*कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा श्रीअन्न (मोटे अनाज) आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का हुआ आयोजन*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा जारी निर्देश के क्रम में आज दलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि

घर हो या बाहर हमारे पास भोजन तो उपलब्ध है, लेकिन उसमें जरूरत के हिसाब से पोषक तत्वों की कमी है।

पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा भोजन में रहे, इसके लिए थाली में श्री अन्न होना जरूरी है।भारत की अगुवाई में वर्ष 2023 को पूरी दुनिया मिलेट ईयर के रूप में मना रही है।समय के साथ मिलेट का भोजन की थाली में स्थान कम होता गया इस वर्ष देशभर के लगभग 50 शहरों में जी-20 की बैठकें आयोजित होना हैं, जिनमें विदेशों के लगभग दो लाख लोग भारत आएंगे। प्रधानमंत्री के निर्देशन में जी-20 की बैठकों के माध्यम से भी मिलेट के प्रचार-प्रसार की योजना तैयार की गई है।

जी-20 के सभी कार्यक्रमों में, भोजन में मिलेट को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि जब ये लोग अपने देश लौटे तो यहां से भोजन का अच्छा स्वाद लेकर जाएं और दुनियाभर में भारतीय श्री अन्न को नई पहचान मिलें। इसका लाभ हमारे किसानों व देश को मिलेगा । इसी संबंध में मिलेट को बढ़ावा देने व पोषण से परिपूर्ण परंपरागत व्यंजनों को दोबारा थाली में जगह देने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र, दलीप नगर ने ग्राम जुगराजपुर शिवली, विकासखंड मैथा में श्री अन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया ।

प्रतियोगिता में महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हुए बाजरा व मक्का के परंपरागत व्यंजन महेरी, चौसेला, थालीपीठ, पुआ के साथ नावोन्मेश् करते हुए बाजरा पैन केक, मीठी टिक्की, उत्तपम इत्यादि व्यंजन बना कर प्रदर्शित किये। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान श्रीमती शकुंतला देवी, द्वितीय स्थान मुन्नीदेवी और तृतीय स्थान कुमारी आकांक्षा ने प्राप्त किया ।

प्रतियोगिता में टॉप आठ प्रतियोगियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया । कार्यक्रम की आयोजक केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने कहा मिलेट फसल वर्षा आधारित होती है, जिसे कम खर्च व कम पानी में उगा सकते है। गरीब किसान बंजर धरती में इसका उत्पादन कर सकते है। मिलेट का उपयोग जितना बढ़ेगा, भोजन में उतने पोषक तत्व मिलेंगे, जिसका फायदा लोगों को होगा। मिलेट का उपयोग दुनिया में बढ़ेगा तो प्रोसेसिंग बढ़ेगी, निर्यात बढ़ेगा, जिसका लाभ छोटे किसानों व महिलाओं को होगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में सफलता मिलेगी। कार्यक्रम में गांव के प्रधान श्री राम बालक, सेवानिवृत शिक्षक श्री राम बाबू पाल, प्रोग्रेसिव किसान श्री रवि के साथ केंद्र के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह, मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान, डॉ अरुण कुमार सिंह इत्यादि मौजूद रहे । कार्यक्रम में कुल 20 प्रतियोगियों ने प्रतिभाग किया।

*सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा ने छात्रावासों की मेस का किया निरीक्षण*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ पीके उपाध्याय ने बताया कि आज सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा श्रीमती शशी पांडेय एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरविंद कुमार गोंड द्वारा विश्वविद्यालय की मेस का औचक निरीक्षण किया गया।

सर्वप्रथम खाद्य सुरक्षा टीम कॉलेज आफ होम साइंस के सरोजनी नायडू गर्ल्स छात्रावास का निरीक्षण किया। जिसमें सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा ने मेस संचालकों को मेस में खाना बनाने की प्रक्रिया, खाने में प्रयोग किए जाने वाले मसालों की गुणवत्ता आदि को परखा। जो मानक अनुरूप पाए गए।खाद्य सुरक्षा टीम ने मेस संचालकों को साफ सफाई के विशेष निर्देश दिए। साथ ही टीम ने छात्र-छात्राओं को भी सफाई के लिए कहा।इस अवसर पर डॉ कौशल कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

