बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ का बड़ा ऐलान, विधान मंडल सत्र के दौरान करेगा यह काम

डेस्क : नई शिक्षक नियमावली को लेकर नियोजित शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। शिक्षकों का कहना है कि जब तक उन्हें राजकर्मी का दर्जा नहीं मिलेगा। वह विरोध जारी रखेंगे।

इस बीच बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बड़ा एलान किया है। संघ की ओर से कहा गया है कि 10 जुलाई से शुरु होने जा रहे विधान मंडल सत्र के दौरान शिक्षकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत सत्र के दूसरे दिन 11 जुलाई को सभी शिक्षक विधान मंडल के सदस्यों के घर पर डेरा डालेंगे। 

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष, रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव सह पूर्व सांसद, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने एक बयान में कहा है कि असंवैधानिक अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के प्रतिरोध में 01 मई से सत्याग्रह कार्यक्रम चलाये जाने के बावजूद और सरकार द्वारा बार-बार वार्त्ता के लिए अनुरोध को ठुकराये जाने के कारण विवश होकर विधान मंडल सत्र आरंभ होने के दूसरे दिन 11 जुलाई को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। 

इस प्रदर्शन में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, बिहार नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ और परिवर्तनकारी शिक्षक संघों के अतिरिक्त अन्य संगठनों के भी हजारों-हजार की संख्या में भाग लेने शिक्षक 11 जुलाई को 11 बजे पटना पहुँचेंगे। 

यह प्रदर्शन पूर्णत: शांतिपूर्ण और अहिंसक होगा। जबतक राज्यकर्मी की दर्जा की घोषणा विधान मंडल के इसी सत्र में सरकार नहीं करेगी तबतक विधान मंडल के सदस्यों के आवास पर उस क्षेत्र के शिक्षक डेरा डालेंगे और उनपर राज्यकर्मी का दर्जा देने पर जोर डालने की आवाज को सदन के अंदर उठाने के लिए नैतिक दबाव डालेंगे।

गौरतलब है कि अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 की कंडिका-8 में पूर्व से कार्यरत पंचायत और नगर निकाय विद्यालयों के शिक्षकों को भी आयोग द्वारा विज्ञापित पदों पर नई नियुक्ति के लिए परीक्षा में बैठने की बाध्यता निर्धारित की गई है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है, क्योंकि एक ही प्रकार के विद्यालय में एक ही तरह के पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले तीन-तीन वर्गों के शिक्षक बहाल किये जायेंगे। विधि के समक्ष समता का अधिकार यह है कि देश में किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा। लेकिन यह नियमावली शिक्षकों के बीच भेदभाव करती है।

बिहार के मधेपुरा में भाजपा की बैठक में फायरिंग से मचा बवाल, एक नेता ने दूसरे को मारी गोली!

डेस्क: मुरलीगंज गोल बाजार स्थित भगत धर्मशाला में भारतीय जनता पार्टी की ओर से एक जन बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में अचानक गोली चलने से अफरातफरी मच गई जिसमें एक भाजपा नेता गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल नेता को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बैठक में पूर्व उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू पूर्व मंत्री डॉ रविंद्र चरण वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ अमोल राय सहित कई बड़े चेहरे को आमंत्रित किया गया था।

बैठक शुरू होते ही मचा बवाल, चली गोली

जैसे ही बैठक शुरू हुई, दो भाजपा नेता संजय भगत और पंकज कुमार निराला के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हुई और यह नोकझोंक इतना आगे बढ़ गया कि दोनों के बीच मामला हाथापाई तक पहुंच गया जिस दौरान भाजपा नेता पंकज पटेल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने संजय भगत को गोली मार दी जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें आनन-फानन में मुरलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया किंतु स्थिति को गंभीर देखते हुए उन्हें हायर सेंटर मधेपुरा रेफर कर दिया।

