दिल्ली-एनसीआर में गर्मी ने दिखाया प्रचंड रूप, पारा 45 के पार, कई राज्यों में हीटवेव को लेकर यलो अलर्ट

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दिल्ली -एनसीआर समेत देश के अधिकांश राज्यों में लोग बीते कुछ दिनों से प्रचंड गर्मी झेल रहे हैं। उत्तर भारत की बात की जाए तो इस वक्त भीषण गर्मी लोगों को झुलसा रही है। ज्यादातर राज्यों में तापमान भी 40 डिग्री पार कर चुका है। दिल्ली में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है तो वहीं आने वाले दिनों में झुलसाने वाली गर्मी के लिए तैयार रहें। 

इन राज्यों में लू चलने की संभावना

मौसम विभाग की माने तो अभी इस गर्मी से राहत मिलनेन के आसार नहीं दिख रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दिल्ली-एनसीएर, दक्षिण हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल के लोगों को आज भी भीषण गर्मी झेलनी होगी। मौसम विभाग ने कहा है कि इन राज्यों में लू चलने की संभावना बनी हुई है। आईएमडी की मानें तो यूपी में आने वाले इस हफ्ते भीषण गर्मी पड़ने के आसार है. आज हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना के कुछ स्थानों पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने की संभावना है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में गर्म हवा चलने के आसार है।

प्रचंड गर्मी के बाद राहत वाली बारिश की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक, इस झुलसाने वाली गर्मी के बाद उत्तर पश्चिम भारत में आने वाले दिनों में बारिश के बाद मौसम साफ होगा और लोगों को गर्मी से निजात मिलेगी। वहीं आने वाले दिनों में उत्तराखंड के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत और अल्मोड़ा में हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा इस राज्य के बाकी इलाकों में मौसम शुष्क रह सकता है। 

जानें कब से मिलेगी राहत 

आईएमडी ने 21 से 25 मई के दौरान असम और मेघालय में कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही राजस्थान, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जगहों पर बिजली, तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे की गति) और गरज के साथ बारिश हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दौरान हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है। इससे तापमान में काफी हद तक कमी आएगी।

एफआईपीआईसी समिट में बोले पीएम मोदी-भारत अपनी क्षमताओं के हिसाब से सभी देशों की मदद करता रहा है

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए रविवार को गिनी पहुंचे। पीएम नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी में एपीईसी हाउस पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ द्विपक्षीय बैठक की। साथ ही सोमवार को पापुआ न्यू गिनी में भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।

समिट में अपनी बात को रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए पूरा विश्व एक परिवार की तरह है। वन फैमिल, वन फ्यूचर हमारा मूल मंत्र है। हमारे लिए पूरी दुनिया एक परिवार की तरह है। कोरोना काल में भई भारत ने कई देशों की मदद की। पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महामारी का प्रभाव ग्लोबल साउथ देशों पर सबसे अधिक पड़ा। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, भुखमरी, गरीबी और स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां पहले से ही थी अब नई परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं जैसे, फ्यूल, फर्टिलाइजर और फार्मा। इसकी सप्लाई में भी बाधाएं आ रही हैं। जिन्हें हम अपना मानते थे पता चला कि जरूरत पर वे हमारे साथ नहीं थे। इस कठिनाई के समय पुराना वाक्य सिद्ध हुआ कि 'ए फ्रेंड इन नीड इज ए फ्रेंड इन डीड'। 

भारत अपनी क्षमताओं के हिसाब से सभी देशों की मदद करता रहा- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत अपनी क्षमताओं के अनुरूप सभी साथी देशों की मदद करता रहा है। मैंने पहले भी कहा है मेरे लिए आप बड़े महासागरीय देश हैं, छोटे द्वीप राज्य नहीं। आपका महासागर ही भारत को आपके साथ जोड़ता है। इसके अलावा उन्होंने कहा, भारत ग्लोबल साउथ की चिंताओं उनकी अपेक्षाओं और उनकी आकांक्षाओं को जी20 के जरिए विश्व के समक्ष पहुंचाना अपना दायित्व मानता है। पिछले 2 दिनों में जी7 समिट में भी मेरा यहीं प्रयत्न था। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य आगे रखे हैं। मुझे खुशी है कि हम इन पर तेजी से काम कर रहे हैं।

