वन एवं पर्यावरण विभाग की बैठक में सीएम ने दिए सख्त निर्देश, प्रदेश में सड़क, नहर और नदियों के किनारे पौधे लगेंगे

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वन, पर्यावरण विभाग की बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में सड़क, नहर और नदियों के किनारे पौधे लगेंगे। उन्होंने कहा कि विभाग नीतियों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर बेहतर ढंग से कार्य करे और लक्ष्य के अनुरूप और तेजी से पौधरोपण कराए। 

सीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की बड़ी भूमिका है। विभाग नीतियों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर बेहतर ढंग से कार्य करे और लक्ष्य के अनुरूप और तेजी से पौधरोपण कराए। पौधरोपण के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है उसको ठीक ढंग से कार्यान्वित करें। 

उन्होंने कहा कि पौधरोपण के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है उसको ठीक ढंग से कार्यान्वित करें। यही नहीं, उन्होंने पहाड़ी क्षेत्र के निचले भागों में जल संग्रहण के लिए बनी जगहों पर भी पौधरोपण कराने का निर्देश दिया। साथ ही पहले से लगाए गए पौधों के संरक्षण के लिए सभी जरूरी उपाय करने को भी कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भवनों के परिसर में भी जितना संभव हो पौधरोपण कराएं। सड़क किनारे भी लक्ष्य के अनुरूप तेजी से पौधरोपण कराएं। जिलों में पौधरोपण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें और पौधरोपण के लक्ष्य को प्राप्त करें। 

कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत रह गया था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई। इसके तहत 24 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया। इनमें 22 करोड़ पौधे लगाए गए। बड़ी संख्या में पौधरोपण किए जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत तक पहुंच गया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य का हरित आवरण क्षेत्र कम से कम 17 प्रतिशत तक हो जाए इसके लिए तेजी से पौधरोपण कराएं।

12 जून को पटना के ज्ञान भवन में देशभर के विपक्षी दिग्गज नेताओं का होगा जुटान, मिशन 2024 को लेकर एका पर करेंगे मंथन

डेस्क : आगामी 12 जून देशभर के विपक्षी दिग्गज नेताओं का बिहार की राजधानी पटना के ज्ञान भवन में जुटान होने जा रहा है, जहां सभी भाजपा के खिलाफ ‘मिशन 2024’ को लेकर एका पर मंथन करेंगे। तकरीबन पांच घंटे यह बैठक चलेगी। सुबह 11 बजे बैठक आरंभ होगी और शाम 4 बजे तक इसके चलने के आसार हैं। 

इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर सरकार के मंत्री तथा वरिष्ठ जदयू नेता संजय झा ने शुक्रवार को कहा कि 12 जून को पटना की धरती से पूरे देश में एक राजनीतिक संदेश जाएगा। देश को केन्द्र की मौजूदा तानाशाह सरकार से मुक्ति दिलाना ही हमारा एकमात्र एजेंडा है।

कहा कि देशभर की विपक्षी पार्टियों को गोलबंद करने के क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिन-जिन नेताओं से मुलाकात की थी उनमें से ज्यादातर ने इस बैठक में शामिल होने की सहमति भेज दी है। सिर्फ बीजद की तरफ से कोई नहीं आएगा। बिहार के महागठबंधन में शामिल सभी 7 दल इस बैठक के साझा आयोजक हैं और विभिन्न प्रदेशों से आने वाले शीर्ष विपक्षी नेताओं का स्वागत सभी इकह्वे करेंगे। 

शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीएम आवास में तो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी कार्यालय में तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठकें कीं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व सपा नेता अखिलेश यादव, रालोद नेता जयंत चौधरी ने बैठक में शामिल होने की सहमति भेज दी है। इंडियन लोकदल के नेता भी आएंगे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल संभवत नहीं आएंगे। उनके प्रतिनिधि के रूप में आप से किसी प्रमुख नेता की सहभागिता होगी। माकपा से सीताराम येचुरी, भाकपा से डी. राजा और माले नेता दीपंकर भट्टाचार्य इस बैठक में सहभागी होंगे।

