लद्दाख से गायब हुई 28 वर्षीय भारतीय महिला का पाकिस्तान में मिला शव, पाक निवासियों ने गिलगित बाल्टिस्तान इलाके में दफनाया

कारगिल क्षेत्र से लापता हुई 28 वर्षीय एक महिला का शव पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान में पाया गया है। इससे हड़कंप मच गया है। अब सवाल है कि आखिर महिला का शव वहां तक कैसे पहुंचा। जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों ने महिला का शव नदी में बहते हुए देखा। इसके बाद स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को नदी से बाहर निकलवाया। इसके बाद शव की पहचान कारगिल से लापता भारतीय महिला के रूप में की गई।

यह महिला लद्दाख के कारगिल जिले से लापता हुई थी। बुधवार को इस महिला का शव पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में बरामद किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। ‘डॉन’ अखबार की खबर में खरमंग जिले के उपायुक्त मुहम्मद जफ्फार के हवाले से कहा गया है कि महिला का शव करगिल नदी से बरामद किया गया तथा जिले में दफना दिया गया। इससे पहले, करगिल पुलिस थाने ने महिला की तस्वीर वाला एक पैम्फ्लेट प्रसारित किया था।

पाकिस्तानियों ने दफनाया

शव बरामद करने के लिए पैम्फ्लेट गिलगित-बाल्टिस्तान प्रशासन को भी भेजा गया था। इसमें महिला की शिनाख्त बिलकीस बानो के रूप में की गयी है। वह 15 जुलाई को अक्चामल में अपने घर से लापता हो गयी थी। पाकिस्तानियों ने शव का अंतिम संस्कार उसी जिले में कर दिया है। खरमंग निवासी कासिम ने बताया कि महिला का अंतिम संस्कार इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया। हालांकि महिला का शव यहां तक किन परिस्थियों में पहुंचा, इस बारे में अभी कोई सूचना नहीं है।

मणिपुर हिंसा के बीच मेइती समुदाय के संगठन ने केंद्र सरकार से की अपील, कहा, कुकी समूह के लोगों से न करें बात, मणिपुर में लगाया जाए राष्ट्रपति शास


इंफाल के कई नागरिक समाज संगठनों के साझा मंच ‘कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी (COCOMI)' ने मणिपुर में जारी अशांति के लिए कुकी उग्रवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्र से अपील की कि वह उनसे बात नहीं करे। इसी बीच मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग होने लगी है। यह मांग मणिपुर की 9 कुकी जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाली जोमी काउंसिल संचालन समिति (ZCSC) ने की है। वहीं COCOMI ने यह भी दावा किया कि कुकी उग्रवादी संगठनों के सदस्य ‘विदेशी' हैं। COCOMI के संयोजक जितेंद्र निंगोम्बा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मीडिया के सूत्रों से हमें सूचना मिली है कि भारत सरकार कुकी संगठनों के साथ बातचीत करने वाली है। हम पूरी तरह से इसके खिलाफ हैं।'' उन्होंने कहा कि सरकार को संघर्ष विराम (SOO) से जुड़े संगठनों में से किसी के साथ वार्ता नहीं करनी चाहिए।

 केंद्र, मणिपुर सरकार और दो कुकी उग्रवादी संगठनों- ‘कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन' और ‘यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट' के बीच एसओओ पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह संधि 2008 में हुई थी जिसकी अवधि कई बार बढ़ाई गई। निंगोम्बा ने कहा, ‘‘ हम कुकी उग्रवादी संगठनों और भारत सरकार के बीच किसी भी वार्ता के विरूद्ध हैं क्योंकि ये संगठन विदेशी नागरिकों के संगठन हैं।'' उन्होंने कहा कि राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को कायम रखने और पृथक प्रशासन की अनुमति नहीं देने की अपनी मांग को लेकर COCOMI 29 जुलाई को रैली आयोजित करेगी। मणिपुर में चिन-कुकी-मिजो-जोमी से संगठन से संबद्ध 10 आदवासी विधायकों ने मेइती और आदिवासियों के बीच हिंसक संघर्ष के आलोक में केंद्र से अपने समुदायों के लिए पृथक प्रशासन के गठन की अपील की है।

नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में, COCOMI के प्रवक्ता के. अथौबा ने राज्य और केंद्र सरकार पर मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात दंगों (2002) के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने में चार दिन लगे लेकिन मणिपुर जैसे छोटे राज्य में बल की तैनाती के बावजूद हिंसा को नियंत्रित क्यों नहीं किया जा सकता है।'' अथौबा ने असम राइफल्स पर उग्रवादियों का समर्थन करने का भी आरोप लगाया, और कहा कि उनका समूह इस संबंध में साक्ष्य इकट्ठा कर रहा है। उन्होंने मांग की कि अर्धसैनिक बल की कुछ बटालियनों को राज्य से हटा दिया जाए।

असम राइफल्स ने पहले ही COCOMI के खिलाफ राजद्रोह और मानहानि का मामला दर्ज किया है क्योंकि संगठन के प्रमुख ने बहुसंख्यक समुदाय से हथियार न सौंपने का आह्वान किया था। इस पूर्वोत्तर राज्य में करीब तीन महीने पहले जातीय हिंसा शुरू हुई थी जिसमें 160 से अधिक लोगों की जान चली गयी तथा सैंकड़ों अन्य घायल हुए। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

क्या मणिपुर में जारी हिंसा हिंदू- ईसाई विवाद है,


डिटेल में पढ़िए, इस मुद्दे पर आरएसएस ने दिया बड़ा बयान, कहा, हिंसा बढ़ाने में विदेशी संगठनों का भी हाथ


 आरएसएस के एक पदाधिकारी ने दावा किया कि कुछ विदेशी संगठनों ने भी इस हिंसा को हिंदू-ईसाई संघर्ष बताने की कोशिश की है, जबकि दोनों समुदायों के बीच हिंसा का कोई इतिहास नहीं रहा है। मणिपुर में पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से चल रही हिंसा को लेकर खूब राजनीति हो रही है। इस मामले को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को जमकर घेर रहा है, वहीं सरकार के मंत्री विपक्षी राज्यों में होने वाली घटनाओं की याद दिला रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के एक बड़े पदाधिकारी ने हिंसा को लेकर बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि इसे हिंदू और ईसाइयों के बीच का संघर्ष बताना गलत है। 

'कुकी-मैतई का नहीं रहा टकराव का इतिहास'

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने मणिपुर हिंसा को लेकर कहा कि ये बिल्कुल भी हिंदू-ईसाई संघर्ष नहीं है। कुछ पार्टियों ने इसे साजिश के तहत ऐसा पेश करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि कुकी ईसाई समुदाय से आते हैं, जबकि बहुसंख्यक मैतई हिंदू हैं। इसके बावजूद उनके बीच हो रहा टकराव धर्म के आधार पर नहीं है। हालांकि आरएसएस पदाधिकारी ने माना कि इस हिंसा ने मणिपुर को एक ऐसा घाव दिया है, जिसे भरने में कई साल लग जाएंगे।

हिंसा को लेकर गलत दावों का आरोप

नाम नहीं छापने की शर्त पर आरएसएस के पदाधिकारी ने एक मीडिया हाउस को बताया कि हिंसा को लेकर जो गलत दावे किए गए हैं, उनमें कई विदेशी संगठनों का भी हाथ है। जिन्होंने चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी को इसका आधार बनाकर इसे हिंदू-ईसाई संघर्ष का नाम दिया उन्होंने कहा कि कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा का पुराना कोई इतिहास नहीं है। दोनों ही समुदायों के बीच पिछले लंबे समय से शादी आम बात है।

इस बातचीत के दौरान संघ पदाधिकारी ने ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह पर हिंदू पक्ष के दावों का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इन्हें हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए उनके हिंदू चरित्र को देखते हुए इन पर कोई विवाद ही नहीं होना चाहिए था।

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर किया बड़ा हमला, कहा, BJP-RSS सिर्फ सत्ता चाहती है और सत्ता पाने के लिए ये देश भी जला सकते हैं, बयान के बाद घमासान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

विपक्षी दल संसद में मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और चर्चा की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को विपक्षी गठबंधन INDIA के सदस्यों ने संसद में काला कपड़ा पहनकर विरोध जताया। वहीं, सांसदी जाने के बाद संसद के मानसून सत्र में शामिल न होने के कारण कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर पीएम मोदी पर निशाना साधा।