भीड़ ने कर दी आरोपी नेता की पिटाई

इधर घटना से आक्रोशित लोगों ने आरोपी भाजपा नेता पंकज पटेल को घेर लिया और उनकी जमकर पिटाई शुरू कर दी। इसमें बीच बचाव करने गए भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक कुमार की भी पिटाई हो गई। वहीं मौके पर पहुंचे दल-बल के साथ थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने कड़ी मशक्कत के बाद आक्रोशित भीड़ के चंगुल से आरोपी भाजपा नेता पंकज पटेल को छुड़ाया और उन्हें सुरक्षित वहां से निकाल कर थाने ले गए। 

आरोपी ने कहा-आत्मरक्षा में की थी फायरिंग

आरोपी भाजपा नेता पंकज पटेल ने कहा है कि उन्हें जान से मारने का प्रयास किया जा रहा था और आत्मरक्षा के लिए उन्होंने हवाई फायरिंग की थी। फिर भी यह लोग नहीं माने तो मजबूरन उन्हें गोली चलानी पड़ी। फिलहाल दोनों पक्षों के इस विवाद के कारण शहर में सनसनी फैल गई है तो वहीं आक्रोशित लोगों ने बाजार बंद करा कर भाजपा नेता पंकज पटेल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

पैसे के लेन-देन के मामले में हुआ बवाल

बता दें कि आरोपी पंकज पटेल पहले कोल्ड स्टोरेज चलाता था और कई लोगों के पैसे लेकर मुरलीगंज से फरार हो गया था। बहरहाल वह पूर्णियां में घर बना कर रह रहा है। बीजेपी से टिकट लेने की कोशिश में है। बताया जा रहा है बैठक से कुछ देर पहले संजय भगत ने जब उनसे पुराने हिसाब का डिमांड किया तो इसी बीच नोक झोंक शुरू हो गई जिसके बाद भाजपा नेता पंकज पटेल ने बैठक हॉल में ही अपने पिस्टल से गोली चला दी, जो भगत को लग गई। इसके इलाके में अफरातफरी मच गई।

विपक्षी गठबंधन का नाम यूपीए नहीं पीडीए होगा, शिमला की बैठक में लगेगी मुहर

डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी गठबंधन की कोशिशें जोरों से चल रही हैं। शुक्रवार को विपक्ष के 15 दल एक साथ आये और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बैठक की। इस बैठक में तमाम विषयों पर चर्चा की गई। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार भी इस गठबंधन का नाम UPA यानि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन या संप्रग होगा, लेकिन ऐसी संभावना कम है। सीपीआई की तरफ से जारी के प्रेस रिलीज में कहा गया है कि गठबंधन का नाम PDA यानि पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलाइंस होगा। 

सीपीआई की प्रेस रिलीज में किया गया है नाम का जिक्र 

CPI की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि गठबंधन के नाम पर शिमला में होने वाली बैठक में मुहर लगेगी। इस प्रेस रिलीज में CPI नेता डी राजा के हवाले से नए गठबंधन का नाम PDA बताया गया है। बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी PDA नाम के जरिये पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक का गठजोड़ बताया था। इसके बाद सीपीआई की प्रेस रिलीज में भी इस नाम का जिक्र बता रहा है कि इस बार विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम UPA से बदलकर PDA किया जाएगा।

नीतीश कुमार ने शुरू की थी कवायद 

बता दें की लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को पटना की इस बैठक में आने का न्योता दिया था, जिसके बाद शुक्रवार को यह बैठक हुई। अब अगली बैठक कुछ दिनों बाद हिमाचल प्रदेश के शिमला में होगी। शुक्रवार को हुई इस बैठक में 15 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस बैठक के बाद विपक्ष के तमाम नेताओं ने सयुंक्त रूप से मीडिया से भी बात की थी लेकिन गौर करने वाली बात यह रही कि इस प्रेस कांफ्रेंस से आम आदमी पार्टी के नेता गायब रहे थे।

मेची नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक पाया धंसने के मामले पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, बिहार का नहीं केंद्र सरकार का है प्रोजेक्ट

डेस्क : किशनगंज जिले में मेची नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक पाया धंसने के मामले पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस पुल से बिहार सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। यह केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना अंतर्गत एनएचएआई का निर्माणाधीन पुल है। परियोजना के निर्माण से संबंधित एजेंसी और अधिकारियों को श्रेय और दंड देने का सर्वाधिकार एनएचएआई का है। इस पुल का बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग से कोई संबंध नहीं है।

