बिजली-पानी की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने कोल अधिकारियों को कमरे में बनाया बंधक


कतरास(धनबाद). बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र के न्यू आकाशकिनारी कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी अवधेश सिंह व कोलियरी इंजीनियर योगेश कुमार को बिजली-पानी को लेकर बुधवार को कमरे में बंधक बना लिया. 

करीब दो घंटे तक दोनो अधिकारी बंधक बने रहे. बाद में आश्वासन पर आंदोलनकारी मान गये. आंदोलनकारियों ने बताया कि तिलताड़ कॉलोनी में दो तीन माह से बिजली समुचित रूप से नहीं मिल रहा है. 

लोग इस उमस भरी गर्मी में परेशान है. लोगों ने बताया कि जब से कॉलोनी बना है. तब से पानी नहीं मिल रहा है.अधिकारी कमीशनखोरी में लिप्त है. 

मौके पर भाजमो के जिलाध्यक्ष उदय सिंह, मंतोष तिवारी, बालेश्वर दुबे, अजय सिंह, सुदय सिंह, सुशील सिंह, शमशाद मिर्जा, केके राय, रातुल राय, आदित्य दसौंधी, कुंदन शर्मा, विजय सिंह आदि थे. पीओ ने बताया कि केबल ब्लास्ट व ओवरहेड में इंसुलेटर खराबी के कारण दिक्कत हुआ. 

ठीकेदार बढ़िया से काम नहीं हो रहा है.

धनंजय हत्याकांड को लेकर लोगों ने झरिया कतरास मोड़ मुख्य मार्ग को जाम कर दिया,गिरफ्तारी की मांग पर पुलिस पर भीड़ ने किया पथराव, कई लोग घायल


धनबाद : धनंजय हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर झरिया कतरास मोड़ मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है. 

कई राहगीर पर आक्रोशित लोगों ने गाड़ियों पर लाठियां बरसाई. जिसके बाद झरिया थाना पुलिस पर भीड़ ने पथराव किया. जिसमें कई लोग घायल भी हुए हैं. कई वाहन को भी पलटा है.

 पुलिस ने लाठीचार्ज किया. भीड़ तितर-बितर दोनों पक्षों से रुक रुक के पथराव हो रहा है.

बिजली-पानी की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने कोल अधिकारियों को कमरे में बनाया बंधक

कतरास(धनबाद). बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र के न्यू आकाशकिनारी कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी अवधेश सिंह व कोलियरी इंजीनियर योगेश कुमार को बिजली-पानी को लेकर बुधवार को कमरे में बंधक बना लिया. 

करीब दो घंटे तक दोनो अधिकारी बंधक बने रहे. बाद में आश्वासन पर आंदोलनकारी मान गये. आंदोलनकारियों ने बताया कि तिलताड़ कॉलोनी में दो तीन माह से बिजली समुचित रूप से नहीं मिल रहा है. 

लोग इस उमस भरी गर्मी में परेशान है. लोगों ने बताया कि जब से कॉलोनी बना है. तब से पानी नहीं मिल रहा है.अधिकारी कमीशनखोरी में लिप्त है. 

मौके पर भाजमो के जिलाध्यक्ष उदय सिंह, मंतोष तिवारी, बालेश्वर दुबे, अजय सिंह, सुदय सिंह, सुशील सिंह, शमशाद मिर्जा, केके राय, रातुल राय, आदित्य दसौंधी, कुंदन शर्मा, विजय सिंह आदि थे. पीओ ने बताया कि केबल ब्लास्ट व ओवरहेड में इंसुलेटर खराबी के कारण दिक्कत हुआ. 

ठीकेदार बढ़िया से काम नहीं हो रहा है.

मिजोरम को लेकर बीजेपी नेता के दावे का सचिन पायलट ने दिया करारा जवाब, कहा- मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन...


मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बीच मिजोरम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावे का करारा जवाब दिया है। अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे। इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं।

सचिन पायलट ने अमित मालवीय के ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने लिखा, 'स्व. राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द।'

इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया था। मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।"

बता दें कि मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे। आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है।

अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेता और मंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे 'सदैव अटल'

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्य भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि है। इस मौके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने सुबह-सुबह अटल स्मृति पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी। 

दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज उनकी समाधि 'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

एनडीए गठबंधन के भी नेताओं का लगा जमावड़ा

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर बीजेपी की ओर से दिल्ली में अटल स्मृति पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें औपचारिक तौर पर गठबंधन के भी नेताओं को भी बुलाया गया है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनीलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और हम नेता जीतन राम मांझी सहित अन्य एनडीए नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि अटल जी की पुण्यतिथि पर मैं देश के 140 करोड़ लोगों के साथ उन्हें नमन करता हूं। भारत को उनके नेतृत्व से काफी फायदा मिला, उन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया और 21वीं सदी के भारत की नींव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 में हुआ था, वह लंबे वक्त से बीमार थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, साल 1998 से लेकर 2004 तक उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा किया था। अटल ने सबसे पहले 1996 में 13 दिन, 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में 5 साल तक अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार वो लोकसभा सांसद चुने गए जबकि 2 बार राज्यसभा सांसद चुने गए।

अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा के सर्वोच्च नेताओं में से एक माना जाता है, जिनकी अगुवाई में बीजेपी का उदय हुआ और सत्ता तक का सफर तय हुआ। वाजपेयी को पार्टी को उनके आधार से परे लोकप्रिय बनाने और छह साल तक सफलतापूर्वक गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है, इस दौरान उन्होंने सुधारों को आगे बढ़ाया और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया।

अमिताभ चौधरी की पहली पुण्य तिथि आज: बेटे ने रांची डीसी को लिखा पत्र स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम को रोकने का किया अनुरोध

झारखंड में देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम देने वाले अमिताभ चौधरी की आज पुण्य तिथि आज है।उनकी पुण्यतिथि पर जेएससीए प्रबंधन ने स्टेडियम परिसर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किया है। वहीं जेएससीए के इस कार्यक्रमों का अमिताभ चौधरी के बेटे अभिषेक चौधरी ने विरोध किया है। उन्होंने जेएससीए परिसर में होने जा रहे इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए रांची के उपायुक्त को पत्र लिखा है।

जेएससीए के द्वारा परिसर में अमिताभ चौधरी की प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर उनके बेटे ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस बारे में उनके बेटे अभिषेक चौधरी का कहना है कि पिता अमिताभ चौधरी, व्यक्ति पूजा और बाहरी आडंबर के घोर विरोधी थे। उनके लिए कर्म ही पूजा थी।

 कार्य के प्रति एकनिष्ठा व समर्पण अदभुत था। उन्होंने जेएससीए परिसर में होने वाले ऐसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए रांची के उपायुक्त को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जेएससीए उनके पिता की पुण्य तिथि पर कार्यक्रम कराने में लगा हुआ है। आज जेएससीए वही सब काम कर रहा है, जिससे उनके पिता हमेशा दूर रहते थे। 

उन्होंने इन कार्यक्रमों को रोकने के लिए कहा है। अभिषेक चौधरी ने जेएससीए और सीसीसी पर निजी शोक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करने का भी आरोप लगाया है।

अभिषेक चौधरी के द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद रांची के उपायुक्त राहुल सिन्हा ने कार्रवाई करते हुए जेएससीए को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उनके लिए इस तरह के धार्मिक अनुष्ठान और गतिविधियां करना गैरकानूनी है। उन्होंने जेएससीए को अपने खर्च पर बनारस से बुलाए गए पंडित को वापस भेजने का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि कोई भी अवैध धार्मिक गतिविधि न हो। जिला प्रशासन ने पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की तैनाती का आदेश दिया है।

चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, आखिरी ऑर्बिट में ली एंट्री, अब 23 अगस्त का इंतजार

#chandrayaan_3_successfully_completes_fifth_and_final_maneuver_to_reach_moon

चंद्रयान-3 चांद के और करीब पहुंच गया है।चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।जी हां, चंद्रयान-3 आज चंद्रमा के आखिरी ऑर्बिट में पहुंच गया है। इसरो ने इसकी जानकारी दी है।इसरो ने ट्वीट कर बताया कि रफ्तार बढ़ाने के लिए की गई आज की सफल फायरिंग थोड़े समय के लिए आवश्यक थी। इस फायरिंग ने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किलोमीटर से 163 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया है।यह वो पल है जहां से चंद्रयान की यात्रा में महत्वपूर्ण लेकिन निर्णायक बदलाव होने हैं। 

