फिर मिलेंगे बिछड़े! चंद्रबाबू नायडू-अमित शाह की मुलाकात के क्या हैं मायने*

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मिशन-2024 को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी के लिए “महा” विपक्ष बनाने की कवायद चल रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी, एनडीए के उन पुराने सहयोगियों को साथ लाने की तैयारी में है, जो किसी वजह से साथ छोड़कर जा चुके हैं। बीजेपी सहयोगियों को साथ लाने की कोशिश में है, ताकि 2024 में विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेर सके और तीसरी बार केन्द्र की सत्ता हासिल कर सके।इसी सिलसिले में रविवार को तेलगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू की अमित शाह के साथ मुलाकात हुई। इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। 

करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात में इस साल के आखिर में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, इस साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और टीडीपी एक साथ आ सकते हैं।टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में चुनाव पूर्व गठबंधन पर सहमति बन गई है। इसकी औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी।

संबंध सुधारने की कोशिश

पार्टी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल टीडीपी के साथ आने और दो राज्यों में मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी है। जल्द ही दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी। आंध्रप्रदेश में जहां टीडीपी बड़े भाई की भूमिका में होगी, वहीं तेलंगाना में टीडीपी भाजपा के छोटे भाई की भूमिका में होगी। नायडू और शाह कि इस मुलाकात को लंबे समय बाद फिर से गठबंधन या कहें कि संबंध सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा।

पुराने साथी ही नायडू

बता दें कि, चंद्रबाबू नायडू पहले एनडीए के साथी रहे। मगर बाद में अपना हाथ खींच लिया। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 2014 में एनडीए का हिस्सा थी लेकिन मार्च 2018 में आंध्र को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर गठबंधन से अलग हो गई थी। इसके बाद वो बीजेपी के धुर विरोधी बन गए। लोकसभा चुनावों के लिए चंद्रबाबू नायडू ने थर्ड फ्रंट बनाने के लिए खूब दिल्ली दौड़े। लेकिन इसका कोई फायदा तो नहीं हुआ हां नुकसान जरूर करा बैठे. वो राष्ट्रीय राजनीति में इतना व्यस्त हो गए कि उनके हाथ आंध्र प्रदेश ही निकल गया।

हाल के महीनों में बदले नायडू के सुर

नायडू भाजपा की आलोचना करते रहे हैं लेकिन हाल के महीनों में उनके सुर बदले दिखे। अप्रैल में उन्होंने दूरदर्शी नेता कहते हुए पीएम मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी की राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया से जुड़ने की इच्छा रखते हैं। पहले से भी इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी को हराने के लिए भाजपा और उसकी समान विचारधारा वाली पार्टियों के बीच गठबंधन हो सकता है। वैसे, माना जाता है कि 2019 के चुनाव के बाद से ही नायडू भाजपा से रिश्ते सुधारने की कोशिश में लग गए थे।

नहीं रहे महाभारत के शकुनि मामा, लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन

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मशहूर टीवी सीरियल महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाने वाले गूफी पेंटल अब इस दुनिया में नहीं रहे।लंबी बीमारी के बाद गूफी पेंटल ने दम तोड़ दिया। एक्टर की मौत की खबर से टीवी और सिनेमा जगत में सन्नाटा पसर गया है।बीते कुछ दिनों पहले ही गूफी पेंटल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बीच में खबर आई थी कि उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है। लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के चलते उनका निधन हो गया।

गूफी पेंटल लंबे वक्त से उम्र संबंधी कई बीमारियों जूझ रहे थे। गुफी पेंटल 31 मई को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टर्स ने उनके इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी।लेकिन आज सुबह मुंबई के अस्पताल में 78 की उम्र में गूफी पेंटल ने आखिरी सांस ली और हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह गए।जानकारी के मुताबिक, एक्टर का अंतिम संस्कार आज दोपहर अंधेरी में होगा।

