*क्लास रूम को रोचक व ज्ञानवर्धक बनाएं शिक्षक : डॉ. वाजपेयी*


गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आयुर्वेद कॉलेज) में 'शैक्षणिक कार्ययोजना' विषय पर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल कुमार वाजपेयी ने दीप प्रज्वलित कर किया। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि यह कार्यशाला शिक्षण कौशल को बढ़ाने में सहायक होगी। उन्होंने कहा छात्रों को प्रेरित करने और विषय में उनकी रूची पैदा करने के लिए समूह परिचर्चा, सेमीनार आदि का आयोजन कराना चाहिए। हम सबको क्लास रूम (कक्षा कक्ष) को रोचक ज्ञानवर्धक व विद्यार्थियों के लिए हर प्रकार से उपयोगी बनाना चाहिए। एनसीआईएसएम ने जो मापदण्ड तय किया है उसके अनुरूप ही शिक्षण व्यवस्था को संचालित करें।

कार्यशाला में संहिता एवं सिद्धांत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शांतिभूषण हन्दूर ने अपने विभाग का प्रस्तुतिकरण किया। प्रस्तुतिकरण में डॉ भूषण ने संहिता सिद्धांत एवं संस्कृत विषय की शैक्षणिक योजना, विभाग के विभिन्न गतिविधियों, संसाधनों की जानकारी प्रदान की। डॉ भूषण ने कहा कि संहिता विभाग आयुर्वेद की नींव है।

आगामी वर्ष की कार्ययोजना के अंतर्गत उन्होंने आयुर्वेद कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्रों को संस्कृत संभाषण हेतु तैयार करना, एक उच्च स्तरीय आयुर्वेद से सम्बन्धित म्यूजियम बनाना, छात्रों को शोध एवं पब्लीकेशन हेतु प्रेरित करना आदि विषयों पर कार्य करने की योजना का प्रस्तुतिकरण किया।

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि सभी शिक्षकों को अपने विभाग को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए जिस अवसंरचना की आवश्यकता है, उसकी योजना तैयार करें। साथ ही पाठ्यक्रम योजना को विधिवत तरीके से बनाये एवं उसका पालन करें। नित्य पठन-पाठन के नवाचार उपाय खोजें एवं उच्च स्तरीय तकनिकी का शिक्षा में उपयोग करें। कार्यक्रम में आयुर्वेद कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. नवीन के, डॉ. विनम्र शर्मा, डॉ. गोपीकृष्णन, डॉ. रश्मीपुष्पन और सभी शिक्षक उपस्थित रहे।

*रामगढ़ताल में पंजाब यूनिवर्सिटी की बल्ले-बल्ले, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता का समापन*


गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत गोरखपुर के रामगढ़ताल में आयोजित रोइंग प्रतियोगिता अभूतपूर्व यादों को समेटे बुधवार को समाप्त हो गई। आखिरी दिन 500 मीटर की दूरी के फाइनल मुकाबलों के 15 इवेंट्स में पदकों के लिए रोवर में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। पांच दिन तक चली रोइंग प्रतियोगिता में पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ के खिलाड़ियों ने रामगढ़ताल में बल्ले-बल्ले सा नजारा पेश करते हुए महिला व पुरुष दोनों वर्गों में ओवरऑल चैंपियन का खिताब जीत किया। दोनों वर्गों में पीयू ने 12 स्वर्ण जीते। पुरुष वर्ग में ओवरऑल पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला फर्स्ट रनर अप और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली सेकेंड रनर अप बनी। जबकि महिला वर्ग में ओवरऑल फर्स्ट रनर अप का पुरस्कार यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास और सेकेंड रनर अप का पुरस्कार केरला यूनिवर्सिटी को मिला। विजेताओं के साथ सभी प्रतिभागियों ने रोइंग के लिए रामगढ़ताल को शानदार स्थान बताया और आयोजन को लेकर अभूतपूर्व इंतजामों की खुलकर तारीफ की।

