*खत्म हुआ इंतजारःचंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 13 जुलाई को, इसरो ने दी जानकारी*

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बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर बड़ी अपडेट मिल रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर बड़ा एलान किया है। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 13 जुलाई को दोपहर बाद 2:30 बजे किया जाएगा। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक, अंतरिक्ष के क्षेत्र में ये भारत की एक और बड़ी कामयाबी होगी।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, वर्तमान में चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान पूरी तरह से इंटिग्रेटेड (एकीकृत) है। हमने परीक्षण पूरा कर लिया है। हम अभी रॉकेट को तैयार कर रहे हैं। आज रॉकेट तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 को रॉकेट के साथ लगाया जाएगा और फिर लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि 12 से 19 जुलाई के बीच चंद्रयान तीन लॉन्च हो सकता है, लेकिन सबसे नजदीक की तारीख तय की जाएगी। इसरो प्रमुख ने कहा कि अगर कोई तकीनीकी समस्या नहीं आती है तो हो सकता है कि 12, 13 या 14 को लॉन्च किया जाए।

चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-III) द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का ही अगला प्रोजेक्ट है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं। यह चंद्रयान-2 की तरह ही दिखेगा, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर होगा।

चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही फॉलोअप मिशन है। भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 के जरिए इस मिशन को हासिल करने की कोशिश की थी। हालांकि, मिशन में सफलता नहीं मिली थी। 7 सितंबर 2019 को भारत के दूसरे चंद्र मिशन 'चंद्रयान-2' की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी। इसे चंद्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुव के पास उतरना था। यह जब चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला था तब लैंडर विक्रम से उसका संपर्क टूट गया था। जिसके बाद चंद्रयान-3 की बात उभर कर सामने आई और अब चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग तारीख भी सामने आ गई।

स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर उठाए सवाल, पूछा- भारत के खिलाफ काम करने वालों से मिलने की क्या थी मजबूरी

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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एक बार फिर निशाना साधा है. उन्होंने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे के दौरान सुनीता विश्वनाथ से उनकी मुलाकात पर सवाल खड़े किए हैं।स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी अपने अमेरिका दौरे के दौरान जिस सुनीता विश्वनाथ नामक महिला से मिल रहे हैं, वो 'जॉर्ज सोरोस' द्वारा फंडेड है। इस महिला से राहुल गांधी क्या बात कर रहे थे?

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भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के अमेरिका दौरे की एक फोटो साझा की। इसमें एक बैठक के दौरान राहुल गांधी और अन्य लोग बैठे हैं। इसमें एक महिला भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने उस महिला का नाम सुनीता विश्वनाथ बताया। उन्होंने दावा किया कि सुनीता को अमेरिकी उद्योगपति सोरोस से आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। ईरानी ने सवाल किया कि राहुल को जवाब देना चाहिए कि वे लोगों के साथ क्या बात कर रहे थे?

ईरानी ने कहा कि सोरोस के भारत विरोधी विचार किसी से छुपे नहीं हैं। जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर राहुल गांधी क्या बात कर रहे थे इसकी जानकारी उन्हें देश को देनी चाहिए। राहुल का भारत के बाहर भारत विरोधी लोगों से मिलना क्या दर्शाता है यह भी उन्हें बताना चाहिए।उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी यह मुद्दा उठाया है। हम सब जानते हैं कि किस प्रकार से सोरोस भारत में लोकतांत्रित तरीके से चुनी हुई सरकार को हटाना चाहते हैं। जब सोरोस के इरादे हर हिंदस्तानी को पता थे, तो ऐसी क्या मजबूरी थी कि राहुल ने सोरोस के सहयोगी के साथ बैठक में हिस्सा लिया। 

स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि यह भी स्पष्ट है कि यह एकमात्र सोरोस कनेक्शन नहीं है। जॉर्ज सोरोस और उनके द्वारा फंडेड संगठनों का राहुल गांधी से मेल-जोल नया नहीं बल्कि पुराना है। ओपन सोसायटी के ग्लोबल अध्यक्ष सलील सेठी, जो जॉर्ज सोरोस के संस्थान के साथ हैं। यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में थे।

