*दिल्ली यूनिवर्सिटी को पीएम मोदी ने दी सौगात, कहा- दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा*

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दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में आज शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्विद्यालय को तीन भवनों की सौगात दी। पीएम मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर और ‘प्रौद्योगिकी संकाय’ की इमारत और दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी।इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित किया।पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि डीयू आना मेरे लिए घर आने जैसा है। डीयू हर महत्वपूर्ण क्षण का साक्षी रहा है। पीएम मोदी के भाषण से पहले छात्र-छात्राओं ने मोदी-मोदी, वंदे मातरम, भारत माता की जय का नारा लगाया।

निमंत्रण मिलते ही तय कर लिया था यहां आना है-पीएम मोदी

भाषण की शुरुआत करते ही पीएम मोदी ने कहा, ‘खुशी है कि मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का जश्न मनाने के लिए इस उत्सव में उपस्थित हूं। निमंत्रण मिलते ही तय कर लिया था की आपके यहां तो आना ही है।

इस विवि ने हर मूमेंट को जिया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा इस विवि ने हर मूमेंट को जिया, इस यूनिवर्सिटी ने हर मूमेंट में जान भर दी है। पीएम ने कहा कि मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर यूनिवर्सिटी के सभी प्रोफेसर और स्टाफ के साथ स्टूडेंट व पूर्व छात्र-छात्राओं को हृदय से बधाई देता हूं। आज इस आयोजन के जरिये यहां नए और पुराने स्टूडेंट भी साथ मिल रहे हैं। स्वभाविक है कुछ सदाबहार चर्चाएं भी होंगी। उन्होंने कहा नॉर्थ कैंपस के लोगों के लिए कमला नगर और मुखर्जी नगर से जुड़ी यादें और साउथ कैंपस वालों के लिए सत्य निकेतन के किस्से होंगे।

दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देश में अब बड़ी संख्या में कॉलेज बन रहे हैं, देश का युवा अब खुद को बांधना नहीं चाहता है बल्कि बड़ी लकीर खींचना चाहता है। 2014 से पहले देश में चंद ही स्टार्टअप थे, लेकिन अब ये संख्या एक लाख से ज्यादा हो गई है। आज दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा है, यही कारण है कि हर कोई भारत की ओर देख रहा है।

भारतीय यूनिवर्सिटी की ग्लोबल पहचान बढ़ी- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय यूनिवर्सिटी की ग्लोबल पहचान बढ़ रही है, विश्व में भारत का गौरव बढा है। देश का युवा कुछ नया करना चाहता है। देश में स्टार्टअप की संख्या अब लाख के पार है। बड़ी कंपनियों ने भारत में निवेश का फैसला लिया है। 

आज हम दुनिया के 5 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में हैं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत में नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय थे, तब भारत सुख और समृद्धि के शिखर पर था। जब भारत में तक्षशिला जैसे संस्थान थे, तब भारत का विज्ञान दुनिया का मार्गदर्शन करता था। ये वो समय था जब दुनिया में भारत की जीडीपी में हिस्सेदारी बहुत बड़ी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, एक समय था जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 कॉलेज थे, अब 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। एक समय था जब भारत नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में आता था और आज यह दुनिया के 5 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में है।

क्यों जल रहा फ्रांस? सड़कों पर उतरी भीड़, दर्जनों शहर में हिंसक प्रदर्शन

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यूरोपीय देश फ्रांस तीन दिनों से दंगे की आग में जल रहा है। फ्रांस के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।फ्रांस में ट्रैफिक स्टॉप पर पुलिस की ओर से 17 साल के एक लड़के की गोली मारकर हत्या करने के मामले में देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी दर्जन भर से ज्यादा शहरों में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकारी संपत्तियों को आगे के हवाल कर रहे हैं। करोड़ों रुपये की संपत्ति को जला दिया गया है और बस, सरकारी दफ्तरों समेत तमाम सार्वजनिक स्थलों पर पत्थरबाजी की जा रही है।