भारत बहुपक्षवाद में विश्वास करता है-पीएम मोदी

विकास और भागीदारी की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप एक विश्वसनीय पार्टनर के रूप में भारत पर भरोसा कर सकते हैं। हम बिना किसी हिचकिचाहट के आपके साथ अपने अनुभव और क्षमताओं को साझा करने के लिए तैयार हैं। भारत बहुपक्षवाद में विश्वास करता है और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो पैसिफिक का समर्थन करते हैं।

पीएम मोदी के स्वागत के लिए तोड़ी परंपरा

पापुआ न्यू गिनी में पीएम मोदी के दौरे के दौरन रोचक बात है कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है। आम तौर पर वहां सूरज ढलने के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता है, मगर मोदी के लिए यह अपवाद रहा और उनका औपचारिक स्वागत किया गया। यही नहीं, मोदी के समकक्ष (उम्र में 20 बरस छोटे) जेम्स मारापे ने हवाई अड्डे पर भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत किया और सम्मान के तौर पर उनके पैर भी छुए।

क्या है एफआईपीआईसी?

भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) का गठन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान किया गया था। एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में 14 देशों के नेता भाग लेंगे। आम तौर पर कनेक्टिविटी और अन्य मुद्दों के कारण ये सभी शायद ही कभी एक साथ मिलते हैं। पीआईसी में कुक आइलैंड्स, फिजी, किरिबाती, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, नौरू, नीयू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन आइलैंड्स, टोंगा, तुवालू और वानुआतु शामिल हैं

श्रीनगर में G20 मीट आज से, मेहमानों की मौजूदगी के बीच मल्टी-टियर सुरक्षा के इंतजाम

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जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद घाटी के हालात काफी तेजी से बदले हैं। धीरे-धीरे वहां अमन-चैन बहाल हो रहा है। इस बीच सरकार की ओर से आज से श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की बैठक का आयोजन किया जा रहा है।22 से 24 मई तक जी-20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है।विदेशी मेहमानों के लिए खास इंतेजामात किए गए हैं। मल्टी-टियर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। 

मार्कोस और एनएसजी कमांडोज के हाथों सुरक्षा

बता दें कि, धारा 370 खत्म किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय इवेंट है। आतंकी चुनौतियों और तमाम विकट परिस्थितियों के बीच इस बैठक के लिए भारत सरकार ने श्रीनगर को चुना है, ऐसे में दुनिया के तमाम देशों की नजरें इस समय भारत की ओर है। भारत सरकार ने भी इस बैठक के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए सबसे खतरनाक मार्कोस और एनएसजी के कमांडोज को उतारा गया है। ऐसे में इनकी निगेहबानी में होने जा रही बैठक में परिंदे का भी पर मार पाना काफी मुश्किल है।

आकाश से लेकर जमीन तक निगहबानी

डल झील किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित तीन दिवसीय तीसरी बैठक में विभिन्न राष्ट्रों के 60 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। आकाश से लेकर जमीन तक निगहबानी है। डल झील में मार्कोस कमांडो का पहरा है।लालचौक समेत शहर के कई इलाकों में एनएसजी कमांडो ने डेरा डाल रखा है। डल झील के किनारे बुलवर्ड रोड पर तीन दिनों तक यातायात प्रतिबंधित रहेगा। इस बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से लेकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) तक अलर्ट है। सीमावर्ती जिले कठुआ, सांबा, जम्मू, राजोरी, पुंछ, बारामुला, कुपवाड़ा व बांदीपोरा में आईबी व एलओसी पर जवानों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।

थ्री-टियर में सुरक्षा के इंतजाम

जम्मू कश्मीर के एडीजी विजय कुमार ने बताया कि थ्री-टियर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। यहां शुक्रवार को सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवानों ने मॉक ड्रिल भी किया। एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी को भी यहां तैनात किया गया है। इसके एसिस्टेंस के लिए एनएसजी और सेना के जवान तैनात होंगे. एडीजी ने बताया कि मार्कोस टीम की भी तैनात हैं। इनके अलावा पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एसएसबी के जवान भी तैनात हैं।

