घर जलाने के आरोप में महिला ने थाना में दिया आवेदन, जांच में जूटी पुलिस

बगहा : बगहा पुलिस जिला के नदी थाना क्षेत्र के पठखौली वार्ड नं एक में घर जलाने की मामला प्रकाश में आया है। इस संदर्भ में पीड़ित सुभाष बीन की पत्नी जीरा देवी ने नदी थाना को एक आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। 

पीड़ित महिला ने दिये गए आवेदन में आरोप लगाई है कि बरिअरवा गांव निवासी खुशबू देवी, बबीता देवी, राजेश राम, छोटेलाल राम, बडेलाल राम, अरविंद राम, अनिल राम के द्वारा साजिश के तहत पेट्रोल छिड़कर आग लगा दिया है। आगलगी में खाद्यान्न सामग्री, कपडा, रुपये समेत विभिन्न प्रकार की सामग्रियां जल कर नष्ट हो गई है। 

अग्नि पीड़ित परिवार की मानें तो लाखों रुपए मूल्य की क्षति हुई है। वहीं आरोपी अरविंद राम ने बताया कि लगायें गए सभी आरोप बेबुनियाद है। 

जबकि नदी थानाध्यक्ष प्रभात समीर ने बताया कि घटना को लेकर आवेदन प्राप्त है। जिसकी जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों में भूमि विवाद चल रहा है। जांच के बाद ही घटना का खुलासा हो पायेगा।

वाल्मीकिनगर में तेज रफ्तार के बाइक की ठोकर से एक युवक जख्मी, बेहतर इलाज के लिए रेफर

बगहा - वाल्मीकि नगर में चल रहे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में मजदूरी का कार्य कर पैदल लौट रहे युवक रवि करण सहनी उम्र लगभग 18 वर्ष पिता छोटे लाल सहनी ग्राम वाल्मीकि नगर रोड गांव नीतीश नगर निवासी को गुरुवार की शाम लगभग 6 बजे एक तेज रफ्तार से आ रही बाइक की ठोकर से युवक बुरी तरह जख्मी हो गया। 

जख्मी युवक के बहनोई अजय सहनी लवकुश घाट निवासी ने बताया कि घायल युवक रवि करण सहनी मेरे पत्नी का भाई हैं। वह कन्वेंशन सेंटर में मजदूरी का काम कर मेरे घर पैदल आ रहा था।इसी दौरान गंडक बराज से निकले मुख्य तिरहुत नहर के पथ पर अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के समीप तीन आर डी पुल चौक से गंडक बराज के तरफ विपरीत दिशा की ओर से आ रही एक बाइक चालक व्यक्ति धीरज सिंह ग्राम गोल चौक निवासी के द्वारा ठोकर मारने से युवक बुरी तरह से जख्मी हो गया। 

आनन-फानन में परिजनों के द्वारा टंकी बाजार स्थित एक निजी क्लिनिक में लाया गया। जहां उपचार के बाद स्थिति को चिंताजनक देखते हुए डांक्टर ने जख्मी युवक को बेतिया रेफर कर दिया। परिजनों के द्वारा घायल युवक को बेतिया ले जाया गया। फिर वहा से घायल युवक के दयनीय स्थिति को देखते हुए डांक्टर ने उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। 

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के डांक्टर ने जांच के दौरान घायल युवक के परिजनों को बताया कि युवक के सिर पर गंभीर चोट आने से सिर के अन्दर खून जम गया है। समाचार लिखे जाने तक घायल युवक रवि करण सहनी को होश नहीं आया था। उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

इस बाबत पूछे जाने पर वाल्मीकि नगर थाने के थाना अध्यक्ष विजय कुमार राव एवं पुलिस अवर निरीक्षक महेश कुमार ने बताया कि पीड़िता के परिजनों की ओर से अभी तक थाने में कोई आवेदन नहीं मिला है।आवेदन मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो की स्वाधीनता दिवस पर दिया विश्व शांति मानव पर्यावरण संरक्षण एवं आपसी प्रेम का संदेश।

लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो स्वाधीनता दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व शांति मानवता पर्यावरण संरक्षण एवं आपसी प्रेम का संदेश देते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शाहनवाज अली डॉ अमित कुमार लोहिया मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से कहा कि 

 यह दिन लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो का राष्ट्रीय दिवस है एवं जून 1960 में बेल्जियम से स्वतंत्रता का प्रतीक है। इस अवसर पर प्रवक्ताओं ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का इतिहास गौरवशाली है।

 19वीं सदी के अंत में जैसे ही विभिन्न यूरोपीय शक्तियों ने अफ्रीकी महाद्वीप पर नियंत्रण के लिए प्रतिस्पर्धा की, कांगो बेल्जियम के राजा लियोपोल्ड द्वितीय की नजर में आ गया।

लियोपोल्ड ने 1885 में बर्लिन के सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से कांगो क्षेत्र पर 'अधिकार' हासिल कर लिया और भूमि को कांगो मुक्त राज्य का नाम दिया।

स्थानीय आबादी के वर्षों के दुर्व्यवहार के बाद, बेल्जियम की संसद ने 1908 में स्वतंत्र राज्य का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया, जिससे बेल्जियम कांगो का निर्माण हुआ।

बेल्जियम कांगो ने 30 जून 1960 को बेल्जियम से कांगो गणराज्य के रूप में अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की।यह नाम थोड़ा अधिक भ्रमित करने वाला साबित हुआ क्योंकि मध्य कांगो के फ्रांसीसी उपनिवेश को कांगो गणराज्य भी कहा जाता था।अंतर बताने के लिए, दोनों देशों को उनकी राजधानी शहरों के बाद आमतौर पर कांगो-लियोपोल्डविल (पूर्व-बेल्जियम) और कांगो-ब्रेज़ाविल (पूर्व-फ़्रेंच) के रूप में जाना जाता था।

 1971 में, कांगो-लियोपोल्डविले का नाम ज़ैरे रखा गया।

1996 में ज़ैरे में एक लोकप्रिय विद्रोह के कारण देश ने 1997 में अपना वर्तमान नाम डीआर कांगो अपनाया।  आजादी के बाद से देश में व्याप्त संघर्ष की याद दिलाने के लिए, यह उन प्रियजनों की कब्रों पर पुष्पांजलि अर्पित करने का भी समय है जो गृह युद्धों और लड़ाई में मारे गए हैं।

*4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम एवं शिक्षक भर्ती मे बदलाव का एबीवीपी ने जताया विरोध, मुख्यमंत्री के खिलाफ की नारेबाजी*

बेतिया : 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम एवं शिक्षक भर्ती नियम मे किये गए बदलाव को एबीवीपी ने अभ्यर्थियों के साथ विश्वासघात करार देते हुए मुख्यमंत्री का किया विरोध किया है।

बता दे चाचा भतीजा शर्म करो , कुर्सी कुमार इस्तीफा दो , शिक्षा मंत्री मुर्दाबाद , बिहार सरकार मुर्दाबाद के नारे के साथ विद्यार्थी परिषद के 25 कार्यकर्ता आरएलएसवाई कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम किए l 

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय इकाई के मंत्री मिथलेश कुमार ने किया l 

इस अवसर पर एबीवीपी के जिला संयोजक अभिजीत राय व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विशाल झा ने कहा कि तीन दशक तक बिहार के मुखिया रहे लालू और नीतीश परिवार आज यह मान रही है कि उन्होंने 3 दशक में शिक्षा व्यवस्था को गर्त में धकेल दिया l 

केंद्र सरकार द्वारा लागू नई शिक्षा नीति को जब राजभवन के द्वारा बिहार के विश्वविद्यालयों एवं छात्र छात्राओं के हितार्थ लागू करने का प्रयास किया जा रहा है तो नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा यह दलील दी जा रही है कि हमारे पास वर्ग, पुस्तकालय , लैब , बेंच कुर्सी , टेबल एवं शिक्षक नहीं हैं l इसलिए हम यह लागू नहीं कर सकते l हम केवल डिग्री बांटने की दुकान ही चलाते रहेंगे। 

