विपक्षी गठबंधन 'INDIA' में दरार के संकेत, दिल्ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में कांग्रेस, जानें आम आदमी पार्टी का जवाब

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विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में दरार का संकेत मिलने लगे हैं।दरअसल, कांग्रेस दिल्‍ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने बुधवार को बताया कि उनकी पार्टी राजधानी दिल्ली में सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में तीन घंटे चली बैठक में ये फैसला लिया गया है। कांग्रेस के फैसले बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय कर लिया है तो ‘इंडिया’ गठबंधन की मीटिंग में जाने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस का दिल्‍ली की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला गठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और दीपक बारवरिया सहित अन्य नेता मौजूद थे।

 इस बैठक के बारे में कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने विस्तार से बताया। आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर अलका लांबा ने कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। आगे की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। हालांकि, उन्होंने ये साफ कर दिया कि कांग्रेस की तैयारी दिल्ली के सभी सात लोकसभा सीटों पर होगी।

दिल्ली से पहले लोकसभा चुनाव को लेकर 18 राज्यों की मीटिंग हो चुकी है

अलका लांबा ने कहा कि तीन घंटे की मीटिंग की शुरुआत संगठन को लेकर हुई। संगठन की कमजोरियां क्या हैं, उस पर कैसै काम किया जाए , इस पर सुझाव आए कि हम कैसे उसको मजबूत कर सकते हैं। दूसरा सुझाव ये आया कि लोकसभा 2024 की तैयारियां हमें करनी हैं। दिल्ली से पहले लोकसभा की तैयारियों को लेकर 18 राज्यों की मीटिंग हो चुकी है, दिल्ली 19वां राज्य था।

आप का जवाब

कांग्रेस की इस घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि हमारा केंद्रीय नेतृत्व इस पर निर्णय करेगा। हमारी राजनीतिक मामलों की समिति और I.N.D.I.A. गठबंधन एक साथ बैठक करेंगे और इस (चुनावी गठबंधन) पर चर्चा करेंगे

मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, विश्वकर्मा योजना और प्रधानमंत्री ई-बस सेवा को मंजूरी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के मौके पर लाल किले से विश्वकर्मा योजना का ऐलान किया था। इस ऐलान के 24 घंटे के भीतर ही केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है।साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के 100 शहरों में ई-बस चलाने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है।पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए।

करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को मिलेगा फायदा

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इस योजना के संचालन से देशभर के करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को फायदा मिलेगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 32,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ भारतीय रेलवे को लक्षित सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। वैष्णव ने कहा कि उक्त परियोजनाएं, जो पूरी तरह से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर बनाई जाएंगी, भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2,339 किलोमीटर की वृद्धि करेंगी। परियोजनाओं को केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत वित्त पोषण प्राप्त होगा। ये योजनाएं आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करेंगी।

देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी

केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है।उन्होंने कहा कि इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। 57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी।अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। ये योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।

कैग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का मोदी सरकार पर तंज, कहा-तुरंत ईडी की रेड करानी चाहिए

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दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में बड़े गड़बड़झाला का खुलासा है। ये खुलासा ऑडिटर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) की रिपोर्ट से हुआ है। कैग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तंज भरे अंदाज में कैग को देशविरोधी संस्था बताया। साथ ही कहा कि मोदी जी को तुरंत ईडी की रेड करानी चाहिए।

कैग के बहाने कांग्रेस का मोदी सरकार पर तंज

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि तंज कसते हुए कहा कि इस देश में एक देश विरोधी, मोदी विरोधी संस्था है, उसका नाम कैग है. यह संस्था इंटरनेशनल साजिश का शिकार है। इस संस्था ने पिछले कुछ ही दिनों में एक-दो नहीं बल्कि सात-सात बड़े घोटालों का पर्दाफाश किया है। सुप्रीया ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी को तुरंत एक रेड करवानी चाहिए। ईडी, इंकम टैक्स, सीबीआई जिसकी भी कराना चाहें। ताला लगवाएं इस संस्था पर और सीएजी के इनलोगों को जेल भेजने का काम करें। इनलोगों को क्या लग रहा है कि प्रजातंत्र चल रहा है कि आप रिपोर्ट निकालेंगे और सरकार को आईना दिखाएंगे और सवाल पूछेंगे कि ये धांधली कैसे हुई?