दरअसल, पेर‍िस पुल‍िस ने ट्रैफ‍िक न‍ियमों का उल्‍लंघन करने पर एक किशोर को गोली मार कर हत्‍या कर दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने जिस 17 साल के लड़के की गोली मारकर हत्या की थी, वो मोरक्कन मूल का अल्जीरियाई लड़का था।जिस 17 साल के लड़के को गोली मारी गई थी, उसका नाम नाहेल एम था। बताया जा रहा है कि उसने ट्रैफिक स्टॉप पर रुकने से इनकार कर दिया था और गाड़ी आगे बढ़ा दी। इसके बाद फ्रांस ही नहीं बल्‍क‍ि दुनिया के कई देशों ने पेर‍िस पुलिस की इस घटना की घोर न‍िंदा की और पुलिस फोर्स की इस तरह की अमानवीय कार्रवाई और उनके काम करने के तौर तरीकों पर बड़े सवाल भी खड़े क‍िये हैं। 

पेरिस के पश्चिमी उपनगर नैनटेरे में किशोर को गोली मारी गई थी, जिसके बाद भड़के लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और फिर कारों में आग लगाना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिस पर बम के गोले फेंकने शुरू कर दिए। प्रदर्शनकारियों ने इमारतों और बसों में आग लगानी शुरू कर दी और "नाहेल के लिए प्रतिशोध" लिखकर दंगे करने शुरू कर दिए। रात के वक्त दंगाईयों ने एक बैंक को आगे के हवाल कर दिया और काफी कड़ी मशक्कत के बाद अग्निशमन कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया। आग की लपटों को काफी मुश्किलों के बाद अपार्टमेंट के ऊपरी इमारतों में फैलने से रोका गया। 

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को लड़के को श्रद्धांजलि देने के लिए रेन शहर में लगभग 300 लोग जमा हुए, जिन्हें पुलिस ने तितर-बितर किया। व‍िरोध प्रदर्शन और आगजनी करने के आरोप में पुल‍िस ने करीब 150 लोगों को गिरफ़्तार भी किया है।

पीएम मोदी ने दिल्ली मेट्रो में किया सफर, आम लोगों के साथ बैठे और यात्रियों से बातचीत करते आए नजर

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दिल्ली विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया है। पीएम मोदी भी इस समारोह में पहुंचे। दिल्ली विश्वविद्यालय के समारोह में पहुंचने के लिए पीएम मोदी ने मेट्रो से सफर किया। मेट्रो में पीएम मोदी छात्रों और आम लोगों के साथ बैठे और बातचीत करते नजर आए। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, दिल्ली मेट्रो से डीयू कार्यक्रम के रास्ते में हूं। युवाओं को अपने सह-यात्रियों के रूप में पाकर खुश हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचने। वह विश्‍वविद्यालय के शताब्‍दी समारोह समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मेट्रो से पहुंचे।मेट्रो से सफर के दौरान प्रधानमंत्री को यात्रियों से संवाद करते देखा गया।समाचार एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें पीएम मोदी मेट्रो में सवार कई यात्रियों से बातचीत करते दिख रहे हैं।

पीएम मोदी का पहले सड़क के रास्ते दिल्ली यूनिवर्सिटी जाने का प्लान था।आखिरी मौके पर प्लान पर प्लान बदल दिया गया।पीएम मोदी ने येलो लाइन पर यूनिवर्सिटी तक मेट्रो में सफर के लिए टोकन खरीदा। पीएम मोदी टोकन के जरिए एएफसी गेट से स्टेशन के भीतर एंट्री की। इसके बाद पीएम मोदी अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ एस्केलेटेर के जरिये प्लेटफॉर्म पर पहुंचे। पीएम मोदी प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार करते भी नजर आए। ट्रेन आने के बाद सुरक्षा कर्मियों के साथ पीएम मोदी ने ट्रेन में प्रवेश किया। शुरुआत में पीएम मोदी के आसपास कोई भी मौजूद नहीं था।