बिहार में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की बनी योजना बेहतर, तीर्थयात्रियों को हर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयासरत : नीतीश कुमार

डेस्क : मुख्यमंत्री गुरुवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नंदकिशोर मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने विभाग के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट दी। उन्होंने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पर्यटन विभाग द्वारा किये जा रहे अद्यतन कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। इस क्रम में उन्होंने गयाजी धाम धर्मशाला, विष्णुपद मंदिर गया, सीतामढ़ी के पुनौरा धाम मंदिर, केसरिया स्तूप के विकास को लेकर बनाये गये विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट के संबंध में जानकारी दी। 

सचिव ने बताया कि गयाजी धर्मशाला को 6 फ्लोर की बिल्डिंग बनाने की योजना प्रस्तावित है। यहां 1100 लोगों को सभी सुविधाओं के साथ रहने की व्यवस्था होगी। विष्णुपद मंदिर तक के पहुंचने के रास्ते को और सुगम बनाया जाएगा। सीतामढ़ी के पुनौरा धाम मंदिर क्षेत्र को बेहतरीन तरीके से विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की बनी योजना बेहतर है। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हमलोग शुरू से काम कर रहे हैं। बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पर्यटन विभाग ने जो योजना बनायी है, वह आकर्षक और काफी अच्छी है। 

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे बिहार में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिये योजनाबद्ध ढंग से काम करते रहें। बिहार ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल है। पर्यटकों को सभी चीजों की जानकारी मिलेगी तो यहां की विरासत को ठीक ढंग से समझेंगे और जानेंगे। उन्होंने पर्यटकों को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पर्यटन से जुड़ी सारी जानकारी ठीक ढंग से देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। 

नीतीश कुमार ने कहा कि हमने सभी धर्मों के स्थलों को विकसित किया है। हमारा उद्देश्य है कि वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। तीर्थयात्रियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो, इसके लिये राज्य सरकार हर स्तर पर प्रयासरत है। गयाजी में विदेशों के साथ-साथ देश के कई हिस्सों से लाखों तीर्थ यात्री आते हैं। गया का अपना विशेष महत्व है। हमने गयाजी डैम का निर्माण कराया है ताकि श्रद्धालुओं को सहूलियत हो। हर वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन बेहतर ढंग से किया जाता है। इसके लिए सारी सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है।

बड़ी खबर : सांसद सुनील कुमार पिंटू से दो करोड़ रंगदारी की मांग, थाना में मामला दर्ज

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां सीतामढ़ी से जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू से दो करोड़ रंगदारी की मांग की गई है। वहीं पैसे नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है। इस बाबत शास्त्रीनगर थाना में केस दर्ज किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार किसी युवती ने सांसद सुनिल कुमार पिंटू से दो करोड़ रुपये नहीं देने पर सांसद का एडिट किया हुआ वीडियो-फोटो वायरल करने की धमकी दी है। इस बाबत सांसद सुनील कुमार पिंटू ने शास्त्रीनगर थाने में केस दर्ज करवाया है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि तीन अलग-अलग नंबरों से इस तरह की धमकी दी जा रही है। धमकी देने वालों ने उन्हें कहा कि अगर वे रुपये नहीं देंगे तो उनकी वीडियो और फोटो को इंटरनेट और परिवार वालों के बीच वायरल कर दिया जाएगा। एक युवती के अलावा कई लोग कॉल कर रहे हैं।

