*कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के भ्रमण के लिए पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, ज्यादा से ज्यादा पोषण वाटिका बनवाने का निर्देश*

कानपुर- चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर पर आज प्रदेश सरकार के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भ्रमण कर वैज्ञानिकों के साथ समीक्षा की। मंत्री ने वैज्ञानिकों के कार्यो की सराहना करने के साथ गावों में पोषण वाटिका ज्यादा से ज्यादा बनवाने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर मंत्री ने कहा की पोषण वाटिका कुपोषण निवारण के लिए सबसे सशक्त उपाय है। उन्होंने केंद्र पर कराये जा रहे प्राकृतिक खेती के परीक्षण की समीक्षा करते हुए कहा की इसको और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने रासायनिक एवं प्राकृतिक खेती के उत्पादन की व्याख्या करते हुए बताया कि फसल उत्पादन रासायनिक से तीन कुंतल कम होने पर भी गुणवत्ता युक्त प्राकृतिक खेती से उत्पाद पैदा होता है। उन्होंने बताया की रासायनिक उर्वरको व दवाओं पर लगभग 30 -35 प्रतिशत पर खर्च हो जाता है जो पूर्णतया बचता है, जिससे की लागत कम होती है।

मंत्री ने प्रक्षेत्र भ्रमण कर मृदा सुधार हेतु परियोजना बना कर देने हेतु निर्देशित किया। मंत्री जी ने केंद्र पर लगी धान की कैफेटारिया देख कर प्रसन्नता व्यक्त की साथ ही प्रक्षेत्र पर ज्यादा से ज्यादा बुआई कर रेवोल्विंग फंड बढ़ाने के निर्देश दिये।

कार्यक्रम में अधिष्ठाता कृषि डॉ सी एल मौर्या, निदेशक शोध डॉ पी के सिंह, निदेशक प्रसार डॉ आर के यादव एवं केंद्र के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह के साथ केंद्र के समस्त वैज्ञानिक डॉ राजेश राय, डॉ खलील खान, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ शशिकांत, डॉ निमिषा अवस्थी व कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे ।

*फाइलेरिया उन्मूलन में एनएसएस निभायेगा महत्वपूर्ण भूमिका*

कानपुर- उत्तर प्रदेश के तीन लाख बीस हजार एनएसएस स्वयंसेवक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राजधानी लखनऊ में प्रदेश के 27 जनपदों और विभिन्न विश्वविद्यालयों के एनएसएस समन्वयक, नोडल अधिकारियों और कार्यक्रम अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमे एनएसएस राज्य संपर्क अधिकारी प्रो मंजू सिंह, युवा अधिकारी श्री समरदीप सक्सेना के दिशानिर्देशन में छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कार्यक्रम अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

समन्वयक प्रो के एन मिश्रा के नेतृत्व में जिला नोडल अधिकारी डॉ श्याम मिश्रा, डॉ संगीता सिरोही, डॉ नीरज कुमार, डॉ आशीष गुप्ता, डॉ यश कुमार, नोडल कानपुर देहात ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस प्रशिक्षण में फाइलेरिया के फैलाव, एमडीए, क्यूलेक्स मच्छर की रोकथाम जैसे विषयों को पीसीआई, मिलिंडा गेट फाउंडेशन के अधिकारियों और डॉक्टर्स द्वारा विस्तार से समझाया गया।

प्रशिक्षण के बाद अब कानपुर विश्वविद्यालय अंतर्गंत जनपदों के एनएसएस महाविद्यालयों और अन्य महाविद्यालयों में 10 अगस्त से प्रस्तावित एमडीए वितरण में सहयोग देंगे। साथ ही स्वयं दवा खायेंगे और परिवार एवं आसपास के लोगो को दवा सेवन के लिए प्रेरित करेंगे।

*कृषि विज्ञान केंद्रों पर 11 हेक्टेयर में हो रही प्राकृतिक खेती*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर गौ आधारित प्राकृतिक खेती विभिन्न फसलों पर की जा रही है। डॉ सिंह ने बताया कि इस विधि से किसानों की आय में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि इस विधि में देसी गाय के गोबर और गोमूत्र से बनने वाला जीवामृत, वीजामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, घनजीवामृत आदि बनाकर खेती में प्रयोग किया जाता है।जो पोषक तत्वों की फसलों को पूर्ति करते हैं।और जैविक कीटनाशकों के रूप में भी प्रयोग किए जाते हैं जिसे कीट एवं रोग फसल में नहीं लगते हैं। उन्होंने कहा कि इस विधि द्वारा पोषक तत्वों से भरपूर फसल उत्पादन किया जाता है।

