राँची नगर निगम कर्मचारियों की हड़ताल शुक्रवार को खत्म, आज से काम पर लौटे

रांची. नगर निगम कर्मचारियों की हड़ताल शुक्रवार को समाप्त हो गयी. कर्मचारी शनिवार से काम पर लौट आयेंगे. निगम प्रशासक शशि रंजन व हड़ताली कर्मचारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया. 

संघ के अध्यक्ष नरेश राम ने कहा कि जनहित को देखते हुए सर्वसम्मति से हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया गया. कर्मचारियों की अधिकतर मांगों को प्रशासक ने निगम स्तर से पूरा कराने और सरकार से पत्राचार करने का आश्वासन दिया है.

चक्रधरपुर के सोनुवा मुख्य मार्ग के पुसालोटा गांव के पास बाइक से गिरकर युवक घायल, स्थानीय लोगों ने भिजवाया अस्पताल

चक्रधरपुर- सोनुवा मुख्य मार्ग के पुसालोटा गांव के पास शनिवार को सड़क दुर्घटना में एक युवक गंभीर रुप से घायल हो गया. बताया जाता है कि एक युवक मोटरसाइकिल में सवार होकर सोनुवा की ओर जा रहा था. 

स्थानीय लोगों के अनुसार मोटरसाइकिल अत्यधिक तेज थी और सड़क किनारे खड़े एक विंगर गाड़ी के बगल से निकलने के दौरान तेज रफ्तार में मोटरसाइकिल असंतु़लित हो गई. इससे युवक मोटरसाइकिल से गिरकर गंभीर रुप से घायल हो गया. गंभीर रूप से घायल होने के कारण युवक बेहोश हो गया. 

उसके सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें पहुंची. उसका नाम धनंजय है. वह देवघर का रहने वाला है.

फिल्म अभिनेत्री अमीषा पटेल ने रांची कोर्ट में किया सरेंडर,यहां जानिए क्या है पूरा मामला...?


रांची: बॉलीवुड अभिनेत्री अमीषा पटेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। धोखाधड़ी के एक मामले में शनिवार को अमिषा पटेल रांची सिविल कोर्ट में पेश होने पहुंची, इसके बाद अभिनेत्री ने सरेंडर कर दिया।

फिल्म अभिनेत्री अमिषा पटेल और उनके बिजनेस पार्टनर कुणाल गूमर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करबाया गया था। उनपर पैसे लेकर म्यूजिक एल्बम नहीं बनाने का आरोप है। इसके अलावा, उनपर धोखाधड़ी और धमकाने का भी आरोप है।

इसी मामले में पिछले दिनों रांची सिविल कोर्ट ने अभिनेत्री को कोर्ट में हाजिर होने को कहा था लेकिन वो कोर्ट में पेश नहीं हुईं। जिसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया।

सशर्त मिली जमानत

अदालत में पेश होने के बाद अमीषा पटेल को 21 जून तक सशर्त जमानत दे दी गई है। 21 जून को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। कोर्ट ने अमीषा पटेल को भी उपस्थित रहने का आदेश दिया है।

झारखंड में प्रचंड गर्मी का अलर्ट: 54 साल में रांची में चौथी बार जून में पारा 41 के पार


झारखंड में कुछ दिनों की राहत के बाद गर्मी फिर तेज हो गयी है। सुबह से ही तेज धूप की तपिश के साथ भीषण लू की संकेत दे देती है कि आज का मौसम कैसा होगा। मौसम विभाग ने प्रदेश में प्रचंड गर्मी का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान तेज हवा के साथ बारिश की भी संभावना है।

रांची में 54 साल में चौथी बार 16 जून को पारा 41 डिग्री के पार पहुंचा। रांची में पहली बार 1969 के जून में पारा 39 डिग्री पहुंचा था। वहीं न्यूनतम तापमान की बात करें तो इस वर्ष 15 जून तक रांची का न्यूनतम तापमान दूसरी बार सबसे अधिक 24.8 डिग्री रहा। शुक्रवार यानी 16 जून को गोड्डा जिले में सबसे अधिक गर्मी रही। यहां का अधिकतम तापमान 45 डिग्री दर्ज किया गया।

मौसम विभाग की माने तो रांची प्री-मानसून औन मानसून की बारिश 19 जून के बाद शुरू होने की संभावना जताई है। बारिश की संभावना के बावजूद मौसम विभाग का कहना है कि पूरे महीने के दौरान झारखंड के लोगों को गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है।

किसानों के हित के लिए हेमन्त सोरेन ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा की।


रांची:- राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने समीक्षा में कृषि, पशुपालन विभागों को निर्देश दिए कि 14 अगस्त 2023 तक राज्य के शत प्रतिशत पात्र किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से आच्छादित करें। राज्य में 24 लाख से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए।

राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। विभाग किसानों से संबंधित प्रत्येक योजना को पारदर्शिता के साथ उन तक पहुंचाएं।

हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री कृषि ऋण राहत योजना में किसी भी हाल में लापरवाही नहीं बरतें को कहा। वैसे लाभुक जो कृषि ऋण माफी के छूटे हुए हैं उनकी वस्तुस्थिति एकत्र कर किसानों को लाभ पहुंचाए। 

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत वितरित किए गए पशुओं का बीमा अनिवार्य करें। कमेटी बनाकर पशु बीमा इंश्योरेंस में पहुंच रही बाधाओं को दूर करे। वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री पशु विकास योजना के तहत पशु बीमा हेतु राज्य सरकार ने 12 करोड़ रुपए का प्रीमियम भरा है, परंतु पशु बीमा का लाभ राज्य के किसानों को नहीं मिल पा रहा है।

पशु बीमा का लाभ अनिवार्य रूप से किसानों को मिले यह सुनिश्चित हो।हमारे किसान मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ लेने के लिए बड़ी मुश्किल से निवेश करते हैं। किसानों को किसी प्रकार से कोई नुकसान नही पहुंचे इसका विशेष ध्यान रखें।

खरीफ फसल हेतु बीज वितरण एवं फर्टिलाइजर सप्लाई का कार्य ससमय पूरा हो। राज्य के प्रत्येक जिले में फर्टिलाइजर स्टॉकिस्ट बनाएं। यूरिया, डीएपी सहित अन्य फर्टिलाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

राजस्थान के अधेड़ से हो रही थी नाबालिग की शादी, पहुंची पुलिस व सीडब्ल्यूसी टीम


गिरिडीह:जिले में गरीब परिवार के बच्चियों को दूसरे राज्य के अधेड़ उम्र के लोगों के साथ फर्जी विवाह कर बेचने वाले एक गिरोह का उद्भेदन हुआ है। पुलिस ने यह कार्रवाई मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के उसरी फॉल के निकट एक मंदिर के समीप छापेमारी करके किया।

वहीं पुलिस ने इस मामले में गिरिडीह के एक दलाल समेत राजस्थान के पांच लोगों के साथ कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया।पुलिस ने इन लोगों के पास से 60 हजार रुपये नगद, शादी के सामान, मिठाई के अलावे छह मोबाइल फोन समेत अन्य समान जब्त किये। पुलिस द्वारा सभी को गिरफ्तार कर थाना लाकर पूछताछ की जा रही थी।

मिली जानकारी के अनुसार मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत एक नाबालिग लड़की की शादी राजस्थान के एक अधेड़ के साथ एक मंदिर में होनी तय थी।शादी को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी थी। इसी बीच किसी ने इस बात की जानकारी पुलिस प्रशासन को दे दिया। 

 सूचना मिलने पर सीडब्ल्यूसी के जीतू कुमार,वनवासी विकास आश्रम में सचिव सुरेश शक्ति, कैलाश सत्यार्थी की अंजली कुमारी, बचपन बचाओ अभियान एवं मुफ्फसिल थाने की पुलिस ने सभी मंदिरों में तलाशी शुरू कर दिया। इसी बीच जानकारी मिली कि गिरोह के सदस्य उसरी फॉल के समीप स्थित एक मंदिर में छिपे हुए हैं और यहीं शादी की तैयारी चल रही है।इसी बीच टीम के सभी सदस्य पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गये और दलाल के साथ राजस्थान के पांच गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्देश: स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की व्यवस्था ध्वस्त न हो यह सुनिश्चित करें।


साक्षरता के क्षेत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' एक सराहनीय कदम है।इसके पहले चरण में 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में तब्दील किया गया है। सभी वर्ग-समुदाय के लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए इस नई पहल को सराहा है। बच्चों ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील इन विद्यालयों में नामांकन को लेकर रुचि दिखायी है। 

अभिभावकों में बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन को लेकर राज्य सरकार के प्रति विश्वास जगा है। आने वाले समय में सरकार का यह नवीन पहल राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

 मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसकी समीक्षा करते हुए, सभी जिलों के उपायुक्त को विशेष नजर रखने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर सरकारी व्यवस्था की शुरुआत बहुत अच्छी होती है लेकिन अंत उतनी अच्छी तरह से नहीं होता है। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं हो यह सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी तरह स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की व्यवस्था ध्वस्त न हो यह सुनिश्चित करें। 

राज्य के प्रत्येक जिलों में अलग-अलग व्यवस्थाएं एवं क्षमताएं हैं। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में कई और चीजें जोड़ने की आवश्यकता है। उपायुक्त निरंतर इन स्कूलों का मॉनिटरिंग करें। इसका ख्याल रखें कि विभाग के अंदर कार्यशैली में विसंगतियां के कारण उलझने पैदा न हो।

हेमंत सोरेन ने यह भी निर्देश दिया की सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पठन-पाठन के अलावा और कोई कार्य में न लगाएं। विभाग यह भी सुनिश्चित करें कि जिला के उपायुक्त जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर गुणवत्ता शिक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करे।

योजनाओं को गति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई विभागों की समीक्षा बैठक

