*मोहर्रम पर मजलिसों का दौर जारी ,अंजुमनों ने पेश किया नौहा मातम*
आजमगढ़ । फूलपुर और ग्रामीण इलाको मे मोहर्रम के मद्देनजर रविवार को चौथी मोहर्रम को इमामबाड़ो में मजलिस और मातम की सदा से गुंजानमय रहा। कई स्थानों पर जुलूस निकाल कर आजादरो ने करबला में शहीद इमाम हुसैन और उनके बहत्तर साथियों को खिराजे अकीदत पेश किया। जुलूस का समापन करबला स्थान पर किया गया।
फूलपुर और चमावां गांव में आयोजित मजलिस को जीशान हैदर निजामाबाद ने खिताब किया। उर्दू के मशहूर शायर कैफ़ी आज़मी के पैतृक गांव मेजवा में मौलाना वसी मोहम्मद खां ने मजलिस पढ़ा। दसमड़ा गांव में आयोजित मजलिस को मौलाना नदीम हैदर और मौलाना अमीर हैदरने मजलिस को खिताब किया। यहां सैय्यद मोहम्मद हसन के तत्वाधन में चौथी का जुलूस अकीदत के साथ निकाला गया। जुलूस इमामबाडा से निकल कर गांव के सैय्यद हाशिम और मरहूम नौशे हसन और अंसार हुसैन के अजखाने से होता हुआ करबला पहुंचा जहा जुलूस का समापन हुआ।
जुलूस के दौरान मोकामी अंजुमन अंजुमन गुलजारे पंजतन, अंजुमन अब्बासिया मेजवा, अंजुमन हुसैनिया फत्तनपुर, अंजुमन काजमिया अंबेडकर नगर ने नोहा मातम पेश कर फातेमा के लाल को पोरसा दिया। जुलूस के साथ ताबूत, जुलजेना और हजरत अब्बास का अलम आजादर लेकर चल रहे थे। मौलाना अमीर हैदर ने कहा कि इमाम हुसैन ने करबला के मैदान में अपने नाना के दिन को बचाने के लिए कुर्बानी दी थी। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया में इंसानियत बची हुई है।
Jul 24 2023, 15:16