स्मृति ईरानी ने कहा कि अपने राजनीतिक सफर में आज तक ऐसे कोई शख्स नहीं देखा, जो सत्ता के लिए ऐसे लोगों से मिल जाए, जो हिंदुस्तान की व्यवस्थाओं को उखाड़ फेंकने का ऐलान कर चुका हो। जॉर्ज सोरोस और सुनीता विशवनाथ से पूरी जनता वाकिफ है। क्या राहुल गांधी नहीं जानते? यह सवाल मेरा इसलिए नहीं है, कि मैं एक भाजपाई हूं। मैं यह सवाल देश के हर नागरिक से पूछती हूं कि राहुल गांधी विरोधी ताकतों से मिलकर क्या संदेश देना चाहते हैं?

दरअसल, कर्नाटक में भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के सदस्य रमेश बाबू ने यह शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि मालवीय ने कांग्रेस और राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर माहौल बिगाड़ने और लोगों को उकसाने का काम किया। इसके बाद से भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है।  

बता दें कि बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने 17 जून को अपने ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी को लेकर एक एनिमेटेड वीडियो शेयर किया था। वीडियो को शेयर करते हुए मालवीय ने राहुल को खतरनाक बताते हुए कहा था कि वो घातक खेल खेल रहे हैं।करीब ढाई मिनट के वीडियो में राहुल गांधी पर इंटरनेशनल मीडिया को अपना मोहरा बनाने का आरोप लगाया था।मालवीय ने वीडियो में राहुल गांधी की ओर से भारत और देश के मुसलमानों को लेकर की गई टिप्पणियों का भी जिक्र किया है। इसके साथ-साथ राहुल की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी की ओर से पवित्र सेंगोल को साष्टांग प्रणाम को लेकर विदेश में की गई टिप्पणियों को भी शामिल किया गया है।

खुशखबरी, आईआईटी बॉम्बे दुनियाभर के टॉप 150 विश्वविद्यालयों में शामिल, आठ वर्षों में पहली बार किसी भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान को मिला गौरव

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आईआईटी बॉम्बे ने मंगलवार देर रात जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के नवीनतम रिपोर्ट में दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में जगह बनाकर अब तक की अपनी सर्वोच्च रैंक हासिल की है। यह आठ वर्षों में पहली बार है कि किसी भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान ने शीर्ष 150 की सूची में जगह बनाई है, इससे पहले भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर ने 2016 में 147वीं रैंकिंग के साथ यह उपलब्धि हासिल की थी।

आईआईटी बॉम्बे ने 149वीं रैंक हासिल करने के लिए 23 स्थान ऊपर चढ़कर एक शानदार छलांग लगाई है। हालांकि, सूची में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव भी देखा गया है, आईआईएससी 155वें रैंक से 70 स्थान गिरकर 225वें स्थान पर आ गया है।

 पिछले साल सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्थान होने की तुलना में अब यह तीसरा सर्वोच्च रैंक वाला भारतीय संस्थान बन गया है। इसी तरह, आईआईटी दिल्ली 174 से गिरकर 197, आईआईटी कानपुर 264 से 278 और आईआईटी मद्रास 250 से 285 पर आ गया।

खुशखबरी, आईआईटी बॉम्बे दुनियाभर के टॉप 150 विश्वविद्यालयों में शामिल, आठ वर्षों में पहली बार किसी भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान को मिला गौरव


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आईआईटी बॉम्बे ने मंगलवार देर रात जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के नवीनतम रिपोर्ट में दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में जगह बनाकर अब तक की अपनी सर्वोच्च रैंक हासिल की है। यह आठ वर्षों में पहली बार है कि किसी भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान ने शीर्ष 150 की सूची में जगह बनाई है, इससे पहले भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर ने 2016 में 147वीं रैंकिंग के साथ यह उपलब्धि हासिल की थी।

आईआईटी बॉम्बे ने 149वीं रैंक हासिल करने के लिए 23 स्थान ऊपर चढ़कर एक शानदार छलांग लगाई है। हालांकि, सूची में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव भी देखा गया है, आईआईएससी 155वें रैंक से 70 स्थान गिरकर 225वें स्थान पर आ गया है।

