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May 26 2023, 15:46

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर SC ने खारिज की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा- अगली बार लगेगा जुर्माना

नए संसद भवन का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से करवाने की मांग वाली याचिका आज सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई है। कोर्ट ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर ऐसी याचिका दोबारा लगाई गई तो कोर्ट जुर्माना भी लगा देगा।

SC ने लगाई फटकार

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हमें पता है कि ये याचिका किस कारण डाली गई है। कोर्ट ने इसी के साथ याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर इससे किसका हित होने वाला है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिकाओं की सुनवाई करना हमारा काम नहीं है।

राष्ट्रपति मुर्मु से उद्घाटन की थी मांग

सुप्रीम कोर्ट में बीते दिन इस मामले में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल हुई है, जिसमें यह मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र को ये निर्देश दे कि नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किया जाना चाहिए। जनहित याचिका में कहा गया है, “लोकसभा सचिवालय ने उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया है।”

भारतीय संविधान का उल्लंघन- याचिकाकर्ता

अधिवक्ता जया सुकिन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि 18 मई को लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बयान और नए संसद भवन के उद्घाटन के बारे में महासचिव, लोकसभा द्वारा जारी किया गया निमंत्रण भारतीय संविधान का उल्लंघन है।

याचिका में ये कहा गया था

याचिका में कहा गया कि सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है और संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।

संसद भारत की सर्वोच्च विधायी संस्था है। भारत में राष्ट्रपति दोनों सदनों, राज्यसभा और लोकसभा को बुलाने और टालने या लोकसभा को भंग करने की शक्ति रखते हैं, इसलिए ये कार्य भी उन्हें ही करना चाहिए।

21 दलों ने की उद्घाटन के बहिष्कार की घोषणा

कांग्रेस, टीएमसी और आप समेत कुल 21 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के बिना भवन का उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय “राष्ट्रपति का अपमान करना है और संविधान का उल्लंघन भी है”।

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May 26 2023, 15:45

28 मई को नया संसद भवन उद्घाटन को तैयार, पीएम मोदी के नाम पर भड़के विपक्षी दलों में दो फाड़ के बाद अब डिटेल में पढ़िए, देश भर में क्या बन रही है

हाईटेक सुविधाओं से लैस देश का नया संसद भवन बनकर तैयार है. पीएम मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे. कांग्रेस समेत विपक्ष के तमाम दलों ने पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन को मुद्दा बनाकर सियासी घमासान छेड़ दिया है. विपक्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने की मांग कर रहा है. हालांकि, कुछ विपक्षी दल सरकार के समर्थन में भी खड़े नजर आ रहे हैं. यानी संसद के उद्घाटन के मुद्दे पर विपक्ष दो फाड़ हो गया है. जहां 25 दलों ने सरकार के न्यौते को स्वीकार किया है. तो वहीं 21 दलों ने खुलेआम उद्घाटन समारोह का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया है. लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि 7 दल ऐसे हैं, जिन्होंने विपक्षी एकता को झटका देते हुए इस मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन दिया है. मोदी सरकार के इस भव्य समारोह में विपक्षी एकजुटता में दरार देखकर सत्ताधारी NDA का मनोबल निश्चित तौर पर बढ़ने वाला है. 

संसद भवन के उद्घाटन समारोह में 25 दलों ने शामिल होने की बात कही है. उद्घाटन की तारीख के बाद जिस तरह से विपक्ष ने विरोध का बिगुल फूंका था, उसके बाद अब 25 दलों का समर्थन मिलना बीजेपी के लिए राहत वाली बात है. मोदी सरकार का न्योता स्वीकार करने वाले जो 25 दल हैं, उनमें 7 गैर एनडीए दल हैं. बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी ने समारोह में शामिल होने की बात कही है. इन 7 पार्टियों के लोकसभा में 50 सदस्य हैं. 

इन दलों ने न्योता किया स्वीकार

बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), नेशनल पीपल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल - सोनीलाल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, तमिल मनीला कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, आजसू (झारखंड), मिजो नेशनल फ्रंट, वाईएसआरसीपी, टीडीपी, बीजद, बीएसपी, जेडीएस, शिरोमणि अकाली दल शामिल हैं.

नंबर गेम में आगे निकली मोदी सरकार

- 25 पार्टियां संसद के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी. इनके लोकसभा में 68% यानी 376 सांसद हैं. जबकि राज्यसभा में 55% यानी 131 सांसद हैं. समर्थन करने वाली पार्टियां 18 राज्यों यानी 60% राज्यों में सत्ता में हैं. 

