*जिले के प्रमुख नगरों से नहीं चलती है रोडवेज बस सेवा*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के प्रमुख नगरों से रोडवेज बस सेवा का संचालन नहीं होता है। इससे हर दिन बड़ी संख्या में लोग डग्गामार वाहनों की सवारी करने को विवश होते हैं। सुरियावां, ज्ञानपुर, खमरिया और भदोही जैसे बड़े नगर में भी ढूंढ़ने से भी रोडवेज की बसें नहीं दिखती है।
शाम होने पर बस आती भी है तो बस में सवारी करने वाला कोई नहीं होता। निजी या डग्गामार वाहनों पर निर्भर होने के कारण लोगों की जेब पर भी इसका असर देखने को मिलता है।भदोही, ज्ञानपुर, सुरियावां, खमरिया, नईबाजार ये चार नगर निकाय हैं। इन बाजारों में हर दिन हजारों लोगों का आना-जाना होता है। इसके साथ ही हर दिन नगर के व्यापारियों और विद्यार्थियों को भी व्यापार और पढ़ाई के लिए बाहर जाना होता है।
ज्ञानपुर में मुख्यालय होने के कारण यहां भी हजारों लोगों को आना होता है, लेकिन बिडंबना है कि इन नगरों से रोडवेज बस सेवा नदारद है। रोडवेज बसों की सुविधा न मिलने से निजी वाहन स्वामियों की मनमानी चलती है। जिसका खामियाजा स्थानीय यात्रियों को भुगतना पड़ता है। लोग यहां तक आरोप लगाते हैं कि निजी वाहन यात्रियों से मनमाना किराया वसूलते हैं। जिले में औराई के पास रोडवेज बस स्टैंड भी हैं।
जहां वाराणसी से प्रयागराज चलने वाली बसों का ठहराव होता है। इसके अलावा यहां से मिर्जापुर और जौनपुर तक के लिए बसें चलाई जाती हैं। प्रयागराज जाने वाली बसें ही गोपीगंज में भी कुछ देर के लिए ठहरती हैं। वहीं घोसिया नगर के लोग इस रूट पर चलने वाली रोडवेज बसों का लाभ उठा पाते हैं। दूसरी तरफ खमरिया, जो कि मिनी कालीन नगरी के रूप में जाना जाता है। वहां भी रोडवेज बस की कोई सेवा नहीं है।
ज्ञानपुर रोडवेज बना है अराजक तत्वों का अड्डा
ज्ञानपुर। मुख्यालय होने के बाद भी ज्ञानपुर से एक भी रोडवेज की बसों का संचालन नहीं किया जाता है। लगभग 15 साल पहले बने रोडवेज बस स्टेशन से अब तक सुचारू रूप से बसों का संचालन नहीं होता, जबकि यहां हर दिन हजारों लोगों का मुख्यालयी काम के लिए आना होता है।
देखरेख के अभाव में बस स्टेशन पूरी तरह से वीरान हो गया है। जहां 24 घंटे अराजक तत्वों का डेरा रहता है।
भदोही में नहीं होता है ठहराव
ज्ञानपुर। भदोही रोडवेज स्टेशन पर बसों का ठहराव नहीं होता है। जौनपुर वाया मिर्जापुर और मिर्जापुर से जौनपुर जाने वाली बसें जरूर यहां आती हैं, लेकिन अगर सवारी दिख गई तो रूकती हैं, नहीं तो फिर आगे बढ़ जाती हैं। जिले का बड़ा शहर होने के बाद भी यहां से रोडवेज की बसों का संचालन नहीं किया जाता है।
पैसेंजर ट्रेन बंद होने से बढ़ी मुश्किल
सुरियावां। सुरियावां नगर में शाम साढ़े सात बजे के आसपास एक बस आती जरूर है, लेकिन उस दौरान कोई यात्रा करने वाला नहीं होता है। जौनपुर के लिए यह बस ज्ञानपुर होते हुए मिर्जापुर की ओर से जाती है। चार महीने पहले तक प्रतापगढ़ से वाराणसी पैसेंजर ट्रेन चलती थी, जो सुबह प्रतापगढ़ से सुरियावां होते हुए वाराणसी जाती थी और शाम को वाराणसी से भदोही सुरियावां होते हुए प्रतापगढ़ जाती थी। उसके बंद होने से मजदूर, विद्यार्थी और कर्मचारियों के साथ व्यापारी भी परेशान हैं।
अब रेल विभाग के आला अधिकारी समस्याओं को उठाने के बाद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। एक तरफ रेल सेवा और दूसरी तरफ रोडवेज सेवा न होने से लोगों को मुश्किलों से दो-चार होना पड़ता है।
जिले की प्रमुख शहरों से रोडवेज बसों के संचालन के सर्वे का कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इन नगरों में बसों का संचालन होगा। सीतामढ़ी, सुरियावां, दुर्गागंज से होते हुए प्रयागराज तक के लिए बसें नौ जून के बाद से चलाई जा सकती हैं। - महेन्द्र पांडेय, एआरएम, कैंट परिक्षेत्र, वाराणसी।
Jun 08 2023, 14:40