प्रधानमंत्री जी आपकी नाक के नीचे सब हो रहा- श्रीनेत

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ये इतने बड़े घोटाले हैं, जिससे आपकी जेब पर असर डाला जा रहा है। सीएजी की रिपोर्ट मोदी जी की छवि ध्वस्त कर देती हैं। सुप्रीया श्रीनेत ने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट में करीब 70-75 हजार किलोमीटर की सड़क बनी थी। इसके लिए कैबिनेट कमेटी इन इकोनॉमिक अफेयर ने फंड दिया गया।लेकिन सड़क बनाने में घोटाला हुआ। जो सड़क 15 करोड़ 37 लाख रुपए प्रति किलोमीटर बननी थी वो बढ़कर 32 करोड़ हो गई। द्वारका एक्सप्रेसवे बनना था खूब भ्रष्टाचार हुआ। 2 किलोमीटर सड़क बनने में 500 करोड़ लग गए, जितने में चंद्रयान चला गया। उन्होंने कहा कि 5 टोल प्लाजा का सीएजी ने ऑडिट किया तो पता लगा कि 132 करोड़ रुपये लूटे गए. आयुष्मान भारत में साढ़े 7 लाख लोगों का एक नंबर से रजिस्ट्रेशन हुआ है। आयुष्मान भारत के तहत 88 हजार उन लोगों का इलाज और भुगतान हुआ जो मर चुके थे। किसके खाते में ये पैसे गए? अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है. जितने नेता, अधिकारी, ट्रस्ट के लोग हैं, सभी जमीन खरीदने में खूब भ्रष्टाचार किया है। अब अयोध्या डेवलपमेंट के नाम पर ठेकेदारों को अनुचित भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान के नाम पर धांधली हो रही है। वृद्धा पेंशन में घोटाला हो रहा है। वृद्धा, विकलांग, विधवा पेंशन का पैसा दूसरे सरकारी खर्च में कर दिया गया। HAL में 154 करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ है उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी आपकी नाक के नीचे सब हो रहे हैं, आप चुप्पी तोड़ेंगे या नहीं?

द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में गड़बड़झाला

बता दें कि हाल ही में कैग की रिपोर्ट में दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के के मुताबिक 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में लागत को बहुत बताया गया है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर अनुमोदित किया गया था, लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 250.77 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से निर्माता कंपनी को लागत राशि की मंजूरी दी गई। यानी आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से स्वीकृत राशि से 14 गुना ज्यादा हो गई।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर बैन हो जाएगा बजरंग दल? दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान

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हिन्दुस्व और हिन्दू राष्ट्र का मामला मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले छाया हुआ है। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो बजरंग दल पर बैन नहीं लगाया जाएगा। उनका कहना है कि बजरंग दल में भी अच्छे लोग हैं।हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दंगों या हिंसा में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी।जिसके बाद देशभर में बीजेपी के नेताओं और बजरंग दल के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

दिग्विजय सिंह आज राजधानी में माता मंदिर चौराहे पर अवंती बाई लोधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह से मीडिया ने हिंदुत्व को लेकर सवाल किया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व शब्द को सावरकर ने ही गढ़ा था। किसी भी तरह का सॉफ्ट या हार्ड हिन्दुत्व नहीं होता है। इसका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है या हिंदू राष्ट्र की शपथ ली है। संविधान की शपथ लेकर जो लोग हिन्दुत्व की बात करते हैं, उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