इन 21 दलों ने किया बायकॉट

21 विपक्षी दलों ने संसद के उद्घाटन का बायकॉट का ऐलान किया है. इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), AAP, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, AIMIM, AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं.

- इन 21 पार्टियों के लोकसभा में 31% यानी 168 सांसद हैं. वहीं, राज्यसभा में 104 सांसद यानी 45% विरोध में हैं. जबकि विरोध कर रहे दलों की 40% यानी 12 राज्यों में सरकार है. 

क्यों मोदी सरकार के समर्थन में आए 7 गैर NDA दल?

बसपा: बसपा का गठन 1984 में हुआ था. दलित बसपा का प्रमुख वोट बैंक माना जाता है. इससे पहले तक यूपी में यह कांग्रेस का वोट बैंक होता था. ऐसे में बसपा को डर है कि अगर वह कांग्रेस के साथ खड़ी होती है, तो उसकी बची हुई सियासी जमीनी भी खतरे में पड़ सकती है. इतना ही नहीं बायकॉट करने वाले दलों में समाजवादी पार्टी भी शामिल है. यूपी में सपा बसपा की प्रमुख प्रतिद्वंदी रही है. बसपा लगातार अपने खोए हुए वोट बैंक को वापस लाने में जुटी है. हाल ही में मायावती ने बसपा की बड़ी बैठक बुलाई थी. इस बैठक में चर्चा हुई थी कि कैसे पार्टी अपने पुराने दलित-मुस्लिम समीकरण को फिर से साध सकती है. ऐसे में वह अगर सपा के खड़ा होकर मोदी सरकार का विरोध करती है, तो उसके मंसूबों पर पानी फिर सकता है. 

शिरोमणि अकाली दल: 

शिरोमणि अकाली दल लंबे वक्त तक एनडीए में रहा है. पिछले साल किसानों के मुद्दे पर अकाली दल ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद पंजाब चुनाव में बीजेपी और अकाली दल अलग अलग चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में दोनों को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. अब किसानों का मुद्दा खत्म हो गया है और अकाली दल और बीजेपी 2024 की तैयारियों में जुट गए हैं. ऐसे में अकाली दल ने भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखकर बीजेपी के साथ आने का फैसला किया है. 

लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास): 

चिराग पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी लोजपा ने भी मोदी सरकार का समर्थन किया है. चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर रहे हैं. उन्हें नीतीश-तेजस्वी के गठबंधन वाली सरकार में भी जगह नहीं मिली है. वहीं नीतीश बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं. ऐसे में पिछले कुछ दिनों में चिराग पासवान की नजदीकी बीजेपी से बढ़ी है. वे पहले भी पीएम मोदी की खुलकर तारीफ करते रहे हैं. माना जा रहा है कि 2024 में वे बीजेपी का समर्थन भी कर सकते हैं.

वाईएसआर कांग्रेस: 

आंध्र के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से अलग होकर ही अपनी पार्टी वाईएसआर का गठन किया था. इसके बाद उन्होंने राज्य में सरकार बनाई. ऐसे में वे भले ही एनडीए में शामिल न हों, लेकिन कई मुद्दों पर मोदी सरकार का समर्थन करते रहे हैं. इतना ही नहीं वे ऐसे विपक्षी मुद्दों पर भी किनारा करते रहे हैं, जहां कांग्रेस खड़ी होती रही है.

बीजद: 

ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने पिछले दिनों विपक्षी एकता में जुटे नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. हालांकि, इस मुलाकात के बाद उन्होंने साफ कर दिया था कि वे लोकसभा और विधानसभा में अकेले चुनाव लड़ेंगे. पटनायक की पूरी राजनीति कांग्रेस के खिलाफ रही है. इतना ही नहीं पटनायक ऐसे नेता माने जाते हैं, जिनका पूरा फोकस ओडिशा की राजनीति पर ही रहा है. केंद्रीय मुद्दों से वे अक्सर दूरी बनाकर चलते हैं. यही वजह है कि उन्होंने उद्घाटन समारोह में शामिल होने का ऐलान किया है.

तेलुगू देशम पार्टी: 

टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि वे संसद के उद्घाटन में शामिल होंगे. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी एनडीए का हिस्सा रही है. हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. लेकिन चर्चा है कि 2024 चुनाव में वे फिर से एनडीए के साथ आ सकते हैं. 