तमिलनाडु में फिर राज्यपाल और स्टालिन सरकार आमने-सामने, सेंथिल बालाजी की बर्खास्तगी फिर आदेश पर रोक लगाए जाने के बाद चढ़ा सियासी पारा

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तमिलनाडु में सियासी बवाल मचा हुआ है। यहां राज्यपाल आरएन रवि और राज्य की स्टालिन सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं। राज्यपाल आरएन रवि द्वारा राज्य सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को पद से हटाने और बाद में अपने फैसले को वापस लेने से सियासी पारा चढ़ गया है।दरअसल गुरुवार को खबर आई कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद बिजली और आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया गया है।हालांकि कुछ ही घंटों के अंदर राज्यपाल ने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश को स्थगित कर दिया।इस मामले से राज्यपाल और स्टालिन सरकार के बीच एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है।स्टालिन ने कहा है कि सरकार इसे कानूनी रूप से चुनौती देगी।

बता दें कि स्टालिन के मंत्री सेंथिल बालाजी पर भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं। ईडी नकद के बदले नौकरी देने के आरोप में बालाजी से पूछताछ कर रही है।इस बीच गुरूवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने एक दुर्लभ फैसले के तहत तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रि परिषद से बर्खास्त कर दिया था। एक विज्ञप्ति जारी कर राज्यपाल ने कहा कि बालाजी कई गंभीर मामलों में कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। ऐसे में मंत्री रहते हुए, वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि ऐसी आशंका है कि सेंथिल बालाजी के मंत्रिपरिषद में बने रहने से निष्पक्ष जांच सहित कानूनी प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। 

बर्खास्त करने के आदेश को स्थगित कर दिया गया

हालांकि ये फैसला मुख्यमंत्री की सिफारिश के बिना लिया गया था। जिसके कुछ ही घंटों के अंदर राज्यपाल ने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश को स्थगित कर दिया है। उनके इस फैसले के बारे में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को भी सूचित कर दिया है। मुख्यमंत्री को देर रात भेजे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि वह इस कदम को लेकर अटॉर्नी जनरल से विचार-विमर्श करेंगे और उनसे कानूनी सलाह लेंगे।

स्टालिन ने दिया संविधान का हवाला

राज्यपाल के इस फैसले के बाद तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल के पास किसी मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है। हम इस मुद्दे का कानूनी रूप से चैलेंज करेंगे। डीएमके ने कहा कि सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने वाले राज्यपाल कौन होते हैं? क्या उनके पास संवैधानिक अधिकार है? राज्यपाल संविधान को कमजोर कर रहे हैं।

पहली बार नहीं हुआ है विवाद

ये कोई पहली बार नहीं है जब राज्यपाल और तमिलनाडु सरकार के बीच इस तरह की स्थिति सामने आई है। सितंबर 2021 में आरएन रवि के तमिलनाडु के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद से तनाव बना हुआ है। पिछले साल स्टालिन सरकार ने ये आरोप लगाते हुए आरएन रवि के कार्यक्रमों को बहिष्कार करने का ऐलान किया था कि स्टालिन सरकार द्वारा की गई कई कैबिनेट सिफारिशों और एक दर्जन पारित विधेयकों को मंजूरी देने में राज्पाल ने देरी की। इनमें मेडिकल प्रवेश के लिए एनईईटी को समाप्त करने का विधेयक भी शामिल था। इसके बाद तमिलनाडु का नाम बदलकर तमिझगम करने की राज्यपाल की वकालत पर भी वह और तमिलनाडु सरकार आमने-सामने आ गए थे। राज्यपाल ने तर्क देते हुए कहा था कि ‘नाडु’ शब्द का मतलब राष्ट्र से हैं, जो अलगाववाद की ओर इशारा करता है।

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर हिमंत बिस्वा सरमा ने उठाए सवाल, कहा-वे क्या हल निकालेंगे, उनकी यात्रा महज मीडिया प्रचार

