मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मिले अरविंद केजरीवाल, अध्यादेश के खिलाफ मांगा समर्थन

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 में नौकरशाहों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार एलजी को दिए जाने के केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ बवाल मचा हुआ है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अब विपक्षी नेताओं के समर्थन के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मातोश्री पहुंचकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना के नेताओं से मिले।इस दौरान उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद थे। इसके अलावा आप सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा के साथ-साथ दिल्ली की केबिनट मंत्री आतिशी भी मौजूद रहीं।

उनका देश की न्यायपालिका पर कोई भरोसा नहीं -केजरीवाल

मुलाकात के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुझसे वादा किया है कि वो अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में साथ देंगे। आगे केजरीवाल ने कहा, जैसे ही दिल्ली में हमारी सरकार बनी वैसे ही केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिये हमारी सारी शक्तियां छीन लीं। आठ साल की लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया और कहा कि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार के पास शक्तियां होनी चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार ने अदालत के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाकर यह साबित कर दिया है कि उनका देश की न्यायपालिका पर कोई भरोसा नहीं है। केंद्र सरकार ने यह भी साबित कर दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते हैं। अगर ऐसा ही है तो फिर चुनाव क्यों करवाए जाते हैं, क्यों सरकार बनवाई जाती है। अगर ऐसा ही है तो सरकार का गठन नहीं कराना चाहिए।

प्रजातंत्र को बचाने के लिए साथ मिलकर काम करना होगा- उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम रिश्ता मानने और उसे संभालने वाले लोग हैं। राजनीति अपनी जगह पर है। अगला साल चुनाव का साल है। इसलिए अगर इस बार ट्रेन छूट गयी तो फिर हमारे देश से लोकतंत्र खत्म हो जायेगा। इसलिए लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो फैसले दिए। जिसमें से एक दिल्ली के बारे में और दूसरा शिवसेना के बारे में था।

बता दें कि केजरीवाल ने मंगलवार से देशव्यापी दौरे की शुरुआत की है। केजरीवाल नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन मांगने के लिए दौरे कर रहे हैं। अध्यादेश के मुद्दे पर अब अरविंद केजरीवाल महाविकास अघाड़ी के संयोजक शरद पवार से भी मिलेंगे। मंगलवार को केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात कर उनका समर्थन मांगा था।

पीएम मोदी 28 मई को देश को समर्पित करेंगे नई संसद, अमित शाह बोले- नए भवन में चोल वंश से जुड़ा सेंगोल किया जाएगा स्थापित

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गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें उन्होंने नई संसद को लेकर सिलसिलेवार जानकारी दी। शाह ने कहा कि इसका उदघाटन पीएम मोदी 28 मई को करेंगे। उन्होंने इसे पीएम मोदी की दूरदर्शिता का प्रमाण बताया। इस दौरान उन्होंने ऐतिहासिक सेंगोल भी दिखाया जो स्वतंत्रता के हस्तांतरण का प्रतीक है।

नया संसद भवन प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शिता का प्रमाण-अमित शाह

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अमित शाह बोले, पीएम मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है। इस अवसर पर पीएम सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे।शाह ने कहा, आजादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री जी ने जो कुछ लक्ष्य तय किए थे, उसमें एक लक्ष्य हमारी ऐतिहासिक परंपराओं का सम्मान और उनका पुनर्जागरण भी था। शाह ने कहा कि एक प्रकार से नया संसद भवन प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शिता का प्रमाण है। जो नए भारत के निर्माण में हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का एक सुंदर प्रयास है।

ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी- अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा, उद्घाटन समारोह में एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी जिसके पीछे युगों से जुड़ी परंपरा है। इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है जिसका सीधा मतलब संपदा से संपन्न होता है। अमित शाह बोले, 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी। इसके 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है। सेंगोल ने हमारे इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी। ये सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो गहन जांच करवाई गई। फिर निर्णय लिया गया कि इसे देश के सामने रखना चाहिए। इसके लिए नए संसद भवन के लोकार्पण के दिन को चुना गया।

