अब तक का सबसे गर्म महीना होगा जुलाई

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

जर्मनी की लिपजिग यूनिवर्सिटी में हुए ताजा शोध के मुताबिक मौजूदा माह ( जुलाई) अब तक का सबसे गर्म महीना रहेगा। शोध के मुताबिक, लगभग सवा लाख साल बाद ऐसा होगा। इससे पहले ,साल 2019 का जुलाई माह सबसे गर्म माना गया था। मगर,इस साल जुलाई का औसत तापमान 2019 के मुकाबले 0.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। वैज्ञानिकों की मानें तो इसके लिए मानव संसाधन सीधे तौर पर जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में स्थितियां और भी गंभीर हो सकती है। जुलाई में वैश्विक स्तर पर हुई चरम मौसमी घटनाओं और उनके बुरे नतीजों की एक सूची यहां देखी जा सकती है। इस महीने तापमान में डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का मतलब नहीं है कि दुनिया की सरकारें पेरिस समझौते में तापमान में वृद्धि को डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम हो चुकी है।

अल नीनो के दौर में दाखिल हो रही दुनिया

लिपजिग यूनिवर्सिटी में कार्यरत जलवायु वैज्ञानिक डॉ काॅस्टन हौशटाइन के मुताबिक मौजूदा औसत से कोयला,तेल और गैस को जलाने तथा प्रदूषण फैलाने वाली अन्य गतिविधियों के कारण 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। वैश्विक तापमान में वृद्धि के बावजूद ला नीना (ठंड) के प्रभाव के कारण दुनिया पर इसका असर अपेक्षाकृत कम यहां। अब जब दुनिया अल नीनो ( गर्मी) के दौर में दाखिल हो रही है, तब ग्लोबल वार्मिंग के न‌ए खतरे की ओर अग्रसर होने की आशंका है।

मणिपुर में हिंसा और महिलाओं के साथ बर्बरता को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा जारी, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित

#sansadmonsoonsatra

मणिपुर में हिंसा और महिलाओं के साथ बर्बरता को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है। संसद का मानसून सत्र गत 20 जुलाई से शुरू है। लेकिन पिछले 6 दिनों से दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका है और सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता रहा है। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्य़सभा को बार-बार स्थगित करना पड़ रहा है। विपक्ष संसद में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है। विपक्ष द्वारा लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। वहीं राज्यसभा सांसद मनोज झा, राघव चड्ढा, रंजीत रंजन, सैयद नसीर हुसैन, जेबी माथेर, डॉ. वी सिवादासन और संदीप पाठक ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया।

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी और हंगामा होने लगा। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।वहीं, मणिपुर की स्थिति पर सदन में नारेबाजी के बीच राज्यसभा दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

डेरेक ओब्रायन और जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक

मणिपुर की स्थिति पर उच्च सदन में भी भारी नारेबाजी हुई। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। 

मणिपुर की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए संसद से बढ़िया कोई जगह नहीं- प्रहलाद जोशी

इधर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है विपक्ष के लोग मणिपुर जाना चाहते हैं तो जाएं। वहां की सरकार व्यवस्था देखेगी, कहां उन्हें ले जाना है और क्या व्यवस्था करनी है, उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। लेकिन मणिपुर की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए संसद से बढ़िया कोई जगह नहीं। हम सब कुछ बताने को तैयार हैं। 

हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे- प्रह्लाद जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि विपक्ष शांतिपूर्ण ढंग से चर्चा में भाग नहीं लेते और संसद में किसी भी विधेयक को पारित करने में सहयोग नहीं करते। हम उनसे रचनात्मक सुझाव लेने को तैयार हैं, लेकिन वे अचानक अविश्वास प्रस्ताव ले आए। जब भी जरूरत होगी, हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और चूंकि हमारे पास संख्या है, इसलिए हमें कोई समस्या नहीं है।

पीएम मोदी ने गुजरात में किया 'सेमीकॉन इंडिया' का उद्घाटन, कहा-भारत में हो रहा बड़ा बदलाव