इन देशों ने किया बैठक से किनारा

जम्मू कश्मीर में आयोजित होने वाली इस मीटिंग से चीन समेत कई देशों ने किनारा किया है। चीन ने जम्मू कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताते हुए मीटिंग से दूर रहने का ऐलान किया। तुर्की भी उन देशों में है जो केंद्रशासित प्रदेश में मीटिंग का विरोध कर रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन मीटिंग का विरोध कर रहा है। तुर्की ने पहले भी जम्मू कश्मीर पर बयानबाजी करता रहा है।

बेंगलुरु में बारिश से भारी तबाही, जगह-जगह उखड़ गए पेड़, कई इमारत धराशायी

डेस्क : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रविवार की दोपहर मूसलाधार बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है। इस तरह की बारिश से अचानक कर्नाटक में मौसम का मिजाज बदल गया है। बीते कई दिनों से चिलचिलाती गर्मी झेल रहे लोगों को बारिश ने हालांकि काफी राहत दी है लेकिन जगह-जगह पेड़ उखड़ गए हैं और एक इलाके में बहुमंजिला इमारत धराशायी हो गया है। 

जानकारी के मुताबिक, राजधानी बेंगलुरु में तेज आंधी और बारिश के चलते बड़ा नुकसान हुआ है। बेंगलुरु के कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हुई है। शहर में भारी बारिश के बाद बेंगलुरु के कई हिस्सों में गंभीर जलभराव देखा गया।

G-20 समिट में दंगे फैलाने की तैयारी में था पकिस्तान, बड़ी साजिश का पर्दाफाश

डेस्क: भारत के खिलाफ लगातार नापाक हरकतें करने वाले पाकिस्तान की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। जम्मू कश्मीर में होने वाली G20 समिट को लेकर पाकिस्तान बड़ी साजिश कर रहा था। पाकिस्तान G20 समिट के बीच दंगे फैलनी की तैयारी कर रहा था। एक टीवी चैनल को मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी आका ने कहा कि बड़े कैंपों की रेकी की जाए। पुलवामा की तर्ज पर एक बार फिर से IED से हमला करने की तैयारी थी। इस बीच NH44 हाईवे पर चौकसी बढ़ायी गई है। पुलिस संदिग्ध लाल और महरून कार की तलाश में है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी प्लान था कि 'हथियार लूटो और उसी से फ़ायर करो।'

27 कैंप, 250 आतंकी घुसपैठ की फिराक में

टीवी चैनल को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इस समय लश्कर एक बड़ी प्लानिंग कर रहा है ताकि वो G20 समिट को डिरेल कर सके। पहले भी लाइन ऑफ कंट्रोल पर पाकिस्तानी हरकत के बारे में बताया गया था। एक बार फिर बता रहे हैं कि पाकिस्तान के SSG कमांडो लीपा घाटी के इलाके में बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं। साथ ही पूरी के ठीक सामने भी वो IED के द्वारा हमला करने की फिराक में हैं। लाइन ऑफ कंट्रोल पर इस समय पाकिस्तानी इलाके में 27 कैंप और करीब 250 के लगभग आतंकी इस फिराक में है कि वो अपने आकाओं के सरपरस्ती यानी पाकिस्तानी आर्मी और पाकिस्तानी ISI के जरिए घुसपैठ की कोशिश कर सके।

हथियार लूटने और धार्मिक दंगे फैलाने की तैयारी में आतंकी

इस बात की पुख़्ता जानकारी मिली है कि इस समय पाकिस्तानी आतंकियों ने ISI के कहने पर घाटी के अंदर अपने ओवर ग्राउंड वर्कर के नेटवर्क को तेज कर दिया है इसके जरिए वो हथियार लूटने से लेकर धार्मिक दंगे फैलाने की तैयारी कर रहे हैं। पाकिस्तान में रहने वाले एक बड़े कमांडर जो कि लश्कर के लिए काम करता है, उसका नाम सोमामा है। उसको ही ज़िम्मा सौंपा गया है कि वो घाटी के अंदर ओवर ग्राउंड वर्कर के नेटवर्क को तहस करकर उनके ज़रिए पूरी रेकी करवाए। 