संसद से उपयुक्त स्थान कोई और नहीं- अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि नए भवन में सेंगोल रखा जाएगा। सेंगोल अंग्रेजों से सत्ता मिलने का प्रतीक है। शाह ने बताया कि सेंगोल जिसे प्राप्त होता है, उससे उम्मीद की जाती है कि न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन की अपेक्षा की जाती है। सेंगोल की स्थापना के लिए देश का संसद भवन अधिक उपयुक्त स्थान है, ससंद से अधिक उपयुक्त, पवित्र और उचित स्थान कोई नहीं हो सकता। सेंगोल को किसी संग्राहलय में रखना अनुचित है। इसलिए पीएम मोदी जब संसद भवन देश को समर्पित करेंगे तब उन्हें तमिलनाडु से आया सेंगोल प्रदान किया जाएगा।  

क्या है सेंगोल

सेंगोल को हिंदी में राजदंड कहते हैं, इसका इस्तेमाल चोल साम्राज्य में होता था, जब चोल साम्राज्य का कोई राजा अपना उत्तराधिकारी घोषित करता था तो सत्ता हस्तांतरण के तौर पर सेंगोल दिया जाता था। यह चोल साम्राज्य के समय से चली आ रही परंपरा है। खास तौर से तमिलनाडु और दक्षिण के अन्य राज्यों में सेंगोल को न्यायप्रिय और निष्पक्ष शासन का प्रतीक माना जाता है। कुछ इतिहासकार मौर्य और गुप्त वंश में भी भी सेंगोल को प्रयोग किए जाने की बात कहते हैं।

नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सियासत जारी, कांग्रेस-आप-टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने किया समारोह के बहिष्कार का ऐलान

#boycottparliamentnewbuildinginauguration

देश के नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, इससे पहले देश में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी दल नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बदले पीएम मोदी के द्वारा कराए जाने की आलोचना कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की बात कही है। 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।

नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर चल रहे सियासी घमासान के शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। 28 मई को होने वाले इस कार्यक्रम का हम भी बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया, इसी लिए देश के विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया, लेकिन उनको राष्ट्रपति भवन से बाहर तक नहीं आने दिया जाता है।

नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए। संयुक्त विपक्ष भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगा। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह इस बारे में उचित समय पर उचित फैसला करेगी कि संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होना है या नहीं। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है।उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है?

इन राजनीतिक दलों ने किया बहिष्कार

तृणमूल कांग्रेस ने सबसे पहले समारोह में शामिल नहीं होने की बात कही थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने भी समारोह में नहीं जाने का एलान किया।भारतीय भाकपा ने मंगलवार को उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की जानकारी दी थी।बुधवार सुबह ही राजद ने घोषणा की है की वह समारोह का बहिष्कार करेगा। एनसीपी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी।द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी। विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) भी 28 मई को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं होगी।

संयुक्त बयान हो सकता है जारी

सूत्रों के मुताबिक, समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को लेकर विचार-विमर्श किया है। कहा जा रहा है कि जल्द ही सदन के सभी नेता एक संयुक्त बयान जारी कर सकते हैं। इसमें कार्यक्रम के संयुक्त बहिष्कार की घोषणा की जाएगी। हालांकि, कई पार्टियां पहले ही कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बात कह चुकी हैं। 

28 मई की तारीख पर भी उठाए सवाल

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने उद्घाटन की तारीख पर भी सवाल उठाए हैं। दरअसल 28 मई को वीर सावरकर की जयंती है। उनका जन्म 28 मई 1883 को हुआ था। इस साल 28 मई को उनकी 140वीं जयंती मनाई जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है, इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है।

*नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सियासत जारी, कांग्रेस-आप-टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने किया समारोह के बहिष्कार का ऐलान*

#boycottparliamentnewbuildinginauguration

देश के नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, इससे पहले देश में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी दल नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बदले पीएम मोदी के द्वारा कराए जाने की आलोचना कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की बात कही है। 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।

नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर चल रहे सियासी घमासान के शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। 28 मई को होने वाले इस कार्यक्रम का हम भी बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया, इसी लिए देश के विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया, लेकिन उनको राष्ट्रपति भवन से बाहर तक नहीं आने दिया जाता है।

नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए। संयुक्त विपक्ष भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगा। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह इस बारे में उचित समय पर उचित फैसला करेगी कि संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होना है या नहीं। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है।उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है?

