*श्री अन्न (मोटे अनाज) आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन*
कानपुर- चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा आज गांव पसनी निवादा में श्री अन्न के व्यंजनों की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित करने का संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए श्री अन्न (मोटा अनाज) के बारे में जागरूकता बढ़ाना, मोटा अनाज के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास और विस्तार के लिए निवेश बढ़ाना और उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करना है।
इसी कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देसानुसार कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर देहात द्वारा ग्राम पसनी निवादा विकास खंड रसूलाबाद में श्री अन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्देश्य थाली से लगभग गायब हो चुके परंपरागत मोटे अनाजो के व्यंजन को चलन में लाना है। प्रतियोगिता में ग्राम पसनी निवादा, मल्हपुर, रामपुर तालुका की 25 महिलाओं ने प्रतिभाग किया, महिलाओं ने मुख्यतः मोटे अनाज बाजरा व कुछ महिलाओं ने मक्का के व्यंजन बनाये थे, बाजरा के पुआ, बाजरा के लड्डू, बाजरा के चौसेला, बाजरा की खीर, मक्का के ढोकले, बाजरा की कचौड़ी, बाजरा व मक्का के गुलगुले इत्यादि व्यंजन परोसे गए, व्यंजन प्रतियोगिता में जज बने रामपुर तालुका गांव के शिक्षक मनोज, ग्राम प्रधान सुधांशु सिंह, व कृषि विज्ञान के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ शशिकांत ने सभी व्यंजनों को चख कर मूल्यांकन किया। समग्र स्वीकार्यता के अलावा सीखने, विभिन्न मौसमो में मोटे अनाजो से बनने वाले व्यंजनों के प्रकार इत्यादि के आधार पर पाँच विजेता घोषित किये गए।
बाजरा की भरवा कचौड़ी बना कर ममता यादव ने प्रथम पुरस्कार जीता, द्वितीय स्थान पर सिया रानी पाल, तृतीय स्थान पर उर्मिला देवी रही। कार्यक्रम की आयोजक गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने बताया दुनियाभर में पैदा होने वाले मोटे अनाज में 41 प्रतिशत तक भारत में पैदा होता है। इनसे कुछ भी हेल्दी रेसिपी बना सकते हैं। अक्सर लोग व्रत-उपवास में इनके व्यंजन बनाते हैं, अब जरूरत है की इन्हे रोजमर्रा के भोजन में शामिल किया जाए। ये पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही पचाने में आसान होते हैं अतः इनका उपयोग से शरीर स्वास्थ्य रहता है। कार्यक्रम में डॉ राजेश राय, प्रसार वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी प्रतिभागियों को बधाई प्रेषित की।
Jul 31 2023, 17:30