*कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा श्रीअन्न (मोटे अनाज) आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का हुआ आयोजन*
कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा जारी निर्देश के क्रम में आज दलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि
घर हो या बाहर हमारे पास भोजन तो उपलब्ध है, लेकिन उसमें जरूरत के हिसाब से पोषक तत्वों की कमी है।
पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा भोजन में रहे, इसके लिए थाली में श्री अन्न होना जरूरी है।भारत की अगुवाई में वर्ष 2023 को पूरी दुनिया मिलेट ईयर के रूप में मना रही है।समय के साथ मिलेट का भोजन की थाली में स्थान कम होता गया इस वर्ष देशभर के लगभग 50 शहरों में जी-20 की बैठकें आयोजित होना हैं, जिनमें विदेशों के लगभग दो लाख लोग भारत आएंगे। प्रधानमंत्री के निर्देशन में जी-20 की बैठकों के माध्यम से भी मिलेट के प्रचार-प्रसार की योजना तैयार की गई है।
जी-20 के सभी कार्यक्रमों में, भोजन में मिलेट को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि जब ये लोग अपने देश लौटे तो यहां से भोजन का अच्छा स्वाद लेकर जाएं और दुनियाभर में भारतीय श्री अन्न को नई पहचान मिलें। इसका लाभ हमारे किसानों व देश को मिलेगा । इसी संबंध में मिलेट को बढ़ावा देने व पोषण से परिपूर्ण परंपरागत व्यंजनों को दोबारा थाली में जगह देने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र, दलीप नगर ने ग्राम जुगराजपुर शिवली, विकासखंड मैथा में श्री अन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया ।
प्रतियोगिता में महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हुए बाजरा व मक्का के परंपरागत व्यंजन महेरी, चौसेला, थालीपीठ, पुआ के साथ नावोन्मेश् करते हुए बाजरा पैन केक, मीठी टिक्की, उत्तपम इत्यादि व्यंजन बना कर प्रदर्शित किये। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान श्रीमती शकुंतला देवी, द्वितीय स्थान मुन्नीदेवी और तृतीय स्थान कुमारी आकांक्षा ने प्राप्त किया ।
प्रतियोगिता में टॉप आठ प्रतियोगियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया । कार्यक्रम की आयोजक केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने कहा मिलेट फसल वर्षा आधारित होती है, जिसे कम खर्च व कम पानी में उगा सकते है। गरीब किसान बंजर धरती में इसका उत्पादन कर सकते है। मिलेट का उपयोग जितना बढ़ेगा, भोजन में उतने पोषक तत्व मिलेंगे, जिसका फायदा लोगों को होगा। मिलेट का उपयोग दुनिया में बढ़ेगा तो प्रोसेसिंग बढ़ेगी, निर्यात बढ़ेगा, जिसका लाभ छोटे किसानों व महिलाओं को होगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में सफलता मिलेगी। कार्यक्रम में गांव के प्रधान श्री राम बालक, सेवानिवृत शिक्षक श्री राम बाबू पाल, प्रोग्रेसिव किसान श्री रवि के साथ केंद्र के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह, मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान, डॉ अरुण कुमार सिंह इत्यादि मौजूद रहे । कार्यक्रम में कुल 20 प्रतियोगियों ने प्रतिभाग किया।
Aug 10 2023, 19:22