बीआर चोपड़ा के मशहूर ऐतिहासिक शो 'महाभारत' को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। इस शो के हर किरदार ने फैंस के दिल में अपनी बेहद अहम जगह बनाई थी। इन कलाकारों में गूफी पेंटल का नाम भी शामिल है। गूफी पेंटल ने शो में शकुनि मामा का किरदार निभाया था। आज भी जब भी शकुनि मामा के अभिनय की बात की जाती है, उसमें गूफी पेंटल का नाम जरूर लिया जाता है।गूफी पेंटल भी अपनी दमदार अदाकारी के लिए जाने जाते थे। लेकिन उन्हें महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाकर जो फेम मिला वो किसी और किरदार से नहीं मिला। उनके काम और उनकी अदाकारी को सभी ने सराहा था।

एक अभिनेता होने के अलावा, गूफी ने कुछ टीवी शो और श्री चैतन्य महाप्रभु नामक एक फिल्म का डायरेक्शन भी किया था। वह बीआर फिल्म्स के साथ उन्होंने एसोसिएट डायरेक्टर, कास्टिंग डायरेक्टर और प्रोडक्शन डिजाइनर के रूप में भी काम कर चुके हैं।

उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब में हिमखंड टूटने से 6 लोग फंसे, 5 को सुरक्षित निकाला गया, रेस्क्यू जारी

उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी में टूटे हिमखंड में लापता सिख महिला यात्री की खोजबीन में रेस्क्यू की कमान आईटीबीपी ने संभाली है। एनडीआरएफ भी मौके के लिए तड़के गोविंदघाट से रवाना हुई है। हेमकुंड जाने का रास्ता भी सुचारू कर दिया गया है। हालांकि यात्रा अभी रोकी गई है।

गौरतलब हैं कि बीती शाम को अटलाकोटी में हिमखंड टूटने से अमृतसर के छः यात्री बर्फ के साथ खाई में गिर गए थे। जिनमें से पांच को तत्काल रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया था। एक महिला श्रद्धालु लापता हैं।

हिमखंड खिसक जाने के कारण जसप्रीत सिंह निवासी हकीमा गेट अमृतसर पंजाब का परिवार गलेशियर मे दब गए जिस पर मौके पर मौजूद नेपाली कंडी मजदूरों व स्थानीय दुकानदारों ने जसप्रीत सिंह और उनकी पुत्री मनसीरत कौर, पुष्पप्रीत कौर, मनप्रीत कौर पत्नी रवनीत सिंह,व रवनीत सिंह निवासी अमृतसर पंजाब को सुरक्षित रेस्क्यू कर घाघरिया लाया गया था।

घटना मे जसप्रीत सिंह की पत्नी कमलजीत कौर उम्र 37 वर्ष अभी गलेशियर मे दबने के कारण लापता है। रात्रि को अंधेरे के चलते रेस्क्यू रोक दिया था । तड़के आईटीबीपी के 15 जवानों ने रेस्क्यू की कमान संभाली हैं। आईटीबीपी के साथ एसडीआरएफ, मजदूर, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू में जुटे हैं।

बताया गया कि एनडीआरएफ के 20 जवान भी रेस्क्यू के लिए गोविंदघाट से मौके के लिए रवाना हो चुके हैं। अटलाकोटी में पैदल रास्ता भी सुचारू कर दिया गया है। यह रास्ता हिमखंड टूटने के साथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड का रास्ता सुचारू कर दिया गया है।

यात्रा अभी रोकी गई है। गोविन्द घाट में 1500 व घांघरिया में 3500 यात्री यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। रास्ता सुचारू किए जाने की सुचना प्रशासन को लेकर यात्रा खोलने का अनुरोध किया गया है।

बालासोर ट्रेन हादसे के तीसरे दिन पटरी पर ट्रेन, 51 घंटे के बाद यात्री ट्रेनों की आवाजाही शुरू