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंसाग्रस्त मणिपुर के दौरे पर हैं। राहुल गांधी की यात्रा का आज दूसरा दिन है। कांग्रेस नेता के मणिपुर दौरे पर कोलेकर सियासत जारी है। इससे पहले गुरूवार को राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर में रोक दिया गया था।पुलिस ने हिंसा की आंशका को देखते हुए काफिले को रोका था। अब इसी पर भाजपा और कांग्रेस में तनातनी शुरू हो गई है।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने निशाना साधा है। असम के सीएम ने कहा कि राहुल गांधी का मणिपुर दौरा राज्य की गंभीर स्थिति में कोई सुधार नहीं लाएगा। उन्होंने इस दौरे को एक दिन का मीडिया कवरेज बताया।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मणिपुर की स्थिति को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार हालात को काबू में लाने की कोशिश कर ही हैं। उन्होंने कहा कि वहां किसी सियासी नेता (राहुल गांधी) के जाने की जरूरत नहीं है, वो इस मामले का कोई हल नहीं निकालेंगे। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर उनके दौरे से कोई सकारात्मक नतीजा मिलता है तो ये अलग बात है, अन्यथा ये एक दिन का मीडिया हाइप है... वन डे एपिसोड है।

राहुल को हिंसा पर सियासत नहीं करने की नसीहत

असम के मुख्यमंत्री ने राहुल को हिंसा पर सियासत नहीं करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति करुणा के जरिए मतभेदों को दूर करने की मांग करती है, न कि किसी नेता के दौरे से मतभेदों को बढ़ाने की। शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी के मणिपुर दौरे को मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है और इस वक्त किसी को पूर्वोत्तर राज्य की दुखद स्थिति से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। सीएम ने ट्वीट किया, मणिपुर में स्थिति करुणा के जरिए मतभेदों को दूर करने की मांग करती है। किसी नेता द्वारा अपनी तथाकथित यात्रा का उपयोग मतभेदों को बढ़ाने के लिए करना राष्ट्र के हित में नहीं है। राज्य के दोनों समुदायों ने ऐसे प्रयासों को साफ तौर पर खारिज कर दिया है।

सुरक्षा का हवाला देते हुए रोका गया था राहुल का काफिला

बता दें कि चुराचांदपुर मणिपुर के सबसे प्रभावित इलाकों में से एक है। राहुल गांधी मणिपुर पहुंचने के बाद जैसे ही चुराचांदपुर जाने के लिए रवाना हुए तो पुलिस ने उनके काफिल को ये कहते हुए रोक दिया कि हाइवे पर ग्रेनेड अटैक होने की आशंका है। इसके बाद राहुल गांधी एयरपोर्ट वापस लौट गए और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर पहुंचे। राहुल गांधी ने इसके बाद ट्वीट करते हुए कहा, मैं मणिपुर अपने भाइयों-बहनों की बात सुनने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत स्वागत और प्रेम कर रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही

अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना, एलजी मनोज सिन्हा ने दिखाई हरी झंडी, अब तक तीन लाख लोगों ने करवाया पंजीकरण

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बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का इंतजार खत्म हो गया है। अमरनाथ की यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू से रवाना कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर जम्मू बेस कैंप से पहले जत्थे को रवाना किया। इस दौरान उन्होंने बाबा अमरनाथ से सभी भक्तों के लिए सुख और समृद्धि की प्रार्थना की। एलजी ने कहा कि सभी भक्तों को सुरक्षित और आध्यात्मिक यात्रा की शुभकामनाएं। ।

सुबह करीब चार बजे अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पूजा अर्चना के बाद जम्मू एवं कश्‍मीर के उप-राज्यपाल व अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने हिम स्वरूप में बने हिमानी शिवलिंग यानी बाबा अमरनाथ की यात्रा करने वाले पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया। बम-बम भोले और भारत माता की जय के नारों के बीच यात्रियों में दर्शन को लेकर खासा उत्साह देखा गया।

अब तक 3 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालुओं ने कराया पंजीकरण