वीडियो में राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मणिपुर के लिए क्या कर रहे हैं? वे मणिपुर के बारे में कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि नरेंद्र मोदी जी को मणिपुर से कोई लेना देना नहीं है। जानते हैं कि उनकी ही विचारधारा ने मणिपुर को जलाया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि BJP-RSS सिर्फ सत्ता चाहती है और सत्ता पाने के लिए ये कुछ भी कर सकती है। सत्ता के लिए ये मणिपुर को जला देंगे, सारे देश को जला देंगे। इनको देश के दुख और दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता।

राहुल ने कहा कि RSS-BJP और कांग्रेस के बीच विचारधारा की लड़ाई चल रही है। जहां कांग्रेस की विचारधारा- संविधान की रक्षा, देश को जोड़ने और सामाजिक असमानता के खिलाफ लड़ने की है। वहीं RSS-BJP चाहती है कि कुछ चुनिंदा लोग यह देश चलाएं और देश का सारा धन उन्हीं के हाथ में हो।

लोकसभा में कांग्रेस के व्हिप मणिकम टैगोर ने बताया कि विपक्षी दलों के 20 से अधिक सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल इस हफ्ते मणिपुर का दौरा कर हालात का जायजा लेगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में मणिपुर का दौरा किया था। इससे पहले कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। जिस पर सदन में चर्चा के लिए मंजूरी दे दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तारीख तय करेंगे।

मणिपुर पर विपक्ष का एक और सियासी दांव, 29-30 जुलाई को राज्य के दौरे पर जाएंगे “INDIA” के सांसद

#oppositionindiampvisitmanipuron2930july

मणिपुर हिंसा को लेकर सियासत जारी है।विपक्ष मणिपुर को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर बयान दें। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आ रही है कि 26 राजनीतिक पार्टियों वाले विपक्षी गठबंधन “INDIA”के सांसद 29-30 जुलाई को हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर का दौरा कर सकते हैं।

लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने बताया कि विपक्षी दलों के 20 से अधिक सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताक के अंत में मणिपुर का दौरा कर हालात का जायजा लेगा।टैगोर ने कहा कि विपक्षी सांसद काफी समय से हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करना चाहते थे लेकिन वहां के हालात को देखते हुए उन्हें अनुमति नहीं दी गई।बता दें कि 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा किया था।

खड़गे का पीएम मोदी पर हमला

इस मामले पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि सदन चल रहा है, हम मांग कर रहे हैं कि पीएम यहां आएं और अपना बयान दें। लेकिन वे राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं और चुनाव की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वो राजस्थान जा सकते हैं तो क्या सदन में आधे घंटे के लिए आकर मणिपुर मामले पर बयान नहीं दे सकते हैं। लोकतंत्र में उनकी कोई रूची नहीं है। कोई विश्वास नहीं है। वे संसद का अपमान कर रहे हैं। वे लोकतंत्र की रक्षा नहीं करना चाहते हैं।

हाल ही वायरल हुआ था महिलाओं का वीडियो

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने का वीडियो बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। महिलाओं की नग्न स्थिति में वायरल हुई वीडियो की पूरे देशभर में कड़ी निंदा की गई थी।इस मामले में पुलिस ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।पुलिस ने वीडियो के जरिए 14 लोगों की पहचान की थी। दरअसल, वीडियो में कुछ आरोपी दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमा रहे थे और उनके साथ छेड़छाड़ कर रहे थे।

करीब तीन महीने से जारी हिंसा

मणिपुर में बीती तीन मई को जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी। मणिपुर के मैतई समुदाय द्वारा जनजातीय आरक्षण देने की मांग से हिंसा की शुरुआत हुई थी, जिसमें अभी तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं।

*क्‍या अमेरिका ने छिपा रखी है एलियन की लाश? पूर्व अमेरिकी खुफिया अधिकारी का ये दावा*