निदेशक प्रसार डॉ आरके यादव ने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्रों को मिलाकर लगभग 11 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर आधारित प्राकृतिक खेती वैज्ञानिक कर रहे हैं। जो किसानों के लिए मॉडल के रूप में कार्य कर रहे हैं। डॉ यादव ने बताया कि प्राकृतिक खेती के अन्य लाभों जैसे मिट्टी की और पर्यावरण स्वास्थ्य की बहाली, ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन का निम्नीकरण प्रदान करते हुए किसानों की आय बढ़ाने का मजबूत आधार प्रदान करती है।

*सीएसए और कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के मध्य समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर एवं सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ

ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह हस्ताक्षर सीएसए कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह एवं सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति डॉक्टर के के सिंह के मध्य हुए हैं। कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने समझौता ज्ञापन के बारे में बताया कि सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ की अनुसंधान, प्रसार और शिक्षण सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम होंगे।

कुलपति ने बताया की नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अंत: अनुशानिक के तहत यह समझौता पत्र हुआ है।इसके तहत दोनों विश्वविद्यालयों में विद्यमान प्रयोगशाला, पुस्तकालय, शिक्षण एवं शोध सुविधाओं का आपस में उपयोग कर सकेंगे। इस समझौता के तहत दोनों विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ज्ञान व सूचना का आदान प्रदान होगा। विश्वविद्यालय की ओर से विकसित प्रौद्योगिकी दोनों संस्थान प्रसारित करेंगे।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान ने बताया कि प्रदेश के चारों कृषि विश्वविद्यालयों के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। जिससे प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में,(शिक्षण,शोध एवं प्रसार) नए आयाम स्थापित होंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ सी एल मौर्या, कुलसचिव डॉ पीके उपाध्याय एवं निदेशक शोध डॉ पी के सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

*कुलपति ने निदेशकों संग किया कृषि विज्ञान केंद्र का दलीप नगर का भ्रमण*

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने आज निदेशक प्रसार डॉ आरके यादव एवं निदेशक शोध डॉ पी के सिंह के साथ संयुक्त रूप से कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के फसल प्रक्षेत्र का संयुक्त रूप से भ्रमण किया।

कुलपति ने प्रक्षेत्र पर धान की फसल देखकर संतोष व्यक्त किया और कहा की धान की फसल के क्राफ्ट कैफेटेरिया की प्रजाति वार पट्टिकायें लगवाई जाए। जिससे किसान आसानी से धान की प्रजातियां को पहचान सकें। कुलपति ने धान की फसल में रोगिंग करने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर प्रक्षेत्र अधीक्षक प्रमोद कुमार को साफ सफाई के लिए निर्देशित किया।

कुलपति ने विषय वार वैज्ञानिकों से वार्ता कर कृषकों के मध्य अधिक से अधिक नवीनतम तकनीकों के पहुंचाने पर जोर दिया। जिससे कृषकों के मध्य एक अलग पहचान बने। कुलपति ने कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में पौधारोपण भी किया और कहा कि पेड़ पौधे अधिक से अधिक लगाए जाने चाहिए।

जिससे कि पर्यावरण शुद्ध है।इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह के साथ डॉक्टर खलील खान, डॉ राजेश राय, डॉक्टर शशिकांत, डॉक्टर निमिषा अवस्थी सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।

*ओम जन सेवा संस्थान द्वारा देश के सैनिकों के लिए ब्लड डोनेट कैप*

कानपुर । सामाजिक कार्यों के लिए जानी जाने वाली संस्था ओम जन सेवा संस्थान अब देश के लिए नई पहल देश की सेवा में अपने जान की परवाह न करके हमारी सुरक्षा में दिन रात लगे रहने वाले सैनिकों की सेवा भाव को देखते हुए कानपुर महानगर में निरन्तर समाज की सेवा करने वाली ओम जन सेवा संस्थान व Up 55 बटालियन NCC कानपुर के तत्वाधान में आज 7 एयरफोर्स हास्पिटल, कैंट में ब्लड डोनेट कैम्प का आयोजन किया।

जिसमें एन सी सी कैडेट् ने भी भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ समाज सेवी मुरारी लाल अग्रवाल एवं एयर फोर्स कमांडर शमशेर सिंह दलाल जी ने दीप प्रज्वलित करके किया। उन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि एक बार ब्लड डोनेट से तीन लोगो का जीवन बचाया जा सकता है। सभी ब्लड डोनर को गिफ्ट भी दिया गया। संस्थान की अध्यक्ष शिव देवी अग्रहरि (सीमा) ने आये अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि संस्था विगत 5 वर्ष से समाज के हित के लिए कार्य कर रही है। हमारी टीम का यह 8 वां ब्लड डोनेट कैम्प है। समाज के हित के लिए आगे भी कार्य करती रहेगी। UP 55 बटालियन कर्नल समीर कुमार कौशिक जी ने कहा कि ओम जन सेवा संस्थान की टीम लगातार समाज के हित मे लगातार कार्य कर रही है। हमे गर्व होता है ऐसे कार्यक्रम में शामिल होकर, हर व्यक्ति को आगे आकर हौसला बढाना चाहिये, व ऐसी संस्थान की मदद करनी चाहिये जो बहुत हौसले के साथ स्वालम्बी होकर कार्य कर रही है।