बुधवार को रोइंग प्रतियोगिता के अंतिम दिन 500 मीटर दूरी की रोइंग में पुरुष वर्ग में सिंगल स्कल का स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के हरविंदर सिंह चीमा, लाइटवेट सिंगल स्कल का स्वर्ण इसी यूनिवर्सिटी के मलक सिंह ने जीता। जबकि महिला सिंगल स्कल में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता ब्रह्मचारी और लाइटवेट सिंगल स्कल में ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी. हेमलथा ने फाइनल जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव, विशिष्ट अतिथि अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल, कमिश्नर गोरखपुर रवि कुमार एनजी, सीडीओ संजय मीना, एडीएम सिटी विनीत सिंह, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफआई) की अध्यक्ष एवं भारतीय ओलंपिक संघ की उपाध्यक्ष श्रीमती राजलक्ष्मी सिंह देव, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव एमवी श्रीराम, आरएफआई के पूर्व अध्यक्ष कर्नल सीपी सिंह देव, स्पर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर अतुल सिंह, लीगल एडवाइजर गीतांजलि शर्मा, यूपी रोइंग एसोसिएशन के सचिव सुधीर शर्मा, हरीश शर्मा, संजीव श्रीवास्तव, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर, आल इंडिया यूनिवर्सिटी के राजीव सोबती, एसएम भट्ट, नवाबुद्दीन अहमद, क्रीड़ा भारती के आशीष जायसवाल, अविरल शर्मा आदि ने पदक पहनाकर एवं शुभंकर भेंटकर पुरस्कृत किया। ओवरऑल चैंपियन का पुरस्कार खेल मंत्री व अपर मुख्य सचिव खेल ने प्रदान किया।

500 मीटर दूरी रोइंग के अंतिम परिणाम

पुरुष वर्ग

सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के हरविंदर सिंह चीमा,रजत पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी के डी. नीलेश, कांस्य पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के सुमित राठी।

लाइटवेट सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के मलक सिंह, रजत पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के गोविंद सिंह राजपूत, कांस्य पदक एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी दरभंगा दीपांशु कुमार सिंह।

डबल कॉक्सलेस पेयर

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के किशन पांडेय व रवि बेदवाल, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सुखदीप सिंह व आदित्य सिंह, कांस्य पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी के अजय व सोयल।

डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के करनवीर सिंह व शोभित पांडेय, रजत पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास के अरुण व गौतम, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विजय व लोकेश।

क्वाड्रपल (मेन 4)

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, रजत पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, कांस्य पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली।

क्वाड्रपल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, रजत पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़।

लाइटवेट डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रविंदर व दिनेश कुमार, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के राहुल व अजय, कांस्य पदक केरला यूनिवर्सिटी के अरुण व आदिनाथ।

लाइटवेट क्वाड्रपल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला।

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महिला वर्ग

सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता ब्रह्मचारी,रजत पदक पीईएसस यूनिवर्सिटी बैंगलोर की मनसा एसएम, कांस्य पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की अमनदीप कौर।

डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की खुशप्रीत कौर व दिलजोत कौर, रजत पदक केआईआईटी यूनिवर्सिटी की औपरित कौर व अविनाश कौर, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की टी. पूनम व सी. कस्तूरी।

डबल कॉक्सलेस पेयर

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास की फती सिउबा व भगवती, रजत पदक केरला यूनिवर्सिटी की देवप्रिया व अरुंधति, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की सी. भाग्यश्री व बी. कोमल।

क्वाड्रपल (वुमेन 4)

स्वर्ण पदक केरला यूनिवर्सिटी, रजत पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी।

लाइटवेट सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी. हेमलथा,रजत पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की बी. अनीता, कांस्य पदक एसआरएम यूनिवर्सिटी की तमिल सेल्वी।

लाइटवेट डबल स्कल

स्वर्ण पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की ज्योति व विंध्या, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की गुरबानी कौर व पूनम, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की पी. काजल व एम. श्वेता।।

क्वाड्रपल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी।

गोरखपुर को बनाएंगे वाटर स्पोर्ट्स का हब : खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव


गोरखपुर। प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गोरखपुर को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जाएगा। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में रोइंग प्रतियोगिता की शानदार मेजबानी करके गोरखपुर ने यह सिद्ध कर दिया है कि यहां के रामगढ़ताल और सीएम योगी द्वारा बनवाए गए वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर की रोइंग प्रतियोगिता कराने की पूरी क्षमता है।

रोइंग प्रतियोगिता के समापन समारोह में विजेताओं को पुरस्कृत करने के बाद खेल मंत्री श्री यादव ने पदकवीरों के साथ समस्त प्रतिभागियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन यूपी में कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के प्रति आभार जताते हुए कहा कि गोरखपुर में हुई रोइंग प्रतियोगिता अभूतपूर्व रही है।

इससे मुख्यमंत्री द्वारा संवारे गए रामगढ़ताल की प्रतिष्ठा पर्यटन के साथ भी वाटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी स्थापित हुई है। यहां रोइंग प्रतियोगिता होने से प्रदेश के युवाओं का भी इसके प्रति आकर्षण बढ़ेगा। इस प्रतियोगिता की सफलता के बाद मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में गोरखपुर को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाने की आगामी कार्ययोजना बनाई जाएगी। अब यहां के रामगढ़ताल में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी होती रहेगी।

*आरफआई के साथ मिलकर गोरखपुर में बनाएंगे रोइंग ट्रेनिंग एकेडमी : डॉ सहगल*


गोरखपुर। रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स की असीम संभावनाओं के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से पहली बार रोइंग प्रतियोगिता हुई है, वह भी देशभर के विश्वविद्यालयों की टीमों के बीच राष्ट्रीय स्तर की। प्रतियोगिता का जायजा लेने आए रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफआई) के शीर्ष पदाधिकारी भी मानते हैं कि रामगढ़ताल और यहां का वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं के लिए सर्वथा उपयुक्त है। साथ ही इस वेन्यू को नेशनल लेवल के ट्रेनिंग सेंटर के रूप में तब्दील किया जा सकता है। यूपी का खेल विभाग आरएफआई के साथ मिलकर गोरखपुर में रोइंग ट्रेनिंग एकेडमी बनाएगा। इसे लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्ययोजना बनाई जाएगी।

यह बातें प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कही। बुधवार को रामगढ़ताल की जेट्टी पर रोइंग प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल होने आए डॉ सहगल ने कहा कि यह मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शी सोच ही है कि उन्होंने रामगढ़ताल का कायाकल्प सिर्फ पर्यटन की ही दृष्टि से नहीं कराया है, बल्कि इसमें वाटर स्पोर्ट्स की अंतर्निहित संभावनाओं को भी आगे बढ़ाया है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता भी उनकी ही सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आरफआई के पदाधिकारियों के देशभर के 26 विश्वविद्यालयों के युवा खिलाड़ियों व उनके प्रशिक्षकोन ने भी माना है कि रामगढ़ताल और वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स रोइंग के लिए लाजवाब है।

डॉ सहगल ने बताया कि आरफआई की अध्यक्ष व महासचिव भी उत्तर भारत में रोइंग कोचिंग सेंटर या ट्रेनिंग एकेडमी के लिए रामगढ़ताल और वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को एक उत्कृष्ट जगह मान रहे हैं। उनकी भी इच्छा यहां ट्रेनिंग एकेडमी स्थापित करने की है। इस संबंध में उनके साथ प्रारंभिक दौर की वार्ता यहीं गोरखपुर में हुई है। ट्रेनिंग एकेडमी खुल जाने से उत्तर प्रदेश के रोइंग खिलाड़ियों को यहीं सारी सुविधाएं मिलने लगेगी और वे किसी अन्य राज्य जाने की बजाय अपने प्रदेश के लिए मेडल जीतेंगे।

*यूपी के 'चाणक्य' ने दिलाई पीयू को रोइंग में बादशाहत,गाजीपुर के दीपक सिंह हैं पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रोइंग कोच*