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क्या इस धरती से ऊपर अंतरिक्ष के किसी छोर पर भी जिंदगी है ? ये सवाल सदियों से हम इंसानों के लिए कौतुहल पैदा करता रहा है। यही वजह है कि हमारे वैज्ञानिक दिन रात इस खोज में हैं कि क्या धरती से बाहर किसी दूसरे ग्रह पर जिंदगी है या सीधे शब्दों में कहें तो क्या एलियंस हैं? वैसे कई दावे समय-समय पर होते रहे हैं, जिसमें ये भी कहा जाता है कि अमेरिका का इन लोगों से डायरेक्ट नाता है। लेकिन इन सभी बातों का आज तक कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं मौजूद है। लेकिन अब अमेरिका के पूर्व खुफिया अधिकारी ने ऐसा दावा कर दिया,जिसने एक बार फिर नए सिरे एलियंस के अस्तित्व को हवा दे दी है।

अमेरिका की वायुसेना के पूर्व खूफिया अधिकारी ने खुलासा किया है कि अमेरिका एलियंस और यूएफओ से जुड़ी जानकारी दशकों से छिपा रहा है।अमेरिका में यूएफओ से जुड़ी सुनवाई में पूर्व अमेरिकी खुफिया अधिकारी डेविड ग्रुश ने ये सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि अमेरिकी सरकार के पास एक दुर्घटनाग्रस्त यूएफओ है। अमेरिकी सरकार इसकी जानकारी इकट्ठा करने के लिए दशकों से एक रिवर्स इंजीनियरिंग प्रोग्राम चला रही है।यूएफओ को अब अमेरिका की सरकार अमेरिका Unidentified Aerial Phenomena (यूएपी) शब्द का इस्तेमाल करता है। बता दें कि ग्रुश, अमेरिकी रक्षा विभाग में यूएपी से जुड़ी घटनाओं के जांच के प्रभारी रह चुके हैं।

ग्रुश ने बताया कि उन्हें 2019 में यूएपी पर एक सरकारी टास्क फोर्स के प्रमुख द्वारा टास्क फोर्स के मिशन से संबंधित सभी उच्च वर्गीकृत कार्यक्रमों की पहचान करने के लिए कहा गया था। उस समय, ग्रुश को राष्ट्रीय टोही कार्यालय के लिए विस्तृत रूप से नियुक्त किया गया था। ये एजेंसी अमेरिकी जासूसी उपग्रहों का संचालन करती है। ग्रुश ने बताया कि इस दौरान उन्हें एक बहु-दशकीय यूएपी क्रैश के मिलने के बारे में बताया गया था, जिस पर रिवर्स इंजीनियरिंग कार्यक्रम चलाए जाने की भी जानकारी मिली थी। हालांकि इस बारे में मुझे अधिक जानकारी देने से मना कर दिया गया।

गवाहों की जानकारी देने की कही बात

हालांकि इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि यह उनका बयान नहीं है, बल्कि उन्होंने कई अधिकारियों से बात की और उनकी तरफ से जानकारी दी गई। उनके पास एलियन से जुड़ी कोई भी प्रत्यक्ष जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, 'मेरे पास बताने के लिए ऐसा कुछ नहीं है जो मैंने अपनी आंखों से देखा हो।ग्रुश ने कहा कि वह इससे जुड़े गवाहों की एक सूची दे सकते हैं जो कांग्रेस को यूएपी से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में अधिक जानकारी देगा। 

पेंटागन ने किया खंडन

अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने मेजर ग्रुश के दावों का खंडन किया है। पेंटागन ने एक बयान में कहा कि जांच में यूएपी की रिवर्स इंजीनियरिंग के दावों के संबंध में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है और ना पूर्व में और ना वर्तमान में इससे संबंधित कोई कार्यक्रम चल रहा है। मेजर ग्रुश ने ये भी बताया कि सरकारी व्हिसिलब्लोअर बनने के चलते उन्हें काफी विरोध झेलना पड़ा। हालांकि इसके बारे में ज्यादा जानकारी देने से मेजर ग्रश ने इनकार कर दिया।

राजस्थान के सीकर से पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, कहा- अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या विदेशियों से भारत में दखल की बात करते?