*मां का दूध शिशु के साथ भावनात्मक जुड़ाव के लिए आवश्यक: डॉक्टर संगीता सारस्वत*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता गृह विज्ञान डॉक्टर मुक्ता गर्ग ने बताया कि अगस्त माह के प्रथम सप्ताह मे चल रहे विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत महाविद्यालय मे 'अवेयरनेस रिगार्डिंग ब्रेस्ट फीडिंग' विषय पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया।

इस विषय पर मुख्य वक्ता शहर की प्रसिद्ध स्त्री एवं प्रसूति विशेषज्ञया डॉ. संगीता सारस्वत रही, डॉ. सारस्वत द्वारा स्तनपान से माता एवं शिशु को होने वाले लाभ के बारे मे विस्तार बताया कि माँ का दूध शिशु के शारीरिक, मानसिक विकास के साथ भावनात्मक संबध बनाने मे सहायक होता है , एवं वैक्सीन का कार्य करता है।

डॉ. सारस्वत ने बताया गर्भ धारण से जन्म के बाद तक 1000 दिन बालक विकास के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण है। स्तनपान माता को स्वस्थ बनाये रखने के साथ के साथ मातृ मृत्यु दर को कम करने में सहायक होता है। इस दौरान छात्राओं द्ववारा विषय सम्बन्धी समस्याओं पर प्रश्न पूँछे गए।

डॉ. अर्चना सिंह द्वारा सभी का स्वागत एवं एन. एन. एस. प्रोग्राम अफसर रश्मि सिंह द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया। इस अवसर पर संकाय की बी.एस.सी., ए म. एस .सी. की सभी छात्राओं एवं संकायों कि शिक्षिकाओं श्रीमती रेनू, डॉ. ऋतु पाण्डेय ने भाग लिया । वंशिका, नेहा, पूजा,सुमन आदि भी उपस्थति रही।

*दयानन्द गर्ल्स पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव - 2023 शुरू*

कानपुर।दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव - 2023 आज से आरंभ होने वाले मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत आज 9 अगस्त, 2023 को "वीरों को नमन माटी का वंदन" कार्यक्रम के अंतर्गत एनएसएस वॉलिंटियर्स ने वृक्षारोपण कर माटी का वंदन किया तथा अमृत काल के पंच प्रण की शपथ ली।

कार्यक्रम में 50 वॉलिंटियर्स समेत महाविद्यालय के अन्य छात्राओं तथा प्राध्यापिकाओं एवं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

इस आयोजन को सफल बनाने में मुख्य रूप से महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्य प्रो वंदना निगम, कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव एल, एनसीसी प्रभारी डॉ मनीषी पांडे, डॉ अंजना श्रीवास्तव, डॉ साधना सिंह, डॉ उत्तमा, डॉ विमला देवी, डॉ हिना अफशा, डॉ ज्योत्सना आदि प्राध्यापिकाओं का विशेष योगदान रहा।

*उन्नयन के साथ ही तकनीकी विकास पर बनी सहमति*

कानपुर | प्रदेश में उच्चीकृत कृषि तकनीकी मशीनरी एवं कृषि अनुसंधान में सहयोग करने हेतु भारत सरकार के जापान के साथ अंब्रेला एम ओ यू जिसमें प्रदेश सरकार ने भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर ने प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर,फॉरेस्ट्री एंड फिशरीज जापान सरकार के डॉक्टर काजूमी फ्यूजीमोतो असिस्टेंट डायरेक्टर एवं डॉक्टर दैसुकी असानो काउंसलर फॉर इमर्जिंग रीजन डिविजन साउथ एशिया रसिया एक्सपोर्ट एंड इंटरनेशनल ब्यूरो जापान तथा विशेष सचिव कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान अजय कुमार द्विवेदी तथा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह एवं डीन, डायरेक्टर के साथ प्रथम सत्र में कुलपति कमेटी हाल में विस्तार से चर्चा हुई।

