सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन का आह्रवान, सूचना प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष विज्ञान में आगे आए नई पीढ़ी
बेतिया : आज दिनांक 26 मई 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में अंतरिक्ष में भारत के सफल परीक्षण की 24वीं वर्षगांठ पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हमारे भारतीय वैज्ञानिकों ने अपनी मेहनत और लगन से भारत को सूचना प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान में विश्व में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय शांति दूत सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ. एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी झारखंड, डॉ. शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा, डॉ महबूब उर रहमान एवं डॉ. सलाम ने संयुक्त रूप से नई पीढ़ी के युवाओं से सूचना प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान में आगे आने का आह्वान किया।
साथ ही वक्ताओं ने कहा कि भारत का सूचना प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम विश्व शांति एवं मानवता के लिए है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र की स्थापना भारत के प्रथम प्रधान मंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान के साथ विश्व शांति, मानवता और मानव जीवन को सरल और सुलभ बनाने के लिए की गई थी। इसरो की आधिकारिक स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि इस दिन तत्कालीन इसरो के वैज्ञानिक दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम, तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी, तत्कालीन रक्षा मंत्री स्व. जॉर्ज फर्नांडिस एवं विभिन्न वैज्ञानिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। भारत की स्वाधीनता के बाद से ही भारत ने अंतरिक्ष में एक अहम कदम बढ़ाया था। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है।
याद रहे कि पहले अंतरिक्ष में अमेरिका, रूस जैसे देशों का दबदबा था। 26 मई, 1999 को, भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने भारत, जर्मनी और दक्षिण कोरिया के तीन उपग्रहों को अंतरिक्ष की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया। आज भारत विश्व में अंतरिक्ष अनुसंधान में अहम मुकाम रखता है। इस अवसर पर वक्ताओं ने नई पीढ़ी के युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष विज्ञान में आगे हैं जिसका सपना बरसों पहले हमारे पुरखों ने देखा था।
May 27 2023, 09:08