#pm_narendra_modi_to_visit_sikar_rajasthan 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान दौरे पर हैं। उन्होंने सीकर में 9 करोड़ किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि के 17 हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं। साथ ही पीएम प्रणाम योजना और किसान समृद्धि केंद्र की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन कर सात का शिलान्यास भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के गठबंधन इंडिया पर तीखा हमला बोला।

ये वहीं, जो आतंकी हमले पर रोते थे कुछ करते नहीं थे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और 26 दलों के नए गठबंधन INDIA पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा, अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या से विदेशियों से भारत में दखल देने की बात करते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या ये सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या गलवान में सेना के शौर्य को कठघरे में रखते? ये वहीं चेहरे हैं, जो आतंकी हमले होने पर दुनिया के सामने रोते थे कुछ नहीं करते थे।

नया बोर्ड लगाकर लोगों को मूर्ख बनाने का काम-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष ने गठबंधन का नाम इसलिए बदला ताकि कारनामे छिपा सकें। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने उसके सहयोगियों ने नाम बदलकर नया पैंतरा चला है। पहले कोई कंपनी बदनाम हो जाए तो कंपनी वाले नया बोर्ड लगाकर लोगों को मूर्ख बनाकर अपना धंधा-पानी चलाते हैं। कांग्रेस और उसकी जमात उन्हीं कंपनियों की नकल कर रही है। 

इनका तरीका वही, जो देश के दुश्मनों ने अपनाया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, इनका तरीका वही है जो देश के दुश्मनों ने अपनाया है। पहले भी इंडिया के नाम के आगे अपने नाम को छिपाने का प्रयास किया गया है। ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम में भी इंडिया था। कांग्रेस के शासन काल में सिमी यानि स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट इंडिया बना था। नाम में इंडिया था,लेकिन मिशन इंडिया को बर्बाद करने का था। जब बैन हो गया तो नया नाम लेकर आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया। नाम नया लेकिन काम वही पुराना।

पीएम मोदी ने भाजपा की गारंटियां गिनाईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की गारंटी को झूठ का पुलिंदा बताते हुए भाजपा की गारंटियां गिनाईं। उन्होंने कहा, देश के करोड़ों गरीबों को पक्का घर बनाकर लखपति बनाने की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को मुफ्त राशन की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। कोरोना काल में करोड़ों गरीबों को मुफ्त वैक्सीन की गारंटी किसने दी भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को अस्पताल में 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। जनऔषधि केंद्र में गरीबों को सस्ती दवाइयों की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। गरीब का बच्चा भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सके, अंग्रेजी ना आने की वजह से पीछे ना रह जाए, इसके लिए मातृभाषा में पढ़ाई की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने।

9 साल में राजस्थान को केन्द्र से मिले 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा-पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री ने राज्य की गहलोत सरकार को भी आड़े हाथों लिया। पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान के विकास के लिए केंद्र सरकार लगातार पैसे भेज रही है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, 10 साल में राजस्थान को टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में 1 लाख करोड़ ही दिए गए थे। बीते 9 साल में भाजपा सरकार ने टैक्स हिस्सेदारी के रूप में राजस्थान को 4 लाख करोड़ से ज्यादा दिए हैं। जब केंद्र में 10 साल कांग्रेस की सरकार थी तब राजस्थान को सेंट्रल ग्रांट के रूप में भी करीब 50,000 करोड़ ही दिए गए थे, हमारी सरकार ने 9 साल में सेंट्रल ग्रांट के तौर पर राजस्थान को 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा दिए हैं।

हमारे तीज त्योहारों पर मंडरा रहा खतरा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान में दलितों पर अत्याचार चरम पर है। नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। हमारे तीज-त्योहारों पर खतरा मंडराता रहा है। कब पत्थर चलने लगे, कब गोलियां चले, कब कर्फ्यू लग जाए, कोई नहीं जानता। राजस्थान के लोग बहन-बेटियों के साथ अत्याचार नहीं सह सकते। किसी दलित बहन के साथ उसके पति के सामने गैंगरेप होता है। आरोपी वीडियो बनाते हैं, पुलिस शिकायत नहीं लिखती। छोटी-छोटी बच्चियां और स्कूलों में पढ़ाने वाली टीचर तक सुरक्षित नहीं है। कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस नेता पीड़िता महिलाओं पर ही झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं।

राजस्थान के सीकर से पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, कहा- अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या विदेशियों से भारत में दखल की बात करते?