जिसमें जापानी तकनीकी,मशीनरी एवं फॉर्म मॉड्यूल के साथ-साथ शिक्षा,अनुसंधान,स्टूडेंट एंड फैकेल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम के साथ ही चावल, मक्का, टमाटर ,आलू ,तिलहन, दलहन आदि की प्रजातियों के उन्नयन के साथ ही तकनीकी विकास पर सहमति बनी है।साथ ही इस बात पर जोर दिया गया है कि जापानी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ विश्वविद्यालय के अधिकारी नियमित ऑनलाइन मीटिंग करते रहेंगे। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान ने बताया कि डॉ दैसूकी असानों ने कहा कि जापान की एक दर्जन कंपनियां अपनी तकनीकी, उत्पाद एवं मशीनरी आदि को फार्म मॉड्यूल के रूप में प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने बताया कि जापान की आईसीनेट कंपनी शीघ्र ही विश्वविद्यालय के सब्जी अनुभाग प्रक्षेत्र पर कार्य प्रारंभ करेगी।

इस मीटिंग के द्वितीय सत्र में सब्जी अनुभाग कल्याणपुर प्रक्षेत्र का जापानी प्रतिनिधिमंडल एवं विश्वविद्यालय अधिकारियों ने भ्रमण किया। यहां पर स्थापित पाली हाउस, संरक्षित खेती, प्रोसेसिंग यूनिट आदि का अवलोकन किया। तथा जिसकी जापानी प्रतिनिधि मंडल द्वारा भूरि भूरि प्रशंसा भी की गई। साथ ही यह भी बताया कि इस तरह के केंद्र उन्होंने पहली बार देखा है ।विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने हेतु अपना प्रस्तुतीकरण किया। कुलपति ने जापानी प्रतिनिधि मंडल को अंग वस्त्र पुष्प कुछ एवं इस प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ पीके उपाध्याय,डॉ पीके सिंह,डॉ डीपी सिंह, डॉक्टर आरके यादव,डॉ राम बटुक सिंह, डॉ सी एल मौर्या, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ विजय कुमार यादव, डॉ मनीष गंगवार, डॉ राजीव, डॉक्टर अनिल कुमार सिंह सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी उपस्थित रहे।

*मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी करौंदा*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर की गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने बताया कि करोंदा मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है उन्होंने कहा की करौंदा एक झाड़ीनुमा पौधा होता है।

करोंदे का प्रयोग अचार और सब्ज़ी बनाने में किया जाता है। इसका पौधा बीज से अगस्त या सितम्बर में 1.5 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसका स्वाद खट्टा होता है स्वभाव से ये गर्म तासीर का होता है पके हुए करोंदे खाने में बहुत अच्छे लगते है करोंदा भूख को बढ़ाता है। और पित्त को शांत करता है यह हृदय के लिए लाभकारी होता है।

करोंदे खाने से रोगप्रतिरोधक क्षमता बड़ती है ।कैल्सीयम होने के कारण यह दांतों के लिए लाभकारी होता है यह मुख को स्वस्थ रखता है इसको खाने से बजन कम होता है तथा हड्डियों को मज़बूती एवं चमकती त्वचा, मुँहासे की रोकथाम, बालों का बडना आदि करोंदा पोषक तत्वों से भरपूर होता है इसमें प्रोटीन 1.1 से 2.2, विटामिन सी 1.6 से 17.9 मिलीग्राम प्रति 100ग्राम, लोहा तत्व 39.1 मिलीग्राम प्रति 100ग्राम, कैल्सीयम 21मिलीग्राम प्रति 100ग्राम, फ़ास्फोरस 38 मिलीग्राम प्रति 100ग्राम पाया जाता है।

इसलिए ये स्वस्थ प्रतिरक्षा का निर्माण करता है ओर शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है साथ ही इसमें मोजूद लोहा हिमोगलोविन की कमी नही होने देता है एस प्रकार से करोंदा हमारे शरीर के लिए अति लाभदायक होता है।