इन राजनीतिक दलों ने किया बहिष्कार

तृणमूल कांग्रेस ने सबसे पहले समारोह में शामिल नहीं होने की बात कही थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने भी समारोह में नहीं जाने का एलान किया।भारतीय भाकपा ने मंगलवार को उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की जानकारी दी थी।बुधवार सुबह ही राजद ने घोषणा की है की वह समारोह का बहिष्कार करेगा। एनसीपी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी।द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी। विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) भी 28 मई को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं होगी।

संयुक्त बयान हो सकता है जारी

सूत्रों के मुताबिक, समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को लेकर विचार-विमर्श किया है। कहा जा रहा है कि जल्द ही सदन के सभी नेता एक संयुक्त बयान जारी कर सकते हैं। इसमें कार्यक्रम के संयुक्त बहिष्कार की घोषणा की जाएगी। हालांकि, कई पार्टियां पहले ही कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बात कह चुकी हैं। 

28 मई की तारीख पर भी उठाए सवाल

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने उद्घाटन की तारीख पर भी सवाल उठाए हैं। दरअसल 28 मई को वीर सावरकर की जयंती है। उनका जन्म 28 मई 1883 को हुआ था। इस साल 28 मई को उनकी 140वीं जयंती मनाई जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है, इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है।

आप सांसद संजय सिंह का दावा, करीबियों के घर पर ईडी कर रही रेड

#aap_mp_sanjay_singh_claims_ed_raids_going_on_at_places_of_close_ones

दिल्ली शराब घोटाला मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आप नेता और सांसद संजय सिंह के सहयोगियों के घर छापेमारी की। आप सांसद संजय सिंह ने बुधवार को दावा किया है कि उनके करीबियों और स्टॉफ के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमें छापेमारी कर रही हैं।बता दें कि सांसद संजय सिंह इस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दूसरे दलों के नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली से बाहर गए हुए हैं। इस बीच उनके करीबियों पर शिकंजा कसा है।

इस कार्रवाई के खिलाफ आप सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जब उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला तो ईडी इस तरह का हथकंडा अपना रही है। संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मोदी की दादागिरी चरम पर है। मैं मोदी की तानाशाही के खिलाफ लड़ रहा हूं।ईडी की फर्जी जांच को पूरे देश के सामने उजागर किया।ईडी ने मुझसे गलती मानी। जब कुछ नही मिला तो आज मेरे सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घर ईडी ने छापा मारा है। सर्वेश के पिता कैंसर से पीड़ित हैं, ये जुर्म की इंतेहा है। चाहे जितना जुर्म करो लड़ाई जारी रहेगी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने कहा कि वे कई स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं, जिसमें संजय सिंह के करीबी सहयोगी अजीत त्यागी के आवास और कार्यालय और अन्य व्यवसायी और ठेकेदार शामिल थे, जिन्हें कथित रूप से दिल्‍ली की शराब नीति से लाभ हुआ था। ये मामला उन आरोपों से संबंधित है कि संजय सिंह और उनके सहयोगियों ने 2020 में शराब की दुकानों और वितरकों को लाइसेंस देने के दिल्ली सरकार के फैसले में भूमिका निभाई, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ और भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का उल्लंघन हुआ।

*मणिपुर को फिर दहलाने की कोशिश नाकाम! सेना के हाथ लगा हथियार और गोला बारूद का जखीरा*

