अफ्रीकी देश तंजानिया की धरती से एस जयशंकर ने चीन पर बोला हमला, कहा-भारत दोहन करने वाली अर्थव्यवस्था नहीं
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफ्रीकी देश तंजानिया की धरती से जोरदार हमला बोला है।जयशंकर ने चीन की विस्तारवादी नीति पर उसे आड़े हाथों लिया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन पर इशारों ही इशारों में कहा है कि भारत ‘दोहन करने वाली अर्थव्यवस्था’ नहीं है और यह संसाधन-समृद्ध अफ्रीका महाद्वीप में ‘संकीर्ण आर्थिक गतिविधियां’ नहीं कर रहा है। जयशंकर ने तंजानिया के दार अस सलाम शहर में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
जयशंकर अफ्रीकी देशों के दौरे पर हैं। यहां जंजीबार के बाद तंजानिया से उन्होंने चीन पर निशाना साधा। चीन पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा है कि भारत ‘दोहन करने वाली अर्थव्यवस्था’ नहीं है और यह संसाधन-समृद्ध अफ्रीका महाद्वीप में संकीर्ण आर्थिक गतिविधियां नहीं कर रहा है।हमारे लिए, यह एक व्यापक और गहरी साझेदारी है।
जयशंकर ने कहा, ‘आज दुनिया, भारत को एक योगदानकर्ता के रूप में देखती है। दुनिया भारत, भारतीय कंपनियों, भारतीय प्रौद्योगिकियों, भारतीय क्षमताओं को उनके लिए बेहतर जीवन बनाने में मदद करने वाले के रूप में देखती है।
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘आज हम अफ्रीका और इसकी अर्थव्यवस्था को प्रगति करते देखना चाहते हैं। आज अफ्रीका के प्रति हमारा दृष्टिकोण अफ्रीका के साथ अधिक व्यापार करना, अफ्रीका में निवेश करना, अफ्रीका के साथ काम करना, अफ्रीका में क्षमता को बढ़ाना है। जिससे कि अफ्रीका का भी उसी तरह विकास हो, जिस तरह भारत जैसे देश एशिया में बढ़ रहे हैं।
जयशंकर ने ट्वीट किया, दार-अस-सलाम में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ रोचक बातचीत हुई। मिशन आईटी (इंडिया और तंजानिया) के महत्व पर जोर दिया। मजबूत भारत-अफ्रीका संबंध, विशेष रूप से पूर्वी अफ्रीका के साथ हमारे गहरे संबंधों पर जोर दिया गया; भारत और तंजानिया का संबंध हृदय भावना की एकजुटता और हितों की पारस्परिकता पर आधारित हैं। उन्होंने ट्वीट किया, यह माना जाता है कि भारतीय समुदाय इस रिश्ते की अभिव्यक्ति, योगदानकर्ता और शक्ति हैं। उन्होंने बताया कि कैसे भारत और तंजानिया की दोस्ती तंजानिया के औसत जीवन में बदलाव ला रही है। हमारी जल परियोजनाओं से सालाना 750 स्लॉट के साथ 80 लाख लोगों को लाभ होगा।
बता दें कि चीन अपनी विस्तारवादी नीति के चलते गरीबी अफ्रीकी देशों को कर्ज के जाल में फंसाने का कुचक्र करने में लगा हुआ है। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है।बीआरआई बीजिंग द्वारा किए गए ये महत्वपूर्ण निवेश एक ऐसा तरीका है जिससे चीन ने कई देशों में तेजी से स्थापित किया है। 2021 की शुरुआत में, चीन ने140 देशों ने 200 से अधिक बीआरआई सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, जो चीनी उद्यमों के लिए ढांचे के रूप में काम करते थे जैसे बंदरगाहों, रेलवे, बिजली संयंत्रों और दूरसंचार नेटवर्क आदि। हालांकि, चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना कई तरह के विवादों में घिरी हुई। इस पर घोटाले, भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह केवल चीन का कमजोर देशों को अपने कर्जजाल मे फांसने का उपकरण भर है जिसमें कर्जों की शर्तें पूरी कर पाना लगभग असंभव है।
Jul 07 2023, 19:39