पार्टी नेता कमलनाथ के बयान का किया बचाव

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के बयान का भी बचाव किया और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है। कमलनाथ ने कहा था कि देश में 80 फीसदी हिन्दू हैं, ऐसे में तो ये हिन्दू राष्ट्र है ही। इसपर दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्या हिन्दुओं की संख्या गिनाना गलत बात है। दिग्विजय ने ये भी कहा कि कुछ लोग मेरे और कमलनाथ जी के बीच में विवाद कराना चाहते हैं, लेकिन हम चार दशक से साथ काम कर रहे हैं और कभी कोई विरोधी सफल नहीं हो पाया है. हम मिलकर काम कर रहे हैं।

शरद पवार को भतीजे अजीत पवार के जरिए मिला मोदी मंत्रिमंडल का ऑफर? संजय राउत ने जूनियर पवार को लेकर कह दी ये बात

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महाराष्ट्र की सियासत हमेशा उफान पर होती है। आए दिन सियासी गलियारों की हलटल तेज हो जाती है। इन दिनों पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और अजित पवार के बीच हुई ‘गुप्त’ बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार की यह मुलाकात महाराष्ट्र की सियासत में चर्चा का विषय बन गई है। तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं।अब इस मुलाकात को लेकर खबरे ये आ रही हैं कि अजित पवार ने शरद पवार को मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए न्योता दिया था।

कहा जा रहा है कि शरद पवार को मनाने के लिए बीजेपी ने अजित पवार के जरिए एक बड़े ऑफर की पेशकश की है। अघाड़ी में सहयोगी कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि बीजेपी ने अजित पवार के जरिए शरद पवार को बड़े ऑफर की पेशकश की है। एक अखबार ने पृथ्वीराज चव्हाण के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि बीजेपी ने शरद पवार को केंद्र में कृषि मंत्री बनाने और नीति आयोग के अध्यक्ष पद का ऑफर दिया है। इसके अलावा सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जयंत पाटिल को मंत्री बनाने की भी पेशकश की गई है।

अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं कि...-राउत

वहीं, इस मामले पर उद्धव गुट के शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जूनियर पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं है जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में शरद पवार गुट के नेताओं को जगह दे दें। सांसद संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से खास बातचीत में कहा, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें। अजित पवार को पवार (शरद पवार) साहब ने बनाया है अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया। 60 वर्ष से भी जयादा समय पवार साहब ने संसदीय राजनीति में बिताया है और 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जो कद है वह बहुत बड़ा है।

अजीत और शरद पवार ने दी सफाई

इससे पहले शरद पवार ने स्पष्ट किया था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ पुणे में हुई उनकी मुलाकात को लेकर विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं है। एमवीए एकजुट है। मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की अगली बैठक का सफल आयोजन किया जाएगा। शरद पवार दोनों ने कहा कि अपने रिश्तेदारों से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है। शरद पवार ने पूछा, 'अजीत पवार मेरे भतीजे हैं। चाचा और भतीजे की मुलाकात को लेकर इतना हंगामा क्यों हो रहा है?

वहीं अत पवार ने बी कहा कि पवार साहब पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ।

पुणे में हुई चाचा-भतीजे की सीक्रेट मीटिंग

बता दें कि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार (12 अगस्त) को पुणे के बिजनेसमैन अतुल चोरडिया के बंगले पर मुलाकात की। चाचा-भतीजे अलग-अलग वजहों से पुणे में थे, इसी दौरान दोनों की यह सीक्रेट मीटिंग हुई। चांदनी चौक ब्रिज उद्घाटन के सिलसिले में अजित पवार पुणे में थे और शरद पवार भी शहर में मौजूद थे। अतुल चोरडिया के घर पर मुलाकात के बाद सबसे पहले शरद पवार बंगले से बाहर निकले और थोड़ी देर बाद भतीजे अजित पवार का काफिला बंगले से निकला।

