*महिलाओं को न्याय दिलाने में नोएडा नंबर वन, लखनऊ दूसरे स्थान पर,सबसे ज्यादा मामले प्रयागराज में लंबित*
लखनऊ । महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों के निस्तारण के लिए योगी सरकार गंभीर हो चली है। इसीलिए इस मामले में पुलिस लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। इसलिए महिलाओं व बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों के निस्तारण के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। सबसे अधिक महिलाओं को न्याय दिलाने में नोएडा नंबर पर तथा दूसरे स्थान पर यूपी की राजधानी लखनऊ रही। यहां पर मार्च के बाद से बच्चियों व महिलाओं से छेड़छाड़ व दुष्कर्म के 71 मुकदमा पंजीकृत कराया गया। जिसमें कमिश्नरेट पुलिस ने तेजी दिखाते हुए 67 मामलों को निस्तारण कर दिया। इसलिए राजधानी को दूसरा स्थान मिला। जबकि अन्य बचे तीन केसों का निस्तारण कराने के लिए आपसी बातचीत की जा रही है। उसका भी पुलिस जल्द ही निस्तारण कर देगी। महिलाओं की समस्याओं के निस्तारण के मामले में सबसे निचले पायदान पर प्रयागराज है।
पुलिस विभाग द्वारा जारी आकड़ों पर गौर करे तो नोएडा में दो, लखनऊ में चार, आगरा में पांच, गाजियाबाद में नौ, वाराणसी में नौ, कानपुर में 23 तथा प्रयागराज में 27 मामले महिलाओं से संबंधित पेडिंग हैं। जहां पर मामले अधिक पेंडिंग है वहां के पुलिस अधिकारियों को तेजी लाने के लिए पुलिस मुख्यालय से निर्देश जारी किया गया है। साथ ही कहा गया कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस के अनुसार सभी सातों कमिश्नरेट के थानों में मार्च महीने के बाद से महिलाओं और बच्चियों से होने वाले अपराध को लेकर कुल 281 मुकदमें दर्ज करवाए गए। इनमें राजधानी लखनऊ में कुल 71 एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिसमें दुष्कर्म के 38 और पाक्सो के 33 मामलों में रिपोर्ट दर्ज की गई।
जिसमें से लखनऊ की पुलिस ने 67 केसों को सुलझा दिया है। बाकी बचे चार केसों का भी जल्द निस्तारण कर दिया जाएगा। महिलाओं से संबंधित मामलों के आने पर सबसे पहले उनकी काउंसलिंग की जाती है। इसके बाद फिर दोनों पक्षों को बुलाकर समझौते का प्रयास किया जाता है। पीड़ित महिलाओं को कई केसों में जिलाधिकारी कार्यालय से मुआवजा भी दिया जाता है। पुलिस के आकड़ों पर बात की जाए तो सातों कमिश्नरेट में सबसे अधिक मामले में प्रयागराज कमिश्नरेट में आए हैं। यहां पर कुल 27 मामले में अभी निस्तारण नहीं हो पाया है। जबकि छठवें पर कानपुर, पांचवें पर वाराणसी, चौथे पर गाजियाबाद, तीसरे पर आगरा और पहले नंबर नोएडा कमिश्नरेट का नंबर आता है.।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की निगरानी के लिए बनाया बनाया गया है एक्शन सेल
महिलाओं और बच्चियों के साथ (दुष्कर्म व पाक्सो) के केस की ट्रैकिंग इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल (आईटीएसएसओ) पोर्टल के जरिए की जाती है। इस पोर्टल को 2019 में लॉन्च किया गया था, वेबसाइट का रखरखाव नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के द्वारा किया जाता है। ऐसे में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की निगरानी और एक्शन लेने के लिए सेल बनाया गया है।
ऐसे में पुलिस शहर के थानों में दर्ज होने वाले मुकदमों की अपने स्तर पर जांच करती है और दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने का काम करती है। चूंकि योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर है। इसलिए महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोकने के लिए तथा उनकी समस्याओं का निस्तारण लापरवाही करने से यूपी पुलिस डरती है। खासकर महानगर में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोकने के लिए ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
Jul 02 2023, 16:05