जानकारी के मुताबिक यात्रियों का यह पहला जत्था भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा में बाबा बर्फानी का दर्शन करेगा। यह तीर्थयात्रा 62 दिन तक चलेगी और कश्मीर से दो रास्तों से शुरू हो रही है। पहली बार साल 2023 की यात्रा 62 दिनों तक चलेगी। इस साल 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक यात्रा चलेगी और यह अब तक की सबसे ज्यादा समय तक चलने वाली श्री अमरनाथ यात्रा है। अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं, जो बीते वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है।

इस बार यात्रियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था

इस बार जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से कश्मीर तक अलग-अलग स्थानों पर आपात स्थिति में यात्रियों को रहने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था मुहैया करवाई जाएगी। जिला रामबन के चंदरकोट में 3600 क्षमता वाला यात्री निवास स्थापित किया गया है, क्योंकि इस साल रिकॉर्ड 62 दिन की अमरनाथ यात्रा से जुड़े होटल, टैक्सी ऑपरेटर, ड्राई फ्रूट्स आदि व्यवसाय में तेजी आने की उम्मीद है और व्यापारी वर्ग भी खुश है।

सुरक्षा के भी बंदोबस्त पूरे

जम्मू के भगवती नगर में प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए कई बंदोबस्त किए गए हैं, जिसमें लंगर से लेकर अन्य सुविधाएं शामिल हैं। वहीं सुरक्षा की बात करें तो जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ समेत अन्य सुरक्षा दस्तों को तैनात किया गया है और बेस कैंप के आस-पास के इलाकों को खंगाला जा रहा है।

इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सोते वक्त सांस लेने में होती है दिक्कत

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अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन 80 साल से ज्यादा उम्र के हो चुके हैं। ऐसे में बाइडेन उम्र से जुड़ी तकलीफों से जूझ रहे हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को कुछ हफ्तों से सोते समय सांस लेने में दिक्कत हो रही है। 80 साल की उम्र पार कर चुके जो बाइडेन को सोते वक्त सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।बता दें कि जो बाइडन अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्‍ट्रपति हैं।

2008 से ही नींद्र की समस्‍या से जूझ रहे हैं बाइडन

व्‍हाइट हाउस के प्रवक्‍ता एंड्रयू बेट ने कहा, राष्‍ट्रपति की मेडिकल हिस्‍ट्री बताती है कि वो साल 2008 से ही नींद्र की समस्‍या से जूझ रहे हैं। बीती रात उन्‍होंने सीएपीए मशीन का इस्‍तेमाल किया। यह इस तरह की मेडिकल हिस्‍ट्री वाले लोगों के लिए बेहद आम बात है।बताया गया कि इस बीमारी का नाम स्लीप ऐपनिया है, जिसके चलते राष्‍ट्रपति ठीक से नींद भी नहीं ले पाते हैं।

बाइडेन के चेहरे पर मास्क के निशान देखे गए

राष्‍ट्रपति बाइडेन सोते वक्‍त सांस लेने में तकलीफ से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि उन्‍हें सोते वक्‍त लगातार सीएपीए दिया जाता है। सीएपीए या सीएपीएम (कंटीन्यूअस एयरवे प्रेशर मशीन) के माध्‍यम से वो रात को चैन की नींद सो पाते हैं।सबसे पहले ब्लूमबर्ग न्यूज एजेंसी ने कुछ दिनों पहले राष्‍ट्रपति बाइडेन के सीएपीए मशीन का इस्‍तेमाल करने की रिपोर्ट छापी थी। इसमें बताया गया था कि उन्‍हें नींद की समस्‍या में सुधार के लिए कुछ सप्‍ताह के लिए सीएपीए का उपयोग करना पड़ा। हाल ही में पत्रकारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाइडेन के चेहरे चौड़ा पट्टे के निशान देखे थे। जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि वो सांस लेने के लिए सीएपीए मशीन का इस्तेमाल करते हैं।