नेशनल हाईवे 327 ई पर पुल का निर्माण जीआर इंफ्रा एजेंसी कर रही है। और NHAI की देखरेख में पुल बन रहा है। जिसकी लागत करीब 1500 करोड़ है। नेशनल हाईवे 327 E के चौड़ीकरण का काम हो रहा है जिसके लिए इसका निर्माण कराया जा रहा है। यह पुल बिहार के अररिया जिले को बंगाल के सिलीगुड़ी से जोड़ता है।

जानकारी के मुताबिक पुल चालू नहीं हुआ है। इस पर आवागमन नहीं हो रहा है। पुल का निर्माण कार्य हो चुका है लेकिन एप्रोच पथ नहीं बन पाने के कारण इसे खोला नहीं गया है। 

जानकारी के मुताबिक अररिया से गलगलिया के बीच 94 किलोमीटर एनएच 327 फोरलेन सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। शुरू होने से पहले पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रस्तावित सड़क पर अभी और कई पुल बनाए जाने हैं।

वहीं एनएचआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया है कि इस घटना की जांच कराई जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि निर्माण की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। और अभी तक पुल पर यातायात शुरू नहीं हुआ था। लेकिन मानसून आने से पहले ही पुल के एक पाया के धंसने से ये मामला चर्चा का विषय बन गया है।

बीजेपी के बयान पर जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने किया पलटवार, विपक्ष के बैठक से बौखला गई है भाजपा

डेस्क : बीते 23 जून को राजधानी पटना में विपक्ष की बैठक हुई थी। जिसे लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने इमरजेंसी की याद दिलाते हुए कहा था कि मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि विपक्षी बिहार में गलबहियां कर रहे है। ये भूल गए कि जिस राहुल गांधी के साथ वे बैठक कर रहे है उनकी दादी ने इमरजेंसी के दौरान इन्ही नेताओं को जेल में डाला था। 

वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि आज पटना में फोटो सत्र चल रहा है। वे प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देना चाहते हैं। मैं विपक्षी नेताओं से कहना चाहता हूं कि कितना भी साथ हो लो आपकी एकता संभव नहीं है। अगर एकता संभव हो भी गई तब भी कोई फायदा नहीं है। साल 2024 में मोदी 300 से अधिक सीटों के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।

इधर बीजेपी के इन वरिष्ठ नेताओं के बयान पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिहं की ओर से पलटवार किया गयाहै। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों की बैठक से बौखलाए जेपी नड्डा अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। आपातकाल के दौरान लड़ाई हमारी इंदिरा गांधी जी से नहीं थी, हम तात्कालिक शासन-व्यवस्था से लड़ रहे थे। आज भी हमारी लड़ाई मौजूदा सरकार की तानाशाही नीति और संविधान विरोधी मानसिकता के खिलाफ है।

ललन सिंह ने कहा कि देश में आज की स्थिति घोषित आपातकाल से भी बदतर है। विडंबना है कि लोकतंत्र की हत्या करने वाली भाजपा आज आपातकाल की बात कर रही है। अगर अमित शाह ऐसा दावा करते हैं कि 300 सीट जीतकर मोदी पुन प्रधानमंत्री बनेंगे तो इसका अर्थ साफ है कि 2024 में भाजपा का बुरी तरह से सफाया होने वाला है। अमित शाह जब जब भाजपा की जीत की भविष्यवाणी करते हैं तब तब भाजपा बुरी तरह से हारती है।

कहा कि 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में भी शाह ने सरकार बनाने का दावा किया था मगर चुनाव परिणाम के दिन भाजपा 53 सीट तक सिमटकर रह गई है। पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और हिमाचल चुनाव के दौरान भी गृहमंत्री ने भारी बहुमत से सरकार बनाने का दावा किया था लेकिन हकीकत आज देश की जनता के सामने है। लिहाजा अगर आज अमित शाह 2024 में पुन सरकार बनाने का दावा करते हैं, यानी अब मोदी की विदाई तय है।

बिहार में पैदा हो सकता है पानी का संकट, सभी जिलों में तेजी से नीचे जा रहा भूजल स्तर

