जमशेदपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने बैंकों में 2000 रूपये को खाते में जमा कराने एवं बदलने के लिए किया बैंकरों के साथ बैठक
जमशेदपुर: भारत सरकार के द्वारा देश में प्रचलित 2000 रूपये के करंसी को 30 सितंबर, 2023 के बाद चलन में नहीं रहने की अधिसूचना जारी करने के बाद बैंकों में 2000 रूपये की करंसी को जमा करने और बदलने में व्यवसायी, उद्यमी एवं आम जनता को हो रही परेशानी को दूर करने के लिये जमशेदपुर के लीड मैनेजर, तथा राष्ट्रीयकृत एवं निजी बैंकरों के साथ एक बैठक का आयोजन चैम्बर के द्वारा चैम्बर भवन में आयोजित की गई। यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने दी।
अध्यक्ष ने बताया कि 2000 की करंसी को 30 सितंबर, 2023 तक अपने खाते में जमा करने और बदलने की भारत सरकार और आरबीआई के अधिसूचना के बाद व्यवसायियों, उद्यमियों के द्वारा जमा करने और बदलने में हो रही परेशानियों की लगातार शिकायतें चैम्बर सदस्यों के द्वारा की जा रही थी।
इस समस्या को दूर करने के लिये चैम्बर के अनुरोध पर जमशेदपुर के लीड मैनेजर श्री संतोष कुमार की उपस्थिति में बैंकरों (पीएसबी एवं निजी बैंक दोनों) ने चैम्बर में व्यवसायी एवं उद्यमियों के साथ बैठक करने की सहमति प्रदान की। जिससे इनकी परेशानियों को समझकर इन्हें दूर किया जा सके।
बैठक में चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका बैंकरों को विषेष रूप से चैम्बर के सदस्यों, व्यवसायी, उद्यमियों और बड़े पैमाने पर आम जनता के सामने आ रही समस्याओं से अवगत कराया। विशेष रूप से जमा करने और बदलने के समय निजी बैंकों द्वारा जो फॉर्म भराये जा रहे हैं, मोबाईल नंबर्स और आधार कार्ड की प्रतिलिपि मांगे जा रहे हैं संबंधी विषयों को लेकर, जबकि सरकार और आरबीआई के द्वारा ऐसा किसी भी नियम नहीं लगाये जाने की घोषणा की गई है।
अध्यक्ष ने बैंकरों को चैम्बर आकर इस मुद्दे से संबंधित नीतियों को उपस्थित सदस्यों के समक्ष विस्तारपूर्वक बताने के लिये उन्हंे धन्यवाद दिया। तथा निजी बैंकों से अनुरोध किया कि वे भारत सरकार और आरबीआई के गाईडलाईन के अनुसार ही कार्य करें और किसी से आई.डी. प्रूफ की मांग न करें और न ही किसी तरह का फॉर्म भरवायें इससे आम जनता में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होगी।
बैठक में विषय प्रवेष करते हुये सीए दिलीप गोलेच्छा ने कार्यक्रम की शुरूआत की तथा मंच संचालन सचिव पीयूष चौधरी ने किया।
इस अवसर पर संतोष कुमार, लीड मैनेजर ने इस विषय पर भारत रिजर्व बैंक से प्राप्त दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से बताया। बैंकरों ने यह स्वीकार किया कि शुरूआत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आईडी पू्रफ की मांग कर रहे थे और एक फॉर्म भरवाना चाह रहे थे लेकिन जिस दिन से 2000 रूपये की करंसी जमा/बदलने की प्रक्रिया आरंभ हुई है, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के द्वारा न ही आईडी पु्रफ मांगा जा रहा है और न ही कोई फॉर्म भरवाया जा रहा है।
निजी क्षेत्र के एक बैंक के एचडीएफसी के प्रतिनिधि ने कहा कि विनिमय (जमा/बदलने) की प्रक्रिया में बैंक या ग्राहक को कोई गड़बड़ी न हो इसके लिये एक फार्म तैयार कर भरवाया जा रहा था। लेकिन अब चैम्बर की मांग पर इस मुद्दे को वे अपने प्रधान कार्यालय के समक्ष रखेंगे और सार्वजनिक बैंकों के द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया से अवगत कराकर प्रधान कार्यालय के अगले निर्देशों तक अभी वर्तमान में अपनाई जा रही प्रक्रिया के अनुसार ही दो हजार की करंसी को जमा/बदलने पर कार्य करेंगे।
बैठक में सदस्यों ने यह बात उठाई कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और निजी बैंक दोनों एक समान नीति और प्रक्रिया का पालन करते हुये कार्य क्यों नहीं कर सकते। जिसपर बैंकर्स के द्वारा इसका निवारण किया गया।
Jun 07 2023, 14:55