पाकिस्तानी आतंकी फुरकान को दिए हमले की तैयारी के आदेश

इस समय सबकी नज़र नेशनल हाईवे 44 पर है, इसीलिए जैसे पुलवामा हमला किया गया था। ठीक उसी तर्ज़ पर पाकिस्तानी आकाओं ने जैश के आतंकी फुरकान कोई कहा है कि वो तार बॉन्ड के ज़रिए हमला करने की तैयारी करें। 

अनुच्छेद 370 हटाए जाने की बौखलाहट, सौहार्द्र बिगाड़ना चाहता है पाकिस्तान

बौखलाए पाकिस्तान की हालत खुद खराब है लेकिन उसके बावजूद वो भारत में जी ट्वेंटी को डिरेल करने की साज़िश इसलिए कर रहा है ताकि वो श्रीनगर को यानी जम्मू कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय लेवल पर ये बता सके कि वहां पर शांति नहीं है, लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद से लेकर अभी तक जम्मू कश्मीर पूरी तरह से बदल गया है। यहां पर सुख चैन है, सांप्रदायिक सौहार्द है। लेकिन इसी सौहार्द को बिगाड़ने के लिए पाकिस्तानी आतंकी ने ये निर्देश अपने आतंकियों को और ओवर ग्राउंड वर्कर्स को दिए हैं कि वो यहां पर G20 के वक्त मस्जिद, मदरसे या फिर बाकी जगहों पर कुछ न कुछ करते धार्मिक सौहार्द बिगाड़ दें। ताकि यहां पर पूरी जिम्मेदारी सिक्युरिटी फोर्सेस को मिले और जी20 डीरेल हो जाए।

नीतीश के बाद केजरीवाल को मिला अखिलेश का समर्थन, कहा- दिल्ली का अध्यादेश जनादेश की हत्या है

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सपा प्रमुख का भी साथ मिल गया है।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, "दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी। भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है। बता दें कि इसी मामले में बिहार के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी रविवार को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।

दिल्ली के अध्यादेश पर सियासी घमासान छिड़ गया है। आम आदमी पार्टी इसे न्यायालय का अपमान बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अध्यादेश के खिलाफ वह गैरभाजपा दलों के नेताओं से मिलकर समर्थन जुटा रहे हैं। विपक्षी दल इस मामले को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। अब इस फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का। रविवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है।

केजरीवाल को नीतीश का भी मिला समर्थन

बिहार के बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और अध्यादेश के मुद्दे पर उन्हें समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि "एक निर्वाचित सरकार को दी गई शक्तियों को कैसे छीना जा सकता है? यह संविधान के खिलाफ है। हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं।" इस दौरान उन्होंने भविष्य में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की बात भी कही। वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी गैर-बीजेपी सरकारों को परेशान कर रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। 

अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटा रहे केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह हर गैर बीजेपी शासित राज्यों में और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में जाएंगे और हर विपक्षी दल के प्रमुख से मिलकर इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाएंगे। इस कड़ी में वह उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मिलेंगे। 23 मई को कोलकाता में वह ममता बनर्जी से, मुंबई में 24 मई को उद्धव ठाकरे से और 25 मई को शरद पवार से भी मुलाकात करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और तमिलनाडु के नेता स्टालिन से भी मिलेंगे। सूत्रों की मानें तो बीजेपी को बैकफुट पर धकेलने के लिए कांग्रेस भी केजरीवाल का समर्थन कर सकती है। 

तो क्या एकजुट हो पाएगा विपक्ष?