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ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे क बाद स्थिति को सामान्य हो रही है। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और वहां पहले रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करते रहे फिर ट्रैक पर फैले मलबे को हटाकर फिर से इस रूट से सेवा बहाल कर दी गई. कल देर रात इस ट्रैक से ट्रेनों का परिचालन भी शुरू कर दिया गया। वैष्णव ने देर रात कहा कि दोनों ट्रैक को बहाल कर दिया गया है। 51 घंटे के भीतर ट्रेन की आवाजाही सामान्य कर दी गई है। अभी से ट्रेन की आवाजाही शुरू हो गई है।

ओडिशा के बालासोर में दुर्घटना प्रभावित खंड से भीषण दुर्घटना के 51 घंटे बाद रविवार को रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर पहली ट्रेन रवाना हुई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, “क्षतिग्रस्त डाउन लाइन पूरी तरह ठीक हो गई है। खंड से पहली ट्रेन रवाना हुई।”

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक मालगाड़ी को रवाना किया। इस दौरान कई मीडियाकर्मी और रेलवे अधिकारी भी वहां मौजूद रहे। कोयला ले जाने वाली मालगाड़ी विशाखपटनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए उसी पटरी से रवाना हुई और जहां शुक्रवार को ट्रेन दुर्घटना हुई थी। इसके बाद दो और गाड़ियां निकाली गईं।

भारतीय रेलवे की ओर से कल रविवार को बालासोर हादसे की सीबीआई से जांच की सिफारिश की गई है। इस सिफारिश से कुछ घंटे पहले रेल मंत्री ने कहा था कि हमें रेल हादसे की वजह का पता चल गया है और जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है। रेलवे ने हादसे के बारे में कल रविवार को कहा कि हादसे की शिकार हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ओवरस्पीड नहीं थी और निर्धारित स्पीड से ही चल रही थी।

बता दें, बालासोर जिले में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पिछले हफ्ते शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी इस हादसे की चपेट में आ गई। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना का कहना है कि इस हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक हजार से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।

नाबालिग रेसलर ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ वापस ली शिकायत-सूत्र

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भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी सांसद के खिलाफ नाबालिग महिला पहलवान ने अपना केस वापस ले लिया है। सूत्रों के अनुसार, 2 जून को नाबालिग महिला पहलवान ने पटियाला हाउस कोर्ट जाकर केस वापस लिया। हालांकि इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पहलवानों के प्रदर्शन का क्या होगा?

सूत्रों के मुताबिक 2 जून को नाबालिग महिला पहलवान ने पटियाला हाउस कोर्ट से अपनी शिकायत वापस ली है। कोर्ट में नाबालिग पहलवान के साथ पिता और दादा दोनों मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को नाबालिग पहलवान ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत वापस लेने के लिए अपने पिता और दादा के साथ बयान दर्ज कराए थे। उसके बाद कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराकर अपनी शिकायत वापस ली।सूत्रों की माने तो नाबालिग महिला पहलवान ने कोर्ट में कहा कि उनके साथ बृजभूषण शरण सिंह ने कभी यौन उत्पीड़न किया ही नहीं। अब सवाल उठ रहे हैं कि नाबालिग महिला पहलवान के शिकायत वापस लेने के बाद पहलवानों के प्रदर्शन का क्या होगा?

खुद की महापंचायत करेंगे पुनिया

वहीं, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने आज यानी रविवार को एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पहलवान जल्द ही अपनी खुद की महापंचायत करेंगे, उनके साथ जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने मंच पर मौजूद थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मालिक ने हाल में ही पहलवानों की मांगों से निपटने के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। उन्होंने सोनीपत जिले के मुंडलाना में पहलवानों के समर्थन में जनसभा संबोधित किया। पुनिया ने कार्यक्रम में वक्ताओं से किसी भी निर्णय की घोषणा नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगले 3-4 दिनों में पहलवान महापंचायत बुलाएंगे। उन्होंने कहा, हम एक महापंचायत करेंगे और उसके लिए आह्वान करेंगे।

ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर राहुल गांधी का केन्द्र की मोदी सरकार पर तंज, बोले- वे भविष्य की बात नहीं करते, विफलताओं के लिए हमेशा अतीत को दोषी ठहरा