इधर, शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। उन सभी नंबरों की पड़ताल की जा रही है जिससे सांसद को धमकी भरे कॉल की गई थी। पुलिस ने सभी नंबरों का टावर लोकेशन निकाला है। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन नंबरों से सांसद को धमकी दी गयी है वे सभी बिहार के बाहर के हैं। प्रथम दृष्टया यह करतूत साइबर अपराधियों की प्रतीत हो रही है। सांसद के सोशल मीडिया से उनकी तस्वीर लेकर उसे एडिट कर दिया गया। पटना पुलिस ईओयू के साइबर सेल की मदद ले रही है।

*हर्ष फायरिंग करने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर हथियार का लाइसेंस होगा रद्द*

डेस्क : हर्ष फायरिंग के बढ़ते चलन पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को सख्त निर्देश दिए हैं। उनसे हर्ष फायरिंग की घटनाओं का पूरा ब्योरा डाटाबेस के साथ मुख्यालय भेजने के लिए कहा गया है। इसके बाद हर्ष फायरिंग में उपयोग होने वाले सभी हथियारों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए जाएंगे। 

यही नहीं, इन लाइसेंसधारकों की सूची तैयार कर इन्हें ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा। इससे भविष्य में इन्हें दोबारा हथियार का लाइसेंस नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि इन घटनाओं में उपयोग होने वाले करीब 65 फीसदी हथियार लाइसेंसी होते हैं।

बताते चले कि राज्य में अक्सर हर्ष फायरिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं। देखा गया है कि ऐसी घटनाओं से उत्सव का माहौल पलभर में मातम में बदल जाता है। इस वर्ष मई तक हर्ष फायरिंग की 40 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें करीब 20 ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें लगभग 25 लोगों की जान चली गई।

कुछ वर्ष पहले तक हर्ष फायरिंग की घटनाएं मुख्य रूप से आरा, बक्सर, गया, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर जिलों में ही अधिक होती थी। परंतु अब इसका चलन समस्तीपुर, दरभंगा, पटना, औरंगाबाद के अलावा सीमांचल के जिलों पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल में भी बढ़ है।

*मुख्यमंत्री का अधिकारियों को सख्त निर्देश, जल्द से जल्द हर खेत तक पहुंचाएं सिंचाई का पानी*

डेस्क : मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना की समीक्षा की और कई निर्देश पदाधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जितना जल्द हो सके हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचा दें। इसको लेकर तेजी से काम करें, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहे। उन्होंने दो टूक कहा कि हर हाल में वर्ष 2025 तक यह योजना पूरी हो जाये, इसे सुनिश्चाए कराएं।

उन्होंने कहा कि पिछली बैठकों में हर खेत तक सिंचाई निश्चय योजना के संबंध में एक-एक बात पर चर्चा हुई थी। अभियंताओं के साथ बैठक कर तेजी से काम को आगे बढायें। स्थल पर भी जाकर किये जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करें।

सीएम ने कहा कि लोगों की सुविधाओं के लिये और उनके हित में हम निरंतर काम करते हैं। भू-जल स्तर को मेंटेन रखने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये भी कई कार्य किये गये हैं। जल के संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गयी है। जल और हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है।

कुछ लोग इतिहास को बदलना चाहते हैं, ऐसे लोगों से देश को बचाना है : नीतीश कुमार

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र बीजेपी सरकार पर एकबार फिर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग इतिहास को बदलना चाहते हैं, ऐसे लोगों से देश को बचाना है। 

बीते रविवार को जदयू मुख्यालय में आयोजित पार्टी के प्रभारी पदाधिकारियों की दो दिवसीय संसद के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग इतिहास को बदलना चाहते है, ऐसे लोगों से देश को बचाना है। 

उन्होंने कहा कि इन लोगों ने हर चीज पर कब्जा कर लिया है। सब कुछ एकतरफा हो रहा है। ये लोग काम नहीं कर रहे, केवल प्रचार करते हैं। 

नीतीश कुमार ने कहा दि देश में नया कौन-सा काम हो रहा है? सच्चाई तो यह है कि इन लोगों (केन्द्र की भाजपा सरकार) ने 1998 से 2004 के बीच के काम को भी पूरा नहीं किया? हमलोगों ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा, लेकिन नहीं मिला। गरीबी के बावजूद हमलोगों ने विकास का सारा काम किया। 

बिहार में धार्मिक उन्माद को हमलोगों ने न के बराबर कर दिया, लेकिन कुछ लोग अब फिर से उसे कराने की कोशिश में हैं। हमलोग जातीय गणना के पक्ष में हैं, लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि ये न हो। जब भी अच्छा काम करिएगा, कहीं न कहीं से आपको रोकने की कोशिश होगी।

बड़ी खबर : 12 जून को पटना मे होगी विपक्षी दलों की बैठक, ये दल हो सकते हैं शामिल

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देकर सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास में जुटे है। इसे लेकर वे कई राज्यों का दौरा कर विपक्षी दलों के नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे है। वही अब विपक्षी पार्टियों के प्रस्तावित बैठक की तारीख तय हो गई है।  

  

देशभर के विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर प्रस्तावित बड़ी बैठक पटना में 12 जून को होगी। इस बात की जानकारी खुद सीएम नीतीश कुमार ने दी है। विपक्षी एकजुटता के सूत्रधार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार शाम पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच इस बैठक के 12 जून को होने की बात कही।

उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण बैठक में तकरीबन दो दर्जन पार्टियां वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को परास्त करने के लिए साझा रणनीति बनायेंगी। इस महाजुटान में विपक्षी एकता के रोडमैप को ठोस आकार दिया जाएगा। 

नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने जब महागठबंधन बनाया तो देश की बहुत सारी राजनीतिक पार्टियों ने बधाई दी। अब हमलोग विपक्षी एकता के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। जल्द ही इसका सार्थक परिणाम निकलेगा। विपक्षी दलों की बैठक की तारीख भी तय कर दी गई है। 12 जून को पटना में यह बैठक होगी।

विपक्षी पार्टियों की एकजुटता के अभियान में जुटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले मंगलवार (23 मई) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। इसके बाद जदयू और कांग्रेस की ओर से साझा प्रेस कांफ्रेंस में अगले दो-तीन दिन में विपक्षी दलों की साझा बैठक के एलान की बात कही थी।

बीजद छोड़ सभी दल होंगे शामिल 

जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार अबतक जिन-जिन दलों के नेताओं से मिले हैं उनमें से बीजद को छोड़कर शेष सभी दलों के शीर्ष नेता 12 जून की बैठक में शिरकत करेंगे। सबकी सहमति के बाद ही बैठक की तारीख और जगह तय की गई है। तकरीबन एक माह पूर्व 24 अप्रैल को नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और लखनऊ जाकर यूपी के पूर्व सीएम तथा सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी थे। मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार से देशभर के विपक्षी दलों की एका को लेकर पटना में बैठक बुलाने का आग्रह किया था।

ये दल हो सकते हैं शामिल

विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित कई अन्य दलों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने के आसार हैं। जदयू, राजद, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (माले), डीएमके आदि पार्टियों के भी प्रमुख नेता शामिल होंगे।

नये संसद भवन को लेकर सीएम नीतीश कुमार द्वारा दिए गए बयान पर उपेन्द्र कुशवाहा ने किया पलटवार, कही यह बात

डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों देश के नए संसद भवन का उद्घाटन हो चुका है। अब देश को चलाने वाली नीतियां अंग्रेजों द्वारा बनाए गए पुराने भवन से नहीं बल्कि नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा में बैठकर तय होंगी लेकिन, संसद भवन को लेकर सियासत खत्म नहीं हो रहा है। 

नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू समेत कांग्रेस, आरजेडी समेत 19 दलों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह से दूरी बनाई। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि संसद का नया भवन बनाने की आवश्यकता नहीं थी। आजादी के समय जो भवन था, उसी को और विकसित करना चाहिए था। अलग से नया बनाने का कोई मतलब नहीं है। देश के पुराने इतिहास को बदला जा रहा है।