जनता दल (एस):

 कर्नाटक में हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए हैं. इन चुनावों में पिछली बार की किंगमेकर रही जनता दल (एस) को बड़ा झटका लगा है. वहीं, कांग्रेस न सिर्फ पूर्ण बहुमत में सरकार बनाने में सफल रही है, बल्कि पार्टी ने जेडीएस के वोट बैंक में भी सेंध लगाया. ऐसे में अब जेडीएस को डर है कि अगर वह कांग्रेस के साथ खड़ी होती है, तो उसके बचे हुए वोट बैंक में भी कांग्रेस सेंध लगा सकती है. इतना ही नहीं कर्नाटक में जनता दल (एस) अब बीजेपी की तरह ही विपक्ष में है. ऐसे में पार्टी ने संसद के मुद्दे पर बीजेपी के साथ खड़े होने का फैसला किया है. 

 

समर्थन में आए दलों ने क्या तर्क दिए? 

जनता दल (सेक्यूलर) के सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि वह 28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि यह देश की संपत्ति है और टैक्सपेयर्स के पैसे से बनाया गया है. उन्होंने विरोध करने वाली पार्टियों से पूछा कि क्या यह बीजेपी और आरएसएस का कार्यालय है जिसके उद्घाटन का बहिष्कार करना है? यह किसी का निजी कार्यक्रम नहीं है, यह देश का कार्यक्रम है.

शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, नए संसद भवन का उद्घाटन देश के लिए गर्व की बात है, इसलिए हमने फैसला किया है कि शिअद पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल होगी. हम विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों से सहमत नहीं हैं.

मेरी पार्टी तिहासिक कार्यक्रम में शामिल होगी- रेड्डी

आंध्र के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कहा, संसद, लोकतंत्र का मंदिर होने के नाते, हमारे देश की आत्मा को दर्शाती है और हमारे देश के लोगों और सभी राजनीतिक दलों की है. ऐसे शुभ आयोजन का बहिष्कार करना लोकतंत्र की सच्ची भावना के अनुरूप नहीं है. सभी राजनीतिक मतभेदों को दूर करते हुए, मैं अनुरोध करता हूं कि सभी राजनीतिक दल इस शानदार आयोजन में शामिल हों. लोकतंत्र की सच्ची भावना में मेरी पार्टी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होगी. 

क्या कहा मायावती ने?

मायावती ने कहा, केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है. 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है. 

उन्होंने कहा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित. सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है. इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित. यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था. 

मायावती ने कहा, देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें लेकिन पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.

चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार को दी बधाई

चंद्रबाबू नायडू ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में अपनी पार्टी के शामिल होने की बात कही. उन्होंने ट्वीट कर कहा, हमारा नया संसद भवन बना है, मैं एक हर्षित और गौरवान्वित राष्ट्र में शामिल होकर पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार और हर वह हाथ जिसने इस ऐतिहासिक ढांचे को बनाने में योगदान दिया है उनको बधाई देता हूं. मैं कामना करता हूं कि नया संसद भवन परिवर्तनकारी नीति और निर्णय लेने का स्थान बने. आजादी के 100 साल पूरे होने पर 2047 तक गरीबी मुक्त भारत का सपना पूरा हो जाएगा, जहां अमीर और गरीब के बीच की खाई पाट दी जाएगी.

बीजद ने कहा, पार्टी का हमेशा मानना रहा है कि ये संवैधानिक संस्थाएं किसी भी मुद्दे से ऊपर होनी चाहिए, जो उनके पवित्रता और सम्मान को प्रभावित कर सकता है. इस तरह के मुद्दों पर बाद में हमेशा बहस हो सकती है. इसलिए बीजेडी इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा होगी.

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May 26 2023, 15:44

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पिछले एक साल से जेल में बंद आप नेता सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मेडिकल ग्राउंड के आधार पर 42 दिन की जमा

आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट मेडिकल ग्राउंड के आधार पर जैन को 42 दिन की जमानत दी है। सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। उन्हें 360 दिन बाद अंतरिम जमानत मिली है। 

सत्येंद्र जैन गुरुवार को तिहाड़ जेल के बाथरूम में चक्कर आने के बाद गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था। जैन को डीडीयू अस्पताल से दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में शिफ्ट कराया गया था। यहां उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। 

केजरीवाल ने केंद्र पर साधा था निशाना

सत्येंद्र जैन की तबीयत खराब होने की खबर के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि जो इंसान जनता को अच्छा इलाज और अच्छी सेहत देने के लिए दिन-रात काम कर रहा था, आज उस भले इंसान को एक तानाशाह मारने पर तुला है। उस तानाशाह की एक ही सोच है - सबको ख़त्म कर देने की, वो सिर्फ़ “मैं” में ही जीता है। वो सिर्फ़ खुद को ही देखना चाहता है। भगवान सब देख रहे हैं। वो सबके साथ न्याय करेंगे. ईश्वर से सत्येंद्र जी के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। भगवान उन्हें इन विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति दें।