#manipur_ammunitions_including_shotgun_and_grenade_recovered_indian_army

मणिपुर में हालात तनावपूर्ण है। हालांकि सेना की निगहबानी में स्थिति काबू में है। इस बीच सेना की चौकसी से मणिपुर को फिर से दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम हुई है। भारतीय सेना ने मंगलवार रात एक कार को पकड़ा, जिसमें भारी मात्रा में हथियार ले जाए जा रहे थे।इनपुट्स के आधार पर मणिपुर में भारतीय थल सेना ने असम राइफल्स के साथ एक्शन में बड़ी कार्रवाई करते हुए हथियारों के जखीरे के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना के हवाले से कहा, ‘इनपुट्स के आधार पर एक मोबाइल व्हीकल चेक पोस्ट को मणिपुर के कांगचुक चिंगखोंग जंक्शन में स्थापित किया गया था। मंगलवार रात 9:35 बजे एक कार को रोका गया, जिसमें से 5 शॉटगन, 5 इम्प्रोवाइज्ड लोकल ग्रेनेड और 3 कार्टन शॉटगन गोला बारूद बरामद किए गए।’ सेना ने अपने बयान में कहा कि कार में सवार तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बरामद हथियारों के साथ उनको पुलिस को सौंप दिया गया है।

इससे पहले इंफाल पूर्व जिले के न्यू चेकोन इलाके में एक पूर्व विधायक समेत हथियारबंद चार लोगों ने सोमवार को लोगों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए बाध्य किया, जिसके बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी थी। पुलिस ने बताया कि इंफाल पूर्व जिले में फुखाओ और लेइतानपोकपी समेत कुछ जगहों पर लाइसेंसी बंदूकों से लैस स्थानीय लोग अस्थायी ‘बंकर’ बनाकर किसी भी संभावित हमले के खिलाफ अपने इलाकों की रक्षा करते हुए पाए गए। सोमवार को इंफाल पश्चिम में सिनम खैतोंग गांव में सुरक्षाबलों ने ऐसे पांच ‘बंकर’ नष्ट कर दिए। एक दिन पहले फिर हिंसा भड़कने के बाद मंगलवार (23 मई) को स्थिति तनावपूर्ण रही, लेकिन हालात अभी काबू में हैं।

बता दें कि मणिपुर में करीब 20 दिन की शांति के बाद सोमवार को एक बार फिर से हिंसक घटनाएं हुईं थीं। हालांकि, सेना के चौकसी बढ़ाने के बाद मंगलवार को राज्य में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। राज्य में आरक्षण की मांग को लेकर 3 मई को जातीय हिंसा हुई थी। इस हिंसा में करीब 70 लोगों की मौत हो गई थी और बड़ी संख्या में घरों में आग लगा दी गई थी। इसके बाद बीते कई दिनों से राज्य में शांति थी और लग रहा था कि हालात धीरे धीरे काबू में आ रहे हैं।

*जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बड़ा सड़क हादसा, खाई में गिरी गाड़ी, 7 की मौत, एक गंभीर रूप से जख्मी*

#accident_in_kishtwar_of_jammu_and_kashmir_people_died

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बुधवार को एक वाहन के सड़क से फिसलकर गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई, वहीं एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।मिली जानकारी के मुताबिक ढंगदुरु पावर प्रोजेक्ट के कर्मचारियों को ले जा रहा वाहन हादसे का शिकार हो गया।

इस हादसे की पुष्टी करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया, अभी-अभी डीसी किश्तवाड़ डॉ. देवांश यादव से डांगदुरु बांध स्थल पर हुए दुर्भाग्यपूर्ण सड़क हादसे के बारे में बात की। घटना में 7 लोगों की मौत हो गई है और 1 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है। घायलों को आवश्यकता के अनुसार जिला अस्पताल किश्तवाड़ या जीएमसी डोडा में स्थानांतरित किया जा रहा है। जरूरत के मुताबिक हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, डंगडुरु पावर प्रोजेक्ट (डाचन क्षेत्र) के पास जाकर क्रूजर वाहन सड़क हादसे का शिकार हुआ। इस वाहन में वो लोग सवार थे, जो काम के सिलसिले से जा रहे थे। प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहे इन लोगों को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उनके साथ इस तरह का हादसा हो सकता है। हादसे से जुड़ी तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिस जगह दुर्घटना हुई है, वहां पर लोगों की भीड़ भी जमा हो गई है।

पीएम मोदी ने अल्बनीज के साथ की द्विपक्षीय वार्ता, मंदिरों पर हमले को लेकर दिया सख्त संदेश