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को पीएम मोदी ने गांधीनगर में सेमीकंडक्टर उद्योग पर आधारित एक प्रदर्शनी सेमीकॉन इंडिया 2023 का उद्घाटन किया।इस कार्यक्रम में सेमीकंडक्टर्स से जुड़ी तकनीक को प्रदर्शित किया जाएगा।सेमीकॉन इंडिया 2023 के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे सॉफ्टवेयर को अपडेट करना जरूरी है, वैसे ही यह कार्यक्रम भी है। सेमीकॉन इंडिया के जरिए इंटस्ट्री, एक्सपर्ट्स और नीति निर्माताओं के साथ संबंध अपडेट होते रहते हैं। मेरा ये भी मानना है कि संबंधों में तालमेल के लिए ये जरूरी है।

कंपनियों को आश्वस्त करते हुए कहा- आपको भारत कभी निराश नहीं करेगा

गुजरात में सेमीकॉन इंडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यहां सभी कंपनियों का स्वागत किया और कहा कि 21वीं सदी में भारत के लिए अवसर ही अवसर हैं। पीएम मोदी ने यहां कार्यक्रम में कहा कि मैं सभी कंपनियों को आश्वस्त करता हूं कि आपको भारत कभी निराश नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म का जो कारोबार भारत में 30 बिलियन था, वह आज 100 बिलियन डॉलर पार कर गया है। डिजिटल सेक्टर में भारत आज बड़ा बदलाव देख रहा है।

पहले सवाल था निवेश क्यों, अब है निवेश क्यों नहीं- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल हम सभी ने सेमीकॉनइंडिया के पहले संस्करण में भाग लिया था। उस समय इस पर चर्चा हो रही थी कि भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करें? जब हम एक साल बाद अब मिल रहे हैं , सवाल बदल गया है। अब कहा जा रहा है कि निवेश क्यों न करें? सवाल ही नहीं हवा का रुख भी बदल गया है। यह बदलाव आप और आपके प्रयासों से आया है। आप जुड़े हैं, आपका भविष्य भारत की आकांक्षाओं से जुड़ा है। आपने अपने सपनों को भारत की क्षमता से जोड़ा है और भारत कभी किसी को निराश नहीं करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन हुआ 100 अरब डॉलर के पार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग पर बात की। कहा कि आज भारत बेस्ट मोबाइल फोन बना रहा है और एक्सपोर्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 तक भारत में दो मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां थी। आज ये बढ़कर 200 से ज्यादा हो चुकी है। 2014 में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के सिर्फ 6 करोड़ यूजर थे जो आज बढ़कर 80 करोड़ हो गए हैं। 2014 में जहां 25 करोड़ इंटरनेट यूजर थे जो आज बढ़कर 85 करोड़ हो गई है। यह संख्या आपके लिए बढ़ते हुए बिजनेस का एक इंडिकेटर है।2014 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन 30 बिलियन डॉलर से भी कम था। आज ये 100 अरब डॉलर को पार कर गया है।

कंपनियों को मिलेगी 50% वित्तीय मदद

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए मौकों का पूरा संसार है। भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट दो साल में बढ़कर दोगुना से अधिक हुआ। मेरा मानना है कि दुनिया में हम जो चौथी औद्योगिक क्रांति देख रहे हैं, वह भारतीय आकांक्षाओं से प्रेरित है। भारत में सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को 50 फीसदी वित्तीय मदद दी जाएगी। भारत के 300 कॉलेजों में सेमीकंडक्टर से जुड़ा सिलेबस शुरू होगा।

देश-दुनिया की कई बड़ी कंपनियां ले रही हिस्सा

बता दें कि सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस में देश-दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया है। वेदांता, फॉक्सकोन, माइक्रोन जैसी बड़ी कंपनियों के सीईओ-चेयरमैन कार्यक्रम में पहुंचे हैं। तीन दिनों तक यह कार्यक्रम चलेगा। इस बीच सेमीकंडक्टर फील्ड से तमाम एक्सपर्ट अपनी बात रखेंगे। कंपनियां भारत में निवेश का ऐलान भी कर सकती हैं। पिछले महीने ही माइक्रोन के साथ गुजरात सरकार ने 22,500 करोड़ रुपए की डील की है।

देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश और बाढ़ से बुरा हाल, मुंबई और तेलंगाना में स्कूल-कॉलेज बंद, आज भी 26 राज्यों को मौसम विभाग ने किया अलर्ट

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इस समय देश के ज्यादातर हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है। बारिश की वजह से देश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।लेकिन अभी लोगों को इस परेशानी से निजात मिलता नहीं दिख रहा है। दरअसल, मौसम विभाग ने देश के अलग- अलग इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।जिन राज्यों में चेतावनी जारी की गई है, उनमें तेलंगाना से लेकर, महाराष्ट्र, और पूर्वोत्तर के कई हिस्से शामिल हैं। इसके साथ ही मुंबई के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया है।बाकी राज्यों में भी गरज के साथ बौछारें पड़ने और तेज गति से हवा चलने की चेतावनी दी गई है।