बढ़ती उम्र के बाद भी दूसरी बार राष्‍ट्रपति बनने की इच्‍छा

राष्‍ट्रपति जो बाइडेन का कार्यकाल 2024 में खत्‍म हो रहा है। बढ़ती उम्र के बावजूद वो दूसरी बार राष्‍ट्रपति बनने की इच्‍छा भी जता चुके हैं, जो उनकी डेमोक्रैट पार्टी के सदस्‍यों के लिए चिंता का विषय है। बता दें कि एनबीसी न्‍यूज नेशनल की तरफ से जो बाइडेन की लोकप्रियता को लेकर एक पोल किया गया था, जिसमें उनकी रेटिंग 43 प्रतिशत आई। यह रेटिंग काफी नहीं है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि वो दूसरी बार लड़ने पर जीत अपने नाम करेंगे।

मणिपुर में रोके जाने पर राहुल गांधी ने केंद्र पर बोला हमला, ट्वीट कर साधा निशाना

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर दौरे पर हैं लेकिन उनकी इस यात्रा को लेकर अब सियासत गर्मा गई है। दरअसल, गुरुवार सुबह जब राहुल चुराचांदपुर की ओर जा रहे थे तो उनके काफिले को बिश्नुपुर में ही रोक दिया था।राहुल को बायरोड आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई।पुलिस की तरफ से उनसे हेलीकॉप्टर से जाने की अपील की गई थी।इन सबके बाद राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर के शिविर कैंप पहुंचे और वहां मौजूद लोगों से मुलाकात की।

चुराचांदपुर में लोगों से मिलने और बातचीत करने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर उनके काफीले को रोके जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। राहुल गांधी ने वीडियो ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों-बहनों को सुनने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत स्वागत और प्रेम कर रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। शांति हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।

इससे पहले इंफाल से करीब 20 किलोमीटर पहले विष्णुपुर जिले में राहुल के काफिले को रोका गया था। पुलिस इलाके में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को देखते हुए उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दे रही थी। काफी देर तक इजाजत नहीं मिलने के बाद राहुल इंफाल लौट आए थे। इस बीच नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौके पर जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकैडिंग तोड़ने की कोशिश की। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे।

राहुल गांधी का मोइरांग दौरा रद्द

मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने कहा कि राहुल गांधी का मोइरांग दौरा रद्द हो गया है। प्रशासन ने उन्हें न तो सड़क से और न ही हवाई रास्ते से मोइरांग आने की इजाजत नहीं दी। वह सिर्फ चुराचांदपुर में ही हिंसा प्रभावित लोगों से मिल सके। वह इम्फाल लौट रहे हैं और रात में वहीं आराम करेंगे। यह स्पष्ट नहीं है कि वह कल के लिए निर्धारित अपनी यात्राओं को जारी रख पाएंगे या नहीं।

शिमला नहीं बेंगलुरु में होगी विपक्षी दलों की बैठक, 13-14 जुलाई को लगेगा जमावड़ा, शरद पवार का ऐलान

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केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन की कवायद जारी है। इसको लेकर 23 जून को पटना में पहली बैठक हो चुकी है। अब अगली बैठक 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने इसका ऐलान किया। इससे पहले कहा जा रहा था कि ये बैठक शिमला में होने वाली है।बताया जा रहा है कि बारिश और खराब मौसम की वजह से जगह बदली है।

एलायंस का नाम और कमेटी बनाए जाने पर विचार

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान 23 जून की बैठक का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि पटना में जेडीयू की अगुआई में बैठक की गई थी जबकि बेंगलुरू में कांग्रेस की अगुआई में मीटिंग होगी। अगली मीटिंग में एलायंस का नाम और कमेटी बनाए जाने पर विचार हो सकता है। शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों पर भी पलटवार किया है। पवार ने कहा कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद पीएम मोदी बेचैन हो गए हैं। विपक्ष एक साथ आया इसलिए व्यक्तिगत तौर पर बीजेपी की तरफ से टिप्पणी की जा रही है। जहां पर बीजेपी की सरकार वहीं पर जातीय दंगे हो रहे हैं। महाराष्ट्र में जात धर्म के नाम पर दंगे हो रहे हैं।

