*आशा फाउंडेशन कानपुर ने सीएमई प्रोग्राम का किया आयोजन*
कानपुर। आशा फाउंडेशन, कानपुर द्वारा सीएमई प्रोग्राम का आयोजन किया गया एवं विषय था "एवरीथिंग एबाउट नी".
इसमें मुख्य वक्ता डॉक्टर ए के अग्रवाल, वरिष्ठ ऑपॅपिडिक, आर्थोस्कोपी & ज्वाइट रिप्लेसमेंट सर्जन एवम निदेशक सत्या हॉस्पिटल, कानपुर थे। डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि घुटने के दर्द की समस्या आज ज्वलंत समस्या है। आधुनिक जीवन शैली से ये दिन दूनी रात चौगनी गति से बढ़ रही है। इस पर समय से कंट्रोल पाना अत्यंत आवश्यक है।
अनियंत्रित वजन, रेमोट कंट्रोल वाली आरामतलब जिंदगी, फास्ट फूड से गठिया जो पहले ६० वर्ष के बाद आती थी ३०-४० वर्ष में ही लोगों को परेशान कर रही है। गठिया की विभिन्न कारणो को कैसे पहचानें पर विस्तार में बताया, जिससे कि सही व सटीक उपचार, कम से कम दवाओं से हो सके। हर वक्त ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं है, केवल जब ज़रूरी हो तभी ऑपरेशन कराएँ ऑपरेशन भी कई प्रकार से हो सकते हैं। जिस व्यक्ति को जिस प्रकार के ऑपरेशन से सर्वाधिक आराम मिले वही राय दी जानी चाहिए। अन्यथा फायदे की जगह नुक़सान हो सकता है। इसके लिए ये आवश्यक है कि चिकित्सक उन सभी प्रकार के ऑपरेशन विधियों में निपुण हो।
आधुनिक यंत्रो जैसे कि आर्थरोसकोप से बगैर चीरे के बगैर रक्त स्राव के मरीज़ एक ही दिन में ठीक होकर अपने कार्य, घर जा सकता है। टेक्नॉलजी का इस्तेमाल मरीज के हित में करना आवश्यक है। इससे घुटना प्रत्यारोपण बचाया जा सकता है, या लम्बे वर्षों तक चलने वाले प्रत्यारोपण का लाभ मरीज को मिलता है। "प्रीवेंशन इज बेटर देन क्योर" की महता पर जोर देते कहा कि हर वक्त ऑपरेशन आवश्यक नहीं है। आशा फाउंडेशन की अध्यक्ष डा० मनीषा अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए एवं आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया।वक्ताओं का परिचय डॉ रीता मित्तल ने दिया और प्रश्नोत्तर श्रृंखला का संचालन डॉक्टर पंकज टंडन कानपुर ने किया अंत में विषय का उपसंहार प्रोफेसर रिचा गिरी, उप प्रधानाचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर द्वारा किया गया। धन्यवाद श्री प्रसाद एवं टोरेंट फार्मा के रिप्प्रेसटेटिव रितेश ने दिया।
आज के कार्यक्रम के चेयरपर्सन डॉ रीता मित्तल, वरिष्ठ स्त्री एवम प्रसूति रोग विशेषज्ञ कानपुर, डॉ पंकज टंडन, एवम वरिष्ठ अस्थिरोग, कानपुर प्रोफेसर रिचा गिरी, उप प्रधानाचार्य, जीएसवीएम थे। डॉक्टर किरण पांडे, डॉक्टर श्याम मोहन शुक्ला, डॉक्टर थवानी, डॉक्टर गुरनानी, डॉक्टर राकेश चंद्रा, डॉक्टर ए के भतेजा ने सक्रिय भाग लिया व अपने विचार प्रस्तुत किए।
Jun 19 2023, 18:11