पटना-रांची रेल रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस को सरपट दौड़ाने से पहले रूट का संरक्षा ऑडिट यानी सेफ्टी टेस्ट शुरू, सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को की ग

 पटना-रांची रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन का इंतजार अब खत्म होने वाला है। चेन्नई से 8 कोच वाली वंदे भारत का रैक पटना पहुंच चुका है। अब इसका ट्रायल होने के बाद संचालन शुरू कर दिया जाएगा। पटना-रांची रेल रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस को सरपट दौड़ाने से पहले रूट का संरक्षा ऑडिट यानी सेफ्टी टेस्ट शुरू हो गया है। इस हफ्ते दो रेल मंडलों के संरक्षा कोटि के शीर्ष अधिकारी जगह-जगह पर ट्रैक की सुरक्षा जांच करेंगे ताकि इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन को सुचारू रूप से चलाया जा सके। बालासोर रेल हादसे के बाद रेलवे की ओर से सेफ्टी को लेकर हर रेल मंडल में शीर्ष अधिकारियों को यह ताकीद की गई है कि वे अपने क्षेत्र के संरक्षा पहलुओं पर बारीक नजर रखें। ऐसा निर्देश एहतियातन जारी किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि चूंकि कोडरमा-हजारीबाग-रांची सेक्शन नया बना है। इसका सीआरएस निरीक्षण हो चुका है और ट्रैक को क्लीन चिट मिल चुकी है फिर भी ट्रायल रन कराया जाएगा। ट्रेन को चलाए जाने से पहले पटना से लेकर रांची तक उत्साह है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रैन के रैक को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल यार्ड में सिक लाइन पर भेज दिया गया। शुक्रवार को इसको पिट संख्या पांच पर भेजा जाएगा। जिस पिट लाइन पर हमसफर एक्सप्रेस का मेंटेनेंस होता है, उसी पर वंदे भारत एक्सप्रेस का मेंटेनेंस होगा। यह जांचा जा रहा है कि चेन्नई से पटना तक रैक के लाने के बाद इसमें क्या बदलाव आया है। इसके बाद विभिन्न कर्मचारियों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कड़ी सुरक्षा घेरे में खड़ी है वंदे भारत ट्रेन

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के रैक को देखने के लिए लोगों में उत्साह है। इस कारण राजेंद्र नगर यार्ड की ओर लोगों का तांता लगा हुआ है। रेलवे की ओर से रैक के पास सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसके लिए राजेंद्र नगर यार्ड में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। रेल सुरक्षा बल के जवानों को भी रैक की सुरक्षा में तैनात किया गया है।

चुनावी हलचल, लोकसभा चुनाव से पहले फिर से बिहार first, बिहारी 1st की याद आ गई, विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए फिर से मांगा लोगों से सुझाव

वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से आठ महीने पहले फरवरी 2020 में बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा देकर पूरे बिहार की यात्रा करने वाले लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले फिर से बिहार firstst, बिहारी 1st की याद आ गई है। चिराग ने गुरुवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फिर से विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए लोगों से सुझाव मांगा है और इसके लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले भी चिराग पासवान ने लोगों से राय मांगी थी और ठीक चुनाव से पहले अक्टूबर में दावा किया था कि लगभग चार लाख लोगों से मिले सुझाव को ध्यान में रखकर विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। एक तरह से वो लोजपा का चुनाव घोषणापत्र था।

2020 के चुनाव से पहले चिराग ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर अपने नाम के आगे युवा बिहारी जोड़ा था। चिराग के बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट नारे वाले 2020 के विजन डॉक्यूमेंट में सभी सरकारी विभागों में स्वीकृत और खाली पदों पर बहाली, संविदा पर काम कर रहे लोगों को सरकारी सेवा में नियमित करने, बिहार में नए मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने, प्रवासी मजदूरों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने जैसे वादे किए गए थे। चिराग ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के लोगों से बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट थीम पर सुझाव मांगे हैं जिसके आधार पर वो लोजपा-रामविलास का विजन डॉक्यूमेंट बनाएंगे।