डेस्क : बिहार के लिए एक बड़ी खबर है। प्रदेश में पानी का संकट पैदा हो सकता है। राज्य के सभी जिलों में भूजल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। हाल यह है कि पिछले डेढ़ माह में ही जलस्तर चार मीटर तक नीचे चला गया है और यह सिलसिला जारी है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि जलस्रोत तेजी से सूख रहे हैं। 

प्रदेश की की 37 नदियां, 16 जलाशय और 550 बड़े तालाबों के बाद कुंओं, आहर-पईन, ताल-तलैये भी तेजी से सूखने लगे हैं। नलकूपों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। चापाकल सूख रहे हैं। शहरों की कौन कहे, ग्रामीण क्षेत्रों में भी जलस्रोत संकट में हैं।

लघु जल संसाधन विभाग ने सभी जिलों से भूजल के आंकड़े संग्रहित किये हैं। इनमें मई-जून के अबतक के जो आंकड़े हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। सभी जिलों में भूजल का स्तर तेजी से नीचे गया है। इसमें सभी 534 प्रखंडों का भूजल स्तर तेजी नीचे जा रहा है। इस साल स्थिति बीते साल से अधिक खराब है। पिछले साल भूजल का स्तर 12 माह में औसतन 6 मीटर नीचे गया था, लेकिन इस साल केवल डेढ़ माह में ही यह 4 मीटर तक नीचे चला गया है। आने वाले दिनों में यह और नीचे जाएगा। 

विशेषज्ञों का मानना है कि भूजल स्तर नीचे जाने का यही क्रम रहा तो एक माह में 10 मीटर तक पानी नीचे जा सकता है। इसके कारण पेयजल से लेकर सिंचाई तक में परेशानी हो रही है। किसानों को फसलों की सिंचाई में समस्या पैदा हो रही है। वहीं, भूजल स्तर नीचे जाने से नलकूपों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। कई जिलों में तालाब-आहर-पइनों से भी पानी इसी वजह से गायब हो रहे हैं। भूजल का स्तर ठीक-ठाक रहता तो इन सबमें पानी की मात्रा भी ठीक-ठाक रहती। लेकिन जब भूजल ही नीचे जा रहा है तो जलस्रोतों का सूखना स्वाभाविक है। ऐसे तो सभी 38 जिलों में भूजल का स्तर नीचे जा रहा है। 

इस साल सबसे खराब हालात दक्षिण बिहार के हैं। इन्हीं इलाकों में सबसे तेजी से पानी नीचे जा रहा है। यही नहीं भरपूर पानी के लिए प्रसिद्ध सीमांचल-कोसी का क्षेत्र भी इस साल जल संकट की चपेट में है।

अभिभावको और छात्र-छात्राओं के लिए खबर : 28 जून तक पटना के सभी स्कूल रहेंगे बंद, जिलाधिकारी ने जारी किया आदेश


डेस्क : प्रदेश में भीषण गर्मी का कहर जारी है। मानसून का कही अता-पता नहीं है। बारिश नहीं होने की वजह से राज्य के कई जिलों में आसमान से आग बरस रहा है। प्रचंड गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। 

इधर गर्मी और दोपहर में उमस को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पटना जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 24 की जगह 28 जून तक बंद करने का आदेश दिया है।

इससे पहले जिलाधिकारी ने 24 जून तक स्कूल बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन मौसम में अपेक्षित सुधार नहीं होने के कारण अब 28 जून तक स्कूल बंद रहेंगे। इस आदेश के दायरे में कक्षा एक से12वीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल आएंगे।

जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दोपहर में गर्मी और उमस अधिक रह रही है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र को बंद करने को कहा गया है।

पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, अरविंद केजरीवाल अपनी शर्तों पर गठबंधन करना चाहते हैं, उनमें और नरेंद्र मोदी में कोई फर्क नहीं


बिहार की राजधानी पटना में देश भर के विपक्षी दलों की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल की नाराजगी चर्चा में है। इस बीच लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने केजरीवाल पर बड़ा बयान दिया है। आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने शनिवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी शर्तों पर गठबंधन करना चाहते हैं। ऐसे में उनमें और नरेंद्र मोदी में कोई फर्क नहीं है। विपक्ष की बैठक में नेताओं ने केजरीवाल की बातों को नोटिस में नहीं लिया। सभी नेताओं ने उन्हें इग्नोर कर दिया।

आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने एक मीडिया समूह से शनिवार को विपक्षी एकता बैठक पर कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि यह बैठक सफल रही है। साथ ही उन्होंने माना कि अरविंद केजरीवाल नाराज होकर बैठक से उठकर चले गए थे। शिवानंद ने कहा कि विपक्षी बैठक में केजरीवाल की अलग आवाज आई। हालांकि, किसी ने नोटिस नहीं लिया, किसी ने ध्यान नहीं दिया। उनकी कोई बखत नहीं है। 

शिवानंद तिवारी ने कहा कि अपनी शर्तों पर विपक्षी गठबंधन चाहते हैं। चाहते हैं कि लोकतंत्र को बचाया जाए, आप भी दूसरे ढंग से वही सवाल उठा रहे हैं। समझना चाहिए कि बैठक का एजेंडा वही है। केजरीवाल ने विपक्षी बैठक की शुरुआत में ही उसपर चर्चा की मांग कर दी। फिर उनमें और मोदी में क्या फर्क है। वे भी उसी तरह से तानाशाही चला रहे हैं। इसलिए सभी लोगों ने उन्हें इग्नोर कर दिया।

दरअसल, दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल की आम आदमी पार्टी राज्यसभा में सभी विपक्षी दलों से समर्थन चाहती है। कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी दलों ने उनका समर्थन किया है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि संसद के मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले इस मुद्दे पर बातचीत की जाएगी। अब AAP ने चेतावनी दी है कि अगर कांग्रेस अध्यादेश पर केजरीवाल को सपोर्ट नहीं करती है, तो वे आगे उसके साथ किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे।

बीजेपी चाहती है की इतिहास बदला जाए, हम चाहते हैं की बिहार से इतिहास बचाया जाए : ममता बनर्जी

डेस्क : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी का अत्याचार हर ओर है। राज्यों में राजभवन को वैकल्पिक सरकार बनाया जा रहा है। कोई भी असहमत है तो उसके खिलाफ मोदी सरकार के ईडी, सीबीआई का सामन करना पड़ता है।

आज पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि हमें विपक्षी मत कहो। हम भी देशभक्त हैं, अगर मणिपुर जलता है तो हमें दर्द होता है। बीजेपी का अत्याचार हर ओर है। राज्यों में राजभवन को वैकल्पिक सरकार बनाया जा रहा है। कोई भी असहमत है तो उसके खिलाफ मोदी सरकार के ईडी, सीबीआई का सामन करना पड़ता है।

बनर्जी ने आगे कहा कि विपक्ष एकजुट है और एकजुट होकर लड़ेगा। उन्होंने कहा, पटना मे बैठक करने के लिए नीतीश कुमार को उन्होंने ही सुझाव दिया था। पटना से होने वाले आंदोलन हमेशा सफल हुए हैं। इसलिए मोदी सरकार को हटाने का जनांदोलन भी पटना से शुरू हुआ है। यह इतना महत्वपूर्ण है कि यहां से इतिहास की शुरुआत का प्रतीक है।" उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता 2024 का चुनाव एक साथ लड़ेंगे, इसके अलावा उक्त बैठक का दूसरा दौर अगले महीने शिमला में होगा।

उन्होंने कहा कि हम एकजुट हैं, एकजुट होकर लड़ेंगे। इतिहास यहीं से शुरू हुआ, बीजेपी चाहती है कि इतिहास बदला जाए। और हम चाहते हैं कि बिहार से इतिहास बचाया जाए। हमारा मकसद इस फासीवादी सरकार के खिलाफ बोलना है।

पटना में विपक्ष की महाबैठक संपन्न, नीतीश, ममता, राहुल, पवार ने साथ चुनाव लड़ने का किया एलान

डेस्क : केन्द्र की बीजेपी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी-जान से जुटे है। इसके लिए वे पूरे देश के विपक्षी पार्टी को एक करने की मुहिम चला रहे है। जिसमें आज उन्होंने पहली सफलता प्राप्त कर ली। 