#pmmodimeetsaustralianpmanthonyalbanese

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय दौरे पर ऑस्ट्रेलिया में हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय बैठक की है। बैठक में ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हो रहे हमलों का मुद्दा भी उठा।बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी भाग लिया। इससे पहले पीएम मोदी को एडमिरल्टी हाउस में सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।बैठक के बाद दोनों देशों ने समझौता ज्ञापनों पर (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। साथ ही दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने सख्त लहजे में कहा कि ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले बर्दाश्त नहीं है।पीएम मोदी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर होने वाले हमलों और अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों के संबंध में हमने पहले भी बात की है और आज भी बात हुई है। दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को कोई भी तत्व अपने विचारों और एक्शन से आघात पहुंचाए ये हमें बर्दाश्त नहीं है।

ऑस्ट्रेलिया के संबंध टी20 मोड में-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, क्रिकेट की भाषा में कहूं तो हमारे और ऑस्ट्रेलिया के संबंध टी20 मोड में आ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच जीवित पुल है। आज प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से वार्ता में हमने अगले दशक में अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की बात की। नए क्षेत्रों में आपसी सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध केवल दो देशों तक सीमित नहीं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध केवल दो देशों तक सीमित नहीं है। दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय स्थिरता, शांति और विश्व कल्याण से भी जुड़ा है। क्वाड समिट के दौरान हमने इंडो पैसिफिक पर भी चर्चा की थी।द्विपक्षीय बैठक में खनन और खनिज को लेकर रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा हुई है।

क्रिकेट विश्व कप में भारत आने का न्योता

इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने एंथोनी अल्बनीज को क्रिकेट विश्व कप में भारत आने का न्योता भी दिया। पीएम मोदी ने इस साल भारत में होने वाले क्रिकेट विश्व कप के लिए अल्बनीज और सभी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रशंसकों को भारत आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि उस समय आपको भारत में भव्य दिवाली का जश्न भी देखने को मिलेगा।

भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधो को यूं किया परिभाषित

पीएम मोदी की तीन दिवसीय ऑस्ट्रेलिया यात्रा का बुधवार को आखिरी दिन है। इसके पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री सिडनी में सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित किया।इस दौरान पीएम मोदी ने 20000 से ज्यादा भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया था।इस दौरान पीएम मोदी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को तीन C कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और करी। फिर तीन D पर डेमोक्रेसी, डायस्पोरा और दोस्ती और तीन E एनर्जी, इकोनॉमी और एजुकेशन पर आधारित पर बताया था।

*अरविंद केजरीवाल ने ममता बनर्जी से की मुलाकात, अध्यादेश कानून बनाने से रोकने के लिए मांगा समर्थन*

#arvind_kejriwal_meets_mamata_banerjee

आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करने कोलकाता पहुंचे। उनके साथ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, आप नेता राघव चड्ढा और आतिशी भी थे।केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर दिल्ली के सीएम ने ममता से मुलाकात कर समर्थन मांगा।ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी अध्यादेश का विरोध करेगी।

मीटिंग के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जहां इनकी (बीजेपी) सरकार नहीं होती है, वहां राज्यपाल के जरिए शासन चलाया जाता है।केजरीवाल ने कहा कि हमने पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में देखा कि राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं। दिल्ली में इन्होंने जो किया वह जनतंत्र के खिलाफ है। देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए। मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि राज्यसभा में इन्होंने कहा कि वे हमारा समर्थन करेंगी। राज्यसभा में अगर यह बिल गिर जाता है तो यह 2024 से पहले सेमीफाइनल होगा।

केजरीवाल ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने हमारी सारी शक्तियां छीन ली है। यह लोग सीबीआई का मनमाना इस्तेमाल करके देश भर में विपक्ष की सरकारों को परेशान करने का काम कर रहे हैं।जनता से जुड़े कोई काम बीजेपी हमें नहीं करने दे रही है।ऐसे में इस अहंकारी केंद्र सरकार को हटाना जरूरी हो गया है।

वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के लाए गए अध्यादेश का टीएमसी विरोध करेगी। हम इस मुद्दे पर सभी दलों से साथ आने की अपील करते हैं।अगर जरूरत पड़ेगी तो फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। ममता ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, चुनाव के लिए केवल छह महीने रह गए हैं, हो सकता है उससे पहले भी कोई चमत्कार हो जाए और केंद्र की सरकार चली जाए।