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल एकजुट होंगे? यह सवाल का सही-सही जवाब दे पाना उतना ही कठिन है जितना की एक तराजू में मेंढकों का तोलना। कमोबेश सभी विपक्षी पार्टियां बीजेपी को हराना चाहती हैं। इसके लिए सभी विपक्षी एका की वकालत भी करते हैं लेकिन जैसे ही अगुआई की बात होती है तो कई नाम सामने आ जाते हैं, या फिर कोई हाथ खींच लेता है। फिलहाल, नीतीश कुमार जोर-शोर से इस मुहिम को अंजाम देने में जुटे हैं अब तक वह कई नेताओं से मिल चुके हैं और कइयों से मिलने का शेड्यूल है। वहीं, ममता बनर्जी भी खुद को सबसे आगे मानती हैं। कांग्रेस शायद ही किसी दूसरे के नाम पर सहमत हो। फिलहाल, राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने छुए पीएम मोदी के पैर, वीडियो वायरल

डेस्क: ग्रुप ऑफ सेवन (G7) के शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। पीएम मोदी ने पापुआ न्यू गिनी की धरती पर कदम रखते ही एक रिकॉर्ड बना दिया। पीएम मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जो इस छोटे से देश की यात्रा पर गए हैं। यहां हवाई अड्डे पर कुछ ऐसा घटा कि इसका वीडियो वायरल हो गया है। यहां पीएम मोदी का स्वागत करने पहुंचे पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने प्रधानमंत्री के पैर छू लिए। इस दौरान पीएम मोदी भी हैरान रह गए। 

पीएम मोदी के स्वागत के लिए पापुआ न्यू गिनी ने तोड़ दी परम्परा 

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए पापुआ न्यू गिनी ने अपनी परम्परा को भी तोड़ दिया। वहां आमतौर पर सूर्यास्त के बाद आने वाले नेताओं के लिए औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस प्रोटोकॉल को तोड़ दिया गया। पापुआ न्यू गिनी की सरकार ने उनका पूर्ण औपचारिक स्वागत किया। मोदी की पापुआ न्यू गिनी की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट पोस्ट कर पूछा – अध्यादेश क्यों, सर ?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट पोस्ट कर पूछा – अध्यादेश क्यों, सर ? उस ट्वीट में मोदी ने केंद्र सरकार से पूछा था कि ‘अध्यादेश क्यों ?’ मोदी का यह ट्वीट 2013 का है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस पोस्ट को रीट्वीट करते हुए केजरीवाल ने पूछा, अध्यादेश क्यों, सर ?

मोदी ने 14 जुलाई 2013 को किए गए एक ट्वीट में लिखा, संसद सत्र वैसे भी होने वाला है। केंद्र संसद को भरोसे में लेकर एक अच्छा विधेयक क्यों नहीं बना सकता? अध्यादेश क्यों? नरेंद्र मोदी पूछते हैं। पीएम मोदी, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे, ने एक मुद्दे पर केंद्र में मौजूद कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए ट्वीट पोस्ट किया था।

उसी ट्वीट को रीपोस्ट करते हुए केजरीवाल ने वही सवाल मोदी सरकार से पूछा है – अध्यादेश क्यों, सर? दिल्ली के मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए एक अध्यादेश जारी करने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लगभग सभी सेवाओं से जुड़े अधिकार दिल्ली की राज्य सरकार के पास हैं।

केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण’ के नाम से एक स्थायी प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश लाई है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव इसके सदस्य होंगे तथा दिल्ली के प्रमुख सचिव (गृह) इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण राष्ट्रीय राजधानी में ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों से संबंधित मसलों पर दिल्ली के एलजी को सिफारिशें सौंपेगा। हालांकि, सिफारिशों पर उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाया कि यह मानना आदर्श है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एल-जी जनता पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन के अलावा हर चीज में चुनी हुई सरकार की सलाह मानने के लिए बाध्य है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर सरकार अपनी सेवा में तैनात अधिकारियों को नियंत्रित करने और उनकी जिम्मेदारी तय करने में सक्षम नहीं है, तो यह विधायिका के साथ जनता के प्रति उसकी जवाबदेही को कमजोर करता है। शीर्ष अदालत द्वारा अधिकारियों के तबादले और तैनाती समेत सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को नियंत्रण दिये जाने के बाद केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट पोस्ट कर पूछा – अध्यादेश क्यों, सर ?


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट पोस्ट कर पूछा – अध्यादेश क्यों, सर ? उस ट्वीट में मोदी ने केंद्र सरकार से पूछा था कि ‘अध्यादेश क्यों ?’ मोदी का यह ट्वीट 2013 का है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस पोस्ट को रीट्वीट करते हुए केजरीवाल ने पूछा, अध्यादेश क्यों, सर ?