गौरतलब हो कि हाल ही में अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर पार्टी के 40 विधायकों के साथ बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे। जिस पर बीते दिन से ही खूब राजनीति हो रही है। अजित गुट और शरद गुट दोनों एक दूसरे के आमने-सामने हैं। दोनों वरिष्ठ नेता एनसीपी को लेकर लामबंद हैं। सीनियर पवार गुट के विधायाकों और सांसदों का कहना है कि, शरद पवार जहां हैं वहीं पार्टी है जबकि अजित पवार गुट के नेताओं का कहना है कि, जिस पक्ष में ज्यादा विधायक वहीं पार्टी का असली हकदार है। चाचा-भतीजे की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई है।

राहुल गांधी से अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने निजी मुलाकात की जताई इच्छा, कांग्रेस नेता ने की पुष्टि, पढ़िए, कहां फंसा है पेच


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी

भारत की आजादी के पर्व स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों में मंगलवार को आधिकारिक रूप से शामिल हुए। अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से निजी मुलाकात की इच्छा जताई है। इसकी पुष्टि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी ने की है।

कांग्रेस के वरिष्ठ अधिकारी प्रवीण चक्रवर्ती ने बताया कि भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने भारत दौरे के दौरान निजी तौर पर राहुल गांधी से मुलाकात की इच्छा जताई थी। इसके लिए पार्टी को उनकी तरफ से औपचारिक और आधिकारिक आग्रह मिला था।

चक्रवर्ती ने बताया कि अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने दो दिन पहले हमसे संपर्क किया। उन्होंने राहुल गांधी से निजी तौर पर मुलाकात की इच्छा जताई थी। हमने सकारात्मक जवाब दिया कि एक बार राहुल गांधी के वायनाड से लौटने पर इसे शेड्यूल करने की कोशिश की जाएगी। हालांकि, हमने अमेरिकी सांसदों से राहुल गांधी से निजी मुलाकात के लिए आधिकारिक तौर पर अनुरोध करने को कहा था।

प्राइवेट मीटिंग पर फंसा है पेंच

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें उम्मीद है कि विदेश मंत्रालय इस तरह की निजी बैठक के लिए अनुमति देगा। इस पर चक्रवर्ती ने कहा कि यह विदेश मंत्रालय और अमेरिकी डेलीगेशन के बीच की बात है। हालांकि, मुझे यकीन है कि विदेश मंत्रालय को इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। आखिरकार किसी देश के दौरे पर आए विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के प्रमुख नेता से बैठक की मांग की है।

इससे पहले जब यह पूछा गया कि क्या वह राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं से मिलना चाहते हैं तो इस पर अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा था कि कुछ सांसदों ने उनसे (राहुल गांधी) मिलने की इच्छा जताई थी। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय को इस पर फैसला लेना होगा।

पीएम मोदी के गेस्ट हैं ये सांसद

रो खन्ना ने इससे पहले इंडिया टुडे को बताया था कि अमेरिकी सांसदों का यह प्रतिनिधिमंडल पीएम नरेंद्र मोदी का मेहमान है। उन्होंने कहा था कि मैं और पूरी डेलीगेशन पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय का मेहमान है। इसकी व्यवस्था करने की जिम्मेदारी उनकी है। मैं जानता हूं कि लोगों ने प्रतिनिधिमंडल से मिलने चाहते हैं और हमने इन आग्रहों को विदेश मंत्रालय तक बढ़ा दिया है।

बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से झंडा फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया।

विपक्ष पर निशाना, अनुराग ठाकुर ने कहा, प्रमुख विपक्षी दल के नेता स्वतंत्रता दिवस पर नहीं आते हैं, तो इससे कांग्रेस की मानसिकता पता चलती है


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। हालांकि वहीं अब कांग्रेस के एक कदम से विवाद शुरू हो गया है। दरअसल लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी आमंत्रित किया गया था जबकि वो इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।

अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर साधा निशाना

केंद्र सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल के नेता अगर स्वतंत्रता दिवस पर नहीं आते हैं, तो इससे कांग्रेस की मानसिकता पता चलती है। अनुराग ठाकुर ने कहा, “संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार करना कांग्रेस की आदत बन गई है। इमरजेंसी लगाकर कांग्रेस ने लोकतंत्र को कुचला था। वहीं कल देश की जनता को राक्षस कहकर कांग्रेस ने बता दिया कि वह जनता को कैसे देखते हैं?”

