नाग पंचमी पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने दिया विश्व शांति मानवता पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक सद्भावना का सन्देश
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बेतिया : आज दिनांक 21 अगस्त को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में नाग पंचमी के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शाहनवाज अली डॉ अमित कुमार लोहिया मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा डॉ अमानुल हक डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि नाग पंचमी भारत का एक प्रमुख त्योहार है।
हिन्दी पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है । उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है।
नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने या प्रत्यूर्जता से उनकी मृत्यु भी हो जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध से स्नान कराने को कहा गया है। इस दिन नवनाग की पूजा की जाती है।
आज के पावन पर्व पर वाराणसी (काशी) में नाग कुआँ नामक स्थान पर बहुत बड़ा मेला लगता है। भारत के विभिन्न जगहों पर मेलों का आयोजन किया जाता है।
किंवदन्ति है कि वाराणासी के इस स्थान पर तक्षक गरूड़ जी के भय से बालक रूप में काशी संस्कृत की शिक्षा लेने हेतु आये, परन्तु गूरू पत्नी के सखियों से तक्षक रुपी बालक के बारे में बतलाने के कारण गरूड़ जी को इसकी जानकारी हो गयी,और उन्होंने तक्षक पर हमला कर दिया, परन्तु अपने गुरू जी के प्रभाव से गरूड़ जी ने तक्षक नाग को अभय दान कर दिया, उसी समय से यहाँ नाग पंचमी के दिन से यहाँ नाग पूजा की जाती है।
यह मान्यता है, कि जो भी नाग पंचमी के दिन यहाँ पूजा अर्चना कर नाग कुआँ का दर्शन करता है, उसकी जन्मकुन्डली के सर्प दोष का निवारण हो जाता है। नागपंचमी के ही दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुश्ती एवं विभिन्न सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है ।जिसमें आसपास के लोग भाग लेते हैं। गाय, बैल आदि पशुओं को इस दिन नदी, तालाब में ले जाकर नहलाया जाता है। महाराष्ट्र के बत्तीस शिराळा गांव में सर्प प्रदर्शन होता हैं।
Aug 22 2023, 09:40