इसरो के मुताबिक, इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद वह लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।इसरो ने बताया कि अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं। लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है।

इसरो ने ट्वीट में कहा गया है कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। अब उसकी दूरी 153 km x 163 km रह गई है। यहां से लैंडर को अलग किया जाएगा और इस मिशन का कैरियर 17 अगस्त से एक और राउंड पूरा करने के बाद अपनी अलग-अलग यात्रा शुरू करेंगे। अगर सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा।

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। चंद्रयान-3 का मिशन न सिर्फ अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन है बल्कि इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें करना भी है।

‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।चंद्रयान-3 ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में एंट्री की थी तो उसकी ऑर्बिट 164 Km x 18,074 Km थी।ऑर्बिट में प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं। इसरो में ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर शेयर किया था।पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया।

मिजोरम को लेकर बीजेपी नेता के दावे का सचिन पायलट ने दिया करारा जवाब, कहा- मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन...

#sachin_pilot_replied_on_amit_malviya_claims 

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बीच मिजोरम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावे का करारा जवाब दिया है। अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे। इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं।

सचिन पायलट ने अमित मालवीय के ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने लिखा, 'स्व. राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द।'

इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया था। मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।"

बता दें कि मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे। आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है।

दो लोगों की मौत से धनबाद के झरिया में स्थिति बेकाबू, पोकलेन में लगायी आग, पुलिस ने की फायरिंग

धनबाद : झारखंड के धनबाद जिले के झरिया के लोदना क्षेत्र के कुजामा अंतर्गत संचालित एटी देव प्रभा आउटसोर्सिंग परियोजना में मंगलवार को ओबी डंपिंग करने के दौरान भारी वाहन हॉलपेक की चपेट में आकर कंपनी के कैंपर वाहन चालक लोदना श्रमिक कल्याण निवासी जया चौहान व इंचार्ज भूली निवासी राजा कुमार की मौत मौके पर हो गयी.

कैंपर पूरी तरह चपटा हो गया. घटना की सूचना पर आक्रोशित लोगों ने हॉलपेक व अन्य वाहन में तोड़फोड़ कर दी और पोकलेन में आग लगा दी. लोदना पुलिस के साथ ग्रामीण की नोंकझोंक हो गयी. ग्रामीण काफी आक्रोशित थे. भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग भी की. 

ग्रामीण किसी की बात सुनने को तैयार नहीं

हालात पर काबू पाने के लिए कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. बताया जा रहा है राजा कुमार ओबी डंपिंग का निरीक्षण कर वापस आउटसोर्सिंग लौट रहा था. तभी पांडेबेरा जोड़ियां के समीप हॉलपेक ने कैंपर में टक्कर मार दी. इससे दोनों लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. ग्रामीणों में भी आक्रोश है. लोगों ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनी व प्रबंधन ने बस्ती के बीच से भारी वाहन के लिए रास्ता निकाला है. लोग रास्ता को बंद करने की मांग कर रहे हैं. आक्रोशित लोगों ने पुलिस को भी खदेड़ दिया. माहौल काफी तनावपूर्ण है. ग्रामीण किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं.

नशा मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ

नशा मुक्ति जागरूकता अभियान के लिए उपायुक्त द्वारा जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना

धनबाद : समाज में नशे की बीमारी एवं लत को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से नशा मुक्त भारत अभियान का शुभारम्भ उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री वरुण रंजन द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जागरूकता रथ को परिसदन भवन से हरी झंडी दिखा कर किया गया।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, भारत सरकार के निर्देशानुसार समाज कल्याण विभाग, धनबाद द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के उद्देश्यों में जागरूकता सृजन कार्यक्रमों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों को लक्षित करने, समुदायों में आश्रित आबादी की पहचान करने, परामर्श और उपचार सुविधाएं प्रदान करने और सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण जैसी गतिविधियों के माध्यम से मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में जागरूकता किया जाएगा।

मौके पर उपायुक्त श्री वरुण रंजन, उप विकास आयुक्त श्री शशि प्रकाश सिंह, वन्य प्रमंडल पदाधिकारी श्री विकास पालीवाल, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री कमलकांत गुप्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती स्नेह कश्यप, बाल संरक्षण पदाधिकारी समेत अन्य मौजूद रहे।