सत्येंद्र जैन ने खटखटाया था SC का दरवाजा

सत्येंद्र जैन पिछले 1 साल से जेल में बंद हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले दिनों उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। SC में सुनवाई के दौरान जैन की ओर से पेश वकील ने बताया था कि सत्येंद्र जैन को अत्यधिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं। उनका वजन 35 किलोग्राम कम हो गया है और अब वह कंकाल बन गए हैं।

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May 26 2023, 14:40

साइबर ठगी का नया तरीका आया सामने, पार्ट टाइम जॉब दिलाने के बहाने गुरुग्राम के युवक से लूट लिए 70 लाख

हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 43 का रहने वाला एक व्यक्ति अपने मोबाइल पर एक मैसेज मिलने के बाद स्कैमर्स के जाल में फंस गया। ठग ने उसे अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए पार्ट टाइम जॉब देने के लालच में उसे अपनी जाल में फंसाया।

देश में कई लोग सायबर फ्रॉड में फंसकर लाखों रुपये गंवा चुके हैं।

पार्ट टाइम जॉब का लालच देकर साइबर फ्रॉड का नया तरीका सामने आया है।

स्कैमर्स वॉट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ऐप के जरिए निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। देश में कई लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों का नुकसान हो रहा है। स्कैमर्स या ठग वाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे सोशल मैसेजिंग ऐप के माध्यम से निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे उन्हें अतिरिक्त पैसे कमाने के बहाने पार्ट टाइम जॉब का लालच दे रहे हैं। इसी कड़ी में फ्रॉड का एक कथित मामला गुरुग्राम में आया है, जहां एक व्यक्ति को फंसाने के बाद उससे 70 लाख रुपये का ठगी हुआ।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुग्राम के सेक्टर 43 का रहने वाला एक व्यक्ति अपने मोबाइल पर एक मैसेज मिलने के बाद स्कैमर्स के जाल में फंस गया। अपनी शिकायत में पीड़ित ने कहा कि 27 फरवरी को उसे अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए पार्ट टाइम जॉब देने के बारे में एक मैसेज मिला।

 उसने बताया कि इस काम में होटलों को रेटिंग देना और वीडियो को लाइक करना जैसे छोटे-छोटे काम शामिल थे। इसके बदले में जालसाजों ने उसे मोटा कमीशन देने का वादा किया। इसके लिए पीड़ित ने अपने परिवार से पैसे उधार लिए और कर्ज में डूब गया क्योंकि उसने घोटालेबाजों को 70 लाख रुपये दे दिए।

ऐसे फंसाया गया जाल में

पीड़ित ने बताया कि “मुझे 2,000-3,000 रुपये के कमीशन का वादा किया गया था। उन्होंने मेरे लिए एक नया बैंक खाता खोला, जिसमें उन्होंने परीक्षण बोनस के रूप में 10 हजार रुपये जमा किए। मुझे 30 कार्य दिए गए। पहला स्तर पूरा होने पर मेरे पास 2,200 रुपये थे। शिकायतकर्ता ने रिपोर्ट में कहा, कमीशन वापस लेने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं जारी रखना चाहता हूं और जब मैंने सकारात्मक जवाब दिया तो उन्होंने खाते को साफ कर दिया और मुझे फिर से 10 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा।

विश्वास दिलाने के लिए झूठे स्क्रीनशॉट भेज रहे थे ठग

अधिक पैसे जमा करने के बाद, पीड़ित स्कैमर्स द्वारा बनाए गए खाते में अपना कमीशन देख पा रहा था। पीड़ित को और लुभाने के लिए, जालसाजों ने उसका विश्वास हासिल करने और उसे और अधिक जमा करने के लिए खाते में दिखाई गई राशि को भी बढ़ा दिया। उन्होंने मुझे यह विश्वास दिलाते रहा कि मैं बहुत कमा रहा हूं। क्योंकि उनके टेलीग्राम समूह में कई सदस्य धोखेबाजों के लिए काम कर रहे कमाई के स्क्रीनशॉट भेज रहे थे। लेकिन अचानक, एक ‘प्रीमियम’ कार्य बढ़े हुए कमीशन के साथ आ गय। चूंकि यह एक नया काम था, उन्होंने मुझे शुरू करने के लिए 63 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। मैंने इसे जमा कर दिया, जिसके बाद उन्होंने मुझे कुछ पैसा और कमीशन भेजा। सातवें दिन तक, मैंने 27 लाख रुपये भेज दिए थे।