इन्होने कहा की रामलखन सिंह महाविद्यालय भी दलाली एवं भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। अव्यवस्था फैलाने में महाविद्यालय प्रशासन की भी मौन स्वीकृति एवं मिलीभगत है।नगर मंत्री रंजीत श्रॉफ एवं सह मंत्री अभिषेक गुप्ता ने कहा कि बिहार के युवा अशिक्षित रहें और हमें अपना मुखिया मानते रहें l साथ ही कहा कि विद्यार्थी परिषद अब आर पार की लड़ाई लड़ रही है l यदि नई शिक्षा नीति लागू करने में बिहार सरकार व्यवधान उत्पन्न करेगी तो हम मुख्यमंत्री आवास को घेरने का काम करेंगे l 

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ऋषिक चौरसिया राष्ट्रीय कला मंच के जिला संयोजक विशाल दीक्षित एवं अलोक दूबे ने कहा कि आज जिस प्रकार बिहार के छात्र-छात्रा यहां से बाहर जाने के बाद प्रत्येक कदम पर हास्य के पात्र बनते हैं उसके लिए एकमात्र बिहार के सत्ता लोलुप नीतीश कुमार और लालू यादव का परिवार है क्योंकि इन्होंने बिहार के युवाओं को अशिक्षित करने का ठेका ले रखा है l 

इस अवसर पर एबीवीपी कार्यकर्ता आदर्श कुमार ,पिंटू कुमार, सूरज कुमार, गुलशन कुमार ,रोहित गौरव ,शुभम, आनंद , राहुल गोविंद सहित कई कार्यकर्ता कार्डबोर्ड लेकर महाविद्यालय परिसर को नारों से गुंजायमान कर रहे थे l 

मौके पर चंदन सैनी, सितांशु मिश्रा, अमन शर्मा, अंकित सिंह, मनु दूबे, अनमोल तिवारी, अनिकेत कुमार,धीरज गुप्ता, दिलीप कुमार, बिट्टू कुमार, अमन सिंह राजपूत, रवीश कुमार, कुंदन कुमार, विकाश कुमार, शुभम कुमार आदि उपस्थित रहे।

बीजेपी राज्यसभा सांसद सतीश दूबे का आह्वान, विधायक और राजसभा सदस्य बुथों पर स्थानीय लोगों से मिलकर मोदी सरकार के नव साल बतायें

 बगहा : केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नव वर्ष पूरा होने पर भारतीय जनता पार्टी के चलाये जा रहे कार्यक्रम नव साल सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के तहत महाजनसंपर्क अभियान में वृहस्पतिवार को राजसभा सदस्य सतीश चंद्र दुबे एवं स्थानीय विधायक भाजपा के राम सिंह माजपा बगहा जिला युवा मोर्चा द्वारा आयोजित मोटरसाइकिल रैली में शामिल हुए।

सांसद प्रतिनिधि रितु जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मोटरसाइकिल रैली बगहा-1 प्रखंड के परसौनी चौक से चलकर बगहा नगर तक समाप्त हो गयी। इस दौरान राजसभा सांसद और स्थानीय विधायक ने जगह- जगह जनसम्पर्क किया। 

भारतीय जनता पार्टी के सम्पर्क से समर्थन अभियान के तहत बगहा विधानसभा के चौतरवा मंडल के चौतरवा बाजार में बूथ सं- 241 एवं 242 तथा बगहा नगर मंडल के बूथ सं- 84 से 92 तक पर महाजनसंपर्क अभियान चलाया गया।