गोरखपुर। रामगढ़ताल में 27 से 31 मई तक हुई खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता में पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ ने अपना दबदबा दिखाया है। पीयू को रोइंग की बादशाहत दिलाने में 'चाणक्य' की भूमिका निभाने वाले दीपक सिंह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं। टीम कोच दीपक द्वारा बताई और सिखाई गई रोइंग की बारीकियों से पीयू चंडीगढ़ की टीम ने महिला व पुरुष दोनों वर्गों में ओवरऑल चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया है।

गाजीपुर निवासी और वर्तमान में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रोइंग कोच दीपक सिंह की गिनती देश के बेहतरीन कोच में होती है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता के समापन अवसर पर दीपक ने कहा कि गोरखपुर में टीम लेकर आने का अनुभव बेहद शानदार और यादगार है। निश्चित ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत दूरदर्शी हैं जिन्होंने यूपी में रोइंग प्रतिभाओं को मौका देने के लिए रामगढ़ताल के समीप नायाब वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनवाया है। यदि यहां रोइंग ट्रेनिंग का भी काम शुरू हो जाए तो बड़ी संख्या में यूपी के खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होने लगेंगे।

दीपक सिंह के मुताबिक यूपी के रोइंग खिलाड़ी दूसरे राज्यों में जाकर ट्रेनिंग लेते रहे हैं। इसी रोइंग प्रतियोगिता में यूपी के कई खिलाड़ियों ने दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों के सदस्य के रूप में भाग लिया और मेडल भी जीते। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता की सफलता को देखकर लगता है कि यहां भी जल्द प्रशिक्षण की व्यवस्था हो जाएगी। ऐसा हुआ तो वह समय दूर नहीं जब पूर्वी उत्तर प्रदेश से खिलाड़ी यहां से निकलकर देश का नाम रोशन करेंगे।

*गोरखपुर के बाल कैंसर रोगियों को लखनऊ में भी मिल रहा सहारा*


गोरखपुर । कैंसर पीड़ित गोरखपुर मंडल के बाल रोगियों को सिर्फ गोरखपुर में ही नहीं बल्कि लखनऊ में भी सहारा मिल रहा है । एक अप्रैल 2022 से लेकर 19 मई 2023 के बीच ऐसे 189 बाल कैंसर रोगियों को महंगी दवाओं, डायग्नोसिस और कुछ मरीजों व परिजनों को लखनऊ में तो ठहरने की सुविधा भी दी जा चुकी है । यह पहल करने वाली कैनकिड्स किनकैड्स संस्था का प्रयास है कि लक्षण दिखते ही बाल कैंसर रोगियों के परिजन गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर या फिर लखनऊ के उच्च चिकित्सा संस्थानों में इलाज के लिए आगे आएं । शीघ्र पहचान और समय से इलाज से बच्चे कैंसर से मुक्ति पा सकते हैं।

गोरखपुर जिले के खोराबार ब्लॉक के 32 वर्षीय युवक मोहन (बदला नाम) ने बताया कि वह दिल्ली में रह कर मजदूरी करते हैं । उनके दो जुड़वा बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की । मार्च में उनके तीन वर्षीय बेटे को बुखार हुआ जो दवा कराने पर ठीक हो गया । बुखार फिर चढ़ गया । यह सिलसिला लगभग एक महीने तक चला । दिल्ली में चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे में ब्लड कम है । वह बच्चे को लेकर गोरखपुर आ गये ।

गोरखपुर में जिला अस्पताल में 26 अप्रैल को ब्लड चढ़ाया गया लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ । इसके बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दिखाया जहां जांच में ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई । वहीं पर कैनकिड्स संस्था की प्रतिनिधि शैला गिरी से मुलाकात हुई जिन्होंने चिकित्सक से डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ के लिए बच्चे को संदर्भित करवाया । लखनऊ आने पर इसी संस्था की प्रतिनिधि नौशीना से मिले, जिन्होंने बच्चे को एडमिट करवाया । संस्था की मदद से महंगी दवाएं मिल जाती हैं और कीमो थैरेपी में भी मदद मिल रही है। बच्चा धीरे धीरे ठीक हो रहा है ।