70 लाख रुपये लगा चुका था पीड़ित

पीड़ित ने आगे बताया कि जब उसने अपने कमाए हुए पैसे निकालने की कोशिश की, तो उसे एक संदेश मिला कि चूंकि वह 2 लाख रुपये से अधिक की राशि निकालना चाहता है, इसलिए उसे कुल राशि का 50 प्रतिशत सुरक्षा के लिए जमा करना होगा। उसने कहा कि “मेरे पास पर्याप्त पैसा नहीं था और इसे भेजने में मुझे कई दिन लग गए। जब ​​मैंने निकासी के लिए अनुरोध भेजा, तो और कार्य दिखाए गए. मैंने अपने उन सभी कार्य को समय से किया। पीड़ित ने बताया कि इस समय तक मैं लगभग 70 लाख रुपये खो चुका था। जब मैं और पैसे नहीं निकाल पाया तो मैं पुलिस के पास गया।

कर्ज में डूबने के साथ ही खो दिया अपना व्यवसाय

शिकायतकर्ता के अनुसार, मैं कर्ज में डूब गया क्योंकि मैंने अपने घर, अपने पिता की संपत्ति और अपने व्यवसाय के खिलाफ कर्ज लिया था। उसने बताया कि पहले मेरा एक व्यवसाय था। लेकिन एक महीने में मैंने यह सब खो दिया है। पीड़ित ने कहा कि राशि की निकासी से इनकार किए जाने के बाद भी टेलीग्राम खाता जहां वह घोटालेबाजों से जुड़ा था और समूह जहां सभी पार्ट टाइम कार्य दिए गए थे अभी भी सक्रिय हैं। यह महसूस करने के बाद कि यह एक घोटाला है, पीड़ित पुलिस के पास गया और 17 मई को साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई।

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May 26 2023, 14:39

रात के अंधेरे में INS विक्रांत पर पहली बार रात में उतरा MiG-29K लड़ाकू विमान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना को दी


भारतीय नौसेना ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मिग-29K ने आईएनएस विक्रांत पर रात के अंधेरे में लैंडिंग कर इतिहास रचा है। भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा है कि यह नौसेना की आत्मानिर्भरता के प्रति उत्साह का संकेत है। भारतीय नौसेना ने इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और कदम के रूप में मार्क किया है। भारतीय नौसेना ने पहली रात लैंडिंग का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है।

MiG-29K जेट आईएनएस विक्रांत के फाइटर फ्लीट यानी लड़ाकू बेड़े का हिस्सा है. MiG 29K लड़ाकू विमान एक बेहद उन्नत विमान है, जो किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। यह ध्वनि से दोगुनी रफ्तार (2000 किमी प्रतिघंटा) पर उड़ सकता है। यह अपने वजन से आठ गुना ज्यादा भार ले जाने में सक्षम है. यह 65000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है।

रात के समय एयरक्राफ्ट कैरियर पर किसी विमान का उतरना नौसैनिकों के लिए चुनौतीपूर्ण माना जाता है, क्योंकि एयरक्राफ्ट कैरियर 40-50 किमी/घंटा की गति से आगे बढ़ रहा होता है और पायलटों को जेट की गति से तालमेल बैठाए रखना होता है।

इससे पहले तेजस विमान के नौसैनिक वर्जन ने आईएनएस विक्रांत पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। हालांकि, तब यह लैंडिंग दिन के वक्त ही करवाई गई थी। इसके अलावा कामोव 31 हेलीकॉप्टर को भी 28 मार्च को आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया था।

मिग-29K की लैंडिंग को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "आईएएनएस विक्रांत पर मिग-29K की रात में पहली लैंडिंग के परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना को बधाई देता हूं। यह उल्लेखनीय उपलब्धि विक्रांत चालक दल और नौसेना के पायलटों के कौशल, दृढ़ता और व्यावसायिकता का प्रमाण है।

INS विक्रांत भारत में बनने वाला पहला एयरक्राफ्ट कैरियर

आईएनएस विक्रांत भारत में बनने वाला पहला एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसका निर्माण केरल में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) की ओर से किया गया था. भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के नाम पर ही इस स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम रखा गया। 45000 टन के आईएनएस विक्रांत को 20000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था। इसे पिछले साल सितंबर में नौसेना में शामिल किया गया था।