इस दौरान राजसभा सदस्य सतीश चंद्र दुबे एवं बगहा के स्थानीय विधायक राम सिंह ने सभी बुथों पर स्थानीय लोगों से मिलकर मोदी सरकार के 9 साल में किये गये विकास कार्यों के बारे में बताया।इस दौरान वे बूथ पर आम जनता से भी डोर टू डोर मिले। स्थानीय विधायक ने बताया की मोदी जी के 9 साल पूरा होने पर लोगों के अंदर मोदी जी के प्रति अपार जन समर्थन एवं स्नेह मिल रहा है।

कार्यक्रम में युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुजीत सिंह, उपाध्यक्ष सुबोध कुमार ,सिद्धार्थ सिंह ,विकाश रौशन, जिला उपाध्यक्ष ऋतु जायसवाल, जिला महामंत्री सुजीत चौरसिया, मत्स्यजीवी संयोजक नागेंद्र साहनी , दीपू तिवारी, दीपक राही, विजय साहू, आशुतोष मालवीय, बृजेश प्रसाद, प्रमोद राम गोविंद जायसवाल, वशु शुक्ल आदि लोग उपस्थित रहें।

जल संसाधन मंत्री संजय झा से मिले वाल्मीकि नगर सांसद सुनिल कुशवाहा, बाढ़ और सिंचाई की समस्यायों से कराया अवगत

बेतिया : वाल्मीकि नगर के दौरे पर आये बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा से वाल्मीकि नगर के सांसद सुनील कुशवाहा मिलकर वाल्मीकि नगर क्षेत्र में हर साल आनेवाले बाढ़़ और सिंचाई की समस्यायों से अवगत कराया है। 

बगहा अनुमंडल में सिंचाई से लेकर बाढ़ के समय क्षेत्र में आने वाली समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्होंने बाढ़ पूर्व तैयारी पर की जाने वाली तैयारियों का साझा किया। बाढ़ के दिनों में गंडक नदी के द्वारा नगर सहित आसपास के कई क्षेत्रों में कटाव की स्थिति पर भी सांसद ने मंत्री को रूबरू कराया है।बगहा नगर के पारस नगर, गांधी, नगर सहित शास्त्रीनगर पर नदी के सबसे अधिक दबाव और हो रहे कटाव पर बन रहे पक्का बांध निर्माण के विषय में जानकारी दी है। 

इसके अलावा गंडक पार के चारों प्रखंड में बाढ़ के दिनों में आने वाली समस्याओं से सांसद ने मंत्री को अवगत कराते हुए कहा,कि बाढ़ पूर्व गंडक के दबाव वाले जगह पर कटावरोधी कार्य करायी जाय। 

वहीं मंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग की ओर से बाढ़ पूर्व सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर ली गई है। कटाव वाले सभी जगह पर सैंड बैंग का स्टोरेज कर लिया गया है। अभियंताओं को लगातार मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है। 

उन्होंने बताया कि सभी क्षेत्र सुरक्षित है।अगर कहीं भी गंडक नदी का दबाव बनता दिखाई देता है,तो वहां तत्काल कटाव रोधी कार्य शुरू कराया जाएगा। मंत्री ने बताया कि किसानों के खेतों तक पानी पहुंचे इसको लेकर सरकार व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। इसी क्रम में त्रिवेणी केनाल के सफाई का कार्य पूरा करके केनाल में पानी भी छोड़ दिया गया है।ताकि किसान समय पर अपनी खरीफ फसलों की बुआई कर सके। 

इस अवसर पर वाल्मीकि नगर सांसद के अलावा जदयू के वरीय पदाधिकारी आदि मौजूद रहें।

बगहा में एक बार फिर हुई खाकी शर्मसार एएसआई का महिला के घर मे घुसने का वीडियो वायरल

बगहा में एक बार फिर से खाकी शर्मसार हुई है। एक एएसआई का एक महिला के घर में घुसने का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ।