2020 के विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान ने 21 फरवरी को बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट यात्रा भी निकाली थी। 21 अक्टूबर को उन्होंने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट पेश किया था। इसी के नाम पर वो एनडीए और बीजेपी से अलग होकर 135 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़े थे जिसमें उन्हें एक सीट पर जीत मिली थी। लोजपा को 2020 के विधानसभा चुनाव में 5 परसेंट से ज्यादा वोट मिले थे और लगभग 24 लाख वोट मिले थे। जेडीयू ने एनडीए छोड़ने के बाद पिछले साल से कहना शुरू किया कि चिराग को बीजेपी ने लड़ाया था क्योंकि लोजपा ने ज्यादातर कैंडिडेट सिर्फ उन सीटों पर दिए थे जो बीजेपी ने लड़ने के लिए जेडीयू को दिए थे। माना जाता है कि इन सीटों पर बीजेपी के काफी वोट गठबंधन की पार्टी जेडीयू के बदले लोजपा को मिल गए। तब चिराग ने नारा भी दिया था 'मोदी से बैर नहीं, नीतीश कुमार की खैर नहीं।'

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की निकाली झांकी, कनाडा के उच्चायुक्त ने जताया कड़ा विरोध

डेस्क: कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तान समर्थकों ने 5 किलोमीटर की लंबी परेड निकाली, जिसकी झांकी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का सीन दिखाया गया. वहीं घटना के प्रति कनाडा के उच्चायुक्त ने कड़ा विरोध जताया है. कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने गुरुवार को घटना से स्तब्ध होकर कहा कि उनके देश में नफरत या हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि वह इसकी “स्पष्ट रूप से निंदा” करते हैं. कनाडा के उच्चायुक्त की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद आई है, जिसमें दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाती एक नाव दिखाई दे रही है.

4 जून को कथित तौर पर आयोजित की गई थी परेड

फ्लोट कथित तौर पर कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान के समर्थकों द्वारा निकाली गई 5 किलोमीटर लंबी परेड का हिस्सा था. रिपोर्टों में कहा गया है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39 वीं वर्षगांठ से दो दिन पहले 4 जून को परेड आयोजित की गई थी. हालांकि न्यूज18 स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की प्रमाणिकता को सत्यापित नहीं करता है. क्लिप वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की और मार्च की निंदा की.

ऑपरेशन ब्लू स्टार की मनाई गई बरसी

बता दें कि ऑपरेशन ब्लूस्टार 1984 में स्वर्ण मंदिर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया एक सैन्य अभियान था. इंदिरा गांधी के पोते, राहुल गांधी, हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान खालिस्तानी समर्थकों के एक समूह द्वारा घेर लिए गए थे. राहुल गांधी सांता क्लारा में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस यूएसए द्वारा आयोजित ‘मोहब्बत की दुकान’ कार्यक्रम में बोल रहे थे, जब दर्शकों में से कुछ लोगों ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के संबंध में उनके और गांधी परिवार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए.

इंस्टाग्राम पर लगा अश्लील वीडियो वाले अकाउंट को प्रमोट करने का आरोप, एल्गोरिद्म ने खोल दी मेटा की पोल

डेस्क: इंस्टाग्राम पर बच्चों से संबंधित अश्लील और शोषण दिखाने वाली कंटेंट को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट का कहना है कि इंस्टाग्राम इस तरह के कंटेंट को प्रमोट करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मेटा के स्वामित्व वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम बाल यौन शोषण वाले कंटेंट को बढ़ावा देने और बेचने के लिए पीडोफाइल नेटवर्क द्वारा उपयोग किया जाने वाला मुख्य प्लेटफॉर्म है।

रिकमंडेशन एल्गोरिदम का हो रहा इस्तेमाल

यूएस यूनिवर्सिटी के साइबर पॉलिसी सेंटर के शोधकर्ताओं ने कहा, "अकाउंट के बड़े नेटवर्क जो नाबालिगों द्वारा संचालित प्रतीत होते हैं, खुले तौर पर बिक्री के लिए स्व-निर्मित बाल यौन शोषण कंटेंट का विज्ञापन कर रहे हैं।" रिपोर्ट में कहा गया है कि इंस्टाग्राम वर्तमान में इन नेटवर्कों के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है, जिसमें रिकमंडेशन एल्गोरिदम और डायरेक्ट मैसेजिंग जैसी सुविधाएं हैं जो खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने में मदद करती हैं।

जर्नल के अनुसार, विशेष रूप से बच्चों को संदर्भित करने वाले यौन रूप से स्पष्ट कीवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है, जो उन अकाउंट की ओर ले जाते हैं जो अपने अकाउंट का इस्तेमाल नाबालिगों के यौन शोषण को दिखाते वाले कंटेंट का विज्ञापन करने के लिए करते हैं।

