भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी, जानिए, क्यों इस बार पहले ही कर रही उम्मीदवारों के ना
भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों की तैयारी तेज कर दी है और उम्मीदवारों की पहली सूची का भी ऐलान कर दिया। इस लिस्ट के तहत मध्य प्रदेश में 39 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के भी 21 उम्मीदवारों के नाम घोषित हो गए हैं। भाजपा ने मध्य प्रदेश में जिन 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है, उनमें से तीन महिलाएं हैं। पहली लिस्ट में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का ही नाम शामिल नहीं है। वह बुधनी सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, जो सीहोर जिले का हिस्सा है।
भाजपा ने सतना जिले की चित्रकूट सीट से सुरेंद्र सिंह गहरवार का नाम घोषित किया गया है। इसके अलावा छतरपुर सीट से ललिता यादव को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। सुमावली से अदल सिंह कंसाना और पिछोर से प्रीतम सिंह लोधी को मौका मिला है। प्रीतम सिंह लोधी को वरिष्ठ नेत्री उमा भारती का करीबी माना जाता है। गोहद सुरक्षित सीट से लाल सिंह आर्य, चाचौड़ा से प्रियंका मीणा को उम्मीदवार घोषित किया है।
छत्तीसगढ़ में 21 में से 5 महिला उम्मीदवार, बस्तर से किसे मौका
वहीं छत्तीसगढ़ की बात करें तो वहां भाजपा ने 21 में से 5 महिला उम्मीदवार उतारी हैं। यहां आदिवासी सुरक्षित सीट बस्तर से मनीराम कश्यप को भाजपा ने टिकट दिया है। सुरक्षित सीट मोहला मानपुर से संजीव साहा को मौका मिला है। इसके अलावा अभानपुर से इंद्रकुमार साहू, खैरागढ़ से विक्रांत सिंह, कांकेर से आशाराम नेता को टिकट दिया गया है। रामानुजगंज से रामविचार नेताम को मौका मिला है और प्रतापपुर से शकुंतला सिंह पोर्थे उम्मीदवार बनाई गई हैं। प्रेमनगर से भूलन सिंह मरावी कैंडिडेट घोषित हुए हैं। छत्तीसगढ़ से भी अभी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नाम का ऐलान नहीं हुआ है।
क्यों इस बार भाजपा पहले ही कर रही उम्मीदवारों के नाम घोषित
दरअसल भाजपा ने बुधवार को ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर चुनाव समिति की मीटिंग बुलाई थी। इसमें राज्यों के प्रभारी, होम मिनिस्टर अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी मौजूद थे। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में उम्मीदवारों के नामों पर विचार हुआ था। इसके अलावा मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा हुई कि पहले से ही उम्मीदवार तय कर दिए जाएं ताकि उन्हें क्षेत्र में प्रचार और अपनी ताकत को आजमाने के लिए मौका मिल सके। आमतौर पर भाजपा गुटबाजी से बचने के लिए ऐन वक्त पर नामों का ऐलान करती थी। लेकिन इस बार उसने रणनीति बदलते हुए पहले ही उम्मीदवार घोषित करने का प्लान बनाया है ताकि पहले से ही चुनावी माहौल बनाया जा सके।
Aug 17 2023, 17:31