बता दें कि दिल्ली में एलजी के साथ अधिकार के मुद्दे पर चल रही केजरीवाल की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद काफी हद तक उनके पक्ष में चली गई थी। लेकिन केंद्र के अध्यादेश के बाद एक बार फिर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अपनी हार नजर आ रही है। केजरीवाल की अगुवाई वाली आप, केंद्र सरकार के इस कदम से काफी भड़क गई थी। केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आज मुलाकात की।

*'C,D,E पर आधारित भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध', क्रिकेट से लेकर मास्टरशेफ तक, जानें पीएम मोदी की सिडनी स्पीच ती बड़ी बातें*

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित किया।प्रधानमंत्री ने अपने ह‍िंदी में द‍िये भाषण से न केवल ऑस्‍ट्र‍ेलिया बल्‍क‍ि दुन‍िया में अपनी लोकप्रियता को जन-जन तक पहुंचाने का काम क‍िया है। उन्होंने कहा कि मैं जब 2014 में आया था तब आपसे एक वादा किया था कि आपको फिर भारत के किसी प्रधानमंत्री का 28 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आज सिडनी में, इस एरीना में, मैं फिर हाजिर हूं और मैं अकेला नहीं आया हूं, प्रधानमंत्री अल्बनीज भी मेरे साथ आए हैं।

पीएम मोदी ने 'नमस्ते ऑस्ट्रेलिया' से अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पीएम को अपना 'दोस्त' बताया। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने पीएम मोदी को 'बॉस' बताते हुए उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने कहा , 'थैंक्यू, माई फ्रेंड एंथनी'।

पीएम मोदी ने कहा, 'एक समय था जब कहा जाता था कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को तीन C डिफाइन करते हैं। कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और करी। फिर कहा गया कि ये तीन D पर आधारित हैं। डेमोक्रेसी, डायस्पोरा और दोस्ती। कुछ लोगों ने इसे तीन E पर आधारित पर बताया। एनर्जी, इकोनॉमी और एजुकेशन। पीएम का कहना है कि इन सभी संबंधों का सबसे बड़ा आधार है मुच्युल ट्रस्ट और रिस्पेक्ट है। दोनों देशों के संबंध सिर्फ डिप्लोमेसी से ही मजबूत नहीं हुए हैं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय लोग इसकी असली ताकत रहे हैं।

भारतीय प्रधानमंत्री ने भारत और ऑस्‍ट्रेल‍िया के आपसी और दोस्‍ताना संबंधों का गर्मजोशी के साथ ज‍िक्र क‍िया और कहा क‍ि मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि आप सबने आजादी का अमृत महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया है। हमारे क्रिकेट के रिश्ते को 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। क्रिकेट की फील्ड पर मुकाबला जितना रोचक होता है उतनी ही गहरी हमारी ऑफ द फील्ड दोस्ती है। पीएम मोदी ने अपार जनसमूह को संबोध‍ित करते हुए कहा क‍ि हम भौगोलिक रूप से जरूर दूर है, लेकिन हिंद महासागर हमें जोड़ता है। योग हमें जोड़ता है और क्रिकेट से तो ना जाने हम कब से जुड़े हुए हैं। अब टेनिस भी हमें जोड़ रहा है। 

पीएम ने हैरिस पार्क में जयपुर स्वीट्स की चटकाज़ ‘चाट’ और ‘जलेबी’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि ये बहुत स्वादिष्ट हैं। उन्होंने भारतीय लोगों से अपील कि वह चाहते हैं वे सभी ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज को उस जगह ले जाएं। इसके पीएम ने कहा कि क्रिकेट के मैदान के बाहर भी दोनों देशों की दोस्ती बहुत गहरी है। पिछले साल जब शेन वॉर्न का निधन हुआ था तो सैकड़ों भारतीय भी मातम मना रहे थे। उन्हें ऐसा लगा जैसे उन्होंने अपने किसी बेहद करीबी को खो दिया है।