*कृषि विज्ञान केंद्र पर कृषक प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ*
कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित दिलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर आज एससी एसपी योजना अंतर्गत तीन दिवसीय बकरियों के आहार प्रबंधन पर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।इस अवसर पर पशुपालन वैज्ञानिक डॉ शशिकांत ने बताया कि बकरी पालन किसानों के साथ जुड़ा हुआ एक लाभकारी व्यवसाय है जो कम लागत में अधिक मुनाफा देता है।उन्होंने कहा कि बकरी को गरीबों की गाय भी कहा जाता है इसका दूध औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
नवजात बच्चों को सर्वप्रथम बकरी का ही दूध दिया जाता है।उन्होंने बताया कि बकरी को एटीएम मशीन के रूप में जाना जाता है।बकरी आमतौर पर जंगली झाड़ी और खेत मैदान में घूम फिर कर अपना पेट भरती है।इसे गाय की तरह 24 घंटा खूंटी से बांधकर अच्छा से अच्छा पोषक चारा देने के बावजूद बांध कर पालना संभव नहीं है। बकरी पालन की तीन विधियां हैं जिसमें चराकर पालना ,दूसरा खूटे पर बांधकर, कार एवं खूंटे पर बांधकर खिला कर पालना। उन्होंने बताया कि बकरियों को मुख्य दो से तीन प्रकार का चारा दिया जाता है जिसमें हरा चारा, सूखा चारा और दाना जिसमें हरे चारे का विशेष महत्व है इसमें प्रोटीन, खनिज मिश्रण एवं विटामिंस भरपूर मात्रा में होता है।
उन्होंने बताया कि बकरियों को जंगलीघास,पेड़ पौधों की पत्तियां, फलों,सब्जियों के छिलके के अलावा हरा चारा खेत में जाकर भी दिया जाता है। दलहनी फसलों का विशेष रूप जैसे अरहर का छिलका बकरियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने किसानों को पोषक तत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी उन्होंने कहा यदि पोषक तत्व फसल को जैविक विधि से दिए जाते हैं तो उत्पादन गुणवत्ता युक्त होता है।
इस अवसर पर उद्यान वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि फलदार पौधे और सब्जी की खेती से किसान भाइयों को बहुत अधिक लाभ होता है ह्ण किसानों को इस अवसर पर सलाह दी कि वह कम क्षेत्रफल में सब्जी से अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं । केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ राजेश राय ने विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।इस अवसर पर केंद्र के शरद कुमार सिंह, राहुल देव , शुभम यादव एवं श्री भगवान पाल सहित आसपास के कई गांव के अधिक से अधिक किसानों ने सहभागिता की।
Aug 21 2023, 18:19