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का अमेरिका का दौरा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने सोमवार (5 जून) को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विदेश से निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने कार चलाते हुए एक्सीडेंट होने की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया।उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि मोदी पीछे देखकर देश की गाड़ी को चला रहे हैं और यही वजह है कि वह समझ नहीं पा रहे कि यह आखिरकार लड़खड़ा क्यों रही है।

कुछ पूछो तो कहेंगे कि कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में क्या किया-राहुल

सोमवार को न्यूयॉर्क में प्रवासी भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान हुई रेल दुर्घटनाओं के लिए अंग्रेजों को दोषी नहीं ठहराते थे बल्कि रेल मंत्री जिम्मेदारी लेते थे और इस्तीफा देते थे। बीजेपी और आरएसएस लोगों का भविष्य देखने में असमर्थ है।कार एक्सीडेंट की बात करते हुए उन्होंने ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की दुर्घटना को भी जोड़ दिया। उन्होंने कहा, अगर आप उनसे (बीजेपी) किसी भी चीज के बारे में पूछेंगे तो वो पीछे देखेंगे और आरोप लगा देंगे। अगर आप उनसे (बीजेपी) पूछेंगे कि ट्रेन एक्सीडेंट (ओडिशा) कैसे हुआ तो वो कहेंगे कि कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में क्या किया?

बीजेपी सरकार वास्तविकता को स्वीकार नहीं करती-राहुल

राहुल ने कांग्रेस सरकार में हुई एक ट्रेन दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे एक ट्रेन हादसा याद है जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी तो कांग्रेस ने यह नहीं कहा कि ब्रिटिशों की गलती की वजह से हादसा हुआ। रेल मंत्री ने कहा था यह मेरी जिम्मेदारी है और मैं इस्तीफा दे रहा हूं। यह एक समस्या है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बहाने बनाती है और वास्तविकता को स्वीकार नहीं करती है।

हमेशा अतीत में किसी को दोषी ठहराते हैं-राहुल

राहुल ने कहा कि आप मंत्रियों और प्रधानमंत्री की बात सुनें, आप उन्हें कभी भविष्य के बारे में बात करते नहीं पाएंगे। वे केवल अतीत की बात करते हैं। कांग्रेस नेता ने आगे दावा किया, ‘‘भाजपा और आरएसएस दूरदर्शी नहीं हैं। वे कभी भविष्य की बात नहीं करते, वे केवल अतीत की बात करते हैं और अपनी विफलताओं के लिए हमेशा अतीत में किसी को दोषी ठहराते हैं। 

बीजेपी-आरएसएस पर हमला

राहुल के मुताबिक, इंडिया में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई है- एक जिस पर कांग्रेस विश्वास करती है और दूसरी जिसे भाजपा तथा आरएसएस मानती है। वह बोले, ‘‘इसे समझाने का सबसे सरल तरीका यह है कि एक तरफ आपके पास महात्मा गांधी हैं और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे।

पीएम नरेंद्र मोदी को चाहिए की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से तत्काल इस्तीफा मांगे। 270 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी कोई जवाबदेही नहीं है। सरकार घटना की जिम्मेदारी लेने से भाग नहीं सकती है।

बालेश्वर में शवों की दोबारा गिनती में मृतकों की संख्या 275 बताई गई, ओडिशा के मुख्य सचिव बोले, कुछ शवों की दुर्घटनास्थल और अस्पतालों में दो बार गिनती हुई


 ओडिशा सरकार ने रविवार को कहा कि बालासोर के बहनागा स्टेशन पर हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 275 है। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने कहा, कुछ शवों की दुर्घटनास्थल पर और अस्पतालों में दो बार गिनती की गई है। उचित गिनती के बाद मौत का अंतिम आंकड़ा 275 है। उन्होंने कहा कि 275 शवों में से 78 शवों की पहचान कर ली गई है और पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि 10 अन्य शवों को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है।

जेना ने कहा कि शेष 187 शवों में से 170 शवों को भुवनेश्वर लाया गया है, जबकि अन्य 17 शवों को बालासोर से राजधानी लाया जा रहा है। शवों को 85 एंबुलेंस से गरिमापूर्ण तरीके से भुवनेश्वर के विभिन्न शवगृहों में लाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक एंबुलेंस में केवल दो शव लाए गए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार के सामने शवों की पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है, हमने शवों की तस्वीरें वेबसाइटों पर अपलोड की हैं। अगर कोई अपने परिवार के सदस्य के शव की पहचान कर सकता है, तो वह हेल्पलाइन संख्या 18003450061/1929 चौबीस घंटे संपर्क कर सकता है। शवों की तस्वीरें व घायलों की सूची वेबसाइटों पर अपलोड की गई हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार ने मृत व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को परेशानी मुक्त तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए हैं। विभिन्न अस्पतालों में 1,175 मरीजों को भर्ती कराया गया, इनमें से 793 को छुट्टी दे दी गई है। घायल मरीजों में से ज्यादातर की हालत स्थिर है। 382 यात्रियों का सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा में लव जिहाद का मामला आया सामने, शाहबाज ने नीलकुसुम की पेचकस से 51 बार गोदकर की हत्या, आरोपी की तलाश जारी

छत्तीसगढ़ के कोरबा में लव जिहाद का मामला सामने आया है। मामले में शाहबाज नाम के एक युवक ने एक युवती को बस इस वजह से पेचकस से गोद दिया क्योंकि वह उससे फोन पर बात नहीं कर रही थी। शाहबाज उसे मारने के लिए गुजरात से फ्लाइट लेकर छत्तीसगढ़ पहुंचा। युवती आदिवासी समाज की थी, जो मतांतरण कर ईसाई बन गई थी।राज्य में एक बार फिर एक मतांतरित आदिवासी युवती की हत्या कर दी गई है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की पंप हाउस कालोनी में शनिवार को दिनदहाड़े 21 साल की युवती नीलकुसुम को पेचकस से 51 जगह गोदा गया। लाश के मुंह पर तकिया रखा हुआ था।

51 जगह पेचकस से गोदकर हत्या

राज्य में एक बार फिर एक मतांतरित आदिवासी युवती की हत्या कर दी गई। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की पंप हाउस कालोनी में शनिवार को दिनदहाड़े 21 साल की युवती नीलकुसुम को पेचकस से 51 जगह गोदा गया। हत्या के बाद लाश के मुंह पर तकिया रखा हुआ था।

वहीं, घटनास्थल से दो दिन पुरानी गुजरात की फ्लाइट की टिकट मिली है जो शाहबाज खान के नाम पर है। शाहबाज तीन साल पूर्व जशपुर से कोरबा के बीच चलने वाली बस का कंडक्टर था। वह युवती के पीछे पड़ा था लेकिन युवती उससे बात नहीं करना चाहती थी। शाहबाज पर संदेह जताया गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

चार टीम कर रही आरोपी की तलाश

बता दें कि आरोपित व्हाट्सएप कॉल के जरिए भी लड़की से बात किया करता था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनुसार पेचकस के वार से हुए घाव के बाद अधिक खून बहने से नीलकुसुम की मौत हो गई। उसके सीने पर पेचकस से 34 बार, पीठ पर 16 बार और बगल में एक बार वार किया गया। हृदय के पास वाला जख्म ज्यादा गहरा था। शाहबाज को ढूंढने के लिए पुलिस की अलग-अलग चार टीमों का गठन किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ओडिशा ट्रेन हादसा, याचिका दाखिल कर की गई ये मांग

डेस्क: ओडिशा के बालासोर में हुआ ट्रेन हादसा अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने यह याचिका दाखिल की है। इस याचिका में उन्होंने कोर्ट से कहा है कि कोर्ट इस हादसे की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक एक्सपर्ट कमिटी से कराए। इसके साथ ही याचिका में उन्होंने कहा है कि यह जांच 2 महीनों में पूरी कराई जाए और इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हो। इसके साथ याचिका में कहा गया है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरुरी कदम उठाए जाएं। 

याचिका में अपील कि सभी ट्रेनों में लगाया जाए कवच 

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा है कि वह सरकार को आदेश दे कि जल्द से जल्द सभी ट्रेनों में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली या 'कवच' लगाया जाए, जिससे आगे से ऐसे हादसों को समय रहते हुए रोका जा सके। बता दें कि भारतीय रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बनाई गई स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली को 'कवच' का नाम दिया है। कवच भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा एक स्वदेशी रूप से विकसित एटीपी (एंटी ट्रेन प्रोटेक्शन) प्रणाली है।

अगले साल तक सभी ट्रेनों में लग जाएगा कवच 

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने शनिवार को सूचित किया ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (टीसीएएस) या कवच, जिसे पिछले साल परीक्षणों के लिए शुरू किया गया था, अगले साल ट्रेनों में स्थापित होने की संभावना है। रेलवे के प्रवक्ता ने कहा कि तकनीक देश भर में शुरू की गई है और इसे कई रेलवे लाइनों में उपयोग के लिए भी मंजूरी दी गई है।

*अब नहीं मिलेंगी जल्द आराम देने वाली 14 दवाएं, विशेषज्ञ समिति की सलाह के बाद सरकार ने किया बैन*

#govtofindiabanned14fixeddosecombinationmedicines 

केंद्र सरकार ने फौरन आराम देने वाली फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें पेरासिटामोल और निमेसुलाइड जैसी प्रचुर मात्रा में बिकने वाली दवाएं भी शामिल हैं।ये दवाएं तुरंत आराम देती हैं लेकिन इनसे नुकसान का खतरा होता है। केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपर्ट कमेटी की राय पर ये फैसला लिया है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की और बताया कि प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण जैसे सर्दी खांसी, कफ, बुखार को ठीक करने वाली दवाएं शामिल हैं।

सरकार ने जारी कर दिया बयान

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में एक अधिसूचना जारी करते हुए विशेषज्ञ समिति और औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर, इस बात से संतुष्टि जताई है कि जनहित के मद्देनजर इन दवाओं की बिक्री, डिस्ट्रिब्यूशन और मैन्युफैक्चरिंग पर बैन लगाना जरूरी है।

ये 14 कॉम्बिनेशन की दवाएं की गईं हैं प्रतिबंधित

प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण, खांसी और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी शामिल हैं, जिनमें निमेसुलाइड + पेरासिटामोल की गोलियां, क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + कोडीन सिरप, फोलकोडाइन + प्रोमेथाज़िन, एमोक्सिसिलिन + ब्रोमहेक्सिन और ब्रोमहेक्सिन + डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न + अमोनियम क्लोराइड + मेन्थॉल, पैरासिटामोल + ब्रोमहेक्सिन + जैसे संयोजन फिनाइलफ्राइन + क्लोरफेनिरामाइन + गुआइफेनेसिन और सालबुटामोल + ब्रोमहेक्सिन कॉम्बिनेशन को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इन दवाओं से हो सकता है खतरा

एक्सपर्ट कमेटी ने कहा कि इस एफडीसी के लिए कोई चिकित्सीय औचित्य नहीं है और इनमें इंसानों के लिए जोखिम शामिल हो सकता है। इसीलिए व्यापक जनहित में इनके निर्माण, वितरण और बिक्री पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक अधिनियम-1940 की धारा 26 के तहत प्रतिबंध लगाना जरूरी है।

क्या हैं एफडीसी दवाएं ?

एफडीसी दवाएं उन्हें कहा जाता है, जो दो या दो से अधिक दवाओं के मिश्रण से तैयार होती हैं। इन्हें कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है। 2016 में, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एक विशेषज्ञ पैनल ने कहा था कि इन दवाओं को बिना वैज्ञानिक डेटा के रोगियों को बेचा जा रहा था। उस समय सरकार ने 344 ड्रग कॉम्बिनेशन के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। अभी जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, वे इसी कॉम्बिनेशन का हिस्सा हैं।