आज 23 जून को बिहार की राजधानी पटना विपक्षी दलों की महाबैठक हुई। इस बैठक में 30 से ज्यादा विपक्षी नेता शामिल हुए। इस मीटिंग में आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर मैदान में उतरने की साझा रणनीति पर मंथन किया गया। विपक्षी दलों का ये महामंथन करीब 4 घंटे तक चला। वहीं बैठक की समाप्ति के बाद सभी नेताओं के लिए सीएम हाऊस में ही भोजन की व्यवस्था की गई थी। 

इस बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के नेताओं के साथ एक संयुक्त प्रेस-वार्ता किया। जिसमें नीतीश कुमार ने कहा कि आज की विपक्ष की बैठक में देश की सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया। यह एक अच्छी बैठक थी जिसमें मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में अगली बैठक होगी। एकसाथ चलने पर बात हुई है। अगली मीटिंग, अंतिम मीटिंग होगी। हम सब साथ रहेंगे, हम बीजेपी को 100 सीटों पर रोकेंगे। हम सब साथ रहे तो बीजेपी जरूर पराजित होगी।

राहुल गांधी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार का सारा डिश खिला दिया है। लिट्टी-चोखा से लेकर गुलाब जामुन तक। उन्होंने कहा कि आज सारे संवैधानिक संस्थानों पर भाजपा-आरएसएस आक्रमण कर रही है। आज विचारधारा की लड़ाई है तो हम सब एक साथ खड़े हैं। थोड़ा अलगाव है लेकिन हमने निर्णय लिया है कि हमलोग एक साथ काम करेंगे। कुछ ही समय में अगली मीटिंग होगी। आज जो हमने बातचीत की उसे और गहराई में ले जायेंगे। यह पूरी गहरी तरीके से आगे बढ़ने जा रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि एक होकर चुनाव लड़ने की सहमति बनी है, कॉमन एजेंडा बना है। विपक्ष की अगली बैठक 12 जुलाई को शिमला में हो सकती है। जल्द ही इस बारे में सभी पार्टियों को सूचित कर दिया जायेगा। हमने तय किया है कि बैठ कर एजेंडा बनाएं कि किन-किन चीजों पर हम निर्णय ले सकते हैं। हर राज्यों में हमलोगों को अलग तरह से काम करना पड़ेगा। हर राज्य के लिए अलग स्ट्रेटजी होनी चाहिए। एक होकर, एकजुट होकर 2024 की लड़ाई हमको लड़ना है और भाजपा को सत्ता से बाहर करने का निर्णय लिया गया है। इसमें हमलोग जरूर कामयाब होंगे। हम नीतीश कुमार का धन्यवाद करूंगा। 

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किया। प्रेस कांफ्रेंस में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि आज पटना में 17 पार्टी की मीटिंग हुई है। हमने कहा था कि पटना में मीटिंग करिए। पहले भी बहुत सारे जन आंदोलन पटना से शुरू हुआ था। दिल्ली में कई मीटिंग हुई लेकिन लाभप्रद नहीं रहा। इसलिए हमने कहा कि पटना से शुरू करो। इसका लाभ मिल रहा है। हम लोग एक हैं,साथ मिलकर लड़ेंगे और हमको विपक्ष मत बोलो। मणिपुर जलने से हमारा भी हाथ जलता है। भाजपा तानाशाही सरकार चला रही है। हमलोगों का इलेक्टेड सरकार है लेकिन राजभवन हस्तक्षेप करती है। जो भी खिलाफ बोलता है, ईडी-सीबीआई लगा देता है। मीडिया को कंट्रोल कर लिया है।  

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आज हमलोग लोकतंत्र बचाने के लिए यहां बैठे हैं। आज हमारे कश्मीर में लोकतंत्र को कुचला जा रहा है। पांच साल से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन है। महबूबा मुफ्ती भी इस मुद्दे पर आज हमारे साथ हैं। चार राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, वो सेमी फाईल है। इसके लिए तैयारी करनी है। अगली बैठक में और भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जायेंगे।