 पिछले साल सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्थान होने की तुलना में अब यह तीसरा सर्वोच्च रैंक वाला भारतीय संस्थान बन गया है। इसी तरह, आईआईटी दिल्ली 174 से गिरकर 197, आईआईटी कानपुर 264 से 278 और आईआईटी मद्रास 250 से 285 पर आ गया।

लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आदि कैलाश यात्रा पर लगी रोक, 30 जून तक नहीं बनेंगे इनर लाइन पास

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लगातार हो रही बारिश को देखते हुए प्रशासन ने 30 जून तक आदि कैलाश यात्रा पर रोक लगा दी है। 30 जून तक एसडीएम कार्यालय से इनर लाइन परमिट जारी नहीं होने के आदेश एसडीएम धारचूला ने दिए हैं। इधर, चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क दूसरे दिन भी बंद रही। सड़क बंद होने से व्यास वैली के सात गांवों और पर्यटकों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इनर लाइन परमिट नहीं बनने टूर ऑपरेटर, 49 यात्री और कुमाऊं मंडल विकास निगम के 20 यात्री धारचूला में फंसे हुए हैं।

मौसम विभाग और एनडीआरएफ ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी जारी की है। इसे देखते हुए आदि कैलाश, ओम पर्वत यात्रा पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी गई है। दारमा घाटी के पंचाचूली जाने वाले यात्रियों और स्थानीय लोगों से अनावश्यक यात्रा नहीं करने की अपील की गई है।

सड़क बंद होने के बाद कुमाऊं मंडल विकास निगम के 18वें दल के 20 यात्री और आदि कैलाश टूर ऑपरेटर के 49 यात्रियों का इनर लाइन पास नहीं बन पाया। आदि कैलाश टूर ऑपरेटर के संचालक नगेंद्र कुटियाल ने बताया कि उनके साथ गुजरात, अहमदाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली, पंजाब, देहरादून और भीमताल से आए 49 यात्री आए हुए हैं। सभी दो दिनों से धारचूला में ही फंसे हैं।

दो दिन बाद भी नहीं खुली तवाघाट-लिपुलेख सड़क

लखनपुर के पास बोल्डर आने और खराब मौसम के कारण बीआरओ को चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क खोलने में दिक्कत हो रही है। ये सड़क सोमवार को तवाघाट पुल के पास बोल्डर और मलबा आने से बंद हो गई थी। दोनों जगह सड़क बंद होने से व्यास घाटी के सात गांव के लोग, सुरक्षा बलों के जवान और दर्जनों वाहन फंसे हुए हैं। तवाघाट-सोबला सड़क को हिलवेज कंपनी ने खोल दिया है जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। ये सड़क दोबाट और रोंगती नाले के उफान पर आने से बंद हो गई थी।

30 जून तक आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा पर रोक रहेगी। एसडीएम कार्यालय से इनर लाइन परमिट जारी नहीं किए जाएंगे।

बड़ी कार्रवाई : मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी के पूर्व अधिकारी सचिन सावंत को ईडी ने किया गिरफ्तार, कल रात से ही उनके ठिकाने पर चल रही थी छापेमा

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यूपी में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी के पूर्व अधिकारी सचिन सावंत को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। वे आईआरएस स्तर के अधिकारी हैं। उनके ठिकाने पर कल रात से ही छापेमारी चल रही थी। उनके अपार्टमेंट से टीम ने कई दस्तावेज, बैंक कहते से जुड़ी डिटेल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को कब्जे में लिया है।वे वह वर्तमान में सीमा शुल्क और जीएसटी के लिए काम कर रहे थे और लखनऊ में तैनात थे। फिलहाल उन्हें फ्लाइट से मुंबई लाया जा रहा है।

सचिन सावंत को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। सावंत वे 4 साल तक मुंबई ईडी में तैनात रहे। यह मामला डीए और संपत्ति संचय से जुड़ा है। बताया जाता है कि सचिन सावंत जब मुंबई में ईडी में थे तब डायमंड कंपनी की 500 करोड़ रुपये की हेराफेरी में शामिल थे। इस मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था।

Roadblock in Tanzania..
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समान नागरिक संहिता पर बीजेपी को मिला आप का समर्थन, कहा – सभी से चर्चा के बाद बने कानून