अनुराग ठाकुर ने कहा, “इन घटनाओं से पता चलता है कि कांग्रेसी जब सत्ता में थी तब क्या सोचती थी और जब विपक्ष में है तब उनकी क्या सोच है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रमुख विपक्षी दल के नेता नहीं आते हैं। वह राज्यसभा में भी प्रमुख विपक्षी दल के नेता हैं। अगर वह स्वतंत्रता दिवस पर नहीं आते हैं तो समझ जाइए कांग्रेस की क्या मानसिकता है? जैसे बिन पानी के मछली तड़पती है, वैसे ही विपक्ष तड़प रहा है।

आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए एक्टिव हुई भाजपा, आज अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी

आगामी राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा के लिए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) आज शाम (16 अगस्त) को बैठक करेगी। समिति के सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, CEC के सदस्यों से वर्तमान चुनाव तैयारियों का जायजा लेने, फीडबैक इकट्ठा करने और उम्मीदवारों के चयन सहित पार्टी की रणनीति को आकार देने की उम्मीद है।

समिति के अन्य सदस्यों में भाजपा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह सहित अन्य नेता शामिल हैं। CEC की बैठक आमतौर पर चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही होती है। हालाँकि, इतनी जल्दी बैठक आयोजित करने का पार्टी का निर्णय पांच राज्यों के चुनावों को दिए गए महत्व को उजागर करता है, जो कि सभी महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से पहले विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर है।

सूत्र ने कहा कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक राज्य चुनाव अभियान की निगरानी में केंद्रीय नेतृत्व की अधिक भागीदारी का भी संकेत देती है। जिन राज्यों में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने की उम्मीद है वे हैं छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम। भाजपा केवल मध्य प्रदेश में सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार तथा तेलंगाना में BRS सरकार को हटाने के लिए गहन अभियान चला रही है।

'मैं एक हिन्दू होने के नाते यहाँ आया हूँ..', मोरारी बापू की रामकथा में शामिल हुए ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक

ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने मंगलवार (15 अगस्त) को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित आध्यात्मिक उपदेशक मोरारी बापू की 'राम कथा' में भाग लिया। मुरारी बापू की कथा समाप्त होने पर पीएम सुनक वहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह वहां एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि एक हिंदू के तौर पर हैं।

इसके बाद सुनक ने कहा कि, 'आज भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में मोरारी बापू की राम कथा में शामिल होना वास्तव में सम्मान और खुशी की बात है।' उन्होंने मोरारी बापू से कहा कि, बापू, मैं आज यहां एक प्रधान मंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक हिंदू के रूप में आया हूं! भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने कहा कि उनके लिए, आस्था बहुत व्यक्तिगत है, और यह उनके जीवन के हर पहलू में उनका मार्गदर्शन करती है। एक वीडियो में कार्यक्रम में सुनक 'जय सिया राम' का नारा लगाते भी दिखाई दे रहे हैं। UK के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने मंच पर पृष्ठभूमि में चित्रित भगवान हनुमान के एक चित्र का उल्लेख किया और कहा कि "जैसे बापू की पृष्ठभूमि में एक स्वर्ण हनुमान है, मुझे गर्व है कि 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मेरी मेज पर एक स्वर्ण गणेश प्रसन्नतापूर्वक बैठे हैं।" सुनक ने कहा कि साउथ हैम्पटन में अपना बचपन बिताने से पहले उन्हें ब्रिटिश और हिंदू होने पर गर्व था, जहां उन्होंने अपने भाई-बहनों के साथ अपने पड़ोस के मंदिर का दौरा किया था।