सत्ताधारी पार्टी को पिछले चुनावों में सफलता नहीं मिली-पवार

शरद पवार ने कहा कि मौजूदा सत्ताधारी पार्टी को पिछले चुनावों में सफलता नहीं मिली है। केरल ,आंध्र, तमिलनाडु ,तेलंगाना, झारखंड, पश्चिम बंगाल में बीजेपी का राज नहीं है। राजस्थान, दिल्ली, पंजाब में भी बीजेपी का राज नहीं है। देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा सत्ता में नहीं हैं। कुछ राज्यों में हैं, उदाहरण के तौर पर गोवा में कांग्रेस ने बहुमत विधायकों को तोड़कर सत्ता हासिल की। गुजरात ,उत्तर प्रदेश ,असम और मणिपुर जहां बीजेपी का सीएम है, वहां 45 दिनों से आग लगी हुई है।

इससे पहले बिहार की राजधानी पटना में बीते 23 जून को हुई 15 विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। इस बैठक में सभी पार्टियों के नेताओं ने एकजुटता दिखाई. इस दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हारने को लेकर प्लानिंग की गई। इस बैठक के बाद ये कहा गया था कि विपक्षी एकता की अगली बैठक अगले महीने यानी जुलाई को शिमला में होगी। मगर अब इसका ठिकाना बदल गया है। अब यह बैठक शिमला की जगह बेंगलुरु में होगी। बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सभी नेताओं से अच्छी मुलाकात हुई। सभी विपक्षी दलों ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस मीटिंग में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और एनसीपी प्रमुख शरद पवार सहित विपक्षी पार्टियों के कई नेता शामिल हुए थे।

भगवान भोलेनाथ के दर्शन पूजन के लिए अमरनाथ यात्रा को शिवभक्त तैयार, कल रवाना होगा श्रद्धालुओं का पहला जत्था, तीन लाख से अधिक लोगों ने कराया पंजीक


शिवभक्तों के स्वागत के लिए जम्मू-कश्मीर तैयार है। एक जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक करीब 3 लाख तीर्थ यात्री अग्रिम पंजीकरण करवा चुके हैं। भगवती नगर से कल श्रद्धालुओं का पहला जत्था पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगा। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रशासन ने बताया कि भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके अलावा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लखनपुर से लेकर कश्मीर तक बुनियादी ढांचे के साथ अन्य जरूरी सुविधाओं को सुनिश्चित किया गया है। इस साल यात्रा में रिकार्ड तोड़ तीर्थ यात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है। पिछले साल 44 दिन की यात्रा में करीब 20 दिन खराब मौसम की भेंट चढ़े थे और यात्रा काफी प्रभावित हुई थी। इस बार सुरक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। गुफा मंदिर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की जगह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कर्मियों की तैनाती हुई है, जो माउंटेन वारफेयर में ट्रेंड होते हैं।

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में पहली बार ITBP की तैनाती

जबकि आईटीबीपी और सीमा सुरक्षा बल लगभग आधा दर्जन शिविरों की निगरानी करेंगे, जो पहले देश की प्राथमिक आंतरिक सुरक्षा बल सीआरपीएफ द्वारा सुरक्षित होते थे। 

सीआरपीएफ अब भी गुफा मंदिर की सीढ़ियों के नीचे सीधे तैनात रहेगी। सूत्रों ने पहले पीटीआई को बताया कि यह नई व्यवस्था ‘उभरते सुरक्षा खतरों और चुनौतियों’ को ध्यान में रखते हुए और ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस की आवश्यकताओं’ के अनुसार बनाई गई है। एक अधिकारी के मुताबिक सीआरपीएफ के साथ-साथ विभिन्न अन्य बलों को भी कार्य दिए गए हैं। क्योंकि सीआरपीएफ की कई कंपनियां मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए भी काम कर रही हैं।