंडिंग पूरा कर लिया है।
चंद्रयान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. वह इस समय पृथ्वी के चारों ओर 1,27,609 किमी x 236 किमी की ऑर्बिट में है. इस समय यान अपनी ऑर्बिट-रेजिंग मैन्यूवर की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है और चांद की ओर बढ़ते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
भारत सहित दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए मिशन है महत्वपूर्ण
चंद्रयान-3 मिशन इसरो और वैश्विक वैज्ञानिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण महत्व माना जा रहा है. दुनिया जान रही है कि भारत धीरे-धीरे स्पेस में अपने कदम मजबूत कर रहा है. बताया गया है कि इस मिशन में चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करने के लिए SHAPE (स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ) नामक एक पेलोड शामिल है. मिशन का उद्देश्य चंद्रमा का वातावरण, मिट्टी, पानी समेत कई चीजों की जानकारी जुटाना शामिल है.
चंद्रयान-3 मिशन सफल होने के साथ ही भारत अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है एवं चांद के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। यह इसरो के वैज्ञानिकों के लगभग 75 वर्षों के लगन मेहनत एवं त्याग का नतीजा है।
Aug 24 2023, 18:54