*1857 के शहीद निषाद सेनानियों के नाम इतिहास के पन्नों से आज तक गायब*
कानपुर।१८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में २७ जून को सत्तीचौरा घाट पर अंग्रेजों को गंगा नदी में डूबा कर मार डालने वाले सेनानियों के नाम आज भी इतिहास के पन्नों से गायब है इस संदर्भ में राज्यपाल से लेकर पूर्व सरकारों तक से सेनानियों के नाम दर्ज किए जाने की मांग अनेक बार की जा चुकी है।
किंतु किसी ने ध्यान नहीं दिया और शहीद समिति सत्तीचौरा छावनी ने शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि सभा कर पुष्प अर्पित की जिसमें मुख्य रूप से पूर्व सांसद विशंभर निषाद शामिल हुए। अध्यक्ष महाबीर प्रसाद निषाद ने बताया कि
निषाद समाज शहीद स्मारक स्थल में सत्तीचौरा घाट / नानाराव घाट कानपुर शहीदों के मुखिया समाधान निषाद व लोचन निषाद बुद्ध चौधरी तथा टोपे आदि क्रान्तिकारियों ने देश को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया एवं बलिदान दिया बाद में इन क्रान्तिकारियों पर मुकदमा चलाकर 31 मई 1860 को अंग्रेजों द्वारा पीपल, बरगद के पेड़ पर लटका कर कच्ची फांसी दी गई।
उन क्रांतिकारियों के योगदान एवं याद में शौर्य दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से माननीय विशम्भर निषाद पूर्व सांसद मंत्री उ०प्र० सरकार एवं पूर्व विधायक मुनीन्द्र शुक्ला उपस्थित रहे एवं अध्यक्ष महावीर प्रसाद निषाद महामंत्री दिनेश निषाद, योगेश वर्मा, पूर्व पार्षद देवी प्रसाद निषाद, उपाध्यक्ष रामवंश निषाद, कुन्ति निषाद पार्षद व रामविलाश निषाद, सुरेन्द्र निषाद, देशराज निषाद, चन्दन निषाद सहित अन्य लोगों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
Jun 30 2023, 07:48