चलती ट्रेन में अपने सीनियर और 3 यात्रियों की गोली मारकर हत्या के आरोपी RPF कांस्टेबल चेतन सिंह को लेकर खुलासा, उज्जैन में मुस्लिम ऑटो ड्राइवर को
पिछले महीने चलती ट्रेन में अपने सीनियर अधिकारी और 3 यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी RPF कांस्टेबल चेतन सिंह को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आरोप है कि सिंह ने इससे पहले उज्जैन में एक मुस्लिम ऑटो ड्राइवर को परेशान किया और उसे धमकी दी थी। पीड़ित ने कहा कि उसने कई दिनों तक उसे परेशान किया और फिर गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लेकर मारपीट की। पीड़ित का नाम वाहिद खान है। 45 वर्षीय खान ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि उसे आतंकवादी कहकर फंसाने की कोशिश की गई। लगातार दुर्व्यवहार झेलने के बाद खान ने सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पहली शिकायत के एक साल से अधिक समय बाद जांच शुरू हुई और आखिरकार सिंह को गुजरात के भावनगर में ट्रांसफर कर दिया गया।
वाहिद खान की चेतन सिंह से मुलाकात 2016 में हुई जब वो आरपीएफ के डॉग स्क्वाड में तैनात था। खान ऑटो ड्राइवर था और उसका सामान्य पार्किंग स्पॉट उज्जैन रेलवे स्टेशन के 'माल गोदाम' के पास था। वाहिद खान ने कहा, '2016 में एक दिन चेतन सिंह ने मुझे देखा और मुझसे मेरा नाम पूछा। इसके बाद, जब भी वह मुझे देखता तो मुझसे दूर-दूर जगहों पर लेकर जाने के लिए कहता, जिसे वह काम पर जाना बताता था। उसने बमुश्किल कभी पैसे दिए होंगे। सिंह मुझसे अपने घर से सामान लेने और छोड़ने के लिए भी कहने लगा। शुरू में मैंने कुछ नहीं कहा, लेकिन मुझे एहसास होने लगा कि वह मुझे निशाना बना रहा है।'
2017 में क्या हुआ था, खान ने बताया
जनवरी 2017 के अंत या फिर फरवरी की शुरुआत में वाहिद खान 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी को स्कूल से लेने के लिए रेलवे स्टेशन से निकला था। इसी वक्त सिंह उसके ऑटो में कूदकर बैठ गया। खान ने बताया, 'मैंने उससे कहा कि मैं उसके साथ नहीं जा सकता क्योंकि मेरी बेटी इंतजार कर रही है। इस पर वो मुझे गाली देने लगा। उसने मुझे देशद्रोही और आतंकवादी कहा। वह घृणा से भरा हुआ था और बड़बड़ाने लगा। सिंह ने कहा कि मुसलमान आतंकवादी हैं और उनकी असली जगह जेल में है। उसने मुझे बहुत परेशान किया, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सका।'
'घसीटकर RPF चौकी लेकर गया और...'
पीड़ित वाहिद खान ने कहा कि इसके बाद भी चेतन सिंह ने उसे कई बार परेशान किया। खान ने कहा, '2017 की ही बात है। सिंह ने मुझे देखा और हमला करना शुरू कर दिया। वह मुझे घसीटकर आरपीएफ चौकी में लेकर गया। वह मुझे मारता रहा और कहा कि वह मुझे किसी केस में फंसा देगा। मगर, आसपास खड़े लोगों ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद, मैंने फैसला किया कि मुझे कार्रवाई करनी होगी।' खान ने 18 फरवरी को उज्जैन में आरपीएफ अधिकारियों, रेलवे के रतलाम मंडल के अधिकारियों और अन्य सीनियर ऑफिसर्स को शिकायत दर्ज कराई। इसमें उसने कहा कि धर्म के कारण उसे परेशान किया गया है।
मजबूर होकर मुझे करनी पड़ी शिकायत: ड्राइवर
ऑटो ड्राइवर ने कहा, 'शिकायत में मैंने कहा कि उसने मुझे आतंकवादी कहा। सिंह ने मेरी पिटाई की और झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी।' इन शिकायतों के बाद सिंह ने खान को परेशान करना बंद कर दिया। मगर, यह डर था कि वह दोबारा भी ऐसा कर सकता है। खान ने मामले को आगे बढ़ाया और सितंबर 2017 में RTI दायर कर अपनी शिकायत पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी। शिकायत के एक साल बाद RPF कमांडेंट की ओर से जांच का आदेश दिया गया और आरपीएफ अधिकारियों की टीम ने खान का बयान लिया। खान ने कहा, 'मुझे बताया गया कि उन्होंने आरपीएफ नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि सिंह को एक साल की ट्रेनिंग के लिए केरल भेजा गया और फिर उसे भावनगर ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद मैंने उसे कभी नहीं देखा।'
चेतन सिंह के खिलाफ दर्ज हैं और भी मामले
बता दें कि पिछले महीने चलती ट्रेन में फायरिंग करके चार लोगों की हत्या करने वाले कांस्टेबल चेतन सिंह को सर्विस से बर्खास्त कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि आरपीएफ के वरिष्ठ मंडलीय सुरक्षा आयुक्त ने चेतन को बर्खास्त करने का आदेश सोमवार को जारी किया। उन्होंने बताया कि चौधरी पहले कम से कम तीन अनुशासन संबंधी घटनाओं में शामिल रहा था, जिनमें 2017 में एक मुस्लिम व्यक्ति के उत्पीड़न का मामला शामिल है। अधिकारी ने कहा कि सिंह ने गुजरात में अपनी तैनाती के दौरान एक बार एक सहकर्मी को पीटा था। एक अन्य घटना में, उसने एक सहकर्मी के एटीएम कार्ड का उपयोग करके पैसे निकाले थे। उन्होंने कहा कि चेतन सिंह को बर्खास्त करने का फैसला ट्रेन में हुई हत्या की घटना के आधार पर लिया गया है।
Aug 20 2023, 17:02
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