MiG-29K विमान की खासियत

-माना जा रहा है कि MiG-29K विमान अगले 10-15 वर्षों तक कारगर रहेंगे, लेकिन बड़ी समस्या यह है कि भारतीय वायु सेना के बेड़े में इसकी संख्या घट रही है। वायु सेना में अभी MiG-29K के 32 स्कॉड्रन हैं और सेना इसकी कमी से जूझ रही है।

-MiG-29K चौथे जेनरेशन के हाईटेक विमान हैं, जो नेवी के एयर डिफेंस मिशन में बेहद कारगर हैं। किसी भी मौसम में बराबर क्षमता के साथ काम करने वाले ये विमान समुद्र और जमीन पर एक जैसा वार कर सकते हैं।

-MiG-29K में मल्टी फंक्शनल डिस्प्ले (एमएफडी), डिजिटल स्क्रीन और ग्लास की कॉकपिट है। पहले इसका जो वर्जन खरीद गया था उसे बाद में अपग्रेड किया गया है जिसके चलते इसकी मारक क्षमता भी बढ़ी है। अब MiG-29K हवा से हवा, हवा से जमीन और एंटी शिपिंग अभियानों को भी अंजाम दे सकते हैं। यानी कि समुद्री सतह पर मार करने में भी यह सक्षम है जिसके चलते नेवी ने अपने साथ इसे जोड़ा है।

-रूस के विमानवाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव पर MiG-29K की तैनाती होती थी। बाद में भारत ने इसे खरीद लिया और 2010 में इन लड़ाकू विमानों को तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी की मौजूदगी में नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया।

-दो दशक से अधिक समय के इंतजार के बाद नौसेना ने MiG-29K को हासिल किया था. इससे पहले, नौसेना ने अस्सी के दशक में ‘शॉर्ट टेक ऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग' (एसटीओवीएल) ‘सी हैरियर्स' खरीदे थे जो ब्रिटेन में बने लड़ाकू विमान थे।

-MiG-29K में जो हथियार लगे हैं उनमें “ए-ए”, “ए-एस” मिसाइल, गाइडेड एरियल बम, रॉकेट, हवाई बम और 30 मिमी कैलिबर की बनी एयर गन शामिल हैं। ग्राहक के अनुरोध पर नए प्रकार के हथियारों को इसमें सेट किया जा सकता है।

-MiG-29K हाईटेक टारगेट और नेविगेशन सिस्टम, क्वाड-रिडंडेंट फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, रडार और ऑप्टिकल लोकेटिंग स्टेशन, हेलमेट-माउंटेड टारगेट/ डिस्प्ले सिस्टम, कम्युनिकेशन-सेल्फ डिफेंस इक्विपमेंट, कॉकपिट इंस्ट्रूमेंटेशन से लैस है। उच्च उड़ान सुरक्षा, हथियारों का प्रभावी उपयोग, नेविगेशन और प्रशिक्षण कार्यों को संभालते में भी इस विमान का बड़ा रोल है।

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May 26 2023, 14:13

उत्तराखंड में भाजपा समलैंगिक विवाह व लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ, यूसीसी से कहा, इसको कानूनी मान्यता नहीं दी जाए

उत्तराखंड प्रदेश भाजपा ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का समर्थन किया। पार्टी ने विशेषज्ञ समिति को दो टूक कहा कि वह समलैंगिक विवाह व लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ है। इन्हें कानूनी मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। पार्टी ने विशेषज्ञ समिति के समक्ष अपना मत प्रस्तुत किया। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विशेषज्ञ समिति से कहा कि भाजपा यूसीसी के पक्ष में है और इसे संविधान सम्मत मानती है।

पार्टी का मानना है कि किसी भी धर्म, समाज एवं वर्ग में महिलाओं का विवाह, तलाक, संपत्ति आदि सभी विषयों में समान अधिकार होना चाहिए और देवभूमि स्वरूप बना रहना चाहिए। चूंकि नागरिक देश व समाज का प्रथम आधार है, इसलिए उनके अधिकारों का निर्धारण महत्वपूर्ण विषय है। ये अधिकार देश की एकता व अखंडता की रक्षा के मूलभूत सिद्धांत पर आधारित होने चाहिए।

पार्टी का मानना है कि नागरिकों के अधिकार तय करते समय देश व प्रदेश की संस्कृति और विरासत को भी ध्यान में रखना चाहिए। भारत व उत्तराखंड की मूल पहचान पर इनका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। समान नागरिक संहिता का महत्वपूर्ण विषय समानता का होना अपेक्षित है, जो समाज के हर वर्ग में समानता का भाव पैदा करे। इस आशय का संदेश न जाए कि कि कोई वर्ग विशेष या समुदाय विशेष, अलग से विशेष अधिकार रखता है। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल व सत्यवीर चौहान शामिल थे।