#aam_aadmi_party_came_in_support_of_uniform_civil_code

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता का जिक्र छेड़कर बहस तेज कर दी है। कांग्रेस समेत अधिकतर विपक्षी दल ऐसा कानून लाने के खिलाफ बयान दे रहे हैं।इस बीच यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर आम आदमी पार्टी ने अब खुलकर अपना समर्थन दे दिया है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह सैद्धांतिक तौर पर यूसीसी के समर्थन में है। एक दिन पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा था और कहा था कि इसके नाम पर मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने बुधवार को कहा कि सैद्धांतिक रूप से उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का समर्थन करती है, लेकिन इस मुद्दे पर सभी धर्म-संप्रदायों से चर्चा कर आम सहमति बनानी चाहिए। संदीप पाठक ने एक टीवी न्‍यूज चैनल से बातचीत में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 भी कहता है कि यूसीसी होना चाहिए। पाठक ने कहा कि उनकी पार्टी का यह मानना है कि यूसीसी के मसले पर सभी धर्मों और राजनीतिक दलों से बात होनी चाहिए। सबकी सहमति के बाद ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाना चाहिए। आप नेता ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने यूसीसी की बात चुनाव करीब देखकर छेड़ी है।

विपक्षी दलों से लेकर मुस्लिम संगठनों में भी खलबली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जहां उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया।पीएम मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर दिए गए बयान के बाद देशभर में सियासत शुरू हो गई है।कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल पीएम मोदी पर हमला बोल रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस और उसकी सहयोगी डीएमके ने जोरदार सवाल उठाए हैं। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने तर्क दिया था कि पहले हिंदुओं के लिए एक समान संहिता लागू की जानी चाहिए।वहीं आरजेडी और तृणमूल कांग्रेस भी यूसीसी के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी है।विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की।

पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर क्या कहा?

बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को भोपाल में कहा कि यूसीसी पर विपक्षी दल लोगों को भड़का रहा है। एक ही घर में दो कानून कैसे हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट भी बार-बार कह चुका है कि यूसीसी लाओ, लेकिन विपक्षी दल वोट बैंक के लिए इसका विरोध कर रहे हैं। यूसीसी का जिक्र संविधान में भी किया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी तुष्टीकरण का रास्ता नहीं अपनाएगी और वोट बैंक की राजनीति नहीं करेगी।

अग्निवीर बनी गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद रवि किशन की बेटी इशिता, डिफेंस फोर्स में हुई शामिल, पिछले साल शुरू हुई थी भारत सरकार की अग्न

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गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद रवि किशन की बेटी इशिता शुक्ला डिफेंस फोर्स में शामिल हो गई है। अपनी बेटी के फैसले पर उन्होंने खुशी के इजहार किया है।

 

अभिनेता से नेता बने रवि किशन की बेटी इशिता शुक्ला डिफेंस फोर्स में शामिल हो गई है। वो भारत सरकार की अग्निपथ योजना के तहत डिफेंस फोर्स का हिस्सा बनी है। इस योजना को बीते साल ही शुरू किया गया था। इस साल की शुरुआत में रवि किशन ने अपनी बेटी के डिफेंस फोर्स में शामिल होने की इच्छा जताई थी। जनवरी में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान उन्होंने कहा था कि इशिता दिल्ली निदेशालय की 07 गर्ल्स बटालियन की कैडेट का हिस्सा थी , जिसने उस दिन परेड में भाग लिया था। रवि किशन ने बेटी की इस उपलब्धि को लेकर ट्विटर पर पुष्टि की है । इससे पहले उन्होंने बीते साल 15 जून को एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा " सुबह बिटिया बोली कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होना चाहती हूं। मैंने उससे कहा बेटा गो अहेड (आगे बढ़ो)"।

 इशिता शुक्ला अभी 21 साल की है। उसका जन्म 10 फरवरी को जौनपुर में हुआ था। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के राजधानी कॉलेज से पढ़ाई की है। इशिता एनसीसी में कैडेट रह चुकी है। उन्हें साल 2022 में एनसीसी के एडीजी अवार्ड ऑफ एक्सिलेंस से नवाजा गया था। उन्हें कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने बेस्ट कैडेट का पुरस्कार दिया था।