जर्नल में कहा गया है कि यह अकाउंट खुद बच्चों द्वारा संचालित होने का दावा करते हैं और खुले तौर पर अश्लील नामों का उपयोग करते हैं। हालांकि, जर्नल में विशेष रूप से यह नहीं कहा गया है कि वे इन फोटो को बेचते हैं, अकाउंट में ऑप्शन के साथ मेनू होते हैं, जिनमें कुछ मामलों में विशिष्ट सेक्सुअल एक्टिविटी शामिल हैं।

स्टैनफोर्ड के शोधकर्ताओं ने पाशविकता और खुद को नुकसान पहुंचाने वाले वीडियो के ऑफर भी देखे। आर्टिकल में कहा गया है "एक निश्चित मूल्य पर बच्चे इन-पर्सन 'मीटिंग' के लिए उपलब्ध हैं,"। हालांकि अब तक मेटा की और से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जर्नल के अनुसार, सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने अपनी सुरक्षा सेवाओं के में समस्याओं को स्वीकार किया और कहा कि उसने उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए एक टास्क फोर्स बनाई है।

बता दें कि इसी साल मार्च में पेंशन और निवेश फंड ने मेटा के खिलाफ अपने प्लेटफॉर्म पर मानव तस्करी और बाल यौन शोषण की फोटो पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी।

मोहब्बत की दुकान' को लेकर बीजेपी के सांसदों ने राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी, कही ये बात

डेस्क: बीजेपी के सांसदों ने राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिखी है। ये चिट्ठी मोहब्बत की दुकान को लेकर लिखी गई है। चिट्ठी बीजेपी के 3 सांसद राज्यवर्धन राठौर, पूनम महाजन और प्रवेश साहिब सिंह ने लिखा है। चिट्ठी में सांसदों ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। सांसदों ने लिखा कि आपकी मोहब्बत की दुकान के बारे में सुनकर अच्छा लगा। सचमुच मोहब्बत में परस्पर जोड़ने सशक्त बना सकते हैं। सांसदों ने आगे लिखा कि अमेरिका में आपने इस मोहब्बत की दुकान से अपनी मातृभूमि और देश के लिए जी भरकर नफरत फैलाई है। वैसे नफरत फैलाना आपके परिवार और आपकी पार्टी के लिए कोई नई बात नहीं। अगर आप इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो वे चीख-चीखकर इन किस्सों की गवाही देंगे।

"कांग्रेस के राज में सबसे अधिक दंगे"

सांसदों ने आगे कहा कि कांग्रेस के राज में सबसे अधिक दंगे हुए और नफरत की दुकानें सजाई गईं। आपको पहले कांग्रेस राज में हुए नरसंहारों के बारे में भी जरूर जानना चाहिए। वह चाहे पंडित नेहरू हों या आपके पिता राजीव गांधी। सभी ने न सिर्फ हजारों लोगों के कत्लेआम को जायज ठहराया, बल्कि नफरत की आग को और तेजी से भड़काया। आपको याद दिला दें कि आजाद भारत का पहला नरसंहार नेहरू के कार्यकाल में हुआ। 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद महाराष्ट्र में हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इसके पीछे पैगाम देने वाले लोग कांग्रेसी ही थे।

"कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शती"

सांसदों ने चिट्ठी में लिखा कि आपकी कांग्रेस पार्टी की शुरू से परंपरा रही है कि वे अपने वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शती। नेहरू के दिल में न जानें कैसी मोहब्बत थी कि उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सलाह दी कि वो सरदार वल्लभभाई पटेल के अंतिम संस्कार में न जाएं। सांसदों ने आगे कहा कि आज जैसे कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं, वैसे ही कभी सीताराम केसरी अध्यक्ष हुआ करते थे। उनको तो कांग्रेस ने बेइंतहा बेईज्जती के साथ कांग्रेस अध्यक्ष पद से बेदखल किया था। कांग्रेसियों ने उनकी धोती तक खोल दी थी और बाथरूम में बंद कर दिया था। आप किस मोहब्बत की बात करते हैं। चिट्ठी में आगे लिखा गया कि राहुल गांधी आपकी और आपकी पार्टी की मोहब्बत की इतनी मिसालें हैं, जिनको लेकर हम तो बस यही कह सकते है- 

"हमको नफरत करने से फुरसत न मिली दोस्तो

वरना ये बताते कि मोहब्बत किसको कहते हैं!"

