स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न केंद्रीय और राज्य बलों के 954 पुलिस कर्मियों को सेवा पदक देने का हुआ एलान, बिहार पुलिस के 21 पुलिसकर्मी के नाम शामिल

डेस्क : स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न केंद्रीय और राज्य बलों के 954 पुलिस कर्मियों को सेवा पदक देने की सोमवार को घोषणा की गई। इसमें बिहार पुलिस से जुड़े हुए 21 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इसमें वीरता के लिए पुलिस पदक से 2 पुलिसकर्मी, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से 2 पुलिसकर्मी और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से 17 पुलिस वालों को सम्मानित किया जाएगा।

वीरता के लिए पुलिस पदक पाने वाले बिहार के पुलिस कर्मियों में एसपी सुशील कुमार (आईपीएस) और सब इंस्पेक्टर अनिरुद्ध कुमार शामिल है। वहीं विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक पाने वालों में प्रीता वर्मा, डीजी (प्रशिक्षण) और अमरेंद्र कुमार अम्बेडकर, डीजी, (बीएसएपी) शामिल हैं।

सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक पाने वाले 17 पुलिस वालों में राजेश कुमार, एसपी, मधेपुरा, संजय भारती, रेल एसपी, कटिहार, अंजनी कुमार, एस.डी.पी.ओ., सोनपुर, संतोष कुमार, एस.डी.पी.ओ., सदर छपरा, अजय कुमार, एएसपी, पटना, संजय कुमार पांडे, एस.डी.पी.ओ., सदर समस्तीपुर, वीरेन्द्र कुमार मेधावी, पुलिस निरीक्षक, एस.टी.एफ., पटना, बिन्नू रजक, एएसआई, सीआईडी, पटना, एमडी गुलाम मुस्तफा, एसआई, एसएसपी कार्यालय, पटना, एमडी इस्तखार खान, एसआई सीआईडी, पटना, अंगद सिंह यादव, हवलदार, डुमराँव बक्सर, राहुल कुमार, एएसआई सीआईडी, पटना, इंद्र कमल झा, एएसआई, प्रोहिबिशन यूनिट सीआईडी पटना, विजय कुमार सिंह, हवलदार, एस।टी।एफ।, पटना, अमरेन्द्र कुमार मिश्रा, कांस्टेबल, नालन्दा, राहुल कुमार, कांस्टेबल, सीआईडी पटना, शंभु कुमार, कांस्टेबल, मुंगेर पुलिस बल शामिल हैं।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति का वीरता के लिए पुलिस पदक (पीपीएमजी) और वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) जीवन और संपत्ति को बचाने, अपराध को रोकने या अपराधियों को गिरफ्तार करने में विशिष्ट वीरता के आधार पर प्रदान किया जाता है।

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएम) पुलिस सेवा में विशेष विशिष्ट रिकॉर्ड के लिए प्रदान किया जाता है।

वहीं सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएम) संसाधन और कर्तव्य के प्रति समर्पण की विशेषता वाली मूल्यवान सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।

जनता के दरबार में हाजिर है सीएम नीतीश कुमार, फरियादियों की शिकायत सुन कार्रवाई का दे रहे निर्देश

डेस्क : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज एक बार फिर से जनता के दरबार में हाजिर होकर राज्य के तमाम जिलों से आए हुए फरियादियों की शिकायतों को सुन उसका निपटारा करने का आदेश जारी कर रहे है।

आज के जनता दरबार में मुख्येमंत्री नीतीश कुमार स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त एवं श्रम संसाधन विभाग से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे है।

सीवान से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे गांव में ग्रामीण सड़क आज तक नहीं बनी है। यह शिकायत सुनकर सीएम नीतीश ने ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को फोन लगाकार कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सिवान से आये हैं। यह कह रहे हैं कि सड़क ही नहीं बनी है। आखिर सड़क क्यों नहीं बनी है। इसको तुरंत दिखवाइए। 

वहीं कटिहार से आये एक शख्स ने भी शिकायत की। हमारे गांव में सड़क नहीं बना है। इस पर भी मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को फोन लगाया।

*भाजपा की नई टीम में तेली समाज की अनदेखी से तेली वैश्य समाज नाराज, समाज के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम बहादुर प्रसाद गुप्ता ने पार्टी नेतृत्व से

शिवहर : बिहार प्रदेश में भाजपा की नई टीम का गठन किया गया है। जिसमें तेली वैश्य समाज की अनदेखी की गई है। युक्त बातें अखिल भारतीय तेली महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सह वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष संपूर्ण वैश्य समाज डॉ राम बहादुर प्रसाद गुप्ता ने कही है।

उन्होंने कहा है कि आबादी के अनुपात में तेली समाज की घोर उपेक्षा की गई है। तेली वैश्य समाज की संख्या के आधार पर उसे नई टीम में जगह मिलनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। 

डॉ गुप्ता ने कहा है समाज की इस अनदेखी का व आने वाले लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में पार्टी पर इसका प्रति कुल प्रभाव पड़ेगा। साथ ही पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

 उन्होंने पार्टी नेतृत्व से आग्रह किया है कि इस पर पुनर्विचार किया जाए ,अन्यथा आनेवाले समय में पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ेगा ।

हालांकि उन्होंने बताया हमारा शुरू से ही पार्टी से संवेदना रही है तथा पार्टी के लिए काम करता रहा हूं। इसलिए भारतीय जनता पार्टी से लगाव है। इसलिए पार्टी नेतृत्व से विनम्र आग्रह है कि उक्त बातो पर पुनः विचार कि जाएI

77वें स्वतंत्रता दिवस मुख्य राजकीय समारोह की तैयारियां पूरी, कल 15 अगस्त को गांधी मैदान में सुबह 9 बजे सीएम करेंगे झंडोत्तोलन

डेस्क : राजधानी पटना के गांधी मैदान में होने वाले 77वें स्वतंत्रता दिवस मुख्य राजकीय समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सीएम नीतीश कुमार कल 15 अगस्त की सुबह नौ बजे झंडोत्तोलन करेंगे।

इससे पहले रविवार को परेड के अंतिम पूर्वाभ्यास का प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि ने निरीक्षण किया तथा सलामी ली। आयुक्त ने सभी अधिकारियों को मुस्तैद रहने क आदेश दिया। सुरक्षा की दृष्टि से गांधी मैदान के आसपास 51 जगहों पर 87 मजिस्ट्रेट की तैनाती रहेगी।

आयुक्त ने कहा कि गांधी मैदान में मुख्य राजकीय समारोह हो रहा है। बरसात के मौसम को देखते हुए समारोह की तैयारी की जा रही है। आमलोगों के लिए वाटरपूफ्र पंडाल बनाया जा रहा है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि गांधी मैदान को सुरक्षा की दृष्टिकोण से चार जोन में बांटा गया है।

कल 15 अगस्त की सुबह छह बजे से ही मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी अपने स्थान पर तैनात रहेंगे। जिला नियंत्रण कक्ष में तीन पालियों में 24 मजिस्ट्रेट की तैनाती रहेगी। पूरे गांधी मैदान को चार जोन में बांटकर वरीय पदाधिकारियों के नेतृत्व में निर्धारित मानकों के अनुसार सम्पूर्ण तैयारी की गयी है। 

डीएम ने बताया कि लगभग 60 हजार वर्ग फुट में दर्शक दीर्घा के ऊपर शेड का निर्माण किया जा रहा है। गांधी मैदान में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनसे निगरानी की जाएगी। आम जनता का प्रवेश गांधी मैदान के गेट नंबर 4, 6 एवं 7 से होगा। मीडिया कर्मियों का प्रवेश गेट नंबर नौ और आमंत्रित और विशिष्ट अतिथियों का प्रवेश गेट नंबर 10 से होगा। गांधी मैदान में प्रवेश करने वाले वाहन एवं सभी उपकरणों की एंटी-सैबोटाज जांच की जाएगी।

दरभंगा एम्स को लेकर प्रदेश में सियासत जारी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने राज्य सरकार पर साधा यह बड़ा निशाना

डेस्क : बीते शनिवार को पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि दरभंगा एम्स की शुरुआत हो चुकी है। उनके इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गरम हो गई। प्रदेश की सत्तारूढ़ महागठबंधन ने पीएम के बयान पर आपत्ति जताई और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने पीएम के दावों को झूठा कहा। वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत कई नेताओ ने इसे लेकर पीएम मोदी और केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। 

वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी की ओर से भी महागठबंधन पर पलटवार किया जा रहा है। बीजेपी ने राज्य सरकार पर एम्स के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराने समेत कई आरोप लगाए है। 

इसी कड़ी भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को कुछ पता नहीं है। सब बस गीदड़ की तरह बोले जा रहे हैं। अगर यह उत्तर प्रदेश में होता तो योगी सरकार कब का बुलडोजर चलवा चुके होते और एम्स बनकर चल भी रहा होता।

वही हुकुमदेव यादव ने कहा की भारत सरकार ने जिस समय दरभंगा एम्स के लिए मंजूरी दिया था। उससे पहले दरभंगा डीएमसीएच को पूरा सर्वे करने के बाद भारत सरकार की टीम ने डीएमसीएच परिसर को ही डेवलप कर एम्स बनाने की दिशा में कदम रखा। क्योकि DMCH के पास में जमीन है और यह चारों तरफ से सुविधाजनक स्थान पर है। दरभंगा जंक्शन हिंदुस्तान के लगभग सभी मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है। इन सब बातों की इनको पता नही है और राजनीति करने में लगे हुए हैं। उनको जानकारी है नहीं, किसी चीज का और गीदड़ के जैसे बोलने लगते हैं। जैसे उनका कोई एक नेता कहता है हुआ हुआ। तो सभी पीछे से हुआ हुआ करने लगते हैं। 

वही हुकुमदेव यादव ने कहा कि DMCH के जमीन को जो लोग इन्क्रोच किए हुए हैं। उसका इंकोच करने वाले लोग बड़े लोग हैं और उनका संबंध राजनीतिक नेताओं से है। कौन दल के नेता है या नहीं है यह भगवान जाने। वही दूसरी तरफ जो माले ग्रुप है। उसने उस समय जमीन को इंकरोच करवाने वाले में कुछ झुगी झोपड़ी गरीब को बनवा कर, बाकी कुछ महल भी बना लिया। अगर DMCH की यह जमीन उत्तर प्रदेश में होती तो योगी कब न बुलडोजर चलवा कर ध्वस्त कर दिए होते और यहां पर एम्स बनकर तैयार हो गया होता।

बीजेपी ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बताया पूरी तरह फेल, इन मामलों की जांच की मांग को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

डेस्क : बिहार भाजपा ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को पूरी तरह फेल और भ्रष्टाचार के चरम पर होने का आरोप लगाया है। वहीं इसे लेकर विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। 

राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन बीजेपी की ओर से कहा गया है कि बिहार में नीतीश-तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार विगत एक वर्ष से सत्ता पर काबिज है। यह एक वर्ष बिहार के लिए काला अध्याय साबित हुआ है। राज्य में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी है. राज्य में लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का काम किया जा रहा है। बिहार में प्रशासनिक अराजकता है। जंगलराज के द्वार पर खड़े बिहार में सैंकड़ो हत्याएं हो रही हैं। अकेले पटना में एक महीने में 30 हत्याएं हुई हैं। बिहार भाजपा ने नीतीश सरकर पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के आरोप लगाया है। हर प्रकार की मांग उठाने वालों पर लाठीचार्च किया जा रहा है। 

बिहार भाजपा ने राज्यपाल से मांग की है कि बिहार में बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार, अराजकता, धार्मिक उन्माद के प्रति कठोर कार्रवाई हो। छात्र युवा और आम जनता की आवाज को लाठी और गोलियों की मार से दबाना बंद करें। बिहार के युवाओं से 10 लाख सरकारी नौकरी का वादा पूरा करे। शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे। भाजपा कार्यकर्त्ता शहीद विजय सिंह के हत्यारों को सजा दे।

नीतीश सरकार में 1700 करोड़ रुपये के सुल्तानगंज- अगुवानी पुल ध्वस्त घटना में संलिप्त भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही जल्द हो। नीतीश सरकार में बालू माफिया, शराब माफिया एवं जमीन माफिया का प्रशासन से गठजोड़ हो जाने के कारण अपराध चरम पर है । भाजपा यह मांग करती है की इन सभी घटनाओं को वर्गीकृत करके न्यायिक जांच करायी जाए।

वहीं भाजपा ने कहा कि 2015-2016 के बजट में भारत सरकार ने 1264 करोड़ के लगत से 750 बेड की दरभंगा एम्स की स्वीकृति दी थी | लेकिन बिहार सरकार के लापरवाही नीतीश कुमार की उदासीनता के चलते अधर में लटका हुआ हैं, जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने एनडीए सरकार में रहते हुए दरभंगा DMCH परिसर के 200 एकड़ जमीन पर एम्स निर्माण हेतु कैबिनेट से पारित करके प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था। भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद DMCH में मिट्टी भराई का काम चालू भी राज्य सरकार द्वारा कर दिया गया था, किन्तु महागठबंधन सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने दरभंगा एम्स को अटकाने के चक्कर में पहले अशोक पेपर मील फिर बागमती नदी के किनारे जहाँ 30 से 40 फीट गहरी खाई हैं, उसमें एम्स निर्माण भी घोषणा कर दी। डी. एम. सी. एच के प्रारम्भिक दो चरण के कार्य प्रारम्भ होने बाद, बार-बार स्थल बदलने का औचित्य नही था। इससे साफ़ हैं की नीतीश कुमार की सरकार बिहार में एम्स निर्माण नहीं करना चाहती हैं।

पटना जिले में 60 महादलित समुदाय के गांव और टोलों में स्वतंत्रता दिवस के विशेष समारोह का होगा आयोजन, बुजुर्ग करेंगे झंडोत्तोलन

डेस्क : राजधानी पटना में स्वतंत्रता दिवस समारोह गांधी मैदान के अलावा जिले के 60 महादलित समुदाय के गांव और टोलों में विशेष तौर पर आयोजित होगा। महादलित समुदाय के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति झंडा फहराएंगे। 

सुरक्षा की दृष्टि से गांधी मैदान को छह जोन में बांटा गया है। स्वतंत्रता दिवस के दिन चप्पे-चप्पे पर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी रहेंगे। मुख्य कार्यक्रम गांधी मैदान में होगा, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार झंडोतोलन करेंगे।

गांधी मैदान के चारों ओर सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। स्वतंत्रता दिवस के दिन वहां वाटर एटीएम, चिकित्सा टीम, 10 एंबुलेंस, डॉक्टर पारा मेडिकल स्टाफ और आवश्यक दवाओं के साथ चिकित्सा टीम रहेगी। 

गांधी मैदान के सभी प्रमुख गेट पर डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। पटना एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस, गार्डिनर रोड एवं अन्य अस्पतालों में इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध रहेगा। दो अग्निशमन टीम भी गांधी मैदान के बाहर रहेगी।

स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर पूरे प्रदेश में पुलिस-प्रशासन को किया गया अलर्ट, राजधानी पटना में 11 सौ से अधिक जवान रहेंगे तैनात

डेस्क : स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर पटना समेत पूरे बिहार में पुलिस-प्रशासन को अलर्ट किया गया है। इसे लेकर पटना में 11 सौ अधिक सुरक्षा जवान तैनात रहेंगे।

एडीजी जितेंद्र गंगवार ने शनिवार को बताया कि छह डीएसपी, 126 अफसर, 422 लाठीबल, 35 सशस्त्रत्त्बल एवं 55 पुलिस कर्मियों को सादे लिवास में प्रतिनियुक्त किया गया है। पुलिस मुख्यालय द्वारा दो कंपनी सशस्त्रत्त्बल एवं तीन कंपनी लाठीबल मुहैया कराया गया है। दो दर्जन से अधिक सशस्त्रत्त् पुलिस कंपनियों को तैयार रहने को कहा गया है। 

गांधी मैदान व आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली है। सुरक्षा के मद्देनजर गांधी मैदान में अस्थाई थाना खोला गया है। एसएसपी के मुताबिक, वहां 24 घंटे कर्मियों की तैनाती की गई है।

वहीं पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के दौरान गांधी मैदान परिसर सहित यहां आने-जाने वाले मार्ग में पुलिसकर्मियों का कड़ा पहरा रहेगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिसकर्मियों सहित अतिरिक्त बल की तैनाती रहेगी। स्वतंत्रता दिवस पर गांधी मैदान में मुख्य समारोह का आयोजन किया जाता है। वहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अलावा झाकियां निकाली जाती है। इस दौरान वीवीआईपी, गणमान्य व आम लोग शिरकत करते हैं।

बड़ी खबर : छह साल से फरार चल रही सृजन घोटाले में आरोपी रजनी को सीबीआई ने गाजियाबाद से किया गिरफ्तार, ट्रांजिट रिमांड पर आज पहुंची पटना

डेस्क : राज्य के बहुचर्चित सृजन घोटाले की सरगना रजनी प्रिया को सीबीआई ने दिल्ली के पास गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके से गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। राजेंद्र नगर के वेद इन्क्लेव से गिरफ्तारी के बाद उसे गाजियाबाद की विशेष अदालत में पेश किया गया। यहां से सीबीआई को उसे दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर बिहार लाने की अनुमति मिल गई। रजनी भागलपुर की सृजन सहयोग समिति की संस्थापक स्वर्गीय मनोरमा देवी की बहू है।

सीबीआई की टीम रजनी प्रिया को लेकर गुरुवार की शाम नई दिल्ली से तेजस एक्सप्रेस से आज पटना आई है। संभवत आज शुक्रवार को उसे पटना कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद उसे भागलपुर ले जाया जाएगा। वहां उससे घोटाले से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी। इस मामले में रजनी प्रिया मुख्य आरोपित है। 

मनोरमा देवी की मौत के बाद सृजन की बागडोर रजनी प्रिया ने पति अमित कुमार के साथ संभाली थी। सृजन की सचिव होने के नाते रजनी 23 मामलों में आरोपी बनाई गई है। घोटाले का खुलासा होने के बाद वह पति और दो बच्चों के साथ फरार हो गई थी। पूछताछ में उसने बताया कि फरारी की अवधि में पति की मौत हो गई। हालांकि सीबीआई इसकी हकीकत पता कर रही है। सीबीआई रजनी से इस बारे में भी पूछताछ करेगी। क्योंकि, अमित भी मुख्य अभियुक्त है और उसके संबंध कई सफेदपोशों व अधिकारियों से थे।

बता दें सृजन घोटाले का खुलासा 2017 में होने के बाद राज्य सरकार की अनुशंसा पर सीबीआई ने जांच शुरू की थी। तभी से वह फरार थी। इस बीच, सीबीआई ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि अब तक की जांच में सृजन में एक हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। इसमें 24 मामले दर्ज किये गए हैं।

बिहार बीजेपी प्रभारी तावड़े का बड़ा बयान, कहा-कुशासन के पथ पर अग्रसर बिहार सरकार

डेस्क: बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े ने प्रदेश के नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार कुशासन के पथ पर अग्रसर है। 

तावड़े नेजारी बयान में कहा कि वर्ष 2020 के चुनाव में भाजपा ने गठबंधन में बड़ी पार्टी होते हुए भी अपने वायदे को निभाया और तीसरे बड़े दल जदयू को सत्ता की चाभी सौंपी।

उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में एक वर्ष में अपराध की घटनाओं में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। रोज हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं। महिलाओं पर अत्याचार और जघन्य अपराध में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। बिहार में पुलिस प्रशासन का इकबाल कम हुआ है। 

बिहार के नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे हैं। अपनी पहली कैबिनेट में ही 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा करने वाले लोग अब उन युवाओं पर लाठी से प्रहार कर रहे हैं। शिक्षक अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज और उसके विरोध में भाजपा द्वारा किए गए प्रदर्शन पर भी लाठी चलाई गई। बिहार की शैक्षणिक स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। भ्रष्टाचार में तेजी से वृद्धि हुई है। 

भाजपा के साथ रहते हुए डबल इंजन की सरकार में जहां बिहार प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा था, वहीं अब बिहार कुशासन की चोट सह रहा है।