इधर राष्ट्रीय लोक जनता दल के सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नए संसद भवन पर चल रहे विवाद के बीच सीएम नीतीश कुमार के साथ-साथ आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों को भी निशाने पर लिया है।

नीतीश कुमार पर करारा हमला बोलते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश कुमार के पास न कोई काम है और न कोंई मुद्दा। नीतीश समेत पूरे विपक्ष के पास देश के लिए कोई मुद्दा नहीं है तो संसद भवन का विरोध कर रहे हैं। देश के विकास की कोई चर्चा उनके पास नहीं है। बेवजह फिजूल की बातों में लोगों को उलझा रहे हैं ताकि सच्चाई उजागर ना हो जाए।

कुशवाहा ने नीतीश कुमार के विकास के विजन पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि नीतीश एक बार फिर बिहार को लालटेन युग में ले जाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने लालटेन के युवराज तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार लवकुश जनाधार वाले नेता हैं। उन्हें अपना उत्तराधिकारी इसी समाज के किसी प्रबुद्ध व्यक्ति को चुनना चाहिए था, लेकिन जानबूझकर उन्होंने लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी बनाया।

नीतीश कुमार के करीबी होने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया है और न कर सकता हूं। कुछ लोग नाराज हैं क्योंकि मैंने नीतीश कुमार से समझौता किया। मैं उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं। अब दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी।

अब सरकारी विद्यालयों में छात्रों या शिक्षकों का अनुपस्थित रहना होगा मुश्किल, शिक्षा विभाग के ई-शिक्षा कोश पोर्टल द्वारा मुख्यालय से होगी निगरानी

डेस्क : अब सरकारी विद्यालयों में छात्रों या शिक्षकों का अनुपस्थित रहना मुश्किल होगा। कोई छात्र या शिक्षक गायब रहे तो वे तत्काल नजर में आ जाएंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए ई-शिक्षा कोश पोर्टल विकसित किया है। इससे विद्यालयों में शिक्षक-छात्र दोनों की मौजूदगी की निगरानी हो सकेगी। 

यही नहीं, इस पोर्टल के माध्यम से विद्यालयों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था होगी। फिलहाल पोर्टल का ट्रायल हो रहा है। इसके अंतिम परिणाम के बाद इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अनुसार इस वर्ष 2023-24 में यह सिस्टम काम करने लगेगा।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि हम ई-शिक्षा कोश के माध्यम से सभी विद्यालयों की मॉनिटरिंग करेंगे। इसके तहत स्कूल में उपस्थित बच्चों व शिक्षकों की जानकारी भी मुख्यालय के पास होगी। यह स्कूलों के बेहतर संचालन में मददगार होगा।

इस समय सरकारी विद्यालयों की मॉनिटरिंग की कोई केन्द्रीकृत व्यवस्था नहीं है। इससे स्कूलों की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती है। शिक्षकों के आने-जाने के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के विद्यालय आने पर भी विद्यालय के प्रधानाध्यापक ही नजर रख पाते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी समय-समय पर इसकी जांच करते हैं। लेकिन वह भी अधिक प्रभावी नहीं हो पाता है। इससे सिस्टम में चूक की संभावना बनी रहती है। यही नहीं, स्थानीय स्तर पर गड़बड़ी की भी शिकायतें आती हैं। प्रधानाध्यापक या शिक्षा विभाग के अधिकारियों के तटस्थ होने पर भी सवाल उठते हैं। ऐसे में ताजा पोर्टल मुख्यालय से ही शिक्षक व बच्चों पर नजर रखेगा। 

पोर्टल का प्रारंभिक ट्रायल सफल रहा है। लेकिन इसे तकनीकी रूप से पूरी तरह आजमाना है। अगले कुछ माह में इस पोर्टल से निगरानी शुरू हो जाएगी।