*सीएसए के कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय में बीटेक हेतु प्रवेश का एक और मौका*

कानपुर।चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा संचालित बाबा साहब डा0 भीम राव अम्बेडकर कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, इटावा में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली से अनुमोदित पाठ्यक्रमों बी0टेक0 (इलैक्ट्रानिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इंजी0, कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजी0 तथा मैकेनिकल इंजी0) की 36-36 सीटों में प्रवेश प्रक्रिया उत्तर प्रदेश टेक्नीकल एडमिशन काउन्सलिंग की वेबसाइट www:uptec.admission.nic.in के माध्यम से शुरू हो चुकी है अधिष्ठाता कृषि अभियंत्रण डॉक्टर एनके शर्मा ने बताया कि प्रथम राउण्ड के लिये च्वाइस फिलिंग 10.08.2023 से 13.08.2023 तक होगी तथा सीट एलाटमेन्ट14.08.2023 से 16.08.2023 तक होगा तथा इसी प्रकार द्वितीय राउण्ड की च्वाइस फिलिंग 17.08.2023 से 18.08.2023 से तथा सीट एलाटमेन्ट 19.08.2023 को निर्धारित है।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार बी0टेक (कृषि इंजी0), बी0टेक0 (डेयरी टेक्नोलाॅजी) तथा बैचलर आफ फिसरीज साइंस के लिये द्वितीय आनलाइन रजिस्ट्रेशन07 और 08 अगस्त 2023 को यूपीकैटेट-2023 की वेबसाइट पर पुनः प्रारम्भ होगी जो अभ्यर्थी पूर्व में अपना रजिस्ट्रेशन प्रवेश हेतु नही करा पाये है उनके लिये यह अन्तिम अवसर है वे अपने रजिस्ट्रेशन कराकर उक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त कर सकते है।

विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान ने बताया कि इटावा परिसर समस्त मूलभूत सुविधाओं सहित पूर्णतया हरा-भरा, वाई-फाई युक्त, नेक रैकिंग, सरकारी फीस, रैगिंग मुक्त, छात्र-छात्राअें के लिये अलग-अलग छात्रावास और मेस सहित समस्त भौगोलिक स्थितियों में सुदृण है। तथा इस महाविद्यालय के सम्बन्ध में किसी प्रकार की जानकारी के लिये विश्वविद्यालय द्वारा नामित नोडल अधिकारी के मो0 नं. 8171206510 और 9412396368 तथा इमेल के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

*कृषि मंत्री ने कुलपति एवं कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, कृषक भारती मिलेट्स विशेषांक का किया विमोचन*

कानपुर- चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति सभागार कक्ष में आज प्रदेश सरकार के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने माननीय मंत्री जी को पुष्पगुच्छ एवं अंग वस्त्र देकर स्वागत किया। स्वागत उद्बोधन में कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या को प्रस्तुत किया।

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री जी ने कानपुर को एग्री टूरिज्म के रूप में विकसित किए जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय में सभी रिक्त पदों को शीघ्र अति शीघ्र भरने के लिए भी कहा है। जिससे शिक्षण,शोध एवं प्रसार गतिविधियों में और गतिशीलता लाई जा सके। तथा सभी वैज्ञानिकों से रोडमैप तैयार कर प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है।उन्होंने निदेशक से कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों को एक मॉडल के रूप में विकसित कराएं। विश्वविद्यालय में स्थित बायोटेक्नोलॉजी लैब हेतु योजना बनाकर भेजने के लिए भी कहा है। उन्होंने शिक्षण कार्य में गतिशीलता के लिए कहा कि सेवानिवृत्त प्रोफेसरों के लेक्चर सीरीज अवश्य कराए जाएं।