बगहा में एक बार फिर से खाकी शर्मसार हुई है। एक एएसआई का एक महिला के घर में घुसने का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । बीती रात नगर थाना क्षेत्र में एक महिला के घर एएसआई घुसे थे। घर से बाहर निकलने के दौरान लोगों ने पकड़कर उसका वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया । पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। महिला के घर से निकलने के दौरान एएसआई का ग्रामीणों ने वीडियो बनाया तो एएसआई हंगामा करने लगा और कैमरे से बचता दिखा। वायरल वीडियो में ग्रामीण साफ साफ आरोप लगाते दिख रहे हैं कि एएसआई अक्सर महिला के घर आते रहते हैं और पूरी रात रुकने के बाद तीन से चार बजे के बीच चले जाते हैं। वायरल वीडियो में लोग पुलिसकर्मी को पकड़कर पूछ रहे हैं कि यहां क्यूं आए थे? इसपर एएसआई यह जवाब दे रहा है कि वह महिला के यहां खाना खाने आए थे,क्योंकि महिला उनकी कुक है और जब वह बगहा में रहते हैं तो वह महिला ही उनको खाना बनाकर खिलाती है। इस दौरान ग्रामीणों ने एएसआई के साथ धक्का मुक्की भी की।

ग्रामीणों का आरोप है कि रोज रात को एएसआई उस घर में घुसते हैं और 2 से 3 बजे भोर में बाहर निकलते हैं, दोनों के नाजायज संबंध हैं। इसी को लेकर ग्रामीणों ने उसे बीती रात पकड़ लिया और उसका वीडियो बनाया। एएसआई वाल्मीकिनगर थाने में पदस्थापित हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि महिला के साथ पुलिसकर्मी का अवैध संबंध है। महिला का पति बाहर मजदूरी करता है और महिला घर में अकेली रहती है। ऐसे में अक्सर एएसआई यहां पहुंच जाता है।वहीं इस बारे में जब उक्त महिला से बात की गई तो उसने कहा कि वह एएसआई के लिए खाना पकाती है।खाना खाकर एएसआई चले जाते हैं। लोगों को गलतफहमी हो गई है।

एएसआई के लिए विगत तीन वर्षों से खाना बनाती आ रही हूं। रात्रि के दो से तीन के बीच में वह आए और खाना बनाने के लिए बोले। इसी बीच तकरीबन तीन से चार बजे भोर में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और गलत गलत इल्जाम लगाने लगे।

वहीं इस मामले में नगर थानाध्यक्ष का कहना है कि एसपी किरण कुमार गोरख जाधव के आदेश पर जांच की जा रही है । अगर मामला सत्य पाया जाता है तो उक्त एएसआई पर कार्रवाई की जाएगी । बतादें की वीडियो वायरल होने के उपरांत थानाध्यक्ष मामले की जांच करने महिला के घर पहुंचे थे।

बेतिया खाद्य संरक्षण के अधिकारी ने कुबेर स्वीट्स का किया औचक जाँच

बेतिया नगर के खिरियाघाट के समीप स्थित कुबेर स्वीट्स का औचक जांच खाद्य संरक्षण के अधिकारी राजेश्वर प्रसाद ने किया। मिठाई दुकान में रखे गए मिठाईयों के संबंध में कुबेर स्वीट्स के संचालक राकेश कुमार से उसके बनाने व क्वालिटी की विस्तृत जानकारी ली।

खाद्य संरक्षण के अधिकारी राजेश्वर प्रसाद ने मिठाईयों की शुद्धता और क्वालिटी पर संतोष प्रकट किया, परन्तु उसकी प्रयोगशाला जांच के लिए कई मिठाईयों में से सैम्पल लेकर उसे सील किया। जांच के क्रम में “फूड लाइसेंस” की मांग की, जिसे संचालक राकेश कुमार द्वारा तक्ष्ण प्रस्तुत किया गया। स्वीट्स की दुकान की सफाई ठीक थी, फिर भी उन्होंने खाद्य सामाग्री होने के कारण अन्य सफाई व रख रखाव को बेहतर बनाने का निर्देश दिया। साथ ही मिठाईयों के आगे बनाने की तिथि और उसके गुणवत्ता की तिथि लिखे जाने का भी निर्देश दिया।