 इशिता शुक्ला इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह घूमने फिरने के अलावे इंडोर शूटिंग का भी शौक रखती है। वह कुल चार बहन भाई है। इनमें सबसे पहले तनिष्का शुक्ला हैं। जो इशिता की बड़ी बहन हैं। तनिष्का बिजनेस मैनेजर और इन्वेस्टर हैं। दूसरे स्थान पर उनकी बहन रीवा शुक्ला हैं। वो बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। इशिता का एक भाई भी है। जिसका नाम सक्षम शुक्ला है।

 

 भारतीय सेना के तीन अंगों थलसेना , वायुसेना और नौसेना में क्रमश: जवान , एयरमैन और नाविक के पदों पर भर्ती के लिए रक्षा मंत्रालय अग्निपथ योजना लेकर आया था। इसमें भर्ती हो जाने के बाद कैंडिडेट्स को अग्निवीर के रूप में जाना जाता है। उनका कार्यकाल चार साल तक का होता है। 17. 05 साल से 21 साल की उम्र के लोग इस योजना के तहत भर्ती होने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

चीन ने जानबूझकर तैयार किया था कोरोनावायरस, बायोवेपन के तौर पर किया इस्तेमाल, वुहान में काम करने वाले रिसर्चर का दावा

#china_devloped_corona_as_bioweapon_to_purposely_infect_people_reveals_wuhan_researcher 

कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है।इस वायरस के कारण फैली महामारी के कारण दुनिया भर में करोड़ों जानें जा चुकी है। एक समय में चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। इस दौरान चीन पर वुहान लैब से वायरस को लीक करने के आरोप बी लगते रहे। हालांकि की ड्रैगन ने हर पर इस तरह के आरोपों को खारिज ही किया है। अब वुहान के एक शोधकर्ता ने बड़ा दावा करते हुए चीन पर जानबूझकर कोरोना वायरस तैयार करने का आरोप लगाया है।वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक शोधकर्ता ने दावा किया है कि इस वायरस को चीन ने जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए जानबूझकर तैयार किया था।

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इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन को दिए एक इंटरव्यू में रिसर्चर चाओ शाओ ने कहा-कोरोनावायरस को चीन ने एक जैव हथियार के रूप में तैयार किया था। उसने आगे कहा कि मुझे और मेरे साथियों को टेस्टिंग के लिए वायरस के 4 स्ट्रेन्स दिए गए थे, जिससे ये पता चल सके कि कौन सा स्ट्रेन सबसे ज्यादा संक्रामक है।

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक शोधकर्ता ने कोरोनावायरस के बारे में आश्चर्यजनक दावे करते हुए बताया कि उनके एक सहयोगी ने बताया कि उसके एक सीनियर ने उसे कोरोनोवायरस के चार प्रकार दिए थे और परीक्षण कर पता लगाने के लिए कहा था कि उनमें कौन से ज्यादा प्रभावशाली है। उससे कहा गया था कि कौन से वायरस में अधिक से अधिक प्रजातियों को संक्रमित करने की क्षमता है और वायरस से मानव सहित अन्य प्रजातियों को संक्रमित करना कितना आसान है।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह इंटरव्यू 2020 का है, लेकिन अब सामने आया है।चाओ शाओ ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि उनके कई सहयोगी वुहान में 2019 सैन्य विश्व खेलों के दौरान गुम हो गए थे, बाद में उनमें से एक ने बताया कि वह विभिन्न देशों से आए एथलीटों की जांच के लिए होटलों में गए थे। उन्होंने कहा कि ये बात समझनी चाहिए कि स्वास्थ्य जांच के लिए किसी वायरोलॉजिस्ट की आवश्यकता नहीं होती है। उन्हें वहां वायरस फैलाने के लिए वहां भेजा गया था।

बता दें कि इससे पहले भी एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से ही लीक हुआ था और बाद में इसने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया। रिपोर्ट के मुताबिक वुहान लैब के तीन वैज्ञानिक सबसे पहले कोरोना इन्फेक्शन का शिकार हुए थे। ये 3 वैज्ञानिक बेन हू, यू पिंग और यान झू थे। तीनों इस लैब के लीड रिसर्चर्स थे। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि चीन की इस हरकत के तमाम सबूत अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई के पास मौजूद हैं।