#pmnarendramoditovisitsikarrajasthan 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान दौरे पर हैं। उन्होंने सीकर में 9 करोड़ किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि के 17 हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं। साथ ही पीएम प्रणाम योजना और किसान समृद्धि केंद्र की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन कर सात का शिलान्यास भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के गठबंधन इंडिया पर तीखा हमला बोला।

ये वहीं, जो आतंकी हमले पर रोते थे कुछ करते नहीं थे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और 26 दलों के नए गठबंधन INDIA पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा, अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या से विदेशियों से भारत में दखल देने की बात करते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या ये सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या गलवान में सेना के शौर्य को कठघरे में रखते? ये वहीं चेहरे हैं, जो आतंकी हमले होने पर दुनिया के सामने रोते थे कुछ नहीं करते थे।

नया बोर्ड लगाकर लोगों को मूर्ख बनाने का काम-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष ने गठबंधन का नाम इसलिए बदला ताकि कारनामे छिपा सकें। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने उसके सहयोगियों ने नाम बदलकर नया पैंतरा चला है। पहले कोई कंपनी बदनाम हो जाए तो कंपनी वाले नया बोर्ड लगाकर लोगों को मूर्ख बनाकर अपना धंधा-पानी चलाते हैं। कांग्रेस और उसकी जमात उन्हीं कंपनियों की नकल कर रही है। 

इनका तरीका वही, जो देश के दुश्मनों ने अपनाया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, इनका तरीका वही है जो देश के दुश्मनों ने अपनाया है। पहले भी इंडिया के नाम के आगे अपने नाम को छिपाने का प्रयास किया गया है। ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम में भी इंडिया था। कांग्रेस के शासन काल में सिमी यानि स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट इंडिया बना था। नाम में इंडिया था,लेकिन मिशन इंडिया को बर्बाद करने का था। जब बैन हो गया तो नया नाम लेकर आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया। नाम नया लेकिन काम वही पुराना।

पीएम मोदी ने भाजपा की गारंटियां गिनाईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की गारंटी को झूठ का पुलिंदा बताते हुए भाजपा की गारंटियां गिनाईं। उन्होंने कहा, देश के करोड़ों गरीबों को पक्का घर बनाकर लखपति बनाने की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को मुफ्त राशन की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। कोरोना काल में करोड़ों गरीबों को मुफ्त वैक्सीन की गारंटी किसने दी भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को अस्पताल में 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। जनऔषधि केंद्र में गरीबों को सस्ती दवाइयों की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। गरीब का बच्चा भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सके, अंग्रेजी ना आने की वजह से पीछे ना रह जाए, इसके लिए मातृभाषा में पढ़ाई की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने।

9 साल में राजस्थान को केन्द्र से मिले 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा-पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री ने राज्य की गहलोत सरकार को भी आड़े हाथों लिया। पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान के विकास के लिए केंद्र सरकार लगातार पैसे भेज रही है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, 10 साल में राजस्थान को टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में 1 लाख करोड़ ही दिए गए थे। बीते 9 साल में भाजपा सरकार ने टैक्स हिस्सेदारी के रूप में राजस्थान को 4 लाख करोड़ से ज्यादा दिए हैं। जब केंद्र में 10 साल कांग्रेस की सरकार थी तब राजस्थान को सेंट्रल ग्रांट के रूप में भी करीब 50,000 करोड़ ही दिए गए थे, हमारी सरकार ने 9 साल में सेंट्रल ग्रांट के तौर पर राजस्थान को 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा दिए हैं।

हमारे तीज त्योहारों पर मंडरा रहा खतरा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान में दलितों पर अत्याचार चरम पर है। नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। हमारे तीज-त्योहारों पर खतरा मंडराता रहा है। कब पत्थर चलने लगे, कब गोलियां चले, कब कर्फ्यू लग जाए, कोई नहीं जानता। राजस्थान के लोग बहन-बेटियों के साथ अत्याचार नहीं सह सकते। किसी दलित बहन के साथ उसके पति के सामने गैंगरेप होता है। आरोपी वीडियो बनाते हैं, पुलिस शिकायत नहीं लिखती। छोटी-छोटी बच्चियां और स्कूलों में पढ़ाने वाली टीचर तक सुरक्षित नहीं है। कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस नेता पीड़िता महिलाओं पर ही झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं।

संसद के दोनों सदनों में आज भी जबरदस्त हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