शुक्रवार के लिए जारी किया अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार 28 जुलाई के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गोवा और पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है।आईएमडी ने कहा है इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इस वजह से यहां के निवासियों को बेहद ही ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके साथ ही मौसम विज्ञान के समूचे उत्तर भारत के राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

बिजली गिरने और तेज आंधी के साथ बारिश की आशंका

आईएमडी ने आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग जगहों पर बिजली गिरने और तेज आंधी (हवा की गति 30-40 किमी. प्रति घंटे) के साथ बारिश होने की संभावना जताई है।वहीं पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार, झारखंड, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली गिरने के साथ बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाके में तेज आंधी चलने की भी संभावना जताई है।

शनिवार से हल्की हो जाएगी बारिश

वहीं आईएमडी ने शनिवार 29 जुलाई से हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। लेकिन, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही विभाग ने बताया है कि शनिवार से देशभर में बारिश हल्की होती जाएगी, लेकिन इसके बावजूद बिहार पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, झारखंड पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है

दिल्ली-एनसीआर में ऐसा रहेगा मौसम

हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शनिवार तक लगातार बारिश होने की संभावना है, जबकि पूर्वी यूपी में शुक्रवार से 31 जुलाई तक तेज बरसात होगी। राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में भी आज बारिश होगी। मध्य भारत में गुरुवार से शनिवार तक हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं भारी वर्षा होने का अनुमान है। छत्तीसगढ़ और विदर्भ में भी आज अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की उम्मीद है।

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में दरार! जानें कांग्रेस ने कैसे संभाले हालात

#many_coalition_parties_angry_with_congress_on_no_confidence_motio

केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष ने महागबंधन बनाया है। हालांकि शुरू से ही इस गठबंधन की सफलता पर शक किया जा रहा है। इस बीच खबर मिल रही है कि अविश्वास प्रस्ताव के मसले पर विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में दरार नजर आ रही है।सूत्रों के मुताबिक विपक्षी गठबंधन के कई नेता अविश्वास प्रस्ताव पर नोटिस देने के मामले में कांग्रेस के रवैये से नाराज हैं।अकेले कांग्रेस की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव को ले कर गठबंधन में शामिल दूसरे कई दलों की नाराजगी के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जहां खेद जताने पड़ा, वहीं वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को मोर्चा संभालना पड़ा।

कांग्रेस की ओर से जल्दबाजी में नोटिस भेजे जाने से बढ़ी नाराजगी

बीते बुधवार यानी 26 जुलाई को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस यानी INDIA की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस की तरफ से इतनी जल्दबाजी में नोटिस भेजे जाने के कारण अलायंस की अन्य सहयोगी पार्टियां भड़क गई। कुछ नेताओं के मुताबिक, बुधवार सुबह INDIA में शामिल नेताओं की बैठक में सहयोगी दलों ने कांग्रेस के इस एकतरफा कदम पर आपत्ति जताई।उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय मंगलवार को सामूहिक रूप से लिया गया था, इसलिए नोटिस को भी इंडिया में शामिल सहयोगी दलों के नेताओं के हस्ताक्षर के साथ सामूहिक रूप भेजा जाना चाहिए था।

इन्होंने जताया विरोध

सूत्रों के मुताबिक, इसे लेकर तृणमूल, सपा, शिवसेना उद्धव गुट, वाम दल और द्रमुक ने आपत्ति दर्ज कराई। कांग्रेस के अकेले नोटिस भेजने के इस फैसले का विरोध करने वाले नेताओं में डेरेक ओ'ब्रायन (एआईटीसी), टीआर बालू (डीएमके), रामगोपाल यादव (एसपी), संजय राउत (एसएस), एलामाराम करीम (सीपीआई-एम) और बिनॉय विश्वम (सीपीआई) शामिल थे। 