महिलाओं को संपत्ति में पुरुषों के समान अधिकार हों

भाजपा ने कहा कि महिलाओं के अधिकार पुरुषों के समान होने चाहिए और किसी भी वर्ग में महिलाएं उपेक्षित या दोयम दर्जे की दिखाई नहीं देनी चाहिए। उन्हें संपत्ति में पुरुषों के समान अधिकार हों, उन्हें मायके में बचपन और फिर विवाह के बाद ससुराल में समान अधिकार मिलने चाहिए। इसी तरह तलाक़ की स्थिति में भी जो अधिकार पुरुषों के हैं, वही अधिकार महिलाओं के भी होने चाहिए।

भाजपा ने ये सुझाव भी दिए

– सभी धर्मों के अनुयायियों के अधिकार समान हों, जिससे समाज में परस्पर सम्मान व सौहार्द का वातावरण बना रहे

– किसी धर्म के अनुयायियों को ऐसा कोई कार्य करने का अधिकार नहीं होना चाहिए जो अन्य धर्म के लोगों के लिए परेशानी बने

– अवैध धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक ज़रूरी, स्वेच्छा से धर्म बदलने की प्रक्रिया हो

– अनुमति के बाद ही धार्मिक स्थलों के निर्माण हो

– विवाह, तलाक़ या अन्य सामाजिक मामलों में धर्म या परंपरा के नाम पर चल रही कुरीतियां दूर की जानी चाहिए।

– पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए प्रत्येक विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए।

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May 26 2023, 12:20

उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब में भारी बर्फबारी और बारिश के कारण दूसरे दिन भी रोकी गई यात्रा, गोविंदघाट व घांघरिया में रुके यात्री

हेमकुंड साहिब में बर्फबारी के चलते गुरुवार को घांघरिया से हेमकुंड के लिए गए 180 यात्रियों को अटलाकोटी से वापस लौटना पड़ा। यात्रा आज शुक्रवार को भी सुचारू नहीं हो सकी है। बर्फ के चलते दो दिनों के लिए हेमकुंड यात्रा रोकी गई है। यात्रियों को गोविंदघाट व घांघरिया गुरुद्वारे में रखा गया है।

बुधवार रात्रि से रुर रुक कर हो रही वर्षा व बर्फबारी हो रही हेमकुंड साहिब में अटलाकोटी से आगे बर्फबारी से पैदल मार्ग बाधित हो गया था। बताया गया कि पैदल मार्ग पर एक फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है।

गुरुवार तड़के घांघरिया से रवाना हुए जत्थे को गुरुद्वारा के स्वयं सेवकों व पुलिस एसडीआरएफ ने अटलाकोटी से वापस भेजा यहां से तीन किमी क्षेत्र हेमकुंड जाने का रास्ता बर्फ से ढक गया था। इस पर आवाजाही खतरे से खाली नहीं थी।

बताया गया कि इसके बाद गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मेनेजमेंट ट्रस्ट व प्रशासन ने हेमकुंड यात्रा को दो दिनों के लिए रोकने का निर्णय लिया। गुरुद्वारा के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड यात्रा को शुक्रवार तक के लिए रोक दी गई है।

शुक्रवार को अगर मौसम साफ रहा तो सबसे पहले पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य शुरु होगा। सुरक्षित राह बना कर यात्रियों को हेमकुंड यात्रा पर भेजा जाएगा।

बताया गया कि हेमकुंड साहिब में बर्फ की मोटी चादर बिछी है। बताया गया कि जोशीमठ, गोविंदघाट, घांघरिया में हेमकुंड दर्शनों को जाने वाले 1100 से अधिक यात्री हेमकुंड साहिब यात्रा पैदल मार्ग सुचारु होने का इंतजार कर रहे हैं।

बदरीनाथ में वर्षा से बढ़ी ठंड

चमोली जिले में दिनभर रुक रुक कर वर्षा होती रही। बदरीनाथ धाम में भी चोटियों में बर्फबारी व निचले स्थानों में वर्षा हुई है। जिससे ठंड बढ़ी है। हालांकि बदरीनाथ धाम में यात्रा सुचारु है। यात्रियों ने राहत की सांस ली। धाम में चोटियों में बर्फबारी से यहां की छठा देखते ही बन रही है।