#sansadmonsoonsatra

देश की संसद में इन दिनों मानसून सत्र चल रहा है। हालांकि 20 जुलाई से शुरू मानसून सत्र अब तक हंगामे की भेंट चढ़ता हुआ आया है।मानसून सत्र के पांचवे दिन लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई। हालांकि, आज एक बार फिर संसद में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलो के सामसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

विपक्ष को आगे काला कपड़ा ही पहनकर घूमना होगा-प्रह्लाद जोशी

मणिपुर के मुद्दे पर विरोध कर रहे विपक्ष के सदस्‍य आज काले कपड़े पहनकर संसद आए हैं।विपक्षी सांसदों के काले कपड़े पहनकर पहुंचने पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, काला कपड़ा पहनकर आये इससे क्या होगा। आगे चलकर उनको काला कपड़ा पहनकर ही घूमना होगा। विपक्ष के व्हिप जारी करने पर जोशी ने कहा, उनको व्हिप जारी करने दीजिए, लेकिन हमें जब बिल लाना होगा तब नियमों के अनुसार ही लाएंगे।

काला कपड़ा पीएम मोदी के अहंकार के खिलाफ- गौरव गोगोई

वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री, मणिपुर के लोगों के घाव पर नमक छिड़क रहे हैं। जिस समय हम बोल रहे हैं कि वे मणिपुर जाकर देश की व्यवस्था संभाले, राष्ट्रहित में काम करें, उस समय वे यहां भाषण दे रहे हैं। पहली बार हमें ऐसा पीएम मिला है जो देश के एक हिस्से में आग लगने के बावजूद भाषण में मग्न है। यह काला कपड़ा पीएम मोदी के अहंकार के खिलाफ है।  

जयशंकर के बोलते समय जमकर नारेबाजी

इधर, विदेश मंत्री एस. जयशंकर लोकसभा में भारत की विदेश नीति से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। पीछे विपक्षी सदस्‍यों का हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्‍यों को लोकसभा स्‍पीकर ओम बिड़ला ने कड़ी फटकार लगाई। स्‍पीकर ने कहा कि पूरा देश देख रहा है, आपके उसके सामने कैसा उदाहरण पेश करना चाहते हैं। हंगामा न रुकता देख स्‍पीकर ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया।

पीएम मोदी के राजस्थान पहुंचने से पहले सीएम गहलोत ने जताई नाराजगी, पीएमओ ने दिया जवाब, कहा-हमने भेजा था निमंत्रण, आपके ऑफिस ने किया इनकार

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजस्थान यात्रा से पहले राजनीति भी शुरू हो गई है। दरअसल, पीएम की यात्रा से पहले राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया कि इस कार्यक्रम में उनका भाषण हटा दिया गया। जिस पर पीएमओ ने जवाब दिया है। पीएमओ की ओर से गहलोत के आरोप का जवाब देते हुए कहा गया है कि हमने तो आपको बुलाया था लेकिन आपके ऑफिस ने आपके इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर मना कर दिया।पीएमओ ने साफ किया है कि अशोक गहलोत को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उनके दफ्तर ने ही आने में असमर्थता जताई थी।

आपको हर बार बुलाया गया-पीएमओ

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर जवाब दिया है कि अशोक गहलोत जी, प्रोटोकोल के तहत आपको कार्यक्रम में बुलाया गया है और भाषण का वक्त भी दिया गया है। लेकिन आपके ऑफिस ने ही कहा था कि आप इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी यात्राओं के दौरान भी आपको हर बार बुलाया गया था, आप हर बार कार्यक्रम में शामिल भी हुए हैं।

आपकी उपस्थिति को पूरा महत्व दिया जाएगा-पीएमओ

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में लिखा है कि आज के कार्यक्रम में आपका अभी भी स्वागत है, विकास से जुड़े कामों की प्लेट पर आपका नाम लिखा गया है। जबतक चोट की वजह से आपको आने में कोई शारीरिक असमर्थता ना हो, आपकी उपस्थिति को पूरा महत्व दिया जाएगा।

सीएम गहलोत ने क्या कहा था?

पीएम मोदी के दौरे को लेकर राजस्थान के सीएम ने दावा किया था कि उनको आज के कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया था। इसलिए उन्होंने ट्वीट करके कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय पीएमओ ने मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है।इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकूंगा। अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहे दिल से स्वागत करता हूं।