कांग्रेस ने मानी गलती

गठबंधन में शामिल दूसरे कई दलों की नाराजगी के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जहां खेद जताने पड़ा, वहीं वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को मोर्चा संभालना पड़ा। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने विरोध कर रहे नेताओं को यह कहकर शांत कर दिया कि उनकी पार्टी ने जो किया वह एक चूक थी और इस पर उन्हें खेद है। बाद में, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मीडिया से किए गए आधिकारिक बातचीत में कहा, "हम इस तथ्य पर जोर देना चाहते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव अकेले कांग्रेस का नहीं है, बल्कि INDIA गठबंधन में शामिल सभी सहयोगी दलों की तरफ भेजा गया एक सामूहिक प्रस्ताव है।

गौरव गोगोई ने दिया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

दरअसल, लोकसभा में कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने सुबह 9.20 पर ही स्पीकर के दफ्तर में अविश्वास प्रस्ताव सौंप दिया था जबकि गठबंधन दल के नेता सुबह 10 बजे मीटिंग के लिए पहुंचे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंप दिया गया तो उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई।

पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच बाली में हुई थी बॉर्डर विवाद पर बात, 8 महीने बाद विदेश मंत्रालय ने किया खुलासा

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भारत और चीन के बीच पिछले तीन सालों से गतिरोध की स्थिति बरकरार है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को हुए संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है।बॉर्डर पर हालात अभी भी पूरी तरह सुधरे नहीं हैं। हालांकि, उसके बाद से ही बॉर्डर पर हालात को सुधारने की दिसा में दोनों तरफ से कई कोशिशें हो चुकी हैं।इस बीच भारत सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि पिछले साल नवंबर में हुई जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रिश्ते सुधारने के लिए विस्तृत चर्चा हुई थी। अभी तक इस मुलाकात को औपचारिक ही माना जा रहा था, लेकिन अब सरकार ने विस्तृत चर्चा की जानकारी दी है।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले वर्ष बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में एक डिनर के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की आवश्यकता पर बातचीत की थी। यह मई 2020 में भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न गतिरोध के बाद से दोनों नेताओं की पहली बार सार्वजनिक मुलाकात थी।

द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने पर बात

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, हमने दृढ़तापूर्वक कहा है कि पूरे मुद्दे के समाधान की कुंजी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को हल करना है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करना है।

हाल ही में मिले थे अजित डोभाल-वांग यी

इससे पहले हाल ही में चीन के विदेश मंत्रालय ने जोहान्सबर्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी के बीच एक बैठक के बाद दावा किया था कि शी और मोदी पिछले साल नवंबर में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने पर महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे थे।

बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं जून 2020 में गलवान में आमने-सामने आई थीं, तभी से ही हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ईस्टर्न लद्दाख के इलाके में बड़ी संख्या में सैनिक जमा हो गए थे और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं, चीन-भारत तभी से इस मसले पर भिड़े हुए हैं और कोशिश की जा रही है कि बॉर्डर पर हालात को सुधारा जाए।

मणिपुर वायरल वीडियो पर गृह मंत्रालय सख्त, मामले की जांच सीबीआई को सौंपी

#ministryofhomeaffairstorefermanipurviralvideocaseto_cbi

मणिपुर हिंसा के बीच हाल ही वायरल हुए एक वीडियो के मामले में गृहमंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। वायरल वीडियो मामले की जांच गृह मंत्रालय ने सीबीआई को सौंप दी है।वहीं इस केस का ट्रायल राज्य के बाहर कराने का फैसला भी लिया गया।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा कि जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने कुकी और मैतई समुदायों के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत की, प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई। गृह मंत्रालय मैतई और कुकी दोनों समूहों के संपर्क में है और मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए बातचीत अंतिम चरण में है। कुकी और मैतई के बीच में बफर जोन बनाया गया है।

मणिपुर में चार मई को क्या हुआ था? 

बता दें कि 4 मई को महिलाओं से हुई दरिंदगी का वीडियो वायरल हुआ था। यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम में हुई। ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, चार मई को शाम लगभग तीन बजे 900-1000 की संख्या में कई संगठनों से जुड़े लोग बी. फीनोम गांव में जबरदस्ती घुस आए। इनके पास एके राइफल्स, एसएल.आर इंसास और 303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। हिंसक भीड़ ने सभी घरों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े, अनाज सहित नकदी को लूटने के बाद सभी चल संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को बड़ी राहत, 15 सितंबर तक पद पर बने रहेंगे ईडी निदेशक एसके मिश्रा

#scpermitseddirectorskmishratocontinueaseddirectortillseptember

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा को 15 सितंबर तक के लिए एक्सटेंशन दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल के विस्तार को ‘अवैध’ ठहराये जाने के कुछ दिन बाद 26 जुलाई को केंद्र ने उन्हें 15 अक्टूबर तक पद पर बने रहने की अनुमति देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था। कार्यकाल बढ़ाने की केंद्र सरकार की मांग स्वीकार करते हुए कोर्ट ने अपने 11 जुलाई के आदेश में बदलाव किया है।

कोर्ट ने पूछा- क्या विभाग अक्षम अधिकारियों भरा पड़ा है?