मिठाई और अन्य सामग्रियों पर उन्होंने संतोष प्रकट करते हुए बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर यह औचक जांच विभिन्न जगहों पर की जा रही है और खाद्य पदार्थों की सैम्पल लेकर उसकी जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। स्थानीय लोगों की शिकायतों पर भी तत्काल कार्यवाही की जाएगी। जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का किसी भी हालत में छूट नहीं दी जाएगी। शहर के सभी होटलों, रेस्टोरेंट और मिठाई दुकान की जांच की जाएगी। यदि कोई भी मिलावट या अशुद्धता पाई जाएगी तो निश्चित तौर पर कार्यवाही की जाएगी।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन की अपील, प्रेस की स्वाधीनता को आगे आए नई पीढ़ी के पत्रकार एवं मीडिया कर्मी*

बेतिया : आज 28 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत में आपातकाल के दौरान मारे गए लोग ,पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों के सम्मान में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत में 1975 आपातकाल के समय को सदियों तक याद रखा जाएगा। आपातकाल की घोषणा के दो दिन के भीतर ही राजनीतिक विरोधियों एवं आंदोलनकारियों की गतिविधियों पर तो पहरा बिठा ही दिया गया, साथ ही आजाद भारत में ऐसा पहली बार हुआ, जब सरकार ने प्रेस पर प्रतिबंध लगाये। 

आपातकाल के दरमियान स्थिति ऐसी थी कि समाचार पत्रों में छपने वाली खबरों को सेंसर किया जाने लगा । अखबार छापने से पहले सरकार की अनुमति लेने की बंदिश लगा दी गई। आपातकाल के दौरान 3801 समाचार-पत्रों के डिक्लेरेशन जब्त कर लिए गए। 327 पत्रकारों को मीसा में बंद कर दिया गया और 290 अखबारों के विज्ञापन बंद कर दिए गए। हालात इस कदर बिगड़े कि टाइम एवं गार्जियन अखबारों के समाचार-प्रतिनिधियों को भारत से जाने के लिए कह दिया गया। रॉयटर सहित अन्य एजेंसियों के टेलेक्स एवं टेलीफोन काट दिए गए थे। 

इस अवसर पर वक्ताओं ने नई पीढ़ी के पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों से अपील करते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में आम भूमिका निभाने की आवश्यकता है ताकि लोकतंत्र को अत्यधिक मजबूत किया जाए। जिसका सपना बरसों पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अमर शहीदों स्वतंत्रता सेनानियों एवं संविधान सभा के सदस्यों ने देखा था।

राष्ट्रीय गीत के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की 186वीं जन्म दिवस पर विशेष कार्यक्रम का किया गया आयोजन

बेतिया : आज दिनाँक 27 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन भारत के राष्ट्रीय गीत के रचिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के जन्म दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद इंटरनेशनल पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल एवं डॉ अमित कुमार लोहिया नें सयुंक्त रूप से कहा कि वह बंगला के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार एवं पत्रकार थे. जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गये थे. रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है।

बंकिमचंद्र ने अपने लेखन की शुरुआत अंग्रेजी उपन्यास से की थी, लेकिन बाद में उन्‍होंने हिंदी में लिखना शुरू किया. देश के लिए राष्ट्रगीत एवं अन्‍य रचनाओं को आज भी याद किया जाता है.

बंकिमचंद्र ने जब इस गीत की रचना की तब भारत पर ब्रिटिश शासकन था. ब्रिटेन का एक गीत था 'गॉड! सेव द क्वीन'. भारत के हर समारोह में इस गीत को अनिवार्य कर दिया गया. 

बंकिमचंद्र तब सरकारी नौकरी में थे. अंग्रेजों के बर्ताव से बंकिम को बहुत बुरा लगा और उन्होंने साल 1876 में एक गीत की रचना की एवं उसका शीर्षक दिया वंदे मातरम्।                 

इस गीत ने भारत की स्वाधीनता आंदोलन में इस राष्ट्रीय गीत ने स्वतंत्रता सेनानियों को नई दिशा प्रदान की।