बता दें कि हाल में राहुल गांधी अमेरिका गए थे, वहां पर उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार नफरत फैला रही है और हम मोहब्बत की दुकान खोलकर लोगों में मोहब्बत बांटेगे।

विलय से पहले ‘विस्तारा’ देगी 1,000 से अधिक लोगों को नौकरी, सीईओ ने दी जानकारी

डेस्क: भारत का विमान बाजार तेजी से बढ़ रहा है। एयर इंडिया से लेकर दूसरी विमान कंपनियां अपने बेड़े को बढ़ाने पर फोकस कर रही है। हाल ही में विस्तारा ने भी नए विमान अपने बेड़े में जोड़ने का ऐलान किया है। विस्तारा चालू वित्त वर्ष में अपने बेड़े में कुल 10 विमान जोड़ने की तैयार कर रही है। इस दौरान कंपनी की योजना 1,000 से अधिक लोगों को भर्ती करने की भी है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने अमेरिका उड़ान की योजना फिलहाल टाल दी है। इस समय एयरलाइन कंपनी विस्तार के बेड़े में 61 विमान हैं और उसके कर्मचारियों की संख्या 5,200 से अधिक है। कंपनी का एयर इंडिया के साथ विलय प्रस्तावित है। 

सीईओ ने दी जानकारी

विस्तारा के सीईओ विनोद कन्नन ने इस सप्ताह हुई बातचीत के दौरान कहा कि गो फर्स्ट का परिचालन बंद होने के बाद नियुक्ति के लिए प्रतिभाशाली पायलट और चालक दल के सदस्य मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया और इंडिगो की तरह, हमने भी उन्हें भर्ती किया। हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हम सही संख्या में सही लोगों को भर्ती करें। हम एक सामान्य प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, जैसा कि कोई भी एयरलाइन करेगी। हम प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। एयरलाइन ने गो फर्स्ट के करीब 50 पायलटों को भर्ती किया है।

 बेड़े में कुल 10 विमान जोड़ेगी

विस्तार की भर्ती योजनाओं के बारे में बताते हुए कन्नन ने कहा कि एयरलाइन अपने बेड़े में कुल 10 विमान जोड़ेगी और इस वित्त वर्ष में उसे लगभग 1,000 कर्मचारियों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के संयुक्त उपक्रम विस्तार के बेड़े में 61 विमान हैं और सभी उड़ान भर रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कटरा नेशनल हाईवे से सटे मजीन क्षेत्र में तिरुपति बालाजी के मंदिर का किया उद्घाटन, मां वैष्णो के साथ अब भक्त करेंगे तिरुपति बालाजी के भी दर्शन


देश भर के भक्तों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। अब जम्मू में माता वैष्णो देवी के दर्शन के साथ-साथ भगवान तिरुपति बालाजी के भी दर्शन किए जा सकेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार (8 जून) को जम्मू के नगरोटा में जम्मू कटरा नेशनल हाईवे से सटे मजीन क्षेत्र में तिरुपति बालाजी के मंदिर का उद्घाटन किया।

जम्मू के नगरोटा के मजीन क्षेत्र में शिवालिक फॉरेस्ट रेंज में लगभग 62 एकड़ की भूमि पर 30 करोड़ रुपए की लागत से बने तिरुपति बालाजी मंदिर का उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को किया। यह मंदिर जम्मू से लगभग 10 किलोमीटर एवं कटरा से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। जम्मू में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से इस मंदिर की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। यह मंदिर देशभर से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जा रहे भक्त के साथ-साथ अमरनाथ यात्रा पर आ रहे भक्तों के साथ जम्मू घूमने आ रहे पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र रहेगा।

गौरतलब है कि जम्मू में तिरुपति बालाजी का यह मंदिर देश में छठा ऐसा मंदिर है जो तिरुपति बालाजी की तर्ज पर बनाया गया है। इससे पहले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम भारत में हैदराबाद, चेन्नई, कन्याकुमारी, दिल्ली एवं भुवनेश्वर में ऐसे मंदिर बना चुका है।

 मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी कृष्ण रिद्धि ने कहा कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम देशभर में न सिर्फ तिरुपति बालाजी के मंदिर बना रहा है, बल्कि यह देश भर में धर्मांतरण की घटनाओं को भी रोक रहा है।

यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम में अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में लगे 'मोदी-मोदी' के नारे, जानिए पूरा वाकया

डेस्क: केजरीवाल जिस कार्यक्रम में मौजूद थे, उस कार्यक्रम में 'मोदी मोदी' के नारे लगे। उस समय दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के पूर्वी दिल्ली परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में गुरुवार को यह वाकया हुआ। गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का संबोधन ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाए जाने की वजह से बाधित हुआ।

इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कार्यक्रम में हंगामा करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने उनके संबोधन में बाधा पहुंचाने पर तंज कसते हुए कहा कि अगर शिक्षा व्यवस्था में ऐसे ‘नारों’ से सुधार लाया जा सकता है तो पिछले 70 साल में ऐसा हो चुका होता। 

स्कूलों में शिक्षा के मॉडल पर बोल रहे थे केजरीवाल

अपने संबोधन के दौरान केजरीवाल जब दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षा के मॉडल के बारे में बात कर रहे थे तभी कुछ लोग ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाने लगे। उन्होंने कहा, ‘कृपया मुझे पांच मिनट बोलने दें। मैं इस पार्टी और अन्य पार्टी के लोगों से अनुरोध करता हूं कि मुझे बोलने दें।’

संबोधन के दौरान एक बार फिर व्यवधान डालने पर उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि शायद आपको मेरे विचार और सोच पसंद न आएं। आप टिप्पणी कर सकते हैं लेकिन यह सही नहीं है। इस लोकतंत्र में हर किसी को बोलने का अधिकार है।’ 

'आप' ने लगाया बीजेपी पर हंगामा करने यह आरोप

आप ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम के दौरान हंगामा किया लेकिन केजरीवाल ने अपने शानदार जवाब से उन्हें चुप करा दिया। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान परिसर के बाहर आप और भाजपा के कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे। गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय का पूर्वी दिल्ली परिसर आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल वीके सक्सेना के बीच विवाद की नई वजह बन गया है।

BSNL को मिलेगा 4G/5G स्पेक्ट्रम, केंद्र सरकार ने 89,047 करोड़ के तीसरे रिवाइवल पैकेज को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 89,047 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए तीसरे पैकेज को मंजूरी दे दी। इसमें इक्विटी इन्फ्यूजन के जरिए बीएसएनएल के लिए 4जी और 5जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शामिल है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी 1,50,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,10,000 करोड़ रुपये की जाएगी। इस पुनरुद्धार पैकेज के साथ, बीएसएनएल एक स्थिर दूरसंचार सेवा प्रदाता के रूप में उभरेगा, जो भारत के दूर दराज के इलाकों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों या माओवाद प्रभावित कुछ स्थानों को छोड़कर, बीएसएनएल अब पूरे देश में 4जी सेवाएं दे रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस स्पेक्ट्रम आवंटन के साथ, बीएसएनएल अखिल भारतीय 4जी और 5जी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा।

यह विभिन्न कनेक्टिविटी परियोजनाओं के तहत ग्रामीण इलाकों में 4जी कवरेज देने में भी सक्षम होगा। हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क (सीएनपीएन) के लिए बीएसएनएल सेवाएं या स्पेक्ट्रम भी प्रदान करेगा।

सरकार ने 2019 में बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए पहले पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी। इसकी राशि 69,000 करोड़ रुपये थी। 2022 में, सरकार ने घाटे में चल रही दोनों संस्थाओं के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के दूसरे पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी।

BSNL को मिलेगा 4G/5G स्पेक्ट्रम, केंद्र सरकार ने 89,047 करोड़ के तीसरे रिवाइवल पैकेज को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 89,047 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए तीसरे पैकेज को मंजूरी दे दी। इसमें इक्विटी इन्फ्यूजन के जरिए बीएसएनएल के लिए 4जी और 5जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शामिल है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी 1,50,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,10,000 करोड़ रुपये की जाएगी। इस पुनरुद्धार पैकेज के साथ, बीएसएनएल एक स्थिर दूरसंचार सेवा प्रदाता के रूप में उभरेगा, जो भारत के दूर दराज के इलाकों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों या माओवाद प्रभावित कुछ स्थानों को छोड़कर, बीएसएनएल अब पूरे देश में 4जी सेवाएं दे रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस स्पेक्ट्रम आवंटन के साथ, बीएसएनएल अखिल भारतीय 4जी और 5जी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा।

यह विभिन्न कनेक्टिविटी परियोजनाओं के तहत ग्रामीण इलाकों में 4जी कवरेज देने में भी सक्षम होगा। हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क (सीएनपीएन) के लिए बीएसएनएल सेवाएं या स्पेक्ट्रम भी प्रदान करेगा।

सरकार ने 2019 में बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए पहले पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी। इसकी राशि 69,000 करोड़ रुपये थी। 2022 में, सरकार ने घाटे में चल रही दोनों संस्थाओं के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के दूसरे पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी।