ओडिशा के बालेश्वर में रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म, रेल हादसे में अबतक 261 लोगों की मौत, पीएम मोदी जाएंगे दुर्घटनास्थल

ओडिशा के बालेश्वर जिले में दर्दनाक रेल हादसा हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक, बाहानगा स्टेशन के निकट शुक्रवार शाम करीब सात बजकर 20 मिनट पर हावड़ा-शालीमार एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे 261 लोगों की मौत हो गई।

ओडिशा में कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841-अप) शुक्रवार शाम को बालेश्वर जिला अंतर्गत बाहानगा स्टेशन से दो किमी दूर पनपना के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक, ओडिशा में तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गई हैं। इस हादसे में 261 लोगों की मौत हो गई। फिलहाल, राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

बालेश्वर में हुए दर्दनाक हादसे के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओडिशा आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री हादसे वाली जगह पर जाएंगे। इसके बाद वे बालेश्वर सदर अस्पताल एवं कटक एससीबी मेडिकल का भी दौरा करेंगे।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी शनिवार की सुबह दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे, NDRF, SDRF की टीम बचाव कार्य में जुटी है। फिलहाल, हमारा ध्यान बचाव कार्य पर है। राहत और बचाव कार्य खत्म होने के बाद ही बहाली का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। पहले से ही बहाली के लिए मशीनें तैनात हैं।

बेंगलुरु से हावड़ा जा रही एक्सप्रेस के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस की टक्कर हुई। खड़गपुर डीआरएम ने इसकी पुष्टि की है। पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस बेपटरी हुई थी, जिससे बेंगलुरु हावड़ा एक्सप्रेस की टक्कर हुई। इस दुर्घटना में दोनों ट्रेन के 12 कोच बेपटरी हो गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है।

क्या 'कवच' से टल सकता था बालासोर रेल हादसा? जानें क्या होती है ये तकनीक, जिसे लेकर ममता बनर्जी ने रेल मंत्री से पूछे सवाल

#how_railway_kavach_system_prevents_train_accidents

ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से भीषण हादसा हुआ है जिसमें अभी तक 288 लोगों की मौत हो गई है जबकि 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हादसे के बाद बचाव और राहत का कार्य जारी है। रेल मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच रेल हादसे के बाद से पूरे देश में एक बार फिर कवच सिस्टम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोग जानना चाहते हैं कि क्या कवच सिस्टम इस बड़े हादसे को रोक सकता था? वहीं आज बालासोर में वर्तमान रेलमंत्री अश्विनी वैष्ण से रूबरू हुई पूर्व में रेलमंत्री रह चुकीं ममता बनर्जी ने भी कवच सिस्टम को लेकर सवाल उठाए।

ममता बनर्जी ने रेलमंत्री से पूछा सवाल

आज पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ओडिशा के बालासोर में पहुंची और वह वहां पर दुर्घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ संबोधित किया। मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम ममता ने पास में खड़े रेल मंत्री से इस रूट पर कवच नहीं होने का कारण पूछ लिया। ममता बनर्जी ने कहा, 'कोरोमंडल एक्सप्रेस में कोई टक्कर रोधी (एंटी-कोलिजन) उपकरण नहीं था। जब मैं रेल मंत्री थी तब मैंने एक टक्कर रोधी उपकरण पेश किया था जिससे एक ही ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें एक निश्चित दूरी पर रुकती थीं। अब, जब आप यहां हैं (अश्विनी वैष्णव) तो मैं यह बताना चाहती हूं कि इस ट्रेन में कोई एंटी-कोलिजन डिवाइस नहीं था। इस तरह की तकनीक होती तो इस घटना को टाला जा सकता था।'

पिछले साल कवच टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की गई थी

बता दें कि रेल मंत्रालय ने पिछले साल कवच टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की थी और इसका प्रचार किया गया था। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 4 मार्च, 2022 को भारतीय रेल के 'कवच' की टेस्टिंग में खुद शामिल हुए थे। रेल मंत्री ने एक वीडियो पोस्ट की थी, जिसमें आमने-सामने से पूरी रफ्तार के साथ आ रही 2 ट्रेनें बिना ब्रेक लगाए अपने आप रुक गई थीं। रेल मंत्रालय ने बताया था कि कवच सिस्टम से रेल हादसों पर लगाम लगेगी और यात्रियों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या कवच सिस्टम इस बड़े हादसे को रोक सकता था?

क्या कवच से रुक सकता था हादसा?

बालासोर में जिस तरह का हादसा हुआ, वहां यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस ने मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारी थी जबकि उसका इंजन आगे था। अगर इस ट्रेन में कवच सिस्टम होता, तब भी ये टक्कर नहीं रुकती। क्योंकि कवच सिर्फ उन परिस्थितियों में ही काम करता है जब आमने-सामने से आ रही दो ट्रेनों के इंजन में ये सिस्टम इंस्टॉल हो और काम कर रहा हो

भारतीय रेल के दक्षिण मध्य रेलवे के मुताबिक अप्रैल 2022 तक कुल 1445 रूट किलोमीटर की रेल लाइन, मुख्यतः दक्षिण भारत में कवच सिस्टम को इंस्टॉल किया गया है। लेकिन ओडिशा में जहां ये रेल हादसा हुआ, वहां कवच सिस्टम इंस्टॉल नहीं हुआ है।

ओडिशा के बालासोर में रेल हादसा, राहत बचाव कार्य जारी, ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों के बारे में कोई भी जानकारी लेने के लिए जारी किए हैं आपातकाल

 ओडिशा के बालासोर जिले में बहनागा रेलवे स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें कम से कम 233 लोगों की हुई है। वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे बहानागा स्टेशन के पास एक पटरी से उतर गए और दूसरी लाइन पर जा गिरे। रेलवे प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि शाम करीब 7 बजे, शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के 10-12 डिब्बे बालेश्वर के पास पटरी से उतर गए और दूसरे ट्रैक पर जा गिरे। कुछ समय बाद, यशवंतपुर से हावड़ा जाने वाली एक और ट्रेन उन पटरी से पड़े डिब्बों से टकरा गई। उसके 3-4 डिब्बे पटरी से उतर गए। 

हादसा शुक्रवार शाम लगभग 7 बजे हुआ। दोनों ट्रेनों के कम से कम 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कम से कम 4 डिब्बे रेलवे लाइन के काफी दूर जा गिरे।

ओडिशा के मुख्य सचिव ने बताया कि 233 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 900 लोग घायल हुए हैं। घायलों को सोरो सीएचसी, गोपालपुर सीएचसी और खांटापाड़ा पीएचसी में भेजा गया है। सुपरफास्ट ट्रेन के पलटे हुए डिब्बों के अंदर और भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। हादसे के बाद हेल्पलाइन नंबर (67822 62286) जारी किया गया है। लोग इस नंबर पर फोन कर जानकारी ले सकते हैं। बचाव अभियान शुरू किया गया और घायलों को बालासोर अस्पताल में स्थानांतरित किया जा रहा है।

ओडिशा के बालासोर से करीब 40 किलोमीटर दूर ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसा इतना भीषण था कि कई डिब्बे दूर जाकर गिरे हैं। तलाशी और बचाव अभियान के लिए टीमें मौके पर पहुंची हैं। विशेष राहत आयुक्त कार्यालय ने कहा है कि कलेक्टर, बालासोर को भी सभी आवश्यक व्यवस्था करने के लिए मौके पर पहुंचने और राज्य स्तर से किसी भी अतिरिक्त मदद की आवश्यकता होने पर एसआरसी को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। 

ट्रेन पश्चिम बंगाल के शालीमार स्टेशन से निकलती है और चेन्नई के पुरची थलाइवर डॉ एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक जाती है। ट्रेन ने दोपहर 3.30 बजे अपनी यात्रा शुरू की और बालासोर स्टेशन पर शाम 6.30 बजे पहुंची। इसे कल शाम 4.50 बजे चेन्नई पहुंचना था। सरकार ने कई हेल्पलाइन नंबर प्रदान किए हैं - 033-26382217, 8972073925, 67822 62286, 9332392339।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा, "यह जानकर हैरानी हुई कि पश्चिम बंगाल से यात्रियों को ले जा रही शालीमार-कोरोमंडल एक्सप्रेस आज शाम बालासोर के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई और बाहर जाने वाले हमारे कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हम अपने लोगों की भलाई के लिए ओडिशा सरकार और दक्षिण पूर्व रेलवे के साथ समन्वय कर रहे हैं। हमारे आपातकालीन कंट्रोल रूम को तुरंत 033- 22143526/22535185 नंबर के साथ सक्रिय कर दिया गया है। बचाव, पुनर्प्राप्ति, सहायता और सहायता के लिए सभी प्रयास शुरू किए गए हैं। हम ओडिशा सरकार और रेलवे अधिकारियों के साथ सहयोग करने और बचाव कार्यों में सहायता के लिए 5-6 सदस्यों की एक टीम मौके पर भेज रहे हैं। मैं मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हूं।"

ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के पीछे कौन जिम्मेवार, कैसे एक ही पटरी पर अा गई दो ट्रेनें, यहां पढ़िए, किसको माना जा रहा हादसे की बड़ी वजह

 ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। बहनागा बाजार स्टेशन पर पहले बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और फिर उससे टकराकर कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां पटरी से उतर गईं। इसके बाद एक मालगाड़ी भी उनसे टकरा गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में अब तक 207 यात्रियों की मौत हो चुकी है। वहीं, 900 से अधिक घायल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि हादसा शाम 7:20 बजे बहनागा बाजार स्टेशन पर हुआ। हावड़ा जा रही सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और दूसरी लाइन पर गिर गए। पटरी से उतरे ये डिब्बे उसी समय चेन्नई जा रही शालीमार चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इससे दूसरी ट्रेन की बोगियां भी पलट गईं। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसा दो ट्रेन टकराती है।

जानिए, कैसे दो ट्रेन एक ही पटरी पर आ जती है?

दो ट्रेन के एक ही समय पर एक ही पटरी पर कैसे आ जाने के दो कारण हो सकते हैं। एक मानवीय भूल और दूसरा तकनीकी खराबी। ओडिशा में ट्रेन हादसे के पीछे तकनीक में खराबी को अब तक वजह माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि सिग्नल की खराबी के कारण दो ट्रेन एक ही पटरी पर आ गईं और उनमें टक्कर हो गई। उल्लेखनीय है कि चालक ट्रेन को कंट्रोल रूम के निर्देश पर चलाता है और कंट्रोल रूम से निर्देश पटरियों पर ट्रैफिक को देख कर दिया जाता है।

ऐसे काम करता है कंट्रोल रूम

 हर रेलवे कंट्रोल रूम में एक बड़ी सी डिस्प्ले पर दिख रहा होता है कि कौन सी पटरी पर ट्रेन है और कौन सी पटरी खाली है। ये हरे और लाल रंग की लाइटों के माध्यम से दिखाया जाता है। जैसे कि अगर किसी पटरी पर कोई ट्रेन है या चल रही है तो वो लाल दिखाएगा और जो पटरी यानी रेलने ट्रैक खाली है, वह हरी लाइट दिखाता है। इसी को देख कर कंट्रोल रूम से लोकोपायलट को निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन इस बार जैसे हादसा हुआ, उसे देख कर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि डिस्प्ले पर ट्रेन का सिग्नल सही नहीं दिखाई दिया और इसकी वजह से यह हादसा हुआ।

करीब दो महीने बाद सात घंटे के लिए घर लौटे मनीष सिसोदिया, बीमार पत्नी से नहीं हो सकी मुलाकात

#manish_sisodia_reached_home_to_meet_wife

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया से मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंचे। दिल्ली हाई कोर्ट ने कल उन्हें अपनी बीमार पत्नी से सुबह 10 बजे से आज शाम 5 बजे तक मिलने की अनुमति दी थी। लेकिन सिसोदिया घर पहुंचने के बाद भी अपनी पत्नी से नहीं मिल पाए। दरअसल, सिसोदिया की पत्नी की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। मनीष सिसोदिया की पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

बता दें कि रविवार सुबह मनीष सिसोदिया के घर पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जिस कारण उन्हें तुरंत नजदीकी एलएनजेपी अस्पताल के इमरजेंसी में एडमिट करना पड़ा। चूंकि कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को सिर्फ घर पर पत्नी से मुलाकात करने की इजाजत दी है। ऐसे में वह अस्पताल नहीं जा पाए। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में सिसोदिया शाम पांच बजे तक अपने घर पर ही रहेंगे, इसके बाद उन्हें वापस जेल ले जाया जाएगा।

बता दें कि सिसोदिया ने पत्नी की खराब सेहत का हवाला देते हुए 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत की मांग की थी। लेकिन ईडी ने अंतरिम ज़मानत अर्जी का विरोध किया था।ईडी ने कहा था कि कुछ दिन पहले ही वो अंतरिम जमानत की अर्जी को वापस ले चुके हैं। अब फिर से उसी आधार पर अंतरिम जमानत मांग रहे हैं। जांच एजेंसी की ओर से कहा गया कि सिसोदिया पुलिस की मौजदूगी में पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं।जिसके बाद पत्नी से मुलाकात के लिए कोर्ट ने सिसोदिया को राहत दी।

जेल में बंद मनीष सिसोदिया को पत्नी के मेडिकल आधार पर सात घंटे की मोहलत दी गई है। इस दौरान वह न तो मीडिया से बात करेंगे और न ही इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे। सिसोदिया सिर्फ अपने परिवार के लोगों से मिल सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें शनिवार शाम तक पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट भी जमा करनी होगी।

दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) 11 जून को रामलीला मैदान में महारैली के माध्यम से दिखा


दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) 11 जून को रामलीला मैदान में महारैली करने जा रही है। इस महारैली में केजरीवाल एंड कंपनी केंद्र को अपना दम दिखाएगी। 'आप' की दिल्ली इकाई के संयोजक और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को पदाधिकारियों के साथ बैठक की। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि चार जून को दिल्ली के दो हजार मंडलों पर महारैली की तैयारी को लेकर बैठक होगी। उसके अगले दिन डोर-टू-डोर कैंपेन शुरू होगा। घर-घर जाकर महारैली के लिए लोगों को निमंत्रण दिया जाएगा।

गोपाल राय ने कहा कि 11 जून को पार्टी द्वारा आयोजित की जा रही रैली राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों को केंद्र सरकार के अध्यादेश के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए एक मंच होगी।

पदाधिकारियों को रैली की तैयारियों की जिम्मेदारियां सौंपने के लिए आयोजित एक बैठक में राय ने कहा कि 'आप' कार्यकर्ता पांच जून से घर-घर जाकर अभियान शुरू करेंगे और दिल्लीवासियों को रैली में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि रैली दिल्लीवासियों के लिए केंद्र सरकार के अध्यादेश के प्रति अपना आक्रोश और रोष व्यक्त करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगी।

राय ने कहा, “यह जानना आवश्यक है कि संविधान प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार प्रदान करता है और किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा इस अधिकार को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का विरोध एकजुट सार्वजनिक मुखरता के साथ किया जाना चाहिए।”

'आप' नेता ने कहा कि दिल्ली में पार्टी के 2,000 मंडलों की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशाल रैली की तैयारी पर चर्चा के लिए चार जून को एक बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के उपाध्यक्षों को लोकसभा क्षेत्रों की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

गौरतलब है कि 'आप' केंद्र द्वारा 19 मई को जारी किए गए एक अध्यादेश के खिलाफ लड़ रही है, जिसके दायरे में दानिक्स कैडर के ग्रुप 'ए' अधिकारियों की नियुक्ति और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार लाया गया है।

मई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली सरकार को सेवाओं के मामलों में कार्यकारी शक्ति दी गई थी, जिसमें अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग शामिल था, जिसे केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश से पलट दिया गया है।

ओडिशा के बालासोर जिले में रेल हादसे के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से पीड़ितों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा,

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम हुए रेल हादसे पर संवेदना व्यक्त करते हुए इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा की है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना में प्रत्येक मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।

इससे पहले रेल मंत्री ने भी ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये सहायता राशि देने और इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को दो-दो लाख रुपये तथा मामूली रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।

     

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा रेल दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा, "ओडिशा में ट्रेन हादसे से व्यथित। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायल जल्द स्वस्थ हों। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की और स्थिति का जायजा लिया। दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान जारी है और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जा रही है।"

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यहां जारी एक संदेश में कहा कि उन्हें ओडिशा के बालासोर में रेल दुर्घटना में लोगों के मारे जाने के समाचार से गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा, "इस कठिन समय में मेरी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।" 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ओडिशा रेल दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बालासोर में हुई रेल दुर्घटना बेहद दुखद है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई है। अन्य टीम भी राहत और बचाव अभियान के लिए पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित लोगों के परिजनों के प्रति उनकी संवेदना है और वह घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

     

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि वह इस बड़े हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बालासोर जिले में हुई रेल दुर्घटना के पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने ट्रेन दुर्घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि घायल यात्रियों की जान बचाना अब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

  

मुख्यमंत्री पटनायक बालासोर जिले में ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद राहत अभियान का जायजा लेने के लिए विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) नियंत्रण कक्ष पहुंचे। उन्होंने कहा है कि मैंने स्थिति की समीक्षा की है। मैं कल सुबह घटनास्थल पहुंचकर स्थिति का जायजा लूंगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है।

बालासोर ट्रेन हादसा : लगातार बढ़ रही मृतकों की संख्या, पीएम मोदी करेंगे घटनास्थल का दौरा, अस्पताल में घायलों से करेंगे मुलाकात

#odisha_balasore_train_accident

ओडिशा में शुक्रवार शाम हुए भीषण रेल हादसे में मृतकों का आंकड़ा 288 हो गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ओडिशा के बालासोर का दौरा करेंगे। वह ट्रेन हादसे की जगह का दौरा करने के साथ ही अस्पताल में भी जाएंगे और हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात करेंगे।वहीं, बालासोर में ट्रेन हादसे को लेकर पीएम मोदी एक्शन मोड में हैं। उन्होंने अब तक राहत-बचाव अभियान की जानकारी के लिए एक बैठक बुलाई। 

बालासोर में रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म

ओडिशा के बालासोर में रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो चुका है। रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा, पीएम खुद घटनास्थल का दौरा करेंगे। दो एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी इन्वॉल्व्ड हैं हादसे में। कटक, बालासोर और घटनास्थल के लिए तीन टीम गठित की गयी हैं। 39 ट्रेन डायवर्ट रूट से शुरू की गयी है जो ज़िम्मेदार है उसपर कार्रवाई की जाएगी।रिपोर्ट का इंतजार है।

हादसे की उच्च स्तरीय जांच होगी

बालासोर में शुक्रवार की देर शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई कोच हादसे का शिकार हो गए। इस दु:खद घटना में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक घायल हो गए।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार सुबह दुर्घटना स्थल का दौरा किया और घोषणा की कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और रेल सुरक्षा आयुक्त द्वारा एक स्वतंत्र जांच की जाएगी।

एशिया कप-2023 के लिए टीम इंडिया का किया ऐलान, इस दिन भारत-पाकिस्तान के बीच होगा मैच

#bcci_announces_india_a_emerging_squad_for_acc_emerging_womens_asia_cup_2023

एशिया कप 2023 के वेन्यू को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। फिलहाल अभी यह विवाद थमा नहीं था कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बसीसीआई) ने शुक्रवार सुबह एक बड़ा ऐलान कर दिया है। इस बीच अब बीसीसीआई ने टीम इंडिया के एक स्क्वॉड का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान के मैच की तारीख भी सामने आ गई है।

दरअसल बीसीसीआई ने यह स्क्वॉड पुरुष एशिया कप का नहीं जारी किया है। बल्कि बोर्ड ने वुमेन एमर्जिंग एशिया कप के लिए इंडिया ए का स्क्वॉड और उसके मैचों का शेड्यूल जारी किया है। इसके लिए टीम में 14 खिलाड़ियों को जगह दी गई है। भारतीय टीम 13 जून से अपने अभियान की शुरुआत करेगी। इस दौरान 17 जून को टीम पाकिस्तान के खिलाफ भी अपना मुकाबला खेलेगी।

इमर्जिंग महिला एशिया कप 2023 में भारतीय ए टीम को लीग स्टेज में 3 मुकाबले खेलने का मौका मिलेगा। भारतीय ए टीम 13 जून को अपना पहला मुकाबला मेजबान हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ खेलने के बाद 15 जून को थाइलैंड ए टीम के खिलाफ मैच खेलेगी।। इसके बाद इंडिया ए अपना आखिरी लीग मुकाबला 17 जून को पाकिस्तान ए महिला टीम के खिलाफ खेलेगी।

इस टूर्नामेंट में 8 टीमें हिस्सा लेंगी, जिन्हें दो ग्रुप्स में बांटा गया है। एक ग्रुप में चार टीमें होंगी. ग्रुप ए में भारत ए, पाकिस्तान ए, हॉन्गकॉग ए और थाईलैंड ए टीम होंगी जबकि ग्रुप बी में बांग्लादेश ए, श्रीलंका ए, मलेशिया ए और यूएई ए की टीम को रखा गया है। टूर्नामेंट की शुरुआत 12 जून से होनी है, जबकि इसका फाइनल मैच 21 जून को खेला जाएगा।

बालासोर ट्रेन हादसाः रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटनास्थल का लिया जायजा,विपक्ष की ओर से मांगे जा रहे इस्तीफे के सवाल पर साधी चुप्पी

#odisha_balasore_train_accident



ओडिशा में शुक्रवार को बड़ा रेल हादसा हुआ है। ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसके बाद यह दूसरी लाइन पर सामने से आ रही एक मालगाड़ी से टकरा गई।हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। अधिकारी ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई। इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 238 पहुंच गई है। लगभग 650 घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

इस्तीफे के सवाल पर चुप रहे रेलमंत्री

शुक्रवार शाम हुए हादसे के बाद से आज शनिवार की सुबह तक राहत एजेंसियों का बचाव कार्य जारी है, और घटनास्थल पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य के सीएम नवीन पटनायक पहुंचे हुए हैं।घटनास्थल पर पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक तरफ जहां दुर्घटनाग्रस्त बोगियों का जायजा लिया, राहत-बचाव अभियान की समीक्षा की और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियों से मिले, लेकिन सवालों से दूर भागते भी नजर आए। उन्होंने कई सवालों के जवाब में सिर्फ यही कहा कि अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। वहीं उन्होंने अपने इस्तीफे के सवाल पर चुप्पी साध ली। 

बता दें कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को पड़ोसी राज्य ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है।

नवीन पटनायक दुर्घटनास्थल पर पहुंचे

इधर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात कर स्थिति का जायज़ा लिया। तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन, शिव शंकर और अंबिल महेश चेन्नई एयरपोर्ट पहुंच गये हैं और वह ओडिशा के बालासोर के लिए निकल गये हैं।

जांच शुरू

वहीं, घटना स्थल से सामने आ रही वीडियो में टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ा हुआ दिख रहा है। शुरुआत में कहा गया था कि दोनों ट्रेनें एक ही रेलवे ट्रैक पर आ गई थीं हालांकि बाद में अधिकारियों ने साफ किया कि दोनों ट्रेने अलग-अलग ट्रैक पर आई थी। हादसा कैसे हुआ इसकी जांच शुरू कर दी गई है।