*कक्षा 10वीं के बच्चे अब नहीं पढ़ेंगे पीरियोडिक टेबल और डेमोक्रेसी जैसे चैप्टर, एनसीईआरटी ने सिलेबस में किया बदलाव
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नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की ओर से लगातार सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। हाल ही के दिनों में एनसीईआरटी लगातार इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। इसी क्रम में केमिस्ट्री में पढ़े जाने वाले पीरियोडिक टेबल, लोकतंत्र और सोर्स ऑफ एनर्जी यानी ऊर्जा का स्रोत, ये कुछ ऐसे टॉपिक हैं, जिन्हें 10वीं क्लास के सिलेबस से हटा दिया गया है। कहा गया है कि सिलेबस में ये कटौती छात्रों पर से बोझ कम करने के लिए की गई है।
एनसीईआरटी ने गुरुवार, एक जून को जारी बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों पर सामग्री का बोझ कम करने के लिए कक्षा 10वीं की पाठ्यपुस्तक से तत्वों, लोकतंत्र, राजनीतिक दलों (पूर्ण पृष्ठ) और लोकतंत्र की चुनौतियों के आवधिक वर्गीकरण के पूर्ण अध्यायों को हटा दिया है।
भारत में 10वीं क्लास में साइंस को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है. ऐसे में अब 10वीं के स्टूडेंट्स को पीरियोडिक टेबल नहीं पढ़ना होगा। लेकिन जो स्टूडेंट्स 11वीं और 12वीं क्लास में केमेस्ट्री को इलेक्टिव सब्जेक्ट के तौर पर चुनेंगे, उनके पास पीरियोडिक टेबल पढ़ने का मौका होगा। इस तरह कॉलेज की पढ़ाई से पहले वे इस बारे में जानकारी रख पाएंगे।
बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद क्लास 9वीं और क्लास 10वीं की साइंस की पाठ्य पुस्तकों से चार्ल्स डार्विन की इवोल्यूशन थ्योरी हटा चुका है। इसके अलावा कोविड-19 के समय में सिलेबस कम करने के लिए अस्थाई रूप से पीरियोडिक टेबल को हटाया गया था। लेकिन अब इसे सिलेबस से स्थाई तौर पर हटाने का निर्णय किया गया है। एनसीईआरटी की ओर से किताबों से तत्वों के पीरियोडिक क्लासिफिकेशन और चार्ल्स डार्विन के विकास के सिद्धांत के अलावा पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति, सोर्स ऑफ एनर्जी, मानव विकास और आनुवंशिकता जैसे विषयों को स्थायी रूप से हटा दिया गया है। हालांकि सिलेबस से इन टॉपिक्स को हटाने की वजह क्लियर नहीं है।
हाल ही के दिनों में एनसीईआरटी की किताबों को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। बीते महीने से लगातार इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। इसी सप्ताह एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 12वीं राजनीति विज्ञान की किताब में उन विवादित अंशों को हटाने की जानकारी दी गई थी, जिनमें श्रीआनंदपुर साहिब प्रस्ताव को कथित तौर पर खालिस्तान की मांग से जोड़ा गया था। उधर, विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर के जीवन से संबंधित चैप्टर पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर, उनके प्रपौत्र रंजीत सावरकर ने खुशी जाहिर की है।
Jun 01 2023, 19:00