ब्लड कैम्प में कपिल कुमार केसरवानी, पंडित होटल के प्रभव पांडे जी, राजू केसरवानी, गीतांजलि गुप्ता , रोहित बाजपेई , विष्णु गौड़ , विजय सिन्हा,विनीत कुमार त्रिपाठी , विकास कोली, अंकिता यादव, विशाखा कोली, अनुज गुप्ता, दीपांशु साहू ,कुलदीप सिंह कसेरा, बृजेश सिंह, राजेश गुप्ता मोहम्मद नदीम, अनुज अग्रहरि, सुशील, शैलेंद्र शर्मा, हरिओम द्विवेदी, एवं 55 बटालियन के एनसीसी कैडेट्स लोगों ने ब्लड डोनेट किया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मुरारी लाल अग्रवाल, कमांडर एयर फोर्स शमशेर सिंह दलाल , 55 बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल समीर कुमार कौशिक , शिव देवी अग्रहरि (सीमा) शैलेंद्र गुप्ता जितेंद्र सविता ,प्रशांत , कपिल कुमार केसरवानी, 7 एयर फोर्स हॉस्पिटल ब्लड बैंक से गौरांग पालीवाल , श्रीनिवास, अजय एस कुमार आदि प्रमुख लोग मौजूद रहे।

*श्री अन्न (मोटे अनाज) आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन*

कानपुर- चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा आज गांव पसनी निवादा में श्री अन्न के व्यंजनों की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित करने का संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए श्री अन्न (मोटा अनाज) के बारे में जागरूकता बढ़ाना, मोटा अनाज के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास और विस्तार के लिए निवेश बढ़ाना और उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करना है।

इसी कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देसानुसार कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर देहात द्वारा ग्राम पसनी निवादा विकास खंड रसूलाबाद में श्री अन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्देश्य थाली से लगभग गायब हो चुके परंपरागत मोटे अनाजो के व्यंजन को चलन में लाना है। प्रतियोगिता में ग्राम पसनी निवादा, मल्हपुर, रामपुर तालुका की 25 महिलाओं ने प्रतिभाग किया, महिलाओं ने मुख्यतः मोटे अनाज बाजरा व कुछ महिलाओं ने मक्का के व्यंजन बनाये थे, बाजरा के पुआ, बाजरा के लड्डू, बाजरा के चौसेला, बाजरा की खीर, मक्का के ढोकले, बाजरा की कचौड़ी, बाजरा व मक्का के गुलगुले इत्यादि व्यंजन परोसे गए, व्यंजन प्रतियोगिता में जज बने रामपुर तालुका गांव के शिक्षक मनोज, ग्राम प्रधान सुधांशु सिंह, व कृषि विज्ञान के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ शशिकांत ने सभी व्यंजनों को चख कर मूल्यांकन किया। समग्र स्वीकार्यता के अलावा सीखने, विभिन्न मौसमो में मोटे अनाजो से बनने वाले व्यंजनों के प्रकार इत्यादि के आधार पर पाँच विजेता घोषित किये गए।

बाजरा की भरवा कचौड़ी बना कर ममता यादव ने प्रथम पुरस्कार जीता, द्वितीय स्थान पर सिया रानी पाल, तृतीय स्थान पर उर्मिला देवी रही। कार्यक्रम की आयोजक गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने बताया दुनियाभर में पैदा होने वाले मोटे अनाज में 41 प्रतिशत तक भारत में पैदा होता है। इनसे कुछ भी हेल्दी रेसिपी बना सकते हैं। अक्सर लोग व्रत-उपवास में इनके व्यंजन बनाते हैं, अब जरूरत है की इन्हे रोजमर्रा के भोजन में शामिल किया जाए। ये पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही पचाने में आसान होते हैं अतः इनका उपयोग से शरीर स्वास्थ्य रहता है। कार्यक्रम में डॉ राजेश राय, प्रसार वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी प्रतिभागियों को बधाई प्रेषित की।