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May 26 2023, 12:19

उत्तराखंड के खटीमा में शारदा नदी में गिरी कार, महिला समेत पांच लोगों की मौत, पुलिस ने शवों को निकाला बाहर

उत्तराखंड के खटीमा ऊधम सिंह नगर जिले में देर रात बड़ा हादसा हो गया। जिले में एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर शारदा नदी में डूब गई। इस हादसे में चालक, महिला समेत पांच लोगों की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने नदी से कार निकाल कर शवों को निकाला बाहर। शवों को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक चिकित्सालय में रखा गया है।

गुरुवार देर रात शारदा नदी में गिरी कार में पांच लोगों की जान चली गई। इस दर्दनाक हादसे में मृतकों की पहचान द्रोपदी, ज्योति, दीपिका,सोनू और कार चालक मोहन सिंह धामी के रूप में हुई हैं।

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May 26 2023, 12:08

बीपीएससी से होने वाली विद्यालय शिक्षक के पद पर नियुक्ति को नियोजित शिक्षकों की उम्र सीमा की बाध्यता खत्म, बिहार सरकार ने जारी की अधिसूचना

बीपीएससी से होने वाली विद्यालय शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए नियोजित शिक्षकों की उम्र सीमा शिथिल कर दी गयी है। अब परीक्षा के लिए उनकी उम्र सीमा की बाध्यता नहीं होगी। यही नहीं 2019 में एसटीईटी पास करने वाले प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को पहले प्रयास के लिए उम्र सीमा में 10 वर्षों की छूट दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार ने बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 में नियुक्ति के लिए आवेदकों की उम्र को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दिया है। इसके तहत नियुक्ति के लिए आयु की गणना नियुक्ति वर्ष की पहली अगस्त को आधार मानकर किया जाएगा। 

पूर्व में पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने वाले प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इस नियमावली के प्रवृत्त होने के पश्चात नियुक्ति के प्रथम समव्यवहार में अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट देय होगी।

इसी तरह इस नियमावली के प्रवृत्त होने के पूर्व पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इस नियमावली के प्रवृत्त होने के पश्चात नियुक्ति नियुक्ति के प्रथम समव्यवहार में अधिकतक आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट 1 अगस्त 2023 को आधार मानकर देय होगी। लेकिन, एसटीईटी 2019 में उत्तीर्ण प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इस नियमावली के अधीन नियुक्ति में अधिकतक आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट 1 अगस्त 2019 को आधार मानकर की जाएगी।

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May 26 2023, 11:49

उत्तरप्रदेश में आजम खान की सीट से चुन कर आए BJP विधायक को हाई कोर्ट का नोटिस, SP प्रत्याशी ने की चुनाव रद्द करने की मांग

उत्तरप्रदेश में मोहम्मद आजम खान की सीट से निर्वाचित रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा प्रत्याशी आसिम राजा की चुनाव याचिका पर नोटिस जारी किया है। सपा प्रत्याशी आसिम राजा ने चुनाव याचिका में रामपुर से चुने गए बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना पर करप्ट प्रैक्टिस का आरोप लगाया गया है।

आरोप है कि बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने वोटरों को घर से बाहर निकलने नहीं दिया। याचिका में सपा प्रत्याशी आसिम राजा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी लाल पर्ची का डर दिखाकर वोटरों को वोट नहीं देने दिया। सपा प्रत्याशी आसिम राजा की ओर से आरोप लगाया कि चुनाव के दिन विशेष समुदाय के वोटरों को टारगेट किया गया और उन्हें उनके संवैंधानिक वोट देने के अधिकार से वंचित रखा गया, वोटर्स को पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंचने दिया गया। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया है कि वोटर्स को डराया-धमकाया गया है। याचिका में बताया गया ये सभी उनके समुदाय के उनके कैडर वोटर्स थे।

सपा प्रत्याशी आसिम राजा का आरोप है कि जिन्हें वोट देने से रोका गया उनमें ज्यादातर वोटर उनके थे। इस मामले में निर्वाचन आयोग से भी उन्होंने शिकायत की थी। सपा प्रत्याशी आसिम राजा ने चुनाव याचिका में बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना का निर्वाचन रद्द करने की मांग की गई है।

मामले पर अगस्त में होगी सुनवाई

सपा प्रत्याशी आसिम राजा की याचिका पर गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना को नोटिस जारी किया है। याचिका पर अधिवक्ता एम ए हसीन और कमरुल हसन सिद्दीकी ने अपने मुव्वकिलों का पक्ष रखा। जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। अगस्त के पहले हफ्ते में इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई करेगा।