*चर्चित आशा कार्यकर्ती ने घर पर बहू का कराया प्रसव, बिगड़ी हालत उपचार के लिए ले जाते समय हुई मौत,बालक की हत्या के मामले में पूर्व में काट चुकी ह
मिर्जापुर । एक तरफ सरकार जहां सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सभी छोटे बड़े सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और प्रसव पीड़िता को घर से अस्पताल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की है इसके लिए आशा इत्यादि को भी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
एक चर्चित आशा कर्मी की लापरवाही के चलते एक प्रसव पीड़िता की मौत हो गई है जो खुद आशा कर्मी की बहू बताई जा रही है। अस्पताल के बजाय घर पर ही प्रसव कराने के लिए चर्चित आशा कर्मी बालक के हत्या के आरोप में जेल भी जा चुकी है।
जानकारी के अनुसार पड़री थाना क्षेत्र के दुबेपुर महेवा गांव निवासी शांति देवी पत्नी बोधई चर्चित आशा की हत्या में पूर्व में कई महीने की जेल भी काट चुकी है।
15 अगस्त को देर शाम शांति देवी की बहू जो प्रसव पीड़ा से पीड़ित थी, जिसे वह जिला महिला अस्पताल न लाकर घर पर ही उसका प्रसव करा रही थी प्रसव के दौरान बहू की हालत गंभीर हो गई।
जिसे आनन-फानन में उपचार के लिए पक्का पोखरा स्थित एक निजी अस्पताल लाया गया जहां उसने एक कन्या को जन्म दिया, जहां से जच्चा-बच्चा दोनों को लेकर सभी घर के लिए लौट रहे थी कि रास्ते में ही बहू की हालत बिगड़ गई। हालत बिगड़ने पर बहू को लेकर आशा कर्मी जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंची जहां उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया गया। जा रहा है की बहू की रास्ते में ही मौत हो गई थी।
बताया जा रहा है कि शांति देवी की कार्यप्रणाली विवादित रही है।
तकरीबन दो वर्ष पूर्व वह एक 10 वर्षीय बालक के हत्या के आरोप में जेल भी जा चुकी है। कहा जाता है कि यह घर-घर जाकर पैसा लेकर घर पर ही प्रसव कराने का कार्य करती हैं जो सरकार के नियमों के विरुद्ध है। सरकार जहां एक तरफ सुरक्षित और सुविधा ढंग प्रसव कराने के लिए अस्पताल तक आने जाने के लिए एंबुलेंस इत्यादि की सारी सुविधाएं मुहैया करा रही है ।
वही स्वयं आशा द्वारा अपनी ही बहू का घर पर प्रसव कराया जाना न केवल सरकार की स्वास्थ्य नीतियों के खिलाफ है बल्कि अपराध भी है।
Aug 17 2023, 18:53