*अरब सागर में कम दबाव के क्षेत्र की वजह से अब तक केरल नहीं पहुंच सका मानसून*
चार जून को पहुंचाना था, मौसम विभाग ने नई संभावित तारीख नहीं बताई
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
मौसम विभाग ने इस साल चार जून को मानसून के केरल पहुंचने का अनुमान जताया था, लेकिन अब मौसम विभाग ने बताया कि अरब सागर में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जो अब उत्तर दिशा में बढ़ेगा इसका गंभीर असर मानसून के केरल तट की ओर बढ़ने पर होगा। हालांकि विभाग ने मानसून के यहां पहुंचने को नई संभावित तारीख नहीं दी है। मौसम विभाग ने कहा, दक्षिण अरब सागर में समुद्र की औसत सतह से 2.1 किमी ऊंचाई पर पछुआ हवा बनी हुई है। लेकिन दक्षिण - पूर्वी अरब सागर में हवा के चक्रवाती बहाव के कारण बादलों का घनत्व बढ़ रहा है। इससे पहले 24 घंटे में केरल के तट की ओर बादलों में कमी आई है। अगले 48 घंटे में अरब सागर के दक्षिण - पूर्वी व पूर्वी - मध्य हिस्से में डिप्रेशन पैदा होगा। इनसे केरल तक मानसून पहुंचने में गंभीर असर पड़ने की आशंका विभाग ने जताई है।
सामान्य तौर पर एक जून को आया है
भारत की मुख्य भूमि पर मानसून सबसे पहले केरल पहुंचा है। पारंपरिक तौर पर इसके लिए एक जून की तारीख मौसम विभाग ने तय कर रखी है। इस तारीख से सात दिन पहले या सात दिन से मानसून अमूमन आ ही जाता है।
2022 में यह 29 मई, 2021 में 3 जून ,2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।
इस साल के लिए ये दिए थे अनुमान
मौसम विभाग ने इस साल चार जून को मानसून के केरल पहुंचने की बात कही थी, लेकिन अब इसमें बदलाव होंगे। देश में सामान्य बारिश का अनुमान भी दिया गया है। बीते 50 साल के आंकड़ों के अनुसार, मानसून देश में औसतन 87 सेमी बारिश लाता है।
Jun 06 2023, 13:29