इस अवसर पर सभी अतिथियों ने प्रसार निदेशालय द्वारा लिखित कृषक भारती मिलेट्स विशेषांक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर कृषि अनुसचिव श्री अशोक कुमार सिंह, निदेशक प्रसार डॉ आरके यादव, अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर सी एल मौर्या, निदेशक शोध डॉ पी के सिंह, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉक्टर विजय कुमार यादव सहित सभी प्रोफेसर एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

*कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के भ्रमण के लिए पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, ज्यादा से ज्यादा पोषण वाटिका बनवाने का निर्देश*

कानपुर- चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर पर आज प्रदेश सरकार के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भ्रमण कर वैज्ञानिकों के साथ समीक्षा की। मंत्री ने वैज्ञानिकों के कार्यो की सराहना करने के साथ गावों में पोषण वाटिका ज्यादा से ज्यादा बनवाने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर मंत्री ने कहा की पोषण वाटिका कुपोषण निवारण के लिए सबसे सशक्त उपाय है। उन्होंने केंद्र पर कराये जा रहे प्राकृतिक खेती के परीक्षण की समीक्षा करते हुए कहा की इसको और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने रासायनिक एवं प्राकृतिक खेती के उत्पादन की व्याख्या करते हुए बताया कि फसल उत्पादन रासायनिक से तीन कुंतल कम होने पर भी गुणवत्ता युक्त प्राकृतिक खेती से उत्पाद पैदा होता है। उन्होंने बताया की रासायनिक उर्वरको व दवाओं पर लगभग 30 -35 प्रतिशत पर खर्च हो जाता है जो पूर्णतया बचता है, जिससे की लागत कम होती है।

मंत्री ने प्रक्षेत्र भ्रमण कर मृदा सुधार हेतु परियोजना बना कर देने हेतु निर्देशित किया। मंत्री जी ने केंद्र पर लगी धान की कैफेटारिया देख कर प्रसन्नता व्यक्त की साथ ही प्रक्षेत्र पर ज्यादा से ज्यादा बुआई कर रेवोल्विंग फंड बढ़ाने के निर्देश दिये।

कार्यक्रम में अधिष्ठाता कृषि डॉ सी एल मौर्या, निदेशक शोध डॉ पी के सिंह, निदेशक प्रसार डॉ आर के यादव एवं केंद्र के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह के साथ केंद्र के समस्त वैज्ञानिक डॉ राजेश राय, डॉ खलील खान, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ शशिकांत, डॉ निमिषा अवस्थी व कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे ।

*फाइलेरिया उन्मूलन में एनएसएस निभायेगा महत्वपूर्ण भूमिका*

कानपुर- उत्तर प्रदेश के तीन लाख बीस हजार एनएसएस स्वयंसेवक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राजधानी लखनऊ में प्रदेश के 27 जनपदों और विभिन्न विश्वविद्यालयों के एनएसएस समन्वयक, नोडल अधिकारियों और कार्यक्रम अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमे एनएसएस राज्य संपर्क अधिकारी प्रो मंजू सिंह, युवा अधिकारी श्री समरदीप सक्सेना के दिशानिर्देशन में छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कार्यक्रम अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

समन्वयक प्रो के एन मिश्रा के नेतृत्व में जिला नोडल अधिकारी डॉ श्याम मिश्रा, डॉ संगीता सिरोही, डॉ नीरज कुमार, डॉ आशीष गुप्ता, डॉ यश कुमार, नोडल कानपुर देहात ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस प्रशिक्षण में फाइलेरिया के फैलाव, एमडीए, क्यूलेक्स मच्छर की रोकथाम जैसे विषयों को पीसीआई, मिलिंडा गेट फाउंडेशन के अधिकारियों और डॉक्टर्स द्वारा विस्तार से समझाया गया।

प्रशिक्षण के बाद अब कानपुर विश्वविद्यालय अंतर्गंत जनपदों के एनएसएस महाविद्यालयों और अन्य महाविद्यालयों में 10 अगस्त से प्रस्तावित एमडीए वितरण में सहयोग देंगे। साथ ही स्वयं दवा खायेंगे और परिवार एवं आसपास के लोगो को दवा सेवन के लिए प्रेरित करेंगे।