महराजगंज जिले के नौतनवां निवासी ग्यारहवीं कक्षा के छात्र रहीम (बदला हुआ नाम) का शरीर सात महीने पहले पीला पड़ने लगा । माता पिता उन्हें नेपाल स्थित मेडिकल कॉलेज ले गये जहां डॉक्टर ने डेंगू या ब्लड कैंसर की आशंका जताई । वहीं पर बच्चे को ब्लड चढ़वाया गया और इसके बाद अभिभावक बच्चे को लेकर पीजीआई लखनऊ चले गये । वहां जांच में ब्लड कैंसर की पुष्ट हुई । उनके किसी परिचित ने बताया कि लोहिया अस्पताल में भी इसका इलाज हो जाएगा । सुविधा की दृष्टि से बच्चे को लखनऊ के लोहिया अस्पताल में एडमिट कराया । बच्चे की सेहत में सुधार होने लगा । डॉ सबा और डॉ शिल्पी की निगरानी में इलाज चला । अब बुखार नहीं चढ़ता है। इलाज के दौरान संस्था ने महंगी दवाओं को खरीदने में मदद की । फॉलो अप के लिए हर हफ्ते आना पड़ता है और इस दौरान भी संस्था के प्रतिनिधि सभी जरूरी मदद करते हैं ।

आवश्यकतानुसार सहयोग

किड्सकैन कैनकिड्स संस्था की राज्य कार्यक्रम समन्वयक डॉ योगिता भाटिया बताती हैं कि पूर्वांचल के अगर किसी भी परिवार में बच्चा कैंसर से पीड़ित है तो मदद के लिए अभिभावक, संस्था के हेल्पलाइन नंबर 9811284806 पर संपर्क कर सकते हैं । उनकी आवश्यता के अनुसार हर संभव मदद की जाती है । जिन बच्चों का लगातार फॉलो अप होना रहता है उनके अभिभावक समेत उन्हें रहने की आवासीय सुविधा भी दिलाई जा रही है।

सड़क पर लग रहे जाम के जिम्मेदार दुकानदारों का चालान


गोरखपुर। खजनी कस्बे में सड़क पर अतिक्रमण करने वाले 80 व्यापारियों का लोक बाधा अधिनियम की धारा 290 के तहत चालान काटे गए। गरीब व्यापारी खाकी को देखते ही हांथ जोड़ने लगे। वहीं कुछ रसूख वाले व्यापारी सीधे मंदिर और महाराज जी तक अपना रोज का आना जाना बता कर अर्दब में लेने का प्रयत्न करते नजर आए। कुछ व्यापारियों ने बंद मुट्ठी का फार्मूला भी आजमाया और नकद देकर अपना कल्याण कर लिया।

थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि लोकबाधा अधिनियम की धारा 290 में कस्बे में अतिक्रमण के दोषी पाए गए 80 व्यापारियों के चालान काटे गए।बता दें कि ऐसा पहले भी दर्जनों बार हो चुका है। वर्षों पहले जब कस्बे की सड़क पतली थी तब भी जाम लगता था। अब 10 फुट चौड़ी हो गई है तब भी जाम की समस्या बनी हुई है। एक बार फिर गरीब पटरियों पर दुकानें लगाने वाले ठेले खोमचे वालों को चालान के रूप में भुगतना पड़ा।

कस्बे में अचानक वाहनों की भीड़ बढ़ने से जाम लग जाता है। ऐसा प्रायः सभी घनी आबादी वाले कस्बों में होता है। हालांकि खजनी कस्बे में जाम लगने के कई कारण हैं।

खजनी कस्बे में बांसगांव मार्ग पर बुद्धवार और रविवार साप्ताहिक सब्जियों का बाजार लगने से जाम लगता है।वहीं मांगलिक आयोजनों में एक साथ कई बारातियों के कई वाहनों का काफिला निकलने के कारण जाम लग जाता है।

लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण में लगे भारी वाहनों ट्रकों ट्रेलर डंफर आदि के कस्बे में मुड़ने या एक साथ कई बड़े वाहनों के फंसने से जाम लगता है।

सार्वजनिक पार्किंग की व्यवस्था न होने से आड़े तिरछे खड़े वाहनों के कारण जाम लग जाता है। इसके साथ ही कस्बे में सड़क की पटरियों के किनारे लगी दुकानों के अतिक्रमण से भी जाम लगता है।

विश्वसनीयता पत्रकारिता का मूल धर्म - मोहम्मद जाकिर हुसैन

गोरखपुर। पत्रकारों को चाहिए कि समाज में हो रही घटनाओं की सच्चाई को जनता के सामने लाएं तभी उनकी विश्वसनीयता बनी रहेगी। विश्वसनीयता ही पत्रकारिता का मूल धर्म है। यह बातें नेपाल सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद जाकिर हुसैन ने कही। वह एम. एस. आई. इंटर कॉलेज बक्सीपुर में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का पालन करते हुए आम जनता की आवाज को बुलंद करना चाहिए ।वरिष्ठ पत्रकार अरविंद राय ने कहा कि सुनी सुनाई बातों पर नहीं बल्कि घटनास्थल पर जाकर सही बातों का पता करके जब खबर बनाई जाती है तब विश्वसनीयता कायम रहेगी। धूर्जटी भूत भावन मिश्र ने कहा कि इस समय सामाजिक मूल्यों में तेजी से गिरावट आई है उस से पत्रकारिता भी अछूता नहीं है। फिर भी हमें अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए दबे कुचले व वंचितों की आवाज को जनता के सामने लाना चाहिये।

 चौधरी कैफुलवरा ने कहा कि इस क्षेत्र में भी कई लोग फर्जी चैनल बनाकर शोषण करने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को बेनकाब करना चाहिए l मंजूर अहमद पख्तून ने कहा कि सोशल मीडिया पर बिना सत्यता की पता किए लोग खबरों को वायरल कर देते हैं। इससे बचना चाहिए। राज्य मंत्री पुष्पदंत जैन ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है इसलिए उन्हें अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन निष्ठा पूर्वक करनी चाहिए।

सम्मेलन को रंजीत सम्राट समेत कई लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार डॉ. एस पी त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के आयोजक इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर शिक्षा स्वास्थ्य, खेल और विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया गया l

इस अवसर पर सतेन्द्र मिश्रा उडीसा, गिरिराज सिंह, सलमान अहमद, रंजीत सम्राट, मंजूर पख्तून जम्मू-कश्मीर, इस्तेयाक अहमद, नूर आलम, कबीर गिलानी, बिलाल भट्ट, अश्फाक आरिफ, अनुपम कुमार, मिथिलेश कुमार, बृज मोहन भगत, आलोक सक्सेना, मुकीम कुरैशी, सुरेंद्र सिंह, मो. आजम, नवेद आलम, रफी अहमद, पंकज झा, सुल्तान अख्तर, अंजुम शहाब एडवोकेट, केपी सिंह, हाशिम रिजवी, विजय यादव, अखिलेश्वर द्विवेदी, सतीश चन्द, रामकृष्ण शरण मणि त्रिपाठी, राकेश मिश्रा, मनोज गिरि, मनोज तिवारी, अनवारुल हक आदि सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहें ।

*पहलवानों के समर्थन में उतरा दिशा छात्र संगठन विश्वविद्यालय गेट पर किया प्रदर्शन*


गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन और स्त्री मुक्ति लीग के संयुक्त तत्वावधान में आज गोरखपुर विश्वविद्यालय मेन गेट के सामने पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी बर्बरता के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया।

प्रतिरोध सभा को सम्बोधित करते हुए स्त्री मुक्ति लीग की अंजली ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस देश की शान, ओलपिंक पदक विजेताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। महिला पहलवानों को घसीटकर गिरफ्तार करना देश की गरिमा को नीचे गिराने वाली बात है।