राँची:साथ ही विभाग को यह निर्देश भी दिया की जाति प्रमाण पत्र 30 दिन के भीतर निर्गत करे। वहीं वर्ग 9-12 में अध्ययनरत बच्चों का अभियान चलाकर प्राथमिकता के तौर पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत करें।

 स्कूली शिक्षा विभाग तथा प्रज्ञा केंद्र  को कहा कि बेहतर समन्वय बनाते हुए प्रमाण पत्र निर्गत करें।

समीक्षा बैठक में दाखिल खारिज के हज़ारों मामले के लंबित होने एवं निरस्त किए जाने को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। हेमंत सोरेन ने कहा कि जब ऑनलाइन म्यूटेशन की व्यवस्था शुरू की गई है तो फिर दाखिल खारिज के मामलों के निष्पादन में विलंब होना काफी चिंताजनक है। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे ऑनलाइन म्युटेशन सिस्टम की निगरानी करने के साथ उसकी नियमित समीक्षा करें। 

इसी सिलसिले में अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों से दाखिल खारिज के मामलों के लंबित और निरस्त किए जाने की वजह की जानकारी ली। अगर इसमें जानबूझकर लापरवाही बरती जा रही है तो संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया हो।

झारखंड अधिविध परिषद में किया गया तालाबंदी,जाने क्या है मामला

रांची: कक्षा 11 वी में ग़लत तरीक़े से फेल हुए छात्रों की समस्याओं को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् , राँची महानगर द्वारा झारखंड अधिविद परिषद्(JAC) के मुख्य द्वार को बंद कर घेराव किया गया।

राँची विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व सचिव , सौरव बोस जी ने अधिविद परिषद् के उप सचिव अरविद कुमार से बात करते हुए जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने को ले कर कहा।

 वहीं मौजूद , राँची महानगर मंत्री रोहित शेखर ने छात्रों के पक्ष को संबोधित करते हुए कहा की अगर अविलंब समस्या का समाधान नही हुआ तो आने वाले मंगलवार को सभी छात्रों के साथ विद्यार्थी परिषद् मुख्य द्वार का घेराव कर अकादमिक परिषद को बंद करने का काम करेगी।

 झारखंड अकादमिक परिषद के उप सचिव , अरविंद कुमार ने कहा कि प्रबंधक जल्द से जल्द एक समिति बना कर इस जटिल समस्या का समाधान करने का प्रयास करेगी और छात्रों के हित में उचित फ़ैशला लेगी।

वहीं मौजूद जेएन महाविद्यालय के अध्यक्ष सागर यादव ने कहा की छात्रों की समस्याओं को देखते हुए , अगर सुबह से शाम भी आंदोलन करना पड़े तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

आपको बताते चलें की राँची महानगर में लग-भग 800 छात्रों को केवल 1 या 2 नंबर से फेल कर दिया गया है , इसी विरोध में ABVP के छात्र नेता छात्रों के पक्ष में JAC कार्यालय मौजूद हुए थे ।

मौक़े पर राँची ज़िले से , जे एन महाविद्यालय,डोरंडा महाविद्यालय ,योगदा महाविद्यालय,एस एस मेमोरियल महाविद्यालय एवं मारवाड़ी महाविद्यालय के सैकडो छात्र उपस्थित थे ।

HEC में फिर आंदोलन तेज: वेतन भुगतान की माँग को लेकर सभी प्लांट हेड तथा निदेशक उत्पादन का घेराव


रांची स्थित एचईसी के अधिकारी एवं कर्मचारी एक बार फिर अपनी लंबित वेतन मान को लेकर आंदोलनरत नजर आ रहे हैं। वेतन की बात कह कर अब भी उनकी 17 महीने का वेतन नहीं दिया गया है।

एचईसी पर एक समय में रांची की बड़ी आबादी की निर्भरता थी। समय बदलने के साथ ही आज एचईसी की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अक्सर यहां वेतन संकट को लेकर विवाद होता रहा है। एसईसी सूत्रों की माने तो यहां से लगभग हर दो महीने पर तीन से चार कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 50 से अधिक इंजीनियर व लगभग एक दर्जन अधिकारी व कर्मचारियो ने एचइसी को छोड़ दिया है। प्रबंधन के अधिकारियों के अनुसार ऐसा न हो कि यहां काम करने वाले लोग ही न रहें।

अक्सर अधिकारी एवं कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर कई तरह के हथकंडे अपना चुके हैं, कभी मुख्यालय का घेराव किया, थाली बजा कर विरोध किया, मशाल जुलूस निकाले, पोस्ट कार्ड के माध्यम से राष्ट्रपति को भी अवगत कराया इसी तरह कई प्रयास किए, सफलता नहीं मिलने पर आक्रोशित कर्मचारी एवं अधिकारियों ने आज एक बार फिर वेतन भुगतान की माँग को लेकर सभी प्लांट हेड तथा निदेशक उत्पादन का घेराव कर बंधक बनाया गया हैं।