*तहसील कर्मियों के आगे भगवान भी मजबूर, जानिए क्या है पूरा मामला*
फतेहपुर। तहसील कर्मियों के खेल के चलते हनुमंत लाल जी महाराज मंदिर की मूर्तियां चबूतरे पर पड़ी गर्मी बरसात एवं सर्दी झेलने को मजबूर हैं यही नहीं कब्जेदारों ने मंदिर में आने जाने का रास्ता भी बंद कर दिया है।
मंदिर का प्रबंध तंत्र अवैध कब्जा हटवाने एवं मंदिर निर्माण अपने पास की जमीन पर करवाने हेतु मुख्यमंत्री से लेकर जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, कमिश्नरी तक में गुहार लगा चुका है लेकिन तहसील कर्मियों के खेल के आगे सभी फेल हैं और कलयुग में भगवान भी ऐसे लोगों के सामने खुले में रहने को मजबूर हैं।
सूत्रों के अनुसार ग्राम औंग तहसील बिंदकी जनपद फतेहपुर में पैतृक मकान जीटी रोड के किनारे श्री हनुमंत लाल जी महाराज मंदिर लगभग 65 वर्ष पूर्व से बना हुआ था जो जीटी रोड के चौड़ीकरण की परिधि में आने पर मंदिर में स्थापित भगवान श्री हनुमंत लाल जी मंदिर के मूर्तियों को ओम के स्वयं की आराजी संख्या 360 की लगभग 13 बिस्वा के आंशिक भाग पर चबूतरा बनाकर रख दिया गया और 15 दिसंबर 21 को मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया गया जो उप जिला अधिकारी बिंदकी के आदेश बताकर प्रभारी अधिकारी थाना औग ने रुकवा दिया था।
जिला अधिकारी फतेहपुर को दिए गए प्रार्थना पत्र में मंदिर के सर्व राह कार्य वरिष्ठ अधिवक्ता विजय बहादुर शर्मा ने बताया कि तब भगवान की मूर्तियां खुले आसमान के नीचे ही रखी हुई हैं सीमांकन कर कब्जा दिलाए जाने की मांग को लेकर मंदिर के प्रबंध तंत्र ने मुख्यमंत्री के संज्ञान में प्रार्थना पत्र देकर लाया तहसील दिवस में भी प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की की धारा 24 के अंतर्गत वाद दाखिल करने को निर्देशित किया गया न्यायालय के निर्देश पर कच्ची नाव का सीमांकन न्यायालय के माध्यम से कराया गया जिसे आरोपियों कब्जेदारों ने सीमांकन रेखाओं को पुनः नष्ट कर दिया।
आरोपियों ने अतिरिक्त जिलाधिकारी फतेहपुर को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि आराजी संख्या 307 से उन्हें कोई लेना देना नहीं है इसके बावजूद भी आराजी संख्या 307 का सीमांकन नहीं कराया गया और न ही कब्जे वापस दिलाए गए।
Jul 11 2023, 13:24