दरअसल केंद्र सरकार ने संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। इसी अर्जी पर सुनवाई हुई। हालांकि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की और यह सवाल भी उठाया कि क्या विभाग अक्षम अधिकारियों भरा पड़ा है? न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि हम यह क्या तस्वीर पेश कर रहे हैं कि ईडी निदेशक पद के लिए कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है, क्या पूरा विभाग अक्षम लोगों से भरा है?

15 सितंबर के बाद एक्सटेंशन नहीं-सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 15 सितंबर के बाद ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल में और विस्तार नहीं होगा। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने कहा कि वह राष्ट्रीय हित में कार्यकाल विस्तार पर फैसला दे रहे हैं। 

कोर्ट के समक्ष सरकार ने रखा अपना पक्ष

सुनवाई के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ईडी निदेशक मिश्रा अपरिहार्य नहीं हैं, लेकिन वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) समीक्षा कवायद के लिए उनकी मौजूदगी आवश्यक है। केंद्र ने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों की मंशा है कि भारत एफएटीएफ की ‘संदिग्ध सूची’ में आ जाए और इसलिए ईडी प्रमुख पद पर निरंतरता जरूरी है। केंद्री की दलील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 15 सितंबर तक के लिए बढ़ाने का फैसला सुनाया। 

शीर्ष कोर्ट ने पहले कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया था

बता दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को करारा झटका लगा था। शीर्ष कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया था। शीर्ष अदालत ने उन्हें अपने लंबित काम निपटाने के लिए 31 जुलाई 2023 तक का समय दिया। साथ ही न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने ईडी निदेशक के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल तक बढ़ाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में संशोधन को सही ठहराया।

ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी रखा स्टे आर्डर, 3 अगस्त को होगा फैसला

#gyanvapi_case_allahabad_high_court_continues_stay

ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर लगी रोक तीन अगस्त तक बढ़ गई है। इलाहाबाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब तीन अगस्त को कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा। तब तक एएसआई के सर्वे पर रोक जारी रहेगी।मुस्लिम पक्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे के खिलाफ है। उसका मानना है कि इससे ऐतिहासिक संरचना को नुकसान हो सकता है। मुस्लिम पक्ष के वकील फरमान नकवी ने हाईकोर्ट में एएसआई के हलफनामे का जवाब दाखिल कर दिया है।

इससे पहले एएसआई सर्वे के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई मस्जिद कमेटी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकार्ट में सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष के वकील नकवी ने बहस की शुरुआत की। एएसआई के अतिरिक्त निदेशक आलोक त्रिपाठी भी कोर्ट में हाजिर हुए। मुस्लिम पक्ष के वकील ने एएसआई के हलफनामे का जवाब दाखिल किया। आज की सुनवाई में मुख्य रूप से मुस्लिम पक्ष की ओर से एएसआई की तरफ से पेश की गई दलीलों पर अपनी आपत्ति दर्ज की जा रही है, इसके बाद हिंदू पक्ष भी मामले में बहस साक्ष्य पेश करेगा। सुनवाई के दौरान हिंदू पक्षकार की तरफ से कोर्ट में अपने टेबलेट में कुछ फोटोग्राफ चीफ जस्टिस को दिखाए गए हैं। यह फोटोग्राफ ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी द्वार के हैं, जिसमें श्लोक लिखा हुआ है, और यही फोटोग्राफ मुस्लिम पक्षकार को भी हिंदू पक्ष कारने दिखाए हैं।

हिंदू पक्षकार ने एक बार फिर से कोर्ट से कहा कि औरंगजेब ने ही मंदिर वह मस्जिद में तब्दील किया लेकिन पूरी तरीके से नहीं कर पाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्षकार से सवाल किया कि कब तक यह ज्ञानवापी मंदिर था ? हिंदू पक्षकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि औरंगजेब ने इससे मस्जिद का रूप दिया लेकिन पूरी तरीके से नहीं दे पाया। सुनवाई के दौरान एएसआई अधिकारी ने कोर्ट से कहा कि हम किसी भी तरीके से ज्ञानवापी परिसर को डैमेज नहीं पहुंचाएंगे केवल ब्रशिंग करेंगे स्ट्रैचिंग भी नहीं आने देंगे और डैमेज का तो कोई सवाल ही नहीं उठता।