अपनी समापन टिप्पणी में, पीएम सुनक ने कहा कि भगवान राम हमेशा उनके लिए एक प्रेरणादायक व्यक्ति रहेंगे। उन्होंने कहा कि, "मैं आज यहां से उस रामायण को याद करते हुए जा रहा हूं जिस पर बापू बोलते हैं, साथ ही भगवद गीता और हनुमान चालीसा को भी याद करते हुए। और मेरे लिए, भगवान राम हमेशा जीवन की चुनौतियों का साहस के साथ सामना करने, विनम्रता के साथ शासन करने और काम करने के लिए एक प्रेरणादायक व्यक्ति रहेंगे। निःस्वार्थ भाव से।" अंत में सुनक ने मंच पर आरती में हिस्सा लिया. मोरारी बापू ने उन्हें ज्योतिर्लिंग राम कथा यात्रा के पवित्र प्रसाद के रूप में सोमनाथ मंदिर से एक पवित्र शिवलिंग भेंट किया।

तेलुगु देशम पार्टी के एक बार फिर एनडीए में शामिल होने की चर्चा तेज, जानें पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने क्या कहा?

#chandrababu_naidu_on_rejoining_nda_alliance

आंध्र प्रदेश की तेलुगु देसम पार्टी के नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) में फिर शामिल होने की चर्चा ने एक बार फिर जोर पकड़ा है। राजनीति गलियारों में जोरो-शोरों से चर्चा बनी हुई कि टीडीपी जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकता है। हालांकि अटकलों के बीच, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने सही समय आने पर बात करने को कहा है।

15 अगस्त को विशाखापत्तनम में आयोजित एक कार्यक्रम में विजन-2047 डॉक्यूमेंट रिलीज करने के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात कर रहे थे। इस दौरान जब उनसे एनडीए में शामिल होने के प्लान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, एनडीए सरकार में शामिल होने के बारे में बात करने के लिए ये सही समय नहीं है। मैं सही समय पर इस बारे में बात करूंगा।

नायडू ने आगे कहा कि 2024 में राष्ट्रीय राजनीति के लिए उनकी भूमिका बिल्कुल स्पष्ट है। टीडीपी प्रमुख ने कहा, मेरी प्राथमिकता आंध्र प्रदेश है। यह मेरा बड़ा एजेंडा है, मैं राज्य के पुनर्निर्माण और पुनर्निर्माण के लिए तैयारी करूंगा।

नायडू ने जून में नड्डा और शाह से की थी मुलकात

इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने जून में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलकात की थी। इसके बाद से ही 2024 लोक सभा चुनावों से पहले टीडीपी की एनडीए में वापसी के कयास तेज हो गए हैं।

2019 चुनावों से पहले छोड़ा था एनडीए

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान करीब दस साल बाद चंद्रबाबू नायडू की पार्टी एनडीए में लौटी थी। 2014 का चुनाव दोनों दलों ने साथ मिलकर लड़ा। लेकिन, 2018 आते-आते दोनों के रास्ते अलग हो गए। टीडीपी ने 2019 चुनावों से पहले एनडीए गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया था। बात फरवरी 2018 की है। संसद का बजट सत्र चल रहा था। चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हंगामा कर रही थी। बजट में नायडू की पार्टी की मांग का कोई जिक्र नहीं होने के बाद दोनों दलों में तल्खी बढ़ गई। मार्च खत्म होते दोनों दलों के रास्ते अलग हो गए। यहां तक कि टीडीपी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तक लेकर आ गई थी। पांच साल बाद एक बार फिर दोनों दलों के साथ आने की सुगबुगाहट हो रही है।