*सड़क सुरक्षा जीवन के लिए मोती है :आरटीओ राजेश सिंह*

कानपुर।दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर में सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत रैली एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि आरटीओ कानपुर नगर, राजेश सिंह रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा के नियम का पालन कर हम स्वयं की तथा राह पर चलने वाले अन्य व्यक्तियों की भी जान बचा सकते हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि यातायात निरीक्षक, कानपुर नगर, राजवीर सिंह ने छात्राओं को यातायात के नियमों तथा सड़क सुरक्षा से संबंधित आंकड़ों व नियमों के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए उन्हें रोड सेफ्टी की शपथ दिलवाई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नमामि गंगे विभाग भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयोजक कृष्णा दीक्षित बड़े ने शासन प्रशासन तथा महाविद्यालय द्वारा रोड सेफ्टी क्लब का गठन कर रैली विभिन्न प्रतियोगिताओं विचार गोष्ठियों आदि गतिविधियों के द्वारा इस दिशा में फैलाई जा रही जनजागरूकता की भूरी–भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह योजना भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से कमी लाने के लिए अत्यंत कारगर साबित होगी। इस अवसर पर महाविद्यालय से ग्रीन पार्क स्टेडियम तक एक जागरूकता रैली भी निकाली गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा ने, अतिथियों का स्वागत आइ क्यू ए सी इंचार्ज प्रो वंदना निगम ने तुलसी के पौधे भेंट कर किया। कार्यक्रम का संचालन रोड सेफ्टी क्लब की इंचार्ज तथा महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के द्वारा, दीप प्रज्वलन एनसीसी इंचार्ज डॉ मनीष पांडे के द्वारा तथा हॉल व्यवस्था रोवर्स रेंजर्स की प्रभारी प्रो सुमन सिंह के द्वारा की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र कुमार श्रीवास्तव, प्रो स्वाति सक्सेना, डॉ अर्चना दीक्षित, डॉ अंजना श्रीवास्तव, श्रीमती श्वेता गोंड , इलेक्ट्रीशियन रामचंद्र, नरेश कुशवाहा, कु पवित्रा व श्रीमती लक्ष्मी समेत समस्त शोधार्थियों तथा छात्राओं की विशेष भूमिका रहीं।

*कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर में हुआ प्रधान मंत्री द्वारा जारी किसान सम्मान निधि की 14 वी किस्त का सजीव प्रसारण*

कानपुर। सीकर राजस्थान से मा.प्रधान मंत्री नरेंद मोदी ने पी एम किसान समान निधि की 14वी किस्त जारी की, मा. कृषि मंत्री श्री नरेंद्र तोमर ने बताया की आज 8.5 करोड़ कृषकों के खातों में 17000 करोड़ पी एफ एम एस के माध्यम से सीधे खाते में जमा होंगे। उक्त कार्यक्रम में मा.प्रधान मंत्री ने 1 लाख पच्चीस हजार किसान समृद्धि केंद्र देश को समर्पित किये। इसी परिपेक्ष्य में कृषि विज्ञान केंद्र ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देसानुसार एक कार्यक्रम का आयोजन कर कृषको को उक्त कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दिखाया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चौबेपुर के जिला पंचायत सदस्य गोपाल दीक्षित रहे । मुख्य अतिथि का स्वागत करते केंद्र के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया की किसान सम्मान निधि का समयोचित उपलब्धता कृषको को कृषि निवेश खरीदने में काफी राहत देता है।ऐसा कृषको का मत है, सभी कृषको ने ताली बजाकर इस बात का समर्थन किया। कृषकों को वैज्ञानिकों द्वारा दी तकनीकी सहायता से खेती करते हुए, पर्यावरण की रक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए और रसायनों का न्यूनतम प्रयोग करना चाहिए ।

उक्त बातें मुख्य अतिथि गोपाल शुक्ला जी ने कृषको को संबोधित करते हुए कहा। कार्यक्रम में बगुलाही, सहतावन पुरवा, मझियार, पांडेनिवादा, ज्योंति समेत गावों के 100 से अधिक कृषकों व महिलाओं ने प्रतिभाग किया । कार्यक्रम में केंद्र डॉ खलील खान, डॉ राजेश राय, डॉ शशिकांत व डॉ निमिषा अवस्थी उपस्थित रहे ।

*सीएसए और एचबीटीयू कानपुर के बीच समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं एचबीटीयू कानपुर ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह हस्ताक्षर सीएसए कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह

एवं एचबीटीयू कुलपति डॉ शमशेर सिंह के मध्य हुए हैं।

कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने समझौता ज्ञापन के बारे में बताया कि एचबीटीयू की अनुसंधान और शिक्षण सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम होंगे।इसके तहत दोनों संस्थानों में विद्यमान प्रयोगशाला, पुस्तकालय, शिक्षण एवं शोध सुविधाओं का आपस में उपयोग कर सकेंगे।

इस समझौता के तहत दोनों विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ज्ञान व सूचना का आदान प्रदान होगा। विश्वविद्यालय की ओर से विकसित प्रौद्योगिकी दोनों संस्थान प्रसारित करेंगे। देश एवं प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण तकनीकों का आदान-प्रदान तथा मूल्य वर्धित प्रौद्योगिकियों उत्पादों का प्रबंधन भी होगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ सी एल मौर्या, कुलसचिव डॉ पीके उपाध्याय एवं निदेशक शोध डॉ पी के सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।