अविश्वास प्रस्ताव पर INDIA गठबंधन को झटका, आंध्र की सत्ताधारी पार्टी YSRCP ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने का लिया फैसला

मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन 'INDIA'लगातार सरकार को घेरने में जुटा है। लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया है। हालांकि, अब INDIA गठबंधन को विपक्ष से ही झटका लगा है। दरअसल, आंध्र की सत्ताधारी पार्टी YSRCP ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है। इतना ही नहीं दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर भी जगनमोहन रेड्डी की पार्टी मोदी सरकार को समर्थन देगी। YSRCP उन पार्टियों में शामिल है, जो अभी तक न 'INDIA' गठबंधन में शामिल हुए हैं और न ही NDA की मीटिंग में पहुंचे थे।

YSRCP का ये फैसला INDIA गठबंधन के लिए बड़ा झटका इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि अभी तक जगन ने NDA और 'INDIA' दोनों से दूरी बनाकर रखी थी। हालांकि, लंबे वक्त से बीजेपी और YSRCP के पास आने की अटकलें जरूर लगाई जा रही हैं। इतना ही नहीं कई मुद्दों पर पार्टी सदन के अंदर और बाहर मोदी सरकार का समर्थन करती रही है। हाल ही में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भी रेड्डी की पार्टी शामिल हुई थी।

YSRCP का समर्थन कितना जरूरी? 

लोकसभा में मोदी सरकार बहुमत में है। बीजेपी के पास 301 सांसद हैं. एनडीए के पास 333 सांसद हैं। वहीं पूरे विपक्ष के पास कुल 142 सांसद हैं. सबसे ज्यादा 50 सांसद कांग्रेस के हैं। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ YSRCP का NDA को समर्थन ज्यादा मायने नहीं रखता है। हालांकि 2024 चुनाव के नजरिए से यह NDA के लिए काफी अहम साबित हो सकता है। 

वहीं, राज्यसभा की बात करें तो कुल 238 सांसद हैं। इनमें से एनडीए गठबंधन के पास 105 सांसद हैं. जबकि I.N.D.I.A गठबंधन के पास 93 सांसद हैं। ऐसे में अगर बीजेपी दिल्ली अध्यादेश पर बिल लाती है, तो उसे समर्थन के लिए 15 और सांसदों की जरूरत है। ऐसे में YSRCP के 9 सांसद इस अंतर को कम करने में काफी अहम हैं।

I.N.D.I.A गठबंधन से क्यों दूर हैं रेड्डी?

जगन मोहन रेड्डी के पिता राजशेखर रेड्डी कांग्रेस से आंध्रप्रदेश के सीएम थे. 2009 में उनकी मौत के बाद कांग्रेस ने जगन को सीएम बनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ दी और अपनी नई पार्टी का गठन किया. YSRCP ने आंध्रप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सरकार बनाई. 2019 लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने राज्य की 25 में से 22 सीटों पर जीत हासिल की।

रेड्डी की राजनीति काफी हद तक ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मेल खाली है। वे अन्य नेताओं से बिल्कुल विपरीत व्यक्तिगत हमलों से बचते हैं। इतना ही नहीं उनका फोकस राज्य के मुद्दों को उठाने तक सीमित रहता है। ऐसे में रेड्डी चुनाव नतीजों तक दोनों गठबंधनों से दूरी बनाकर रखना चाहते हैं, ताकि नतीजों के बाद के विकल्प खुले रहें।

I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल हैं ये 26 दल

2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश में जुटे हैं। इसी क्रम में बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक हुई थी। इस बैठक में 26 दल शामिल हुए थे।

 इन 26 दलों ने गठबंधन कर उसका नाम I.N.D.I.A यानी इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस रखा है. इस गठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट), सीपीआई, सीपीआईएम, जदयू, डीएमके, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, आरएलडी, सीपीआई (ML), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (M), मनीथानेया मक्कल काची (MMK), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केरला कांग्रेस, केएमडीके, एआईएफबी, अपना दल कमेरावादी शामिल हैं।