अंजली ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की असली सच्चाई एक बार फिर लोगों के सामने है। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ़्तार करने की जगह उसे संसद भवन के उद्घाटन के कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। सोचने वाली बात है कि जहाँ हमारे देश की बेटियों को लाठियों और बूटों से पीटा जा रहा था वहीं डेढ़ किलोमीटर दूर नए संसद का उद्घाटन करते हुए प्रधानमन्त्री मोदी लोकतन्त्र, न्याय, महिला सशक्तिकरण आदि की बातें कर रहे थे।

प्रधानमन्त्री मोदी ने पहलवानों की इस न्यायपूर्ण लड़ाई पर एक शब्द भी बोलना गवारा नहीं समझा है।

दिशा छात्र संगठन राजू ने कहा कि बृजभूषण सिंह को बचाने के लिए पहलवानों पर इस तरह का कायराना हमला यह दिखाता है कि सरकार प्रतिरोध के स्वर हर कीमत पर दबाना चाहती है। हम कुश्ती खिलाड़ियों की माँगों का पुरज़ोर समर्थन करता हैं।

इसके साथ ही हम माँग करते हैं कि बृजभूषण व अन्य आरोपियों पर तत्काल कार्रवाई हो और दोषियों को सख़्त सज़ा मिले।

विरोध-प्रदर्शन में माया, अदिति,मुकेश,राजकुमार, दीपक, सरिता, शेषनाथ,हरेन्द्र आदि शामिल हुए।

*खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स युवाओं के लिए बेहतरीन प्लेटफार्म : आदित्य सिंह*

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपनी मेजबानी में हो रहे इन खेलों को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर से ताल्लुक रखने वाले एक होनहार आदित्य सिंह भी इन खेलों में पहली बार हिस्सा ले रहे हैं।

गोरखपुर निवासी आदित्य सिंह भारत की जूनियर हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं और अभी बनारस के काशी विद्यापीठ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आदित्य का मानना है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स युवा खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है क्योंकि यह उन्हें शानदार एक्सपोजर देता है।

मिडफील्ड से खेलने वाले आदित्य बैंगलोर के साई सेंटर में जारी भारतीय जूनियर हॉकी कैंप का हिस्सा हैं। पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा ले रहे आदित्य ने कहा,- बहुत अच्छा लग रहा है।

पहली बार खेला हूं। फैसिलिटी भी अच्छी है। टीमें अच्छी आई हैं और कम्पटीशन भी अच्छा है। नए लड़कों के लिए काफी अच्छा प्लेटफार्म है। नए लड़के इस खेल को अपनाने और इसमें बने रहने के लिए मोटिवेट होते हैं। उनको अनुभवी खिलाड़ियों के साथ खेलने का एक्सपीरिएंस भी मिलता है। खिलाड़ियों में 19-20 का फर्क होता है और इस तरह के आयोजन में खेलने से खिलाड़ियों को अपनी थाह लगाने का मौका मिलता है।

आदित्य को 2019 में नैरोबी में आय़ोजित इंटरनेशनल हाकी टूर्नामेंट के लिए भारतीय जूनियर हाकी टीम का कप्तान बनाया गया था। आदित्य सामान्य किसान परिवार से हैं। उन्होंने गोरखपुर में लक्ष्य खेल अकादमी में कोच शादाब खान से प्रशिक्षण लिया है। 2014 में उनका चयन लखनऊ के गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज में हो गया। दो साल बाद 2016 में उनका चयन नेशनल हॉकी अकादमी-नई दिल्ली में हो गया। यहां उनके खेल में और निखार आया और फिर वह राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने लगे।

आदित्य इससे पहले दिल्ली में आय़ोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पहले संस्करण में रघुराई इंटर कालेज (गोरखपुर) के लिए खेल चुके हैं। वह यूपी के लिए सब जूनियर, जूनियर औऱ सीनियर टीमों के लिए नेशनल खेल चुके हैं। अभी नेशनल जूनियर कैंप में हैं।