मोदी ने 14 जुलाई 2013 को किए गए एक ट्वीट में लिखा, संसद सत्र वैसे भी होने वाला है। केंद्र संसद को भरोसे में लेकर एक अच्छा विधेयक क्यों नहीं बना सकता? अध्यादेश क्यों? नरेंद्र मोदी पूछते हैं। पीएम मोदी, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे, ने एक मुद्दे पर केंद्र में मौजूद कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए ट्वीट पोस्ट किया था।

उसी ट्वीट को रीपोस्ट करते हुए केजरीवाल ने वही सवाल मोदी सरकार से पूछा है – अध्यादेश क्यों, सर? दिल्ली के मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए एक अध्यादेश जारी करने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लगभग सभी सेवाओं से जुड़े अधिकार दिल्ली की राज्य सरकार के पास हैं।

केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण’ के नाम से एक स्थायी प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश लाई है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव इसके सदस्य होंगे तथा दिल्ली के प्रमुख सचिव (गृह) इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण राष्ट्रीय राजधानी में ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों से संबंधित मसलों पर दिल्ली के एलजी को सिफारिशें सौंपेगा। हालांकि, सिफारिशों पर उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाया कि यह मानना आदर्श है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एल-जी जनता पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन के अलावा हर चीज में चुनी हुई सरकार की सलाह मानने के लिए बाध्य है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर सरकार अपनी सेवा में तैनात अधिकारियों को नियंत्रित करने और उनकी जिम्मेदारी तय करने में सक्षम नहीं है, तो यह विधायिका के साथ जनता के प्रति उसकी जवाबदेही को कमजोर करता है। शीर्ष अदालत द्वारा अधिकारियों के तबादले और तैनाती समेत सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को नियंत्रण दिये जाने के बाद केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है।

बढ़ सकती है समीर वानखेड़े की मुश्किलें! सीबीआई ने दो दिनों में की 10 घंटे की पूछताछ

डेस्क: समीर वानखेड़े से आज सीबीआई ने दूसरे दिन की पूछताछ पूरी कर ली है। पूछताछ के बाद सीबीआई ने समीर वानखेड़े का बयान भी दर्ज कर लिया है। जानकारी दे दें कि बालॉवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स मामले में को लेकर मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को पूछताछ के लिए आज रविवार को बुलाया था। जिसके बाद समीर वानखेड़े सीबीआई के ऑफिस पहुंचे और उनसे 5 घंटे पूछताछ की गई। बता दें कि समीर वानखेड़े से दो दिन में सीबीआई 10 घंटे पूछताछ कर चुकी है। वहीं, कल सीबीआई समीर को कोर्ट में पेश कर सकती है।

सीबीआई ने पूछे कई सवाल

जानकारी के लिए बता दें कि सीबीआई ने इस पूछताछ के दौरान आर्यन केस से जुड़े सवाल पूछें। इसके अलावा समीर से इस केस की जांच के दौरान दौरान जो लापरवाही बरती गई उससे जुड़े सवाल सीबीआई ने पूछे हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने शाहरुख खान से कथित रूप से 25 करोड़ की वसूली करने की कोशिश, वानखेडे की कथित बेनामी संपत्तियों, 6 विदेशी यात्राओं के जुड़े सवाल भी वानखेड़े से पूछें हैं।

वहीं समीर वानखेड़े ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने जांच अधिकारियों के हर सवाल का जवाब दिया है। उन्हें सीबीआई पर पूरा भरोसा है। वानखेड़े ने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों ने बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से उनका बयान दर्ज किया ह। पिछले डेढ़ सालों से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था लेकिन अब उम्मीद है कि इंसाफ मिलेगा। 

समीर ने आगे कहा कि इस केस से जुड़ी जो भी बातें उन्हे कहनी है वो अब कोर्ट को ही कहेंगे। बयान दर्ज करने के बाद समीर वानखेड़े ने कहा, सत्यमेव जयते। बता दें कि कल यानी 22 मई दिन सोमवार को